संजू और अन्तिमा की हॉट कुंवारी चूत चुदाई कहानी, लखनऊ से बैंगलोर तक
लखनऊ के 26 साल के संजू की सच्ची सेक्स स्टोरी, जिसमें बैंगलोर में उसकी मौसी अन्तिमा ने अपनी कुंवारी चूत और चूचियाँ ऑफर की। मॉडलिंग के सपनों के लिए हवस की राह पर चली 21 साल की हॉट लड़की की कामुक कहानी। पढ़ें चुदाई का रोमांच!
मैं हूँ संजू, 26 साल का, लखनऊ, यूपी का रहने वाला। ज्योतिष और सेक्सी कहानियों का दीवाना। सारी भाभियों, सालियों, कुँवारी चूतों, और भोसड़ों को मेरा बार-बार प्रणाम! मैं वादा करता हूँ कि जैसे मेरी पहली स्टोरी पढ़कर आपकी चूत और भाइयों के लंड से वीर्य की छींटें हिंदुस्तान, पाकिस्तान, ब्रिटेन, अमेरिका तक पहुँची थीं, वैसे ही इस बार भी आप मुझे मेल करके बताना कि चूत भोसड़ा बनी या नहीं, लंड की चोदने की स्पीड 4X हुई या नहीं, और बुर के फव्वारे से लंड भीगे या सूखे रहे? तो चलो, स्टोरी पे आते हैं—भाइयो लंड पे हाथ, भाभियो बुर में उंगली, रेडी हो जाओ!
मेरी स्टोरी की हीरोइन है अन्तिमा—दूर की रिश्ते में मेरी मौसी लगती है। उसका घर बैंगलोर में है। एक काम के सिलसिले में मैं वहाँ गया था। अन्तिमा की उम्र 21 साल, रंग गोरा, हाइट 5’6”, और बॉडी ऐसी कि देखते ही लंड खड़ा हो जाए। जब मैं उनके घर पहुँचा, तो उसकी मामी ने इंट्रोड्यूस कराया, “ये तुम्हारी छोटी मौसी है, मॉडल बनना चाहती है। ज्योतिषी हो ना, इसका हाथ देखकर बता कि सक्सेस मिलेगी या नहीं?” मैंने उसका हाथ देखा और बोला, “कोशिश करो, थोड़ी सक्सेस जरूर मिलेगी। भाग्य अच्छा है, लेकिन तुम मॉडल्स सेलेक्ट करोगी, खुद मॉडल नहीं बनोगी। और हाँ, तुम्हारी लव मैरिज का योग साफ दिख रहा है।”
ये सुनते ही वो भड़क गई, बोली, “आप मम्मी को क्यों भड़का रहे हो?” और गुस्से में पैर पटकते हुए ऊपर अपने रूम में चली गई। उसने खाना भी नहीं खाया। मैंने उसकी मम्मी से कहा, “आप खाना लगाओ, मैं उसे बुलाकर लाता हूँ।”
मैं ऊपर गया, दरवाजा खोला, अंदर घुसा, और हल्के से दरवाजा बंद हो गया। वो बेड पर पेट के बल लेटी थी, रो रही थी, मुँह तकिए में छुपाए। उसकी टाइट स्कर्ट लेटने की वजह से ऊपर चढ़ गई थी। पिंक पैंटी साफ दिख रही थी, और उसकी चिकनी जाँघें संगमरमर की तरह चमक रही थीं—ऐसी कि किसी की भी नियत बिगड़ जाए। मैंने उसकी पीठ पर हाथ रखा और बोला, “अन्तिमा, उठो यार, ये क्या ड्रामा है? चलो, सब नीचे वेट कर रहे हैं।”
अचानक वो उठी और मेरे सीने से लिपट गई। सिसकियाँ लेते हुए उसकी गोल-गोल चूचियाँ मेरे चेस्ट से दबने लगीं। उसकी पीठ सहलाते-सहलाते मेरा लंड टाइट हो गया। 21 साल की हॉट लड़की अपने जिस्म से मुझे क्रश कर रही थी—करंट सा दौड़ गया मेरे अंदर। उसने अपनी शर्ट के बटन खोले और बोली, “संजू, जो चाहो कर लो, लेकिन मम्मी से जो कहा वो वापस लो। मैंने बॉलीवुड के लिए ढेर सारे सपने सजाए हैं। आज तक किसी लड़के को कुछ नहीं दिया। मेरी चूचियाँ तक किसी ने नहीं छुईं। मेरी बुर अभी भी इतनी टाइट है कि बस मूत ही सकती हूँ। मेरी सारी फ्रेंड्स अपने बॉयफ्रेंड्स से चुदवाती हैं। जिनके पास BF नहीं, वो एक-दूसरे की चूचियाँ चूसती हैं, बुर में प्लास्टिक पाइप डालती हैं, चूत से चूत रगड़कर झड़ जाती हैं।”
वो आगे बोली, “वो कहती हैं कि मैं सेक्सी हूँ। अगर महेश भट्ट या राम गोपाल वर्मा तक पहुँच जाऊँ, तो मेरा काम बन जाएगा। लेकिन लिंक चाहिए। संजू, तुम्हारे पास बड़े-बड़े कॉन्टैक्ट्स हैं, प्लीज कोई जुगाड़ करो। देखो, मैंने अपनी झाँटें भी ओरिजिनल रखी हैं, कभी शेव नहीं की!” इतना कहकर उसने स्कर्ट उतार फेंकी और मेरा हाथ अपनी बुर पर रखवाया। बोली, “देखो, मैं झूठ नहीं बोल रही। तुम इतने अच्छे हो, तुम्हारी बात कभी गलत नहीं होती। लेकिन क्या तुम्हारी एक बात मेरी कुंवारी चूत की तपस्या बर्बाद कर देगी? नहीं! तुम्हें सब ठीक करना होगा। जो पैसा लगेगा, मैं दूँगी। मेरी सबसे बड़ी दौलत मेरी कुंवारी चूचियाँ और चूत है—जो चाहो कर लो!”
उसकी बातें सुनकर मैं शॉक्ड हो गया। कोई लड़की इतनी बेशर्मी से बोल सकती है क्या? मैंने कहा, “अच्छा, चलो नीचे, सब वेट कर रहे हैं। मैं देखता हूँ क्या कर सकता हूँ।” मेरा लंड बंबू की तरह टन गया। चुदाई तो कर सकता था, लेकिन कन्फ्यूज भी था कि क्या करूँ। वो बोली, “नहीं, अभी बताओ। ओह, समझी—मुझे एडवांस देना है!” इतना कहकर उसने दरवाजा लॉक किया, मेरी पैंