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कॉलेज की रंडियों को चोदना पड़ा-1

College ki randiyo ko chodna pada-1

हैल्लो दोस्तों, आज में आपको एक और किस्सा बताने जा रहा हूँ. यह बात उन दिनों की है जब में कोचिंग देता था, जहाँ मेरे पास कॉलेज स्टूडेंट पढ़ने आते थे, जिसमें 7 लड़कियाँ और 4 लड़के आते थे, जिसमें ज्योति और सोनल भी थी. सोनल 5 फुट 4 इंच लंबी थी, गोरी, उसकी थोड़ी भारी बॉडी थी, वो बहुत सेक्सी लगती थी और ज्योति 5 फुट 6 इंच लंबी, स्लिम बॉडी वाली लड़की थी, वो दोनों बी.कॉम फ़ाइनल ईयर में थी. फिर एक दिन जब क्लास ख़त्म हुई ओ में अपने ऑफिस में बैठा था. सब जा चुके थे.

थोड़ी देर के बाद में ज्योति और उसकी दोस्त सोनल आई. तो मैंने कहा कि आओ ज्योति, कोई प्रोब्लम है? तो उसने कहा कि हाँ है, उसका आप ही जवाब दे सकते है. तो मैंने कहा कि दिखाओ तो जरा ऐसी कौन सी प्रोब्लम है?

उसने मुझे एक पेपर दिया जिसमें लिखा था अरुण सर आई लव यू, मैंने आपको जब से देखा है में रात को आपके बारे मे सोचती रहती हूँ, मुझे नींद नहीं आती है, आप मुझे बहुत पसंद हो. फिर मैंने उन दोनों की तरफ देखा और कहा कि अभी तुम जाओ, तो वो दोनों चली गयी. फिर मैंने दोपहर के 2 बजे उसके एड्मिशन फॉर्म से उसका मोबाईल नंबर लिया और उसे फोन किया तो उसने फोन रिसीव किया.

मैंने कहा – हैल्लो ज्योति है?

ज्योति – में बोल रही हूँ.

में – ज्योति, अरुण बोल रहा हूँ, क्या तुम 5 बजे क्लास पर आ सकती हो?

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ज्योति – हाँ सर, में आ जाऊंगी.

मैंने कहा – अकेले आना.

फिर शाम को में 4:45 बजे क्लास पहुँचा तो मैंने देखा कि ज्योति पहले से ही आ गयी थी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें 5 बजे बुलाया था, तुम जल्दी आ गयी और ऑफिस का लॉक खोलने लगा. फिर उसने कहा कि में आपको इंतज़ार नहीं करवाना चाहती थी.

हम लोग अंदर गये और में अपनी कुर्सी पर बैठा और वो मेरे सामने बैठ गयी. फिर मैंने कहा कि ज्योति यह क्या है? ऐसा कभी होता है, में तुम्हें पढ़ाता हूँ. तो वो बोली कि मुझे पता है, लेकिन में क्या करूँ? ये दिल नहीं मानता. फिर मैंने पूछा कि में ना कहूँ तो क्या करोगी? तो वो बोली कि कुछ नहीं मारूँगी नहीं, लेकिन मेरी जिंदगी में कोई और पुरुष नहीं आएगा. फिर मैंने उसे बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं मानी.

फिर मैंने कहा कि हम गुरु शिष्य है हमारा ऐसा संबंध शोभा नहीं देता है. तो वो बोली कि में आज से क्लास छोड़ रही हूँ तो हम गुरु शिष्य नहीं रहेंगे बस, तो में हार गया. फिर मैंने कहा कि ओके, लेकिन ये बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए, तुम्हारी दोस्त सोनल को भी नहीं, तुम्हारा बर्ताव बदलना नहीं चाहिए, तुम्हें मंजूर हो तो में हाँ कहूँगा.

वो बोली कि मंजूर है. फिर में खड़ा होकर उसके पास गया, तो वो भी खड़ी हो गयी. फिर मैंने कहा कि मुँह तो मीठा कराओ, नया प्यार मिला है, तो वो शर्मा गयी. फिर मैंने उसका चेहरा ऊपर किया और उसके गर्म होंठो पर अपने होंठ रख दिए.

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अब हम दोनों किस करने में मशगूल हो गये थे. अब मेरे हाथ उसके बूब्स पर चले गये थे. अब में उसके बूब्स ऊपर से ही सहलाने लगा था. फिर तभी उसने मुझे रोका, तो मैंने भी अपने आप पर कंट्रोल किया. फिर वो थोड़ी देर के बाद चली गयी. अब में भी पहले किस और बूब्स दबाने के अनुभव के बाद वही सोचता रहता था.

फिर एक दिन मैंने क्लास में दूसरे दिन छुट्टी दे दी, क्योंकि त्योहार था. फिर सबके जाने बाद मैंने ज्योति को इशारे से कल आने को कहा. फिर दूसरे दिन में सुबह 9 बजे ऑफिस पहुँचा तो 30 मिनट के बाद ज्योति भी आ गयी और मुझसे कहा कि सबको छुट्टी दे दी, मुझे क्यों बुलाया है? तो मैंने कहा मुझे तुम्हें कुछ और सिखाना था इसलिए. फिर वो बोली कि क्या?

मैंने कहा कि प्यार करना बोलकर मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और उसकी गर्दन को चूमने लगा और फिर उसके होंठो को चूमने लगा और बोला कि ज्योति आज में तुम्हें पूरा अपना बनाऊँगा. फिर मैंने उसकी सलवार कमीज उतार दी. अब वो सिर्फ ब्रा पेंटी में थी, उसके 32 की साईज के बूब्स ब्रा में कैद थे. फिर मैंने उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया और उसकी पेंटी भी उतार दी.

अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी, तो वो शर्माकर टेबल के पीछे चली गयी और अपने हाथों से अपने बूब्स छुपा लिए. फिर मैंने कहा कि क्यों शर्मा रही हो? तो वो बोली कि मुझे नंगा कर दिया और खुद अभी तक कपड़े पहने हुए हो, तो फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए.

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फिर मैंने उसे बाँहों में लिया और उसके बूब्स को चाटा, चूसा, दबाया और मसला और फिर उसकी चूत में उंगली करके उसे गर्म कर दिया. तो वो कहने लगी कि अरुण, अब नहीं रहा जाता, अब डाल दो. फिर मैंने कहा कि क्या डालूं और कहाँ डालू? तो वो बोली कि अब बनो मत, अपना लंड मेरी चूत में डाल दो. फिर मैंने मेरा लंड उसकी चूत पर रखा.

अब उसकी चूत गीली होने के बावजूद मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था तो बाद में मैंने उसके पर्स से क्रीम निकाली और अपने लंड पर लगाई और फिर अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा और एक धक्का दिया तो मेरा सुपाड़ा अंदर चला गया. फिर तभी वो चिल्ला उठी आह माँ में मर गयी, आह अरूण, अब उसकी आँखों में आँसू थे. तो तभी मैंने दूसरा धक्का दिया तो मेरा लंड आधा अंदर चला गया. अब वो चिल्ला रही थी कि मत करो अरुण, बाहर निकालो, में इस दर्द को सहन नहीं कर सकती, प्लीज अरुण बाहर निकालो.