सफर में चुदाई की दास्तान
हैल्लो दोस्तों, ये बात उन दिनों की है जब में बी.सी.ए करके किसी ऑपरेशन एग्जॉम के लिए मुंबई गया था. मुझे अभी वो शनिवार की बाद याद है और शायद उस रात को कभी ना भुला पाऊं. मेरा रिजर्वेशन एस-4 में था, तो में टाईम पर स्टेशन पर पहुँचकर अपनी सीट पर बैठ गया और इतेफाक की बात ये थी कि में सोच रहा था कि मेरे सामने वाली सीट पर कोई लड़की आ जाए, तो मेरा सफर अच्छा कट जाएगा और वही हुआ.
थोड़ी देर में एक शादीशुदा लड़की बहुत ही सुंदर एक बूड़ी औरत और एक आदमी के साथ आई, वो आदमी उसका पति और बूड़ी औरत उसकी माँ थी. वो आदमी उन्हें टिकट देकर चला गया. अब में बार-बार उससे नजरे मिलाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो मुझसे नजर नहीं मिला रही थी.
कुछ समय के बाद वो बूढी औरत ऊपर जाकर सो गई. उस लड़की ने मेरी तरफ अजीब नजरों से देखा तो मानों ऐसा लगा कि उन नजरों में बहुत सा राज छुपा हुआ था. अब ट्रेन अपनी रफ़्तार से चल रही थी, अब मेरा मन चाह रहा था कि में उससे बात करूँ, लेकिन में हिम्म्त नहीं जुटा पा रहा था, लेकिन शायद उस दिन मेरी किस्मत अच्छी थी तो शुरुवात उस लड़की ने ही कर दी. फिर उसने मुझसे टाईम पूछा, तो मैंने उसे बड़े ही प्यार से कहा कि अभी 11 बजे है.
कुछ देर चुप रहने के बाद मैंने कहा कि आप कहाँ जाएगी? तो उसने बताया कि मुंबई, तो मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई जिसे में दबा नहीं पाया. उसने भी मुस्कुराकर पूछा कि क्या आप भी मुंबई जा रहे है? तो मैंने हाँ में जवाब दे दिया.
हम कुछ समय तक फिर से चुप रहे. मैंने बात दुबारा से शुरू की और फिर मैंने उसके और उसके परिवार के बारे में पूछना शुरू किया. उसने भी मेरे बारे में पूछा और ऐसे करते हुए हमारी बातें चलती रही. अब मेरी कुछ करने की बारी थी तो मैंने धीरे से अपना पैर आगे बढ़ाया और उसकी सीट पर रख दिया, जहाँ पर वो बैठी थी. अब वो भी सीधी लेट गई थी, अब मेरी हिम्मत और बढ़ चुकी थी तो मैंने अपने पैर को और आगे बढ़ा दिया. अब मेरे पैर उसकी चूत से टच हो रहे थे. अब में सोच रहा था कि कहीं वो कुछ बोलेगी, लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया. अब में समझ चुका था कि आग दोनों तरफ एक जैसी लगी हुई है.
उसने मुझे सब कुछ साफ-साफ बता दिया कि वो अपने पति से संतुष्ट नहीं है. अब हम उसकी माँ के सोने का इंतजार कर रहे थे, अब ट्रेन अपनी रफ़्तार से चल रही थी. मैंने अपने पैर को उसकी चूत से एकदम चिपका दिया था, यह मेरा पहला अनुभव था इसलिए मेरी हालत खराब थी और उसे मज़े आ रहे थे.
अब वो भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और अब ट्रेन की पूरी बोगी में सब सो चुके थे, सिर्फ़ दो तन्हा जिस्म जो हम दोनों के बहुत ही प्यासे थे जग रहे थे. रात जे 2 बज चुके थे और फिर वो उठी और बाथरूम की तरफ चली गई, लेकिन वो जाती-जाती एक अजीब सा इशारा मुझे करके चली गई, तो में भी कुछ टाईम के बाद उसके पीछे-पीछे चल दिया.
अब हम दोनों बाथरूम के आगे एक साथ खड़े थे. फिर मैंने सबसे पहले उसे किस करना शुरू किया. अब उसके लिप्स मेरे लिप्स के अंदर समा चुके थे, अब हम दोनों गर्म आहें भर रहे थे. मैंने उसके ऊपर के कपड़े उतारकर उसके अंडरगारमेंट भी उतार दिए थे. अब में सब कुछ भूल चुका था और अब मुझे याद थी तो सिर्फ़ उसके जिस्म की खुशबू. अब में उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा था, तो उसने भी मेरे लंड को ज़ोर से दबाया. अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन मुझसे ज्यादा मज़ा वो ले रही थी.
