चुदाई की कहानियाँ

अंकिता ने अपनाया चुदाई का रास्ता-1

Ankita ne apnaya chudai ka raasta-1

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं बैगलोर के एक बैंक में कर्मचारी हूँ| काफी साल से बैंक में नौकरी करने की वजह से मेरी बैंक वालों से काफी अच्छी बनी हुई थी| कुछ ही समय तक बैंक में काम करते हुए मुझे बैंक में मैनेजर भी बना दिया गया था| आज मैं आपको मेरी एक सच्ची सेक्स की कहानी बताने वाला हूँ जिसे जानकर आपको मजा ही आ जाएगा|

यह बात आज से करीब 1 साल पहले की है जब मेरी उम्र 32 साल थी| मेरी शादी हो चुकी थी और मेरे दो बच्चे भी थे| मैं काफी सरल स्वभाव का हूँ लेकिन मैं काफी ज्यादा कामुक हूँ| मुझे अपनी सेक्स की इच्छा को कंट्रोल करना अच्छे से आता है और यही वजह है कि आज तक मेने अपनी बीवी के अलावा किसी और लड़की को चोदने के बारे में सोचा तक नहीं था| मेरी जिन्दगी काफी सही चल रही थी| मैं अपनी बीवी और दो बच्चो के साथ बहुत खुश था, लेकिन एक दिन मेरी जिन्दगी में एक ऐसी लड़की आई जिसने मेरी जिंदगी को काफी हद तक बदल कर ही रख दिया था| एक बार की बात है जब हमारे बैंक में एक नयी कर्मचारी आयी और उस कर्मचारी का नाम अंकिता था|

अंकिता की उम्र 28 साल थी, लेकिन उसका शरीर 20 साल की किसी खुबसुरत लड़की की तरह लगता था| अंकिता की शादी एक साल पहले ही हुई थी, लेकिन अभी तक उसका कोई बच्चा नहीं था| अंकिता का शरीर एक दम गौरा और चिकना था| उसकी शर्ट के ऊपर से दिखने वाले हलके से और सफेद बूब्स उसे और भी ज्यादा आकर्षित बनाते थे| जब भी वह चलती थी, तो उसकी ठुमकती हुई चाल के साथ लोगों की नजर उसकी गांड और बूब्स पर टिक सी जाती थी|

अंकिता हमेशा काली स्कर्ट में बैंक आया करती थी, जिसमे हिल वाली सेंडिल पहनने के कारण मेरी नजर बार-बार उसकी ठुमकती हुई टांगों और गांड की तरफ जाती थी| मैं जब भी अंकिता को देखता था, तो मेरी पेंट में एक लम्बा चौड़ा तम्बू तन जाया करता था| पता नहीं क्यूँ पर मुझे अंकिता वासना की भूखी लगती थी|

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वो काफी समय से बैंक में काम कर रही थी, लेकिन फिर भी काफी समय से मेरी अंकिता से बात नहीं हो पा रही थी| कुछ दिन बाद ऐसे हुआ कि अंकिता खुद ही मुझे देखकर मुझसे थोड़ा हाय हेल्लो करते हुए बाते करने लग गयी थी| वो अक्सर मुझसे मुस्कुरा कर बातें करती थी और मुझसे बातें करने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ ही लिया करती थी| कुछ दिन से तो वह मेरे ऑफिस में भी आने लग गयी थी| वह बातों ही बातों में जानबूझकर मुझसे डबल मीनिंग वाली बातें करने लग जाया करती थी| साथ ही मौका मिलने पर वह बातों ही बातों में बार-बार झुक कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन करवा दिया करती थी| अंकिता की हरकतों को देख कर समझ गया था कि अंकिता मुझसे किसी बड़ी वजह से नजदीकिया बड़ा रही है| वैसे तो मैं लड़कियों के मामले में काफी सख्त था और अपनी पत्नी के अलावा किसी और लड़की के बारे में सोच भी नहीं सकता था लेकिन फिर भी पता नहीं क्यूँ मैं अंकिता की तरफ खींचा ही चला जा रहा था| शायद मेरा अंकिता की तरह आकर्षित होने की वजह उसका लाजवाब फिगर था| अब मैं भी अंकिता के साथ नजदीकियां बढाकर उसे चोदना चाहता था और साथ ही यह भी जानना चाहता था कि आखिर अंकिता मेरे साथ इतनी नजदीकियां क्यों बढ़ा रही है|

