First Time Sex

सहेली ने चुदाई सिखाई

दोस्तों मेरा नाम आरती हे, और में यूपी के एक गाव से हु, अब मेरी उमर २४ साल हे और मेरी शादी भी हो चुकी हे, यह बात तब की हे जब में १८ साल की थी.

हम गाव में एक कच्चे मकान में रहते थे, हमारा एक कमरा एक किचन और बाथरूम था, जब में देखती की पप्पा मम्मी को लेकर अपना बिस्तर के साथ किचन में चले जाते या छत पर चले जाते.

एक दिन मेने मम्मी को पूछा तो उन्होंने मुझे काफी डांटा और कहा अपने काम से काम रखो. हम उस वक्त गाव के सरकारी स्कुल में पढ़ते थे और आज कल बच्चो की तरह ज्यादा सेक्स के बारे में नहीं जानते थे.

जब में १८ साल की हुई तो एक दिन मम्मी ने कहा आरती आज तू किचन में सो जा में चुप चाप चली गई पर दिमाग में ये था की पता नहीं ऐसा क्यों होता हे.

यही सोचते हो एक घंटा हो गया पर मैं सो नहीं पाई तभी मुझे कमरे से कुछ आवाज आई मम्मी की मैं कमरे में झांकने लगी तो जो देखा है वह मैं आज जानती हूं पर उस टाइम समझ से परे था.

जब मेने देखा तो पापा नीचे लेटे हुए थे और मम्मी उन के ऊपर आ कर बैठी हुई थी उनका ब्लाउज खुला हुआ था और माँ के चुचे बाहर थे एकदम मोटे मोटे और पापा उन्हें दबा रहे थे और मम्मी ऊपर नीचे हो रही थी और आहो हह अह्ह्ह ओह्ह हहह उम्म्म अह्ह्ह इह्ह अह्ह्ह उह्ह अह्ह्ह ओह्ह हहह ममं आवाज कर रही थी मैं सोच में पड़ गई कि यह क्या है?

फिर पापा ने जोर से अह्ह्ह फ्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ किया और मम्मी के चूचे जोर से दबा दिए, फिर वह दोनों उठे और कपड़े सही कर के सो गए पर मेरे दिमाग में वह सब चलता रहा और में उस रात बिलकुल भी नहीं सो पायी थी.

अगले दिन मैं जब स्कूल गई तो मैंने यह सब अपनी सहेली रश्मि को बताया, वह हंसने लगी और बोली अरे पागल ईसे चुदाई कहते हैं हर पति पत्नी करते हैं और बोली कि यह वह चीज है जिस में दुनिया के हर काम से ज्यादा मजा आता है, रश्मि ने बोला शाम को मेरे घर वाले शादी में जा रहे हैं, तू मेरे घर आ जा मैं तुझे समझाती हूं सारी बात. शाम के ५ बजे मैंने मम्मी से बोला कि मैं रश्मि के यहां पढ़ने जा रही हूं और में रश्मि के घर पर पहुंच गई.

मेने उसके घर पर पहुच के दरवाजा बजाया और उसी ने आ के दरवाजा खोला, मैं जब वहां पर पहुंची तब रश्मि घर पर एकदम अकेली थी. उसने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया. फिर हम वहां पर थोड़ी देर बैठे और बातें करते रहे. फिर वह बोली चल अंदर चलते हैं, हम उसके अंदर वाले कमरे में गए जहां पर डबल बेड था. मैंने कहा रश्मि बता ना क्या बता रही थी? वह बोली यह काम प्रैक्टिकल है बेटा एक काम कर अपनी सूट सलवार उतार, मैं बोली पागल है क्या? मुझे शर्म आती है. उसने कहा साली १८ साल की हो गई हे और चुदाई क्या होती है पता नहीं, पर रोज रात को अपने मां बाप की चुदाई देखती है तब शर्म नहीं आती. हम दोनों हंस पड़े. फिर वह उठी और बोली ले मैं करती हूं शुरुआत.

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उसने अपनी कमीज उतार दी, नीचे उसने वाइट ब्रा पहनी हुई थी. उसके चूचे मुझे ज्यादा मोटे और गोरे लग रहे थे, अब हिम्मत करके मैंने भी अपना सूट खोला और ब्रा में खड़ी खड़ी हो गई, तभी वह बोली साली तेरी चुची तो बढ़िया है और हम हंस पड़े, फिर उसने और मैंने एकसाथ सलवार भी उतार दी.

उसने सलवार के नीचे कुछ नहीं पहना था, मैंने पैंटी पहनी थी वह अपनी चूत को रगड़ती हुई बेड पर लेट गई और बोली चल ऊपर आ जाओ.

मैं भी बेड पर लेट गई वह बोली जो मैं करूंगी वादा करो मुझे रोकोगी नहीं और मैं पूरा मजा दिलवाउंगी तुझे, मैंने कहा ठीक है उसने अपनी ब्रा भी उतार दी और मुझे बोला तू भी उतार, मैंने की ब्रा खोली और पैंटी उतार दी. अब बिस्तर पर हम दो लड़कियां नंगी थी, उसने मेरी चूत को सहलाया और बोला कि आंखें बंद कर ले और लेट जा.

