Aunty Sex Story

स्वामीजी की हवस: बुआ के साथ कोप के नाम पर किया गया सेक्स अनुभव

27 साल का एक बैचलर अपनी खूबसूरत बुआ और स्वामीजी की हवस की कहानी सुनाता है। गाँव में स्वामीजी के आश्रम में एक रात रुकने के बहाने शुरू हुई यह घटना, पूजा से लेकर बिस्तर तक पहुँच गई। 6 फीट 5 इंच की गोरी बुआ के साथ स्वामीजी की चुदाई की पूरी कहानी पढ़ें।

आज मैं जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ, वो स्वामीजी की बुआ के साथ कोप के नाम पर की गई हवस की है।

लेकिन इससे पहले कि मैं इस कहानी को शुरू करूँ, अपने बारे में थोड़ा बता दूँ। मैं सत्ताइस साल का एक बैचलर हूँ, जो एक प्राइवेट ऑर्गनाइज़ेशन में काम करता है। ये कहानी आज से तीन महीने पहले की है। उस वक़्त मैं अपने गाँव में बुआ के साथ रहता था। बुआ देखने में बिल्कुल डॉल जैसी थीं—उनकी हाइट 6 फीट 5 इंच थी। मैं उनके साथ अकेला ही रहता था। बुआ की शादी को तब एक साल हुआ था, और उनकी कोई संतान नहीं थी। उसी गाँव में स्वामीजी अक्सर आया करते थे। जब स्वामीजी गाँव में आते, तो लोगों की उनके यहाँ भीड़ लगी रहती थी। एक दिन फूफा बुआ को लेकर स्वामीजी के पास गए। स्वामीजी ने उन्हें इसका इलाज बताया और फूफा से कहा कि बुआ को एक रात उनके यहाँ रुकना होगा, तभी उनकी समस्या का समाधान होगा। बुआ इतनी खूबसूरत और गोरी थीं कि मैं उनकी तारीफ़ बयान नहीं कर सकता। स्वामीजी ने कई बार उनके साथ चुदाई करने का प्लान बनाया था, पर मौका नहीं मिलता था। उस रात स्वामीजी ने बुआ को ये बात बताई। अब मैं आपको उस दिन की बात बताता हूँ।

उस दिन वो मौका आ ही गया। मेरे फूफा एक दिन के लिए अपने रिश्तेदार के यहाँ चले गए। जाते वक़्त उन्होंने बुआ से कहा कि स्वामीजी गाँव में आए हुए हैं और रात को अपने आश्रम में ही रुकेंगे। इसलिए उनकी व्यवस्था घर से करने को कहा। बुआ ने स्वामीजी के लिए भोग बनाया। शाम के छह बजे बुआ स्वामीजी के आश्रम पहुँची, जो गाँव के एकदम बैकसाइड में था। इस बार स्वामीजी बिल्कुल अकेले आए थे। जब बुआ वहाँ पहुँची, तो मैंने स्वामीजी को अधनंगे हाल में बिस्तर पर बैठे देखा। बुआ को अकेले आते देख स्वामीजी की आँखों में ऐसा चमक आया, जैसे उनकी सालों से दबी हुई तमन्ना पूरी होने वाली हो। स्वामीजी ने कहा, “पहले थोड़ी पूजा करेंगे, फिर पराण करेंगे।” बुआ नहा-धोकर गई थीं, तो वो भी पूजा में शामिल हो गईं। पूजा करते-करते करीब आठ बज गए। इसके बाद स्वामीजी ने पराण किया। पराण करते वक़्त उनकी नज़र बुआ के गोरे, गदराए बदन पर बार-बार ठहर रही थी, पर बुआ ने कभी ध्यान नहीं दिया।

Hot Sex Story :  मकानमालकिन किरण और कुंवारी पूजा की चूत का मज़ा

स्वामीजी कुछ देर तक उनके साथ बात करते रहे। फिर वो सोने की तैयारी करने लगे। उन्होंने अपने कपड़े उतारकर तौलिया पहन लिया और बिस्तर पर लेट गए। बुआ ने सारे बर्तन साफ़ करके जाने की तैयारी की, तो स्वामीजी बोले, “आज की रात तुम्हें यहीं रुकना होगा।” बुआ ने कहा, “एक कमरे में हम कैसे रह सकते हैं?” स्वामीजी बोले, “मैं नीचे बिस्तर लगा लूँगा, तुम ऊपर चारपाई पर सो जाना।” बुआ कुछ नहीं बोल पाईं। उन्होंने बर्तनों को कमरे के एक कोने में रखा और चारपाई पर लेट गईं। स्वामीजी ने गेट बंद किया, लाइट बुझाई, और धीमी रोशनी वाला दीपक जलाकर अपने बिस्तर पर लेट गए, जो फर्श पर बिछा था।

