पड़ोसन सेक्स कहानी: बुरी बात भईया
हे दोस्तों, मेरा नाम सचिन है, और आज मैं तुम्हारे साथ एक ऐसी कहानी शेयर कर रहा हूँ जो मेरे जीवन से जुड़ी है। पहले तो मैं थोड़ा सा खुद के बारे में बता दूं। मैं आगरा का रहने वाला हूँ, एक साधारण लड़का, ऊंचा और फिट भी। अगर बात शरीर की हो तो मेरा लिंग 7 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा है जो किसी भी लड़की, बहन या मौसी को संतुष्ट करने के लिए काफी है।
अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ। यह मेरी पड़ोसिन की बारे में है, जो बहुत सुंदर भी है और मुझसे एक साल छोटी है। करीब 22 साल की है। क्या बताऊं दोस्तों, वो कितनी सेक्सी है! एकदम फेयर रंग वाली, और जब वो टी-शर्ट पहनती है तो उसके गोल-गोल ब्रेस्ट देखकर मैं पागल हो जाता हूँ। कभी-कभी जब वो डीप नेक टी-शर्ट पहनती थी और मैं अपने बालकनी में खड़ा रहता था तो बस उसके ब्रेस्ट की लाइन ही देखता रहता था, और उसकी गोल गांठ…
जब भी देखता, मन करता कि बस उसके कपड़े उतारकर उसे छूना शुरू कर दूं, लेकिन यह संभव नहीं लग रहा था। मुझे उससे अपनी पूरी इच्छाओं को दूर रखने पड़ते थे। मुझे उससे प्यार हो गया था और मैं हर दिन उसका सपना देखता था।
एक दिन जब से वो बड़ी हुई तो मैंने उसे चोदने का सपना देखना शुरू कर दिया। दिन रात उसके बारे में सोचता रहता था, मैं पागल होने लगा था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि अगर मैंने कुछ किया तो क्या होगा। इसलिए मैं कभी-कभी थोड़ा-थोड़ा कोशिश करता रहता था जैसे जब मैं उसके घर जाता था तो उसके साथ बैठने की कोशिश करता था, उसके हाथ को अपने हाथ में रखता था या उसे घूरता रहता था। लेकिन उसकी तरफ से कभी ऐसा कोई जवाब नहीं आया जिससे मुझे लगे कि वो भी चाहती है।
एक दिन हुआ कि मैं अपने ग्रेजुएशन के एग्जाम की तैयारी कर रहा था, मैं अंतिम वर्ष में था उस समय और मोनिका भी अपने 2nd year के एग्जाम की तैयारी कर रही थी। वो अक्सर मेरे पास अपनी समस्याओं लेकर आती रहती थी और मैं उसकी मदद करता था। कई बार मजाक में ही उसके ब्रेस्ट और गांठ पर हाथ रख देता था, लेकिन वो मुझे कभी कुछ नहीं कहती क्योंकि वो मुझे अपना भाई मानती थी।
एक दिन हुआ कि मोनिका के पिताजी का ऑफिस दिल्ली में है इसलिए वो रोज़ उपर-डाउन करने की बजाय कभी-कभी वहीं रुके रहते हैं और घर नहीं आते। एग्जाम शुरू होने वाले एक हफ्ते पहले, मोनिका की माँ हमारे घर आईं और बोली कि उनके पति और भाई की तबियत खराब हो गई है और उन्हें दिल्ली जाना पड़ रहा है और वो मोनिका को नहीं ले जा सकती क्योंकि उसके एग्जाम शुरू होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि कृपया उसकी देखभाल करें और कभी-कभी सचिन को मोनिका के पास भेजें ताकि वो उसे पढ़ा सके और मोनिका अकेलेपन का अनुभव न करे। मैं ये सब सुनकर बहुत खुश हुआ क्योंकि मुझे लगा कि अब शायद मैं मोनिका को चोदने का अपना सपना पूरा कर सकूँगा।