कुछ ही दिनों में अंकिता और मेरी अच्छी बातचीत होने लग गयी थी| हम अक्सर ऑफिस से घर जाने के बाद रात भर फ़ोन पर एक दूसरे से बातचीत किया करते थे| एक बार ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे के साथ फिल्म देखने के लिए भी चले गए थे| हम दोनों ने थियेटर में एक दम कोने वाली सिट ले रखी थी| थियेटर में एक रोमांटिक फिल्म चल रही थी| मेने सही मौका पाते हुए पहले तो अंकिता के हाथ पर हाथ रख दिया और जैसे ही अंकिता ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा मेने अंकिता के होठ पर होठ रखते हुए उसे एकदम जबर्दस्त किस कर दिया था| उसके मेरे चूमने का बिलकुल भी बुरा नहीं लगा था जिस वजह से मेरी हिम्मत और भी ज्यादा बढ़ने लग गयी थी| फिल्म देखने के दौरान ही मैं अंकिता की जाँघों पर हाथ फेरने लग गया था| इस दौरान अंकिता कि सांसे तेज और भारी हो गयी थी| उसकी आँखें बार-बार बंद हो रही थी, शायद उसे भी काफी मजा आ रहा था|

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उसके बाद हमें घर पर निकलना था, इसलिए मेने अंकिता को उसके घर पर छोड़ दिया था| उस दिन के बाद से मैं रोज अंकिता को ऑफिस के बाद उसके घर छोड़ने जाया करता था| एक बार की बात है जब अंकिता के पति अपने काम के सिलसिले से कहीं बाहर गए हुए थे| इसी दौरान अंकिता ने मुझे चाय पीने के लिए अपने घर पर बुलाया था| रोजाना की तरह मैं, अंकिता को उसके घर पर छोड़ते हुए उसके घर चाय पीने के लिए रुक गया था| पहले तो अंकिता एक रूम में गयी और अपनी ऑफिस ड्रेस को बदलकर एक हॉट अंग प्रदर्शन करने वाली ड्रेस पहन कर मेरे सामने आ गयी थी|

अंकिता मुझसे कहा “आप बैठिये मैं थोड़ी देर में आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ| कुछ ही देर में अंकिता चाय बनाकर मेरे पास आ चुकी थी| अंकिता चाय का कप रख कर मेरे पास बैठ गयी थी| मुझे ऐसा लग रहा था कि वो मुझसे कुछ कहना चाहती है लेकिन वो शायद कुछ कह नहीं पा रही थी| लेकिन मेरा इरादा शायद कुछ और ही था| मैंने अंकिता की तरफ प्यार भरी निगाहों से देखा और फिर उसे छूने के लिए आगे बढ़ने लगा| मेने अंकिता के होंठ पर अपने होंठ रखे ही थे कि अंकिता ने मुझे दूर करते हुए कहा कि “सर मैं आप से कुछ बात खाना चाहती हूँ”| मेने भी थोड़ी हैरानी से देखते हुए अंकिता से कहा “ हाँ बोलो तुम मुझसे क्या कहना चाहती हो?”|

अंकिता का चेहरा निराशा से भर गया था| उसने रोते हुए मुझसे कहा “सर मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूँ और एक साल पहले ही मेरी शादी हुई है| मैं अपने पिता की इकलौती लड़की हूँ इसलिए उन्होंने मुझे पालने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी| उन्होंने मुझे पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और उन्ही की वजह से मैं आज बैंक में काम कर रही हूँ| मेरी सभी सपनों को पूरा करने से लेकर मेरी शादी करने तक के लिए उन्होंने इतना कर्जा ले लिए था कि अब वह कर्जे में बिलकुल डूब ही गए है| मैं उनकी मदद करना चाहती हूँ लेकिन अब मेरे ससुराल वाले मुझे उनकी कुछ ख़ास मदद नहीं करने देते है| लेकिन अगर आप चाहे तो आप मेरी काफी मदद कर सकते है|

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मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकता हूँ” – मेने थोड़ी हैरानी से पूछा

“अगर आप मेरे प्रमोशन की सिफारिश कर देते है तो मैं अपने परिवार की ज्यादा से ज्यादा मदद कर सकती हूँ और इसके लिए आप जो बोलेंगे मैं आपके लिए वो सब करने के लिए भी तैयार हूँ”| – अंकिता ने जवाब देते हुए कहा

“ अच्छा तो तुम मेरे लिए क्या कर सकती हो”? – मेने ऐसे ही अंकिता से पूछ लिया

अंकिता काफी समझदार थी और वह मेरी जरुरत को काफी अच्छे से समझती थी| वो तुरंत ही मेरी तरफ बड़ी और उसने मुझसे धक्का देते हुए बिस्तर पर लेटा दिया था| अब वह मेरे ऊपर बैठ गयी थी| इस दौरान मैं उसकी यौनी को अपने लिंग से रगड़ खाते हुए महसूस कर सकता था| उस समय अंकिता ने एक हॉट स्कर्ट और शर्ट पहनी हुई थी| अब मेने अंकिता की शर्ट के ऊपर से ही बूब्स को दबाना शुरू कर था| अंकिता की सांसे एक दम तेज होने लग गयी थीं| अंकिता बहुत ही ज्यादा हॉट दिखने वाली लड़की थी, वह मेरे लिंग के ऊपर बैठकर अपनी चूतड़ से मेरे लिंग पर रगड़ें जा रही थी।