हिंदी सेक्स स्टोरी

ज़िंदगी कहाँ ले आई तू-3

Zindagi kahan le aai tu-3

तभी हमें किसी बाईक की आवाज़ सुनाई दी तो भाई ने मुझे छोड़ दिया और इधर उधर देखने लगा, लेकिन आस पास कोई बाईक नहीं थी, शायद वो आवाज़ किसी और गली से आ रही थी. फिर भाई ने मेरी आँखो में देखा. फिर मैंने अपनी आँखे नीचे कर ली. अब उसे तो ग्रीन सिग्नल मिल गया था. फिर उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे अपने रूम में ले जाकर बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर आकर मेरे होंठो को चूसने लगा.

फिर मैंने भी अपनी टाँगे खोल ली और उसे अपनी टांगो के बीच में लेकर उसके होंठो को चूसकर उसका जवाब देने लगी. फिर कुछ देर तक ऐसे ही स्मूच करने के बाद वो हटा और उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और फिर अपनी टी-शर्ट भी उतार दी. जब मैंने ब्रा नहीं पहनी थी, क्योंकि जब से चुदने की आग मेरे अंदर सुलगने लगी थी, तब से रात को रूम में आते ही में अपनी ब्रा और पेंटी उतार देती थी.

अब मेरे नंगे बूब्स देखते ही भाई की आँखे खुली रह गई थी और अब वो उन्हें बड़े ध्यान से देखता रहा और बोला क्या बूब्स है? और फिर अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों बूब्स को ज़ोर से दबा दिया. मुझे पहली बार कोई मर्द टच कर रहा था और आज मेरे मन की मुराद भी पूरी हो रही थी और दर्द होने के बाद भी मुझे दर्द का एहसास नहीं हुआ और में बस स्सस्सस्सह्ह्ह्हह्ह करके रह गई. अब वो मेरे एक बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और बीच-बीच में ज़ोर से काटने लगा था.

अब उसके काटने पर दर्द होता तो में आआआहह की आवाज करती. फिर उसने मुझसे पूछा कि दर्द हो रहा है क्या? तो में बस मुस्कुरा दी और उसका हाथ अपने बूब्स पर रख दिया. फिर भाई मुस्कुराया और अपने घुटनों के बल मेरी टांगो के बीच में बैठकर मेरी कमर से मेरे पाजामे को उतारने लगा. फिर मैंने अपनी टाँगे हवा में ऊपर कर ली और मैंने पजामा उतारने में उसकी मदद की. फिर भाई ने अपना पाजामा और अंडरवियर भी तभी उतार दी. उसका लंड बिल्कुल ही काला था, फोटो जितना मोटा लंबा तो नहीं था, लेकिन डंडे की तरह बिल्कुल सख्त था.

Hindi Sex Story :  दोस्त से मेरी बड़ी बहन की चुदाई-3

फिर मैंने उसके लंड पर हाथ लगाने की कोशिश की, तो उसने मेरी टाँगे पकड़कर ऊपर उठा दी. फिर मैंने भी तभी अपनी टाँगे पकड़ ली और बिल्कुल ऊपर कर ली. फिर भाई ने अपना लंड मेरी चूत पर रखा, उसका लंड बिल्कुल गर्म था और अब मेरी चूत भी बिल्कुल चिकनी हो गई थी. अब उसके लंड का मेरी चूत पर दबाव बनते ही लंड चूत को फाड़ता हुआ अंदर जाने लगा और अब भाई बिल्कुल मेरे ऊपर आ गया.

अब मुझे अचानक से तेज दर्द हुआ और मेरी चीख निकल गई और में अपने हाथों से भाई को रोकने लगी और उससे बोली कि बाहर निकालो बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन उस वक़्त भाई कहाँ रुकने वाला था. अब उसने मेरे दर्द की परवाह किए बिना अपना पूरा ज़ोर मेरी टांगो पर लगा दिया और मुझे कस पकड़कर धक्के लगाने शुरू कर दिए. अब मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था और अब में कराह रही थी, लेकिन फिर उसके धक्को से मेरा दर्द कम होने लगा था.