अगले दिन जब मैं कॉलेज से वापस आया तो बहुत उत्साहित था क्योंकि मुझे पता था कि आज मोनिका घर पर अकेली है और मेरे पास पूरी मौका है उसे चोदने का। लेकिन मैं सोच रहा था कि मैं ये सब कैसे करूँगा? सोचते-सोचते शाम ढल गई और मोनिका भी घर आ चुकी थी। मैंने अपनी माँ से कहा कि आप मोनिका और मेरा खाना पैक कर दो, मैं उसके साथ ही खाऊंगा। माँ ने कहा ठीक है। मोनिका मुझे भाई कहती थी इसलिए कोई शक नहीं हो सकता था।
शाम को 9 बजे मैंने डिनर पैक करके मोनिका के घर की घंटी बजाई। जब उसने दरवाजा खोला तो मैं बस उसे देखता रहा। आज वो कॉलेज स्कर्ट पहनकर आई थी और उसने इसे बदलने का भी प्रयास नहीं किया था। मैं उसके गोरी-गोरी टांगों को ही देखता रहा। फिर मैं अंदर गया और पीछे से उसकी उठी हुई स्कर्ट के नीचे झांकने लगा, लेकिन कुछ ज्यादा नजर नहीं आ रहा था। मैंने मोनिका को खाना दिया और प्लेट्स लेकर उसे खाने के लिए कहा। मैं टीवी चालू करके इंग्लिश फिल्म देखने लगा, लेकिन कोई भी सेक्सी फिल्म नहीं मिल रही थी।
फिर मोनिका ने पूछा कि भईया आपने टीवी क्यों बंद कर दिया? मैंने कहा कि यहाँ कुछ नहीं चल रहा था। फिर मैंने उससे पूछा: और बता क्या चल रहा है? मोनिका बोली सब ठीक है भईया, आपका क्या हाल है? तैयारी हो गई एग्जाम की? मैंने कहा नहीं यार, आजकल मन ही नहीं लगता। मोनिका बोली शायद कोई पसंद आ गया है और ये सब प्यार में होता है (और वो मुस्कुरा रही थी)।
मैंने कहा हाँ, शायद तुम सही हो। आज मैं बस उसके सपनों को देखता रहता हूँ और उस बारे में सोचता रहता हूँ। मोनिका बोली कौन भईया बताओ? मैंने कहा कोई नहीं, तुम अपना खाना खा लो और पढ़ाई करो। मोनिका बोली नहीं भाई मुझे नहीं पढ़ना है, आप बताओ ना कि वो कौन है? मैंने कहा ठीक है, तुम खा लो जब हम पढ़ने लगेंगे तो पक्का बता दूँगा। मोनिका बोली वादा? मैंने कहा वादा। मोनिका बोली ठीक है फिर।
उसके बाद मोनिका उठी और चली गई। थोड़ी देर बाद मोनिका ने कहा कि वो नहाने जा रही है, तो मैंने कहा ठीक है जल्दी आना फिर हम पढ़ाई शुरू कर देंगे। तब मैंने सोचा कि आज मैं इसको सच-सच बता दूंगा और अगर सब कुछ ठीक रहा तो आज उसकी चूड़ भी कर दूंगा।
मैंने घर जाकर अपनी माँ से कहा कि आज मैं देर तक बाहर रहूँगा क्योंकि मोनिका को पढ़ाना है। माँ ने कहा कि तुम वहीं सो जाओ। मुझे जैसे लॉटरी लग गई। मैंने जल्दी से हाँ बोला और वापस मोनिका के घर दौड़ गया।
मैं सीधे मोनिका के कमरे में कुछ किताबें लेने चला गया। उसका दरवाजा खुला था। मैंने बस अब तक हल्के से दरवाजा खोला था और मेरी नजर कमरे पर पड़ी तो मैं पूरा शिथिल हो गया। मैंने देखा कि मोनिका सिर्फ एक टॉवल को लपेटकर खड़ी थी।
शायद वो कुछ ढूंढ रही थी, मैं बस पीछे से उसके गोरी-गोरी टांगों को देखता रहा और गांठ भी बहुत बाहर निकली हुई थी। कसम से अब मैं और पागल हो गया था और मेरा लिंग भी पूरी तरह खड़ा हो चुका था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ, तभी मैंने देखा कि उसने ड्रॉअर से अपना ब्लैक ब्रा-पैंटी निकाली जो बहुत सेक्सी थी। मुझे लगा कि वो शायद वही बदलने वाली है लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि वो बाथरूम जाने लगी।
मुझे अब और सहन नहीं हो रहा था। मैंने दरवाजा खोला और जल्दी से उसके कमरे में घुस गया, गलती से एंट्री करने का नाटक किया। वो अचानक डर गई और मैंने उसे देखते ही माफ़ी मांगी। मोनिका बोली भईया आपने मुझे डरा दिया है। मैंने कहा मैं कुछ किताबें लेने आया था।