हम दोनों बाथरूम के अंदर चले गये थे और वहाँ जाते ही मैंने सबसे पहले उसके सारे कपड़े उतार दिए और फिर अपने सारे कपड़े उतार दिए.
अब दो जिस्म एक होने जा रहे थे. अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और मैंने बहुत ज़ोर से उसके बूब्स को सक किया. अब उसकी साँसे ज़ोर-ज़ोर से चलने लगी थी और उसका दिल बहुत ज़ोर से धड़क रहा था, सच में उसके बूब्स इतने सख्त थे कि मानो जैसे कोई टेनिस बॉल हो, उसका रंग एकदम गोरा था. अब वो थोड़ी सी झुक गई थी और मेरे लंड को चूसने लगी थी.
अब मेरी हालत खराब हो रही थी, क्योंकि जैसा मैंने आपको बताया कि ये मेरा पहला अनुभव था. अब काफ़ी देर तक मेरे लंड को चूसने के बाद अब मेरी बारी थी. मैंने पहले बहुत सेक्सी फिल्म देखी हुई थी तो में भी उसी तरह उसकी चूत को चूसने लगा, उसकी चूत एकदम ऊपर उठी हुई गुलाबी थी जैसे मानो गुलाब की पखुंडी हो. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अब हम दोनों की दिल की धड़कने बहुत तेज चल रही थी.
अब वो आपना आपा खो चुकी थी और बार-बार मुझसे बोल रहे थी कि मेरी चूत में अपना लंड डाल दो प्लीज. अब में उसके पूरे जिस्म को चूसने में लगा था, अब रात के 4 बज चुके थे. मैंने उसे थोड़ा सा झुका दिया और उसके हाथ वॉशर पर रखकर उसे थोड़ा नीचे किया. मैंने अपना मोटा लंबा लंड बाहर निकाला. अब वो मेरे लंड को तना देखकर बहुत खुश थी और बोली कि मैंने अपनी ज़िंदगी में ऐसा लंड कभी नहीं देखा है. में ऊपर से जवान खूबसूरत भी था, मेरी उम्र उस टाईम कोई 21 साल की होगी, जो आज से 2 साल पहले की बात है.
अब वो पागल हो चुकी थी और मुझे चूसने लगी थी.
मैंने भी अपने लंड को धीरे से उसकी चूत में डाल दिया, तो उसने एक बार थोड़ी सी आह भरी. अब सब कुछ नॉर्मल था. मैंने झटके लगाने शुरू किए, तो वो ज़ोर से चीखने लगी, तो मैंने उसे चुप किया, तो वो बोली कि दर्द हो रहा है, तो मैंने उसे समझाया. अब वो ऐसी लग रही थी कि शायद उसके पति का लंड काम करता ही नहीं है.
मैंने फिर से झटके लगाने शुरू किए, तो इस बार उसने मेरा पूरा सहयोग दिया.
मैंने अपने झटको की स्पीड को और तेज किया. अब उसके बूब्स मेरे हाथ में थे, जिन्हें में धीरे-धीरे दबा रहा था. अब उसे भी मज़े आ रहे थे और अब एक बार मेरा वीर्य निकल चुका था.
कुछ देर के लिए हम रुके तो कुछ देर के बाद मेरा लंड फिर से तन गया, तो इस बार मैंने उसे जमीन पर लेटा दिया और उसके पैर अपने कंधो पर रख लिए. अब में पूरी इंडियन स्टाईल में आ चुका था.
मैंने उसे थोड़ा सा आगे सरकाया और अपना लंड इस बार ज़ोर से उसकी चूत में डाल दिया, तो इस बार वो कम चीखी.
अब में ज़ोर-जोर से झटके दे रहा था, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब धीरे-धीरे में भी संतुष्ट हो रहा था और मानो ऐसा लग रहा था कि वो भी संतुष्ट हो चुकी है और फिर टाईम भी बहुत ज्यादा हो चुका था, तो मैंने उसे छोड़ दिया.
मेरे छोड़ते ही वो बोली कि मैंने आज तक ऐसे कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन आज कर लिया, सच में आपमें बहुत दम है और अब में भी बहुत खुश था. हम वापस आकर अपनी सीट पर बैठ गये, अब सुबह हो चुकी थी, लेकिन सच में हमारी आखें हमारी रात की दास्तान साफ-साफ कह रही थी.