अब मेरे मुँह से बस आआहह आआअहह आआअहह की दर्द भरी आवाज़े निकलने लगी थी. फिर 8-10 धक्को के बाद उसके लंड का गर्म-गर्म पानी मेरी चूत में निकल गया, जिससे मेरा दर्द बिल्कुल कम हो गया और उसके गर्म-गर्म पानी के एहसास से मेरा भी पानी निकल गया और में भी फ्री हो गई. अब भाई मेरे ऊपर लेटकर मुझे किस करने लगा और मैंने भी नीचे से उसे कसकर हग कर लिया और अपनी आँखे बंद करके उसके साथ ऐसे ही लेटी रही.

Hindi Sex Story :  आंटी आंटी ऑनलाइन सेक्स के बाद बिस्तर पर चुदने लगी-3

अब हम पसीने से पूरी तरह भीग गये थे. फिर कुछ देर के बाद भाई उठा और मेरी तरफ़ देखता हुआ बोला कि अब बता उस कुत्तिया को दर्द हो रहा था या मज़ा आ रहा था. फिर मैंने भी उठकर उसे हग किया और उसकी छाती में अपना मुँह छुपाते हुए खिलखिला कर बोली कि दर्द हो रहा था, लेकिन बाद में मज़ा भी आया. फिर भाई उठा और बाथरूम में चला गया.

फिर मैंने मेरी चूत को देखा तो उसमें से गाढ़ा-गाढ़ा सफेद रंग का पानी निकल रहा था, जिसमें खून भी मिक्स हुआ था. फिर भाई के बाथरूम से बाहर आते ही में भी बाथरूम में चली गई और बाथरूम में बैठकर पेशाब करने लगी, तो पहले गाढ़ा-गाढ़ा काफ़ी सारा भाई का माल निकला. अब मेरी चूत में हल्का-हल्का दर्द भी हो रहा था.

फिर काफ़ी देर तक कोशिश करने के बाद भी पेशाब नहीं आया तो मैंने अपनी चूत पानी से साफ की और फिर से भाई के पास आकर लेट गई. अब वो रूम में लेटा हुआ मेरा ही इंतज़ार कर रहा था. अब बाथरूम से बाहर आते ही मैंने उसके लंड को देखा तो वो एकदम मुरझाया हुआ किसी बच्चे की नूनी बना पड़ा था. अब में उसे देखकर मुस्कुराई तो भाई ने पूछा कि क्या हुआ? क्यों मुस्कुरा रही हो? तो मैंने कहा कि अपने उसको देखो मेरी चूत में चीर फाड़ करके अब कैसे मासूम सा बन गया है? और भाई के बगल में जाकर लेट गई.

फिर भाई हंसने लगा और मेरे पास आते ही मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा. फिर मैंने कहा कि भैया लाईट ऑफ कर दो प्लीज़, तो उन्होंने कहा कि क्यों? क्या हुआ? तो मैंने कहा कि मुझे शर्म आ रही है. फिर भाई ने कहा कि जब कुतिया की तरह चुद रही थी तब तो शर्म नहीं आ रही थी. फिर मैंने हल्के से उसकी छाती पर मुक्का मारते हुए कहा कि प्लीज़ कर दो ना, तो उसने लाईट ऑफ कर दी और मुझे अपनी बाँहों में लेकर हग कर लिया.

Hindi Sex Story :  गेंदामल हलवाई का चुदक्कड़ कुनबा-30

फिर मैंने भी अपनी टाँगे खोल ली और उसके लंड को अपनी चूत पर महसूस करने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसका लंड खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहा था और ऐसे ही हग करके भाई सोने लग गया. अब में भी उसे हग करके सोने लगी और आज मुझे उसकी बाँहों में बहुत मज़ा आ रहा था. मेरा दिल कर रहा था कि ये रात कभी ख़त्म ना हो और ये सोचते-सोचते पता नहीं कब आँख लग गई पता ही नहीं चला.

//समाप्त//