जेठानी का बुर-2
(Jethani Ka Bur-2)
मैं बड़ी वडी नही हूँ. मैं तुम्हारे बराबर हूँ बस? समझी मेरी देवरानी?
आप सबको अपने जैसा ही समझती है? आपके अन्दर बिलकुल भी ईगो नहीं है दीदी.
दीदी की माँ का भोषडा, दीदी की बहन की चूत, दीदी की बिटिया की बुर? मुझे दीदी मत कहो, यार?
तो फिर क्या कहूं? बताओ न प्लीज?
मुझे सिर्फ शीबा कहो?
मैं आपसे छोटी हूँ. मैं आपको केवल शीबा कैसे ले सकती हूँ?
तो फिर भोषड़ी वाली शीबा कहो, बहन चोद, मादर चोद शीबा कहो, माँ की लौड़ी शीबा कहो? समझी मेरी बुर चोदी देवरानी?
हां समझ गयी मेरी हरामजादी शीबा?
वह बहुत खुश हो गयी. उस दिन से हम दोनों आपस में गाली दे कर बातें करने लगी. हमारे बीच की शर्म ख़तम हो गयी. अब पहले से ज्यादा आज़ाद हो गयीं?
शाम को वे दोनों आ गए. जेठानी ने मुझे दोनों से मिलवाया और कहा शमा ये दोनों मेरे शौहर के दोस्त है. दुबई में रहते है. कुछ दिन के लिए यहाँ आये है. इनके नाम है सफी और रफ़ी? मैं खुश हो गयी. मुझे मालूम तो सब था ही. बस हम सब लोग शराब पीने लगे. एक पैग जब ख़तम हो गया.
जेठानी बोली :- शमा मैं बहन चोद तुम्हे एक चीज देना चाहती हूँ. लेकिन उसे तुम्हे आँखे बंद करके अपने दोनों हाथ फैलाकर लेना पड़ेगा?
मैंने हाथ फैला दिए. थोड़ी देर में वह बोली हां शमा अब आँखे खोलो? मैंने जब आँखे खोली तो मेरे दोनों हाथ में एक एक खड़ा लण्ड? मैं दो दो लण्ड देख कर हैरान हो गयी.
मैंने कहा :- अरी भोषड़ी की शीबा ये दो लण्ड कहाँ से ले आयी तू? वह बोली :-
तुम्हे आम खाने से मतलब की पेंड गिनने से? तुम्हे चुदाने से मतलब की लण्ड के खानदान से?
हाय, इतने बढ़िया बढ़िया लण्ड से चुदाऊँगी मैं? मेरी तो बुर थिरकने लगी है यार? तुम कितनी अच्छी हो मेरी छिनार शीबा?
अरे यार अब तुम लण्ड चारों तरफ से देख कर बताओ की ये तुम्हे पसंद है की नहीं?
अरे बड़े मस्त है दोनों लौड़े? मुझे तो बहुत बड़ी नियामत मिल गयी?
आज मैं ये दोनों लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी? आज चुदेगी मेरी देवरानी की बुर?
आये हाय तो आज मेरी जेठानी की भी चुदेगी बुर? क्या कह रही हो तुम? वो अपने पीछे देखो?
उसने जब देखा तो दंग रह गयी. उसके पीछे एक नंगा आदमी खड़ा था और खड़ा था उसका काला लण्ड?
मैंने कहा शीबा माँ की लौड़ी यही लौड़ा मैं तेरी चूत में घुसाऊँगी? ये है मेरा क्लास फेलो मिस्टर अब्दुल्ला. ये मलेसिया का है? इसका लौड़ा बड़ा शानदार है. मैं इससे चुदवा चुकी हूँ? आज ये तुझे चोदेगा?
और जो सफी और रफ़ी है वे दोनों मेरे शौहर के दोस्त है. मेरा हसबैंड दुबई में इन दोनों की बीवियां चोदता है और ये जब यहाँ आते है तो मुझे चोद कर जा माँ फट गयी मेरी बुर? मार डाला साले मादर चोद ने तें है. मैं इन दोनों से कल चुदवा चुकी हूँ.
अच्छा जेठानी शेर तो देवरानी सवा शेर और देवरानी शेर तो जेठानी सवा शेर?
एक बात तो मैं जान गयी की मेरी जेठानी सच बोलती है.
मैं सफी और रफ़ी के लण्ड देख चुकी हूँ आज पकड़ कर चुदवा कर देखूँगी., उधर जेठानी जी ने अब्दुल्ला का लौड़ा पकड़ा तो वह फनफना उठा. उसका लौडा इन दोनों लौडों से बड़ा था. शीबा की गांड फट गयी उसकी लम्बाई चौडाई देख कर? वह बोली हाय शमा तुम वाकई इससे चुद्वाती हो? अरे ये तो बहन चोद मेरी चूत फाड़ देगा? इतना बड़ा लौड़ा मैंने पहले कभी नहीं देखा?