मैं उसके हाथ की तरफ देख रहा था, उसके हाथ में उसकी ब्रा और पैंटी थी। जब उसने ये नोटिस किया तो उसने जल्दी से अपनी ब्रा-पैंटी को अपनी गांठ के पीछे छिपा लिया। अब वो शर्मिंदा हो रही थी क्योंकि वो मेरे सामने सिर्फ टॉवल में खड़ी थी। मैंने कहा कि शर्मिंदगी की कोई बात नहीं है, तुम जाकर बदल लो मैं बाहर तुम्हारा इंतज़ार करूंगा। सुनकर वो मुस्कुराई और जैसे ही वो बाथरूम की तरफ चलने लगी तो अचानक उसका टॉवल अलमारी के हैंडल में फंस गया और एक झटके में वो टॉवल उसके शरीर से अलग हो गया और जो मैंने बाद में देखा दोस्तों मैं आपको शब्दों में भी नहीं बता सकता।
वो मेरे सामने एक पूरी तरह से नंगी खड़ी थी, उसके मोटे-मोटे ब्रेस्ट मेरे सामने थे जिन्हें मैं पूरे दिन-रात चूसने का सपना देखता था और उसकी गुलाबी चुत देखकर तो पागल हो गया। मेरा लिंग भी मेरी पैंट से बाहर आने लगा। उसने मेरे लिंग को नोटिस कर लिया था, करीब 30 सेकंड तक वो समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या करना है। फिर जब वो टॉवल उठाने लगी तो बहुत देर हो चुकी थी। मैंने सीधे उसके पास गया और अपनी गर्दन उस पर लगाई और बोला मोनिका मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता। उसने खुद को मेरे साथ मिलाया और टॉवल उठाकर लपेट लिया और बोली भईया क्या आप पागल हो गए हैं ये आप क्या बोल रहे हैं? मैंने कहा कि मैं जो बोल रहा हूँ वो सच बोल रहा हूँ।
उसने कहा अगर किसी को पता चल गया तो क्या बोलेगा, मैंने कहा कि इसमे कुछ गलत नहीं है और फिर मैंने धीरे-धीरे उसे अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया। पहले तो वो विरोध करती रही लेकिन जब मैंने अपने लिप्स उसके लिप्स पर रखे तो थोड़ी देर बाद वो मेरा साथ देने लगी।
मैं भी अब बहुत उत्तेजित हो गया था, इसलिए मैंने धीरे-धीरे उसका टॉवल खींचना शुरू कर दिया। पहले तो वो मेरे हाथ हटाती रही लेकिन जब मैंने उसे बिस्तर पर लेटवाया और उसके लिप्स को चूमा तो वो मेरा पूरा साथ देने लगी। फिर मैंने उसका टॉवल एक बार फिर से उसके शरीर से अलग कर दिया, अब वो मेरी बाहों में नंगी थी। मैंने उसके चुत को देखकर पागल हो गया था। फिर मैंने एक हाथ से उसके ब्रेस्ट को दबाया और दूसरे हाथ से उसकी चुत पर रखकर उसे मसाज करना शुरू कर दिया।
वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और हवा में उछलने लगी, आवाज निकालने लगी “प्लिज भईया ऐसा मत करो, अहहाहा… मम्मी…. बहुत अच्छा लग रहा है प्लिज थोड़ा और अंदर डालो…” उसकी ये आवाज़ सुनकर मुझे भी जोश आया और मैंने अपनी पूरी जीभ से उसकी चुत में डालकर अंदर-बाहर घुमाना शुरू कर दिया। फिर वो बोली भाई मुझसे कुछ हो रहा है, मैं सहन नहीं कर सकती भईया रुको! लेकिन मैंने रुका नहीं और उसकी चुत को चूसता रहा और उसी समय वो झड़ गई और उसने अपना सारा माल निकाल दिया।
