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20 साल की भाभी को माँ बनाया

20 saal ki bhabhi ko maa banaya

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कपिल है, में 25 साल का सुन्दर लड़का हूँ. में काम के सिलसिले से गुजरात के राजकोट शहर में किराए से रहता हूँ. ये कहानी अभी 6-7 महीने पहले ही मेरे साथ घटी, जो में आज आपको बता रहा हूँ. जब में यहा नया- नया ही रहने आया तो पता चला कि रूम का मालिक का एक लड़का जिसकी शादी को 2 साल हुए है, लेकिन उसको बच्चा नहीं हुआ है. में उनको भैया और भाभी कहकर बुलाता था, भाभी की उम्र 20 साल रही होगी, वो दिखने में बहुत ही सेक्सी थी.

2-3 हफ्ते के बाद मैंने महसूस किया कि भाभी मुझे कुछ अलग ही नजरो से देखती थी. मुझे भी उनको देखना अच्छा लगता था, उनके बूब्स तो छोटी लड़की की तरह ही थे और मुझे उनका पतला बदन देखने में मज़ा आने लगा था. अब मेरे दिमाग में उसके साथ सेक्स करने के विचार आने लगे थे. अब में अकेला ही होने के कारण रूम में उसके बारे में सोचकर मुठ मारने लगा था. अब ये रोज का चलने लगा था, मुझे लगता था कि वो भी मुझे चाहती है, लेकिन में कुछ कर दूँ और उसको अच्छा ना लगे तो ये सोचकर में डरकर चुप बैठा था.

फिर एक दिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया, जब बारिश का मौसम था, उसका पति काम पर चला गया था, उसके घर में कोई नहीं था. फिर भाभी ने मुझे आवाज़ दी, तो में चौंक गया कि भाभी ने मुझे क्यों बुलाया है? फिर में उनके घर में चला गया, तो उसने घर के कोने में उंगली करके दिखाया कि उनके घर में एक मेंढक था, तो मैंने झट से उसे उठाया, लेकिन वो मेरे हाथ से फिसल गया और भाभी की तरफ गिर गया.

भाभी चिल्लाकर बोली कि अरे उसे पकड़ो. तो में फिर से नीचे झुककर उसको उठाने लगा, तो वो मेंढक भाभी की तरफ ही उछला और अब में नीचे ही झुका हुआ था तो मैंने उनके पैरों की तरफ देखा, तो मेंढक उनके पैरो के पास ही था. अब भाभी ने अपनी साड़ी घुटनों तक उठा ली थी और उसकी गोरी-गोरी टाँगे देखकर मुझे लगा कि अभी इन्हें चूमना चालू कर दूँ, लेकिन मैंने मेंढक की तरफ अपना एक हाथ बढ़ाकर भाभी की तरफ देखा, तो वो पुतले की तरह अपनी आँखे बंद करके अकड़कर खड़ी हो गयी थी. फिर मैंने मेंढक को अपने एक हाथ से ज़ोर से पकड़ा और अपने एक हाथ से भाभी की टांगो को टच किया, उफ उस एहसास को में कभी भूल नहीं सकता.

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मैंने जानबूझकर मेंढक को उठाते हुए अपना एक हाथ उसके पैरो से घुटनों तक सहलाते हुए उठाया और फिर मैंने मेढ़क को धन्यवाद देते हुए उसको दरवाज़े से बाहर फेंक दिया. अब भाभी तो बिल्कुल भी हिली नहीं थी और न ही उन्होंने अपनी आँखे खोली थी. फिर मैंने कहा कि भाभी मेढ़क चला गया है, तो उन्होंने अपनी आँखे खोलकर कहा कि सच में, तो मैंने कहा कि हाँ सच में.

फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चलो अपने हाथ धो लो, तो मैंने कहा अपने रूम में जाकर धोता हूँ. फिर वो बोली कि नहीं यहाँ ही धो लो, में चाय बनती हूँ, बाहर बारिश भी है. फिर मैंने बाथरूम में जाकर अपने हाथ साफ किए और टावल लेकर अपने हाथ साफ किए और बाहर आकर बैठ गया. फिर अचानक से मेरे मन में उनकी गोरी टाँगे आ गयी और मेरा लंड टाईट हो गया. तो तभी भाभी चाय लेकर आ गयी, तो मैंने चाय लेने के लिए जैसे ही अपना एक हाथ आगे बढ़ाया तो मेरा हाथ उनके हाथ को टच हुआ. तो तब वो जरा शरमाई और मैंने चाय उठाकर पी ली और भाभी कप लेकर अंदर चली गयी.