मैंने वैसे ही किया, मेरी आंखें बंद थी वह मेरे ऊपर लेट गई उसके चूचे मेरी चूची पर दबाव दे रहे थे दो नंगे बदन मिल रहे थे चाहे औरत ही थी पर बड़ा अच्छा लग रहा था. तभी अचानक से उसने मेरे ओठो पर अपने ओठ रख दिए और चूसने लगी. पहले तो मैंने ओठ बंद कर दिए थे तो रश्मि ने मेरे चूची दबाए मेरे मुंह से आह औउ निकली तो उसने अपने होंठ सीधे मेरे होंठों पर रख दिए और चूसने लगी. मुझे २ मिनट तो अजीब लगा फिर मजा आने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी और उसके मुंह में अपनी जीभ डाल डाल कर चूसने लगी.

फिर वह नीचे की तरफ बढ़ी और मेरी चुचे का दाना मुंह में लिया और चूसने लगी मेरी बॉडी में तो जैसे करंट दौड़ गया, मैं उसके बालों में अपनी उंगलियों को घुमाने लगी और वह अह्हो हह अह्ह्ह ओह हहह ओह हहह ओह हहह ओह हहह अय्य्य एय्स्स्स हहह ओह रश्मि कर और कर अहह ओह अह्ह्ह उह्ह अह्ह्हअहह औउ एस अह्ह्ह ओह्ह बड़ा मज़ा आ रहा है क्या बताऊं वाह और कर प्लीज.

हम दोनों मस्त थे, तभी अचानक हमारे कानों में एक आवाज़ पड़ी वाह क्या बात है हमारे घर में रंडियां…

वह आवाज सुन कर हम जट से अलग हो गये, हम दोनों फिर अलग हुए देखा तो रश्मि का भाई कमरे में आ गया, उसे देख कर हमारी तो सांस थम सी गई थी, घर वाले हमें जान से मार देंगे हमने बेडशीट खींच कर अपने बदन को छुपाया.

वह आया और उसने रश्मि के मुंह पर जोर का चांटा मारा बोला साली कुतिया यह क्या कर रही थी? और मेरा गला पकड़ लिया डर के मारे मेरा तो टॉयलेट निकलने वाला था.

बोलो कब से चल रहा है यह? रश्मि बोली भाई मैंने उसे बुलाया था क्योंकि इसको नहीं पता था कि सेक्स कैसे होता है.

उसके भाई ने एक और चांटा और मारा साली रंडी है तू तुझे सब पता है ना? रश्मि चुप हो गई, फिर वह बोला यह बात तो घर वालों तक जरुर जाएगी, हम दोनों ने उसके पैर पकड़ लिए और सब में हम यह भूल गए कि बेडशीट हमने अपने हाथ से छोड़ दी है और हम एकदम नंगी उसके सामने थी.

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आपको बता दूं रश्मि के भाई का नाम विजय है और वह ऊपर के कमरे में सो रहा था तबीयत खराब होने की वजह से, वह शादी शुदा था और एक बच्चे का बाप था, उसकी उम्र ३० साल की थी.

भैया हमारे नंगे बदन को घूरने लगे उनकी आंखों में वासना दिखाई दे रही थी तभी उन्होंने अपनी पैंट की जिप खोली अंदर हाथ डाला और अपना लंड बाहर निकाल लिया और बोले मुझे खुश करना पड़ेगा वरना मैं सबको बोल दूंगा, रश्मि बोली भैया मैं आपकी बहन हूं तो वह बोले साली रांड तेरी जैसी चुदक्कड बहन को तो चोदो जितना मौका मिले.

यह कहते हुए भैया ने अपना लंड रश्मि के मुंह के पास किया और उसने भी मुंह में अपने भाई का लंड ले लिया और भैया अपनी कमर हिला रहे थे, जब भैया ने लंड मुंह से निकाला को पूरा तन चुका था और फुला हुआ भी था, लगभग ७ इंच का होगा. मैंने यह चीज़ पहली बार देखी थी, यह सब देख कर मेरे मन में भी गुदगुदी होने लगी.

रश्मि सच बता कितने लंड चूस चुकी है तू क्यूंकि ऐसा लंड तो चूदी चुदाई रंडी चूस सकती है और कोई नहीं. अब रश्मि भी तैयार थी वह बोली पड़ोसी राजेश से चुदाती हूं मैं पिछले ४ साल से, अगर मुझे पहले पता होता कि तुम्हारा लंड ७ इंच का है तो कभी बहार ना चुद्वाती, में रश्मि की बात पर हैरान हो गई.

