देसी हाउसवाइफ भाभी की गांड में वैसलीन लगा कर पेला
एक भारतीय सेक्स कहानी है दोस्तों, मेरा नाम मोहित है और मैं आज तुमसे अपनी सेक्स के बारे में बात करने जा रहा हूँ। मैं 21 साल का लड़का हूँ, एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ। मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है। दोस्तों, जिसके साथ मैंने सेक्स किया है वो मेरी भाभी है, जिनका नाम अनीता है और वो एक हाउसवाइफ हैं। उनका साइज़ 34-32-38 है। वो इतनी सेक्सी हैं कि मैं हमेशा उन्हें छूना चाहता था। जब भी मौका मिलता, मैं उन्हें नहाते हुए देखता था, खासकर उनकी गांड देखकर ही मुझे मस्ती आ जाती थी, खासकर जब वो भिगोई हुई पेटिकोट में होती थीं…
अब सीधे कहानी पर आते हैं तो बात आज से दो महीने पहले की है। मैंने उन्हें छोड़ने के लिए पूरा प्लान बना लिया था। मैंने दुकान से चुदाई की गोली ले आई थी और एक रात ऐसा आया कि क्या बताऊं, माँ-बाप दुकान में शॉपिंग पर गए थे और भाई बच्चों के साथ अपने दोस्त के यहाँ भोज पर गए थे। उस रात हमने खाना खाया और मैंने वो गोली उनकी सब्जी में मिला दी लेकिन उन्होंने वो नहीं खाई। फिर भी मैं उन्हें उस दिन चोदना चाहता था, तो मैंने सोचा कि क्या किया जाए। तब मैंने एक कदम उठाया जब वो कमरे में जा रही थीं तो मैंने चेहरा बंद करके उनके पीछे जाने लगा और जब वो अँधेरे में पहुँच गईं तो मैंने उन्हें पीछे से कसकर पकड़ लिया। वो बोली तो मैंने उसका मुंह पर किस कर दिया।
मैंने अपना लंड वाला भाग उनकी गांड में घुसाकर रखा था। वो क्या आनंद मिला था! वो मुड़ी और बोली, “कौन हो तुम? छोड़ो मुझे नहीं तो मैं चिल्लाऊंगी!” मैंने कहा, “चिल्ला के दिखाओ।” उसने मेरी आवाज पहचानी और बोली, “मोहित तुम? ये क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे!” मैंने कहा, “नहीं भाभी, बस एक बार दे दो।” उसने मना किया। मैंने प्यार से उसे पकड़ लिया और अपना हाथ उनकी गांड में रखकर फेरने लगा। वो दूर होने लगी और बहुत लंबे समय तक चूदा था लेकिन मुझे चोदनाथा बस… और उसने कहा, “अगर आज कर लेते हो तो रोज मांगोगे मैं नहीं दूंगी!” मैंने कहा, “बस 5 मिनट भाभी।” उसने कहा, “नहीं… और मुझे जाने दो।” तो मैंने एक चाल चली जो सीधे निशाने में लगी। मैंने कहा, “एक तो तुम मुझे छोड़ो नहीं तो मुझे तुम मुझे अपने शरीर को छूने दो।” उसने कहा, “बिलकुल नहीं!” लेकिन मैं डटे रहा और आखिरकार वो मान गई। उसने कहा, “ठीक है, बस ऊपर से ही छुओ और किसी को मत बताओ।” मैंने कहा, “ओके,” और वही अँधेरे में मैं उसे छूने लगा। पहले मैं उसके पीछे गया और अपना लंड बाहर निकाल रखा था और जाकर उसकी गांड में लगा दिया। उसने कहा, “आंदर रखो।”
मैंने कहा, “एक तो छोड़ो या इसे बाहर ही रहने दो।” वो गुस्से में बोली, “मैं तुझे छोड़ूंगी नहीं!” लेकिन मैं उसे प्यार कर रहा था। उसकी गांड में लंड सीधा रखा और हिलाने लगा और हाथों से उसकी कमर से होते हुए ऊपर उसके बूब्स में आया। उसने अपना हाथ हटा दिया लेकिन फिर से रख दिया। उसने कहा, “अब बस” फिर मैं उसके सामने आया और अपना लंड चूत की जगह पर रखा और अपना हाथ उसकी गांड में और दबाने लगा और बोला, “बस एक मिनट और” और मैं वहाँ पड़ी कपड़े को लेकर वापस गया और दोबारा पीछे गया और दोबारा लंड गांड में रख दिया। लेकिन इस बार मैंने उसमें मूव करना शुरू कर दिया। उसने कहा, “क्या कर रहे हो?” मैंने उसकी हाथ पकड़ लिया और मुंह में दबा दिया और किस करने लगा। वो शुरू में माना रही थी लेकिन कुछ देर बाद साथ देने लगी और हिलना बंद कर रही थी। उसके फायदा उठाने के लिए मैंने अपना हाथ उसकी चूत के ऊपर रखकर सहलाने लगा। उसकी सांसें धीमी हो रही थीं। मुझे समझ गया कि काम बन रहा है और मैं आगे बढ़ता रहा और अपना मुंह उसकी बूब्स में रखकर चूसने लगा। उसने मेरे बाल पकड़े और दबाने लगी।