मैंने टिशू पेपर लेकर उसकी चुत साफ़ किया। फिर मैंने अपना लिंग अपने हाथ में पकड़ा और उससे बोला अब जानमन तुम्हारी बारी है, मैंने उसे अपना लिंग चूसने को कहा। पहले तो उसने मना कर दिया लेकिन मैंने थोड़ी सी जबरदस्ती की और उसके मुंह में अपना लिंग डाल दिया। फिर वो भी बड़े मजे से मेरा लिंग चूसने लगी। क्या बताऊं दोस्तों, मैं जैसे सातवें आसमान पर था! वो मेरे लिंग को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा आइसक्रीम खा रहा हो। वो अपनी पूरी जीभ को मेरे लिंग पर घुमा रही थी और थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया। उसने मुंह हटाना चाहती थी लेकिन मैंने उसका सर पकड़ लिया और सारा माल उसके मुंह में निकाल दिया।
फिर हम दोनों एक-दूसरे के साथ नंगे लेटे हुए थे और फिर वो मेरे लिंग को दबाने और सहलाने लगी, अपने हाथों से। मैं भी समझ गया कि अब वो चूदना चाहती है और मेरा भी सपना पूरा होने वाला था। उसने थोड़ी देर मेरे लिंग को सहलाया और वो खड़ा हो गया। मैंने उसकी टांगें खोलकर अपने पेट पर घुमा लिया और उसकी गांठ के नीचे एक तकिया रख दिया और तेल की बोतल पास रख ली। वो बहुत डर रही थी, कह रही थी कि भाई रुक जाओ फिर कभी कर लो। लेकिन मैं नहीं रुका। मैंने तेल की बोतल खोली और उसकी चुत को पूरी तरह से तेल से भर दिया ताकि लिंग आसानी से अंदर चले। थोड़ा तेल अपने लिंग पर भी लगाया।
फिर मैंने अपना लिंग का टोप उससे चुंबन करके एक जोरदार धक्का मारा और उसके मुंह से एक बहुत तेज़ चीख निकली “आहहा… मार्गई…. इसे बाहर निकालो प्लिज मैं मर जाऊंगी…. उउुइममाaaaaaa…. भईया प्लीज मुझे तरस करो इसको बाहर निकालो!” मैंने कहा रुकने वाला नहीं था और मैंने एक और धक्का लगाया और वो बहुत तेज़ चपटने लगी। उसने चुत से बचने की बहुत कोशिश की लेकिन मैंने उसे अपनी टांगों से जकड़ लिया था और उसके मुंह पर अपना मुंह रखकर उससे कोई आवाज बाहर न निकल सके। फिर मैं थोड़ी देर तक एक जगह रुका रहा।
फिर मैंने नीचे देखा तो देखा कि उसकी चुत से रस निकल रहा है, शायद वो वर्जिन थी ये उसकी पहली चूड़ थी इसलिए निकल रहा होगा। थोड़ी देर इस तरह लेटे रहने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिए। फिर जब उसकी आवाज़ कम हो गई तो मैंने अपना मुंह उसके मुंह से हटाया और उसकी चुत में पूरी ताकत से धक्के मारने लगे। अब वो भी मुझे पूरा साथ दे रही थी, हमारी आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं। मैं कह रहा था मोनिका मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ, मैंने हमेशा तुमसे ऐसा ही करना चाहा है।
और मोनिका भी कह रही थी कि भईया मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ। फिर उसकी सिसकियाँ भी बढ़ने लगीं, वो कह रही थी “भईया थोड़ा और ज़ोर से करो, पूरा अंदर डाल दो अपना लिंग… आह…. मजा आया…. भईया आज मुझे अपना बना लो…” मैंने भी बोला कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो मैं दिन-रात एक करूंगा तुम्हें चोदुंगा
और दस मिनट की चूड़ के बाद एक तेज़ धक्के के साथ हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने सारा माल उसकी चुत में छोड़ दिया और एक ढीला होकर उसके ऊपर गिर गया। उसका शरीर भी अब ढीला हो गया था, और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। फिर मैंने थोड़ी देर बाद उठकर उसे तीन बार और चोदा…