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देवरानी जेठानी का मुकाबला-1

(Dewrani aur jethani ki chudai-2)

उनका पूरा शरीर मेरे लंड की महक से महकने लगा. तो में एक हाथ से धीरे धीरे उनके निप्पल से खेलने लगा. उनके बूब्स एकदम खरबूजे की तरह हो गये थे और अब उनके बूब्स का साईज़ 41 हो गया था. इसके बाद मैंने छोटी मामी के साथ भी ऐसा ही किया.. उनके बूब्स 30 साईज के थे.. लेकिन वो कुछ देर बाद में 38 साईज के हो गये और वो जीत गई. तो बड़ी मामी बहुत कामुक हो रही थी.. वो अपनी चूत में बहुत तेज़ी से उंगली करने लगी और कहने लगी कि तन्नू प्लीज यह खेल अब खत्म कर.. चल अब हम चुदाई करते है.

मैंने कहा कि ठीक है और छोटी मामी दोनों राउंड जीती है तो वो जीत जाएँगी.. वो खेल को आगे बड़ाने को तैयार हो गई. मैंने भी जल्दी ही खेल ख़त्म करने की सोची और मैंने फाइनल राउंड में उन दोनों की गांड में लंड डालने को कहा और जिसकी गांड में लंड ज्यादा अंदर जाएगा वो जीत जाएगा.. लेकिन उन दोनों ने कभी भी गांड में लंड नहीं डलवाया था.. इसलिए वो दोनों बहुत डरकर घबरा गई.

तो वो दोनों साफ मना करने लगी और मैंने कहा कि तो ठीक है फिर कोई भी नहीं जीतेगा.. तभी बड़ी मामी बोली कि तन्नू ठीक है तुम जैसे चाहो वैसे चोद सकते हो.. तुम चाहो तो हमारी गांड मारो और तुम चाहो तो चूत.. लेकिन प्लीज थोड़ा आराम से कहीं गांड फट ना जाए और में तुम्हारे मामा को क्या बताउंगी कि यह कैसे फटी?

फिर पहले मैंने छोटी मामी की गांड में लंड डाला और एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरे से उनकी गांड का छेद बड़ा किया और एकदम से एक ज़ोर का धक्का दिया और लंड घुसेड़ दिया. वो एकदम चीख पड़ी.. हाए दैया रे.. मार डाला मदारचोद ने.. आज मेरी गांड को फाड़ डाला. दोस्तों उसकी गांड बहुत टाईट थी जिसकी वजह से मेरा लंड केवल 4 इंच ही अंदर गया.. लेकिन उसको बहुत दर्द हुआ और वो एकदम चटपटा गई. अब दूसरी बारी थी बड़ी मामी की.. उनकी गांड पर हाथ लगते ही जन्नत का अहसास हो गया.

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फिर मैंने वैसा ही किया और उनकी कामुक गांड के छेद को फैलाकर मैंने एक ही धक्के में अपना लंड पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और वो जीत गयी. तो मेरी दोनों मामीयां बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी और उनकी आपस की लड़ाई भी ख़त्म हो गयी थी और वो दोनों बारी बारी से मेरे लंड को चूसती और चुदती और में सोच रहा था कि सेक्स भी कितनी बड़ी चीज़ है. दोनों परिवारों की लड़ाई ख़त्म करा सकता है.

फिर मैंने बड़ी मामी की गांड से अपना लंड बाहर नहीं निकाला और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.. पहले तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि आप बस मज़े लो और वो मस्त होने लगी और में धक्के मार रहा था.. तो वो दूसरी मामी से बोली कि संध्या तू मेरी चूत चाट.. बड़ी मामी कुतिया स्टाइल में थी.. जिसकी वजह से उनकी चूत को चाटने के लिए बहुत जगह थी और छोटी मामी उनकी चूत चाटने लगी. दोनों ऐसे थी जैसे कोई माँ अपने बच्चे को दूध पीला रही हो.. यहाँ पर बस अंतर यह था कि दूध की जगह चूत थी और छोटी मामी के चूतड़ बड़ी मामी की तरफ थे और वो उनको चाट रही थी. तो छोटी मामी बोली कि दीदी आप तो बहुत अच्छे से चूतड़ चाटती हो.

अब 15 मिनट के धक्को के बाद में छोटी मामी के पीछे लग गया और वो एकदम पलटकर बोली कि तन्नू मेरी गांड मत मार.. मुझे बहुत दर्द होगा. मेरी गांड दीदी की तरह मुलायम नहीं है.. लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और उसकी गांड में धक्के मारने लगा वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी. तो बड़ी मम्मी बोली कि संध्या तू तो ऐसे चिल्ला रही जैसे कि आज ही पहली बार चुद रही है.. थोड़ा सब्र कर अभी मज़ा आने लगेगा.. लेकीन फिर भी छोटी मामी का चिल्लाना बंद नहीं हुआ.. तो बड़ी मामी ने अपने निप्पल को उनके मुहं में घुसा दिया और जब मेरा मन छोटी मामी की गांड से भर गया तो मैंने अपना लंड बड़ी मामी की चूत में डाला.. अब हम तीनों आराम से लेटे थे.

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में बड़ी मामी की चूत में लंड डाल रहा था और वो छोटी मामी की चूत को अपनी उंगलियों से और जीभ से चाटकर मज़े दे रही थी. फिर करीब 15 मिनट बाद बड़ी मामी थक गयी और बोली कि तन्नू बस कर अब संध्या को भी मज़े करा दे.. इतना कहते ही उसने अपनी चूत का पानी भी निकल दिया और अब में छोटी मामी की चूत में अपना लंड डाल रहा था और बीच बीच में रुकने से में झड़ नहीं रहा था और ज्यादा देर तक चोद पा रहा था. मुझे यह कला उसी दिन पता चली थी. फिर में लंड को संध्या मामी की चूत में डालने लगा और बहुत तेज तेज झटके मारने लगा.. वो बड़ी मामी से बोली कि दीदी आप एकदम रंडी हो और आपने आज मुझे भी रंडी बना दिया.

तो बड़ी मामी बोली कि हाँ तू बड़ी सती सावित्री है मज़ा तो बड़े मन से ले रही है और मुझे कहती है कि में चुदक्कड हूँ. फिर छोटी मामी बोली कि जब सब कुछ फ्री में मिल रहा हो तो कोई मौका जाने थोड़े ही देता है और दोनों हंसने लगी.. छोटी मामी की चूत एकदम टाईट थी और मुझे उनसे ज्यादा मज़ा आ रहा था. 15 मिनट बाद उनकी भी चूत का पानी निकलने लगा और में भी झड़ने लगा. फिर मैंने कहा कि किसकी चूत में निकालूं? तो छोटी मामी बोली कि मेरी चूत में मत झड़ना.. बड़ी मामी बोली कि इस रंडी की चूत में मत झड़ना इसके मुहं में झड़ना. तो मैंने छोटी मामी के मुहं में लंड डाल दिया और अपना पूरा वीर्य उनके मुहं में धक्के देकर डाल दिया.. जिसे वो रबड़ी की तरह चाट चाटकर साफ करने लगी और इसके बाद हम तीनों ने कपड़े पहने और हम सब आपस में लिपटकर सो गये.