मैंने मौका देखकर कहा, “आंदर चलो।” उसने कहा, “हाँ।” मैंने कहा, “लेकिन स्टोर रूम में।” उसने कहा, “हाँ।” मैं पूरी तरह से नंगा हो गया। उसने कहा, “ये क्या?” मैंने उसे बताया कि मैं हमेशा से उसे चोदना चाहता था। वो सीधी खड़ी थी। उसने कहा, “बस 5 मिनट में खुसी से ओके।” और मैं उसके पीछे बैठा गया और गांड में मुंह रखकर चूसने लगा। मैंने उसका साड़ी ऊपर उठाया और बोला, “पकड़ो।” उसने साड़ी पकड़ी और मैंने उसकी चड्डी उतार दी और चटने लगा। वो मेरे सिर को दबाने लगी। 5 मिनट तो चूसने में ही लग गए। कुछ देर बाद उठा और उसे लिटा दिया सीधे और उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और पेलने लगा और बूब्स को भी आजाद कर दिया था। मेरा लंड चूत में था। मैंने लंड को दबाने लगा। वो सिस्की “आह्ह्ह” और पेलने लगा जोर से”सिसकी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् धीरे धीरे करो लेकिन मुझे मजा आ रहा था और धक्के मारना शुरू कर दिया और बूब्स को चूसने लगा। वहाँ वो “आहाहाहा” और “उहुहुहु” और “अराम्म” और “सै आइ” जैसी आवाज निकाल रही थी जिसे सुनकर मैं और जोश में आ गया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा।
और जोर से चोदने लगा वो कराह रही थी “आईकिक्ज्जटयAyayYYY नही निकलो दर्द हो रहा है अहा हा हा हा हा हा हा हा भूभूभुभुभुभु” उसके बूब्स मस्त उछल रहे थे। कुछ देर बाद मैं जल्दी से निकलने वाला था तो मैंने लंड मुंह में डाल दिया और माल निकाल दिया। बहुत सारा माल निकला यार। माल निकालने के बाद वो ऊपर ही पड़ा रहा। आधा माल शायद निकल गया था, आधा उसने थूंक दिया। और उसने कहा, “अब बस” लेकिन मुझे गांड मारनी थी। मैंने कहा, “थोड़ा रुको” और उंगली चूत में डालकर अंदर बाहर कराने लगा। वो मजा लेने लगी। 10 मिनट बाद दोबारा मेरा लंड खड़ा हुआ और मैंने उसे पेट के बालों से लिटा दिया फिर उसकी गांड को चाट-चट करके साफ किया। उसने कहा, “क्या कर रहे हो?” मैंने कहा, “मुझे गांड मारनी है।” उसने कहा, “नहीं मैं नहीं चुदाई हूँ कभी गांड से दर्द से मर जाऊंगी।” मैंने कहा, “कुछ नहीं होगा।” बहुत समझाने के बाद वो मान गई और बोली, “ले मेरे लंड साफ कर और मुंह में डाल दे।”
वो चूसने लगी। कुछ देर चूसने के बाद उसने मेरी जांघों पर आकर बैठा और कहा, “फैलाओ ना।” उसने एक-एक कूल्हे को दोनों हाथों से फैलाया। उसकी ब्लैक छेद दिख रही थी। उसमें मैंने अपना लंड रखा। फिर उसने हाथ छोड़ दिए। क्या आनंद था यार! मेरा सपना जो पूरा हुआ था। फिर मैं अंदर बाहर कराने लगा। लंड अंदर नहीं जा रहा था, बहुत टाइट गांड थी। उसने कहा, “देखा?” मैंने कहा, “चुप chap लेती रहो।” मैंने इधर-उधर नजरें डाली तो ऊपर में वेसलीन का डिब्बा रखा था। उसे नीचे उतारा और उसमें कुछ वेसलीन बचा हुआ था। मैंने फिर फैलाने को कहा। वो फैला दी तो मैंने कुछ उंगलियों से निकालकर उसकी गांड के छेद में लगा दिया। उसने कहा, “ये क्या है?” मैंने कहा, “कुछ नहीं, ये लिक्विड है” और अपना लंड पूरी तरह से वेसलीन से सजाया और लंड दोबारा डाल दिया। इस बार पहले ही शॉट में आधा लंड अंदर चला गया। वो दर्द से चिल्लाई “आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
धीरे धीरे करो” बाहर निकालो आइयायययय” मैंने कहा, “आवाज मत करो कोई सुन लेगा।” उसने कहा, “कृपया बाहर निकालो नही हो रहा है”।
लेकिन मुझे क्या? मुझे तो बस लेना था। मैं पूरी ताकत से अंदर बाहर कराने लगा। वो कराह रही थी। कुछ देर बाद वो सामान्य होने लगी। मैं और जोर लगाने लगा। पूरे कमरे में “फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट फट” की आवाजें गूंज रही थीं और वो “उहुहुहु” और “आहाhahahahiiiyyayayayay” बस बस बस कर रही थी। मैं दोबरा जल्दी से निकलने वाला था, मैंने उसकी गांड में ही पूरा माल निकाल दिया और जब लंड बाहर निकला तो मेरा लंड पूरी तरह लाल था और उसकी गांड भी लाल थी। हम दोनों ने एक दूसरे को साफ किया। मैंने गांड को और वो मेरे लंड को और उठकर किस करने लगे और जाकर सो गए। तब तक 3 बजे हो चुके थे। तब से लेकर आज तक जब भी मौका मिलता है बस चोद देता हूँ। जल्द ही अगली कहानी में बताऊंगा… और कैसे मैंने अपने दोस्त को भाभी की गांड मारवाई… “Desi Housewife Ki Gand”