बुआ के लड़के ने रंडी बनाया
हाय दोस्तों, मेरा नाम अनिता है। मेरी उम्र 27 साल है, और आज मैं आपको अपनी जिंदगी की पहली चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये बात मेरी शादी से पहले की है, जब मैं 24 साल की थी। उस वक्त मैं अपने मम्मी-पापा, छोटी बहन इशिका, और अपने कजिन दीपू के साथ रहती थी। दीपू मेरी बुआ का लड़का है, और उसकी उम्र तब 18 साल थी। वो हमारे घर पर रहकर पढ़ाई करता था।
घर में अकेलापन और नई शुरुआत
मेरे मम्मी-पापा जॉब करते थे, सुबह निकल जाते और रात को लौटते। मैं, इशिका, और दीपू एक ही कमरे में सोते थे। एक बार मम्मी, पापा, और इशिका दो दिन के लिए बाहर गए, तो घर में सिर्फ मैं और दीपू रह गए। हम दोनों की अच्छी दोस्ती थी, और हम खुलकर बातें करते थे। लेकिन उस दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी।
सेक्स बुक ने खोला राज
एक दिन दीपू कमरे में पढ़ रहा था। मैं उसके पास कुर्सी पर बैठी और टेबल से एक किताब उठाई। जैसे ही मैंने उसे खोला, उसमें से कुछ गिर पड़ा। मैंने झुककर देखा तो वो एक एडल्ट सेक्स बुक थी। मैंने दीपू की तरफ देखा, उसने शर्म से नजरें झुका लीं। मैंने डांटने की बजाय मजाक में कहा, “अच्छा, तो ये सब पढ़ते हो? अब बुआ को बोलना पड़ेगा कि तेरे लिए लड़की ढूंढें।” वो शरमा गया, और मैं हंस पड़ी। फिर मैंने पूछा, “कभी किसी के साथ सेक्स किया क्या?” वो हैरान होकर चुप रहा। मेरी जिद पर उसने कहा, “नहीं।” बस, यहीं से हमारी बातें हॉट होने लगीं।
दोस्ती से चुदाई की चाहत तक
उस दिन के बाद हम खुलकर सेक्स की बातें करने लगे। मुझे पता था कि दीपू मुझे चोदना चाहता था। मुझे भी सेक्स में इंटरेस्ट था, हालाँकि मैंने पहले कभी नहीं किया था। लेकिन मेरे अंदर एक बेताबी थी। फिर एक रात, जब हम सो रहे थे, मेरी नींद टूट गई। मैंने देखा कि दीपू की पैंट में उसका लंड खड़ा था। इतना बड़ा लंड मैंने पहले कभी नहीं देखा था – करीब 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा। मेरे बदन में सनसनी दौड़ गई।
पहली बार की हॉट चुदाई
खुद को रोक ना सकी और मैंने उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया। तभी दीपू जाग गया और मुझे देखने लगा। मेरे कुछ बोलने से पहले वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे होंठों को चूसने लगा। उसने मेरी स्कर्ट को कमर तक उठाया। मेरे दिल में गुदगुदी होने लगी। मैंने कोई विरोध नहीं किया। उसने अपना हाथ मेरी चूत की ओर बढ़ाया और उसे सहलाने लगा। फिर कान में बोला, “अनीता, मेरा लंड दबाओ।” मैंने उसकी पैंट में हाथ डाला और उसके मोटे लंड को मसलने लगी।
चूचियों का खेल और आगे की मस्ती
दीपू ने मेरी कमीज के हुक खोले और ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबाया। फिर ब्रा उतारकर मेरी चूचियों को मुँह में ले लिया और चूसने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी कमर से लेकर चूत तक घूमने लगीं। थोड़ी देर बाद उसने मेरी जाँघें फैलाईं और अपनी उंगलियों से मेरी चूत को खोला। फिर अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा। एक जोरदार झटके में उसने आधा लंड अंदर घुसा दिया। मैं दर्द से चिल्ला उठी, “हाय, मार डाला!” लेकिन वो रुका नहीं।
दर्द से मजा तक का सफर
दूसरे झटके में उसका पूरा 7 इंच का लंड मेरी चूत के अंदर था। शुरू में दर्द हुआ, लेकिन धीरे-धीरे वो आगे-पीछे करने लगा। 7-8 झटकों बाद मुझे मजा आने लगा। मैंने अपने पैरों से उसे जकड़ लिया और नीचे से झटके देने लगी। मेरे मुँह से “आहह… ओहह…” की आवाजें निकलने लगीं। कुछ देर बाद मेरी चूत से गर्म पानी निकला – मैं झड़ गई। दीपू ने भी कुछ झटकों बाद अपना सारा माल मेरी चूत में छोड़ दिया।
रात भर की चुदाई मस्ती
वो मेरे बगल में लेट गया। मैंने अपना सिर उसके सीने पर रखा। उस रात दीपू ने मुझे 6 बार और चोदा। शादी से पहले उसने मुझे चोद-चोदकर रंडी बना दिया। अब जब भी याद आता है, वो पहली चुदाई की सनसनी आज भी ताजा हो जाती है।