मैंने सोचा कि यही अच्छा मौका है, बाद में मौका नहीं मिलेगा, तो में भी किचन में चला गया और हिम्मत करके भाभी के पीछे आ गया. अब वो कप धो रही थी, तो मैंने अपने हाथ बढ़ाकर उनके बूब्स पर रखे और उन्हें दबोच लिया. अब शायद वो भी यही चाहती थी इसलिए उसने कुछ नहीं बोला. फिर मेरी हिम्मत बढ़ी और उनको पलटकर उनके होंठो को अपने होंठो में ले लिया, तो वो कसमसाने लगी, तो मैंने अपना एक हाथ उनकी साड़ी में डाल दिया और उनकी पेंटी में डालने लगा, लेकिन फिर मैंने अपना हाथ बाहर निकालकर भाभी से कहा कि चलो बेड पर चलते है, तो वो चुपचाप बेड की तरफ चली गयी.

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फिर मैंने जाकर दरवाज़ा बंद कर दिया और बेडरूम में आया. तो वो नीचे सिर झुकाकर बैठी थी जैसे फ़िल्मो में नयी दुल्हन बैठती थी वैसे. फिर मैंने वहाँ जाकर अपनी पेंट उतार दी और अपनी शर्ट उतारकर उसके पास गया, तो वो थोड़ी कांप रही थी. फिर मैंने उसका चेहरा उठाकर उसे किस किया, तो वो शरमाने लगी. फिर मैंने उनकी साड़ी को खींचकर उतार दिया, तब तक उसने अपना ब्लाउज उतार दिया था.

मैंने तब उसकी तरफ देखा तो ऐसा लगा कि कोई स्कूल जाने वाली 18 साल की लड़की मेरे सामने नंगी बैठी है, जिसके बूब्स नहीं के बराबर है. फिर मैंने उसके बूब्स को ज़ोर-जोर से रगड़ना चालू किया, तो वो करहाते हुए बोली कि धीरे करो बहुत दर्द होता है, तो तब मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकाल दिया और उसे देखकर सोचा कि ये क्या गजब की छोटी चूत है?

फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हारा पति तुम्हें चोदता नहीं है? तो उसने कहा कि उसका तो बहुत छोटा है और शायद उसमें बच्चा पैदा करने की ताकत नहीं है. फिर में वापस से उसकी चूत को सहलाने लगा. तो उसकी चूत काफी गीली हो गयी और वो ज़ोर-जोर से सिसकियाँ लेने लगी और कहा कि प्लीज पहले इसकी प्यास बुझाओ, बाद में जो करना है वो करो.

फिर मैंने झट से अपनी अंडरवेयर उतार दी तो मेरा 8 इंच का लंड झट से बाहर आया. अब वो तनकर टाईट हो चुका था, तो उसको देखकर उसने कहा कि बाप रे इतना बड़ा और मोटा, मेरी तो आज ख़ैर नहीं. फिर में उनके ऊपर आया और अपने घुटनों पर बैठकर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया. तो वो बोली कि आहिस्ता करो प्लीज. तो तब मैंने एक धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया, तो वो चीखकर उठ गयी.

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फिर मैंने उसे फिर से नीचे लेटाया और अपना लंड हाथ से ही अंदर धकेल दिया और उसके ऊपर लेटकर ज़ोर-जोर से 2 धक्के लगा दिए. अब वो उठना चाहती थी, लेकिन मैंने उसे नीचे दबा दिया और उसका मुँह अपने होंठो से बंद कर दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब वो मेरे नीचे तड़प रही थी और फिर बाद में वो भी अपने चूतड़ ऊपर उठा-उठाकर नीचे से धक्के मारने लगी.

फिर करीब 10 मिनट के बाद उसने मुझे जकड़ लिया और वो झड़ गयी. फिर मैनें भी अपनी स्पीड बढ़ाई और में भी झड़ गया, तो मैंने महसूस किया की उसकी चूत में हम दोनों का वीर्य एक हो रहा है और अब वो ज़ोर- ज़ोर से मुझे अपने ऊपर खींच रही थी. फिर करीब 15 मिनट के बाद उसने मुझे छोड़ा और कहा कि में माँ बनना चाहती हूँ.

फिर मैंने कहा कि में तुम्हें माँ जरुर बनाऊँगा और फिर मैंने उठकर अपना लंड साफ किया और अपने कपड़े पहनकर उसको किस करने लगा. अब उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी. फिर उसने कहा कि में माँ बनूँगी ना? तो मैंने कहा कि हाँ जरूर बनोगी और फिर उस दिन से हमें जब भी कोई मौका मिलता था तो हम सेक्स करते थे. अब उसके पेट में बच्चा है, वो लड़का है या लड़की यह तो अब पैदा होने के बाद ही पता चलेगा. अब उसको खुश देखकर में भी खुश हो जाता हूँ, लेकिन अब तो मुझे मुठ मारकर ही काम चलाना पड़ता है.