तभी वह खड़ी हुई और भैया के होंठ चूसने लगी तभी रश्मि बोली, आरती भैया का लंड चूस, में भी उनके लंड के पास गई और होंठो तक लाइ और मुझे स्मेल आ रही थी, तो मैं बोली के स्मेल आ रही हे, तो रश्मि बोली के तू चुसना शुरू कर बाद में कुछ नहीं होगा, मैंने मुंह में थोड़ा सा लिया आगे आगे का, भइया ने रश्मि को हटाया और मेरा सर पकड़ के बोले बहन की लोडी ड्रामा करती है और लंड मुह में पेल दिया. वह मेरे गले तक जा रहा था, रश्मि मेरी चूची दबाने लगी और चूसने लगी.

फिर भैया ने अपना लंड निकाल लिया और पूरे नंगे हो गए. रश्मि उनके सीने पर चूमने चाटने लगी, भैया ने दोनों को बेड पर लेटाया और टांगे खोल दी हमारी.

उन्होंने अपने एक हाथ की उंगली रश्मि की चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगे, रश्मि जोश में भैया और करो और करो अहह फह हहह ओह्ह हह्ह्ह ओह्ह. आरती को चोदो बहन की लोड़ी कुंवारी है, उसने मुझे अपने ऊपर जुकने का इशारा किया जिससे मेरे चूची उसके मुंह के ऊपर थी और वह मेरे चूची दबा दबा कर चूस रही थी, मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था. मैं घुटनों के बल बैठी थी, तभी भैया मेरे पीछे आए और अपना मुंह मेरी टांगों के बीच लगाया और चूत चाटने लगे, क्या बताऊं आपको ऐसा मजा आज तक नहीं मिला था मुझे, मैं भी सिसकियां दे रही थी.

भइया ने १० मिनट चाटा और मैंने उनको बोला भैया ऐसा लग रहा है जोर से टॉयलेट आई है, तो रश्मि बोली तू जड रही है रानी और मेरी चूत से पानी निकल निकल कर मेरी जांघ तक जा रहा था, पर क्या सुकून था. तब भैया बोले पहले रश्मि तू चुदेगी या आरती तो रश्मि बोली इसकी चूत सील पेक हे, पहले इसे तोड़ो फिर मेरे पास आना.

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भइया ने मुझे कहा सुन आरती अगर अपनी टांगो से मुझे रोका तो बहुत मारुंगा, रोना मत सहन करना.

उन्होंने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर आ गए, किसी मर्द के शरीर का स्पर्श पहली बार मिल रहा था उनके शरीर की गर्मी मुझे अच्छी लग रही थी, मैं भी उनसे लीपटने लगी और होंठ चूसने लगी, उन्होंने अपने लंड और मेरी चूत पर थूक लगाया और धक्का मारा, जब मेरा ध्यान रश्मि पर गया तो देखा वह मोबाइल से वीडियो बना रही थी.

पर मैं कुछ कहने की हालत में नहीं थी, भइया ने एक धक्का और मारा और लंड आधा अंदर चला गया और मेरी आंखें बाहर निकल आई, और ऐसा लगा मेरी चूत में ब्लेड मार दिया हो किसी ने, पर मैंने रोका नहीं क्योंकि मैं असली मजा चाहती थी. भइया ने एक झटका और मारा और मेरा लंड पूरा जड़ तक पहुंच गया, वह जैसे जैसे धक्के मारते हर धक्का मुझे पेट के अंदर तक महसूस होता.

उन्होंने फिर थोड़ा तेज किया और अब लंड अंदर आराम से चल रहा था, पर दर्द पहले से कम था, रश्मि आकर मेरी चूची चूसने लगी, भैया धक्के के मारने पर गालियां दे रहे थे, बहन की लौड़ी तेरी मां की चूत, रंडी टाइट चूत का मजा अलग है, मुझे भी मजा आ रहा था. अब मैं भी चीखने लगी, चोदो मुझे कुत्ते बहन चोद जब तूने अपनी बहन को नहीं बख्शा तो मुझे क्यों छोड़ देगा, और पेल बहनचोद, भैया ने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दि और एक हाथ से वह रश्मि के मोटे मोटे चूचे दबा रहे थे.

२० मिनट से पेलने के बाद उन्होंने एक झटका मारा और अहह ओह्ह हहह ओह्ह हहह औऊ ओह्ह औम्म्म कर के मेरे ऊपर लेट गए और मुझे चूत के अंदर गरमाहट महसूस हुई, बाद में पता चला वह उन का माल था जो अंदर जड़ा था, उनकी भी और मेरी भी हालत खराब थी.

हम तीनो लेट गए, रश्मि ने पूछा कैसा लगा तो मैंने बोला बहुत अच्छा. बाद में उन्होंने बताया कि यह दोनों का प्लान था मुझे चोदने का, पर मुझे भी तो मजा मिला. घड़ी में ८ बजे थे, मैंने घर जाने को कहा और अपने कपड़े पहनने लगी, तो रश्मि बोली भैया इसे भेज दो फिर मुझे चोदना, बड़ी खुजली हो रही है.

उसने मुझे भेज दिया और अगले दिन स्कूल में बताया कि भैया ने उसे तीन बार चोदा और बताया कि कैसे वह पहली बार चूदी और उसका भाई उसकी मां को भी चोद चुका है.