मैं बोली :- अरी मेरी मादर चोद शीबा तू अपनी चूत की गहराई नहीं जानती? ये क्या इसके बाप का भी लण्ड तेरी चूत घुसेड लेगी. थोड़ी हिम्मत तो कर. मैं भी पहले दर गयी थी बाद में ये मेरी बुर से डरने लगा भोषड़ी का? शीबा ने लण्ड पहले चाटा चूसा खूब हिला हिला कर मज़ा लिया फिर आहिस्ते से अपनी बुर के मुंह पर रखा. उसने एक धक्के में पेल दिया आधा लौड़ा? जेठानी के मुंह से चीख तो निकल पड़ी? उई माँ, मेरी तो चूत फट गयी ससुरी? इतना बड़ा लौड़ा तूने एक ही बार में ठूंस दिया भोषड़ी के? उसने दुबारा ठोंका तो पूरा घुस गया लण्ड. अब जेठानी को आने लगा मज़ा और वो धच्च धच्च भच्च भच्च चुदवाने लगी. इधर मैं सफी का लण्ड मुंह में और रफ़ी का चूत में लिए मज़ा ले रही थी.
शीबा बोली :- हाय काला लौड़ा वाकई बड़ा मजेदार होता है शमा? मेरी बुर मस्त हो रही है. कभी कभी ऐसा लगता है की लौड़ा बहन चोद मुंह से बाहर निकल आएगा? अब तो मैं काले लण्ड की चहेती हो गयी हूँ. मेरा एक बॉय फ्रेंड है. वह भी काला है. में उसे फंसा लूंगी और फिर हम दोनों मिलकर चुदवायेंगी?
मैंने कहा :- अरे शीबा, इसी से कहो न की अपने दोस्तों को ले आये? इसके दोस्त तो काले ही होंगे न?
शीबा बोली :- हां यार बात तो सही है. यही अपने दोस्तों को ले आएगा.
मैं बोली :- अरे यार अब्दुला तुम अपने दोस्तों से हमारी बुर चुदवाओ न प्लीज ?
वह बोला :- हां बिलकुल जितने कहो उतने ले आऊँ दोस्त? वे सब चोदेंगे तुम दोनों की बुर?
शीबा बोली :- हां कल ही ले आना? मैं इंतज़ार करूंगी?
मैंने मन में कहा :-मेरी बुर चोदी जेठानी की बुर जाने कितनी चुदासी रहती है? जाने कितने लौडों से चुदवायेगी? इसकी चूत है की माँ का भोषडा?
वैसे मैं भी कम नहीं हूँ चुदवाने में? अब जेठानी को क्या मालूम की मैं हर रोज़ चुदवाने जाती हूँ. उससे कह देती हूँ की कभी मैं बाज़ार जा रही हूँ. किसी सहेली के घर जा रही हूँ, किसी ऑफिस जा रही हूँ, किसी से मिलने जा रही हूँ, किसी को देखने हॉस्पिटल जा रही हूँ. पर हकीकत यह है की मैं कहीं नहीं जाती? सिर्फ चुदवाने जाती हूँ. मेरा एक अड्डा है जहाँ कई लड़के इकठ्ठा होते है वहां कॉलेज की कुछ बदचलन और ऐय्यास लड़कियां चुदवाने आती है. मैं भी उन्ही में से एक बन जाती हूँ. मुझे लड़कों से चुदवाने में खूब मज़ा आता है. हर रोज़ कोई न कोई नया लौड़ा मिल जाता है? मैं दिन में चुदवा कर चुपचाप घर वापस आ जाती हूँ. जेठानी को पता ही नहीं चल पाता? इधर जेठानी भी चाहती है की मैं बाहर चली जाऊं तो वो मजे से अकेले घर में रह कर चुदवा सके? एक दिन मैं जल्दी चली आयी थी तो आपने देखा की मैंने उसकी चुदाई किस तरह देख ली. जब वह सफी और रफ़ी से चुदवा रही थी.
दूसरे दिन अब्दुल्ला अपने दो साथी के साथ आ गया. वह जेठानी से मिला तो वह बड़ी खुश हो गयी. तब तक मैं भी आ गयी.
वह बोली :- अरी शमा देख अब्दुल्ला दो मर्द लेकर आया है?
मैंने कहा :- तो ठीक है माँ की लौड़ी आज तू अब्दुल्ला के साथ एक और लड़के से चुदवा ले? और मैं नये लड़के से चुदवा लेती हूँ.
वह बोली :- हां ठीक है यार?
हम पांचो लोग फ़टाफ़ट कपडे उतार कर नंगे हो गये. मैं एक लण्ड और जेठानी दो लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी.
तब तक किसी ने पीछे से कहा :- वाओ, ये तो सरासर नाइंसाफी है शीबा? तू भोषड़ी वाली दो दो लौडों से चुदवायेगी और तेरी देवरानी केवल एक लण्ड से?
मैंने जब पीछे मुड़ कर देखा तो वह अमीना आंटी थी.
आंटी ने कहा :- देख शीबा मेरा देवर आया है मुझे चोदने पर आज मैं चुदवा नहीं सकती? मैंने सोंचा चलो मैं इसका लण्ड शीबा की बुर में घुसेड़ देती हूँ. आज वो मज़ा करेगी. पर यहाँ तो वो पहले से ही दो दो लण्ड पकड़ कर चूस रही है. अब मैं अपने देवर का लण्ड तेरी देवरानी की बुर में पेलूँगी.
मैं बहुत खुश हो गयी और मेरी जेठानी भी?
वह बोली :- हां आंटी उसकी बुर मेरी बुर से ज्यादा अच्छी है?