उस वक़्त बुआ ने अपनी पीठ दरवाजे की तरफ कर रखी थी। स्वामीजी कुछ देर तक सोचते रहे। फिर उन्होंने फैसला कर लिया। धीरे-धीरे अपने बिस्तर से उठे, बुआ की चारपाई पर गए, और उनके पीछे लेट गए। अपनी कमर को बुआ की कमर से सटा दिया। बुआ ने अपनी कमर थोड़ा खींची। स्वामीजी ने कुछ देर बाद फिर अपनी कमर उनकी कमर से सटाई। अब बुआ दीवार से सट चुकी थीं। स्वामीजी ने उनकी कमर पर हाथ रखा, तो बुआ बोलीं, “ये क्या कर रहे हैं?” स्वामीजी बोले, “मैं तुम्हें अपना प्रसाद दे रहा हूँ।” बुआ ने कहा, “नहीं स्वामीजी, मैं ये नहीं करूँगी।” स्वामीजी बोले, “क्यों, तुम्हारा मन नहीं करता कि तुम्हारा भी एक वारिस हो?” बुआ बोलीं, “नहीं, ये गलत है।” स्वामीजी ने कहा, “गलत क्या है? ये तो एकदम सत्य है।” ये कहते हुए उन्होंने बुआ की साड़ी और साया ऊपर उठाना शुरू कर दिया। बुआ ने उनका हाथ पकड़कर हटाया, पर स्वामीजी ने पीछे से साया उठा दिया। बुआ ने साया खींचकर पहनने की कोशिश की, पर स्वामीजी ने उनके हाथ हटाकर साड़ी और साया को दोनों हाथों से पकड़कर कमर के ऊपर उठा दिया। अब बुआ कुछ नहीं बोलीं।

स्वामीजी ने एक हाथ से अपना लंड पकड़ा और दूसरे हाथ को बुआ की गांड पर फेरते हुए उसे छेद के पास ले गए। फिर एक हाथ से उनकी गांड को फैलाते हुए अपने लंड को अंदर डालने का रास्ता बनाया। जैसे ही उन्होंने अपनी कमर को जोर से झटका दिया, बुआ “आआआआआउउउउउउह्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स” करके सिसक उठीं। स्वामीजी ने पूछा, “क्या हुआ?” बुआ हाँफते हुए बोलीं, “हाँआआआआ…” स्वामीजी ने उनकी कमर को पकड़कर अपने लंड को तेज़ी से अंदर ले जाने के लिए जोर-जोर से झटके मारने शुरू कर दिए। हर झटके के साथ बुआ “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह हाँआआआआआ” की आवाज़ निकाल रही थीं, जो स्वामीजी के मन को और भड़का रही थी। कुछ देर बाद स्वामीजी ने एक जोरदार झटका मारा। बुआ अपनी कमर खींचना चाहती थीं, पर स्वामीजी उन पर चढ़ गए और एक तेज़ झटके के साथ अपना लंड पूरा अंदर घुसा दिया। अब बुआ की गांड में स्वामीजी का पूरा लंड समा गया था। दस मिनट की ठेलम-पेल के बाद स्वामीजी का स्पर्म बुआ की गांड में गिर गया।

Hot Sex Story :  19 साल के लड़के और 45 साल की सुधा आंटी की गर्म चुदाई कहानी

स्वामीजी ने अपना लंड बाहर निकाला और कुछ देर वैसे ही लेटे रहने के बाद बाथरूम चले गए। पेशाब करने के बाद उन्होंने अपने लंड को अच्छे से साफ़ किया और कमरे में लौटे। बुआ वैसे ही बिस्तर पर पड़ी थीं। स्वामीजी बोले, “बाथरूम नहीं जाना?” बुआ बिना कुछ बोले चली गईं। स्वामीजी ने अगले दौर की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने अपने लंड को तेल के डिब्बे में डाला। जैसे ही बुआ कमरे में आईं, स्वामीजी बोले, “अब सारे कपड़े उतार दो।” बुआ बोलीं, “अब छोड़ोगे भी?” स्वामीजी बोले, “हाँ, ये तो बस प्रारंभिक दौर था। असली प्रसाद तो अभी बाकी है।” बुआ भी उनके लंड को देख रही थीं। शायद उन्हें अब स्वामीजी का लंड पसंद आने लगा था। बुआ ने अपने सारे कपड़े उतारकर बिस्तर के पास रख दिए। स्वामीजी ने देखा कि उनकी चूत पर छोटे लेकिन घने बाल थे। शायद स्वामीजी को ऐसी ही चूत पसंद थी। स्वामीजी ने उनका हाथ पकड़कर अपना लंड उनके हाथ में दिया और मुँह में लेने को कहा, क्योंकि वो अभी पूरी तरह तैयार नहीं हुए थे। बुआ ने लंड को हाथ में लिया और झुककर उसे मुँह में लेकर चूसने लगीं।

कुछ देर में स्वामीजी पूरी तरह हिट हो गए। उन्होंने बुआ से लंड छोड़कर बिस्तर पर लेटने को कहा। बुआ ने मुँह से लंड निकाला और सीधे लेट गईं। स्वामीजी ने डिब्बे से तेल निकालकर उनकी चूत पर लगाया। उनकी चूत की साइज़ करीब 5 इंच होगी। स्वामीजी उनकी जाँघों पर बैठ गए और चूत को फैलाने को कहा। बुआ की चूत इतनी खूबसूरत थी कि स्वामीजी अपना लंड—जो लगभग 8 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा था—एक झटके में पूरा अंदर डाल देना चाहते थे। जैसे ही उन्होंने अपना लंड चूत के ऊपर रखा, बुआ ने दोनों हाथों से अपनी चूत फैला दी। स्वामीजी ने हल्के झटके के साथ लंड का अगला हिस्सा अंदर किया, तो बुआ “आआआह्ह्ह्ह्ह्ह” की आवाज़ के साथ सिहर उठीं।

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

बुआ ने अपने दोनों पैरों को सख्त कर लिया। स्वामीजी ने उनके तने हुए चूचियों को अपनी हथेलियों में लेकर हल्के-हल्के दबाना शुरू किया। कुछ देर बाद जब स्वामीजी ने देखा कि उनके पैर ढीले पड़ने लगे, तो उन्होंने अपनी कमर को फिर से हिलाना शुरू किया। बुआ के मुँह से फिर “आआआह्ह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” की आवाज़ें निकलने लगीं। स्वामीजी ने उनके चूचियों को जोर-जोर से मसलना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद स्वामीजी ने एक ज़ोरदार धक्का मारा तो वो “आह्ह्ह्ह… नईईईई” कहकर चीख पड़ी। स्वामीजी ने पूछा, “क्या हुआ?” लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, बस स्वामीजी के हर धक्के के साथ सिसकियाँ लेती रही। स्वामीजी ने अपने लिंग का दो-तिहाई हिस्सा उसकी योनि में डाल दिया था। अब स्वामीजी उसके पैरों को फैलाने के लिए उठकर बैठ गए और उसके पैरों को पकड़कर थोड़ा समेटते हुए चौड़ा कर दिया। अब स्वामीजी ने पूरा मन बना लिया कि वो अपने लिंग को उसकी योनि के अंदर ले जाएँगे।

Hot Sex Story :  पड़ोस वाली आंटी की चुदाई

स्वामीजी ने उसकी कमर को पकड़ा और एक तेज़ धक्का मारा। इस बार वो “आह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्ह… ऊऊऊऊ… नहींईईई… आह्ह्ह्ह… बाबा रे…” कहकर बुरी तरह से तड़प उठी। स्वामीजी ने जब उसकी योनि की ओर देखा तो पाया कि उनका पूरा लिंग उसकी गोरी योनि के अंदर समा चुका था। स्वामीजी ने सोचा कि वो ऐसे शांत नहीं होगी, तो वो उसके ऊपर लेट गए और उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया। फिर अपने दोनों हाथों से उसके दोनों स्तनों को मसलने लगे। स्वामीजी ने तेज़-तेज़ धक्के लगाना भी शुरू कर दिया। कुछ देर बाद स्वामीजी ने अपनी कमर के नीचे देखा तो पाया कि अब वो भी अपनी कमर को हिलाने लगी थी। शायद उसे भी अब मज़ा आने लगा था। स्वामीजी ने पूछा, “मज़ा आ रहा है?” तो उसने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया।

कुछ देर तक ऐसे ही संभोग करने के बाद, जैसे ही स्वामीजी ने अपने वीर्य को उसकी योनि में छोड़ा, वो एक तरफ उसके होंठों को चूसते रहे और दूसरी तरफ उसके स्तनों को मसलते रहे। उसने भी पूरा साथ दिया। अब दोनों बुरी तरह थक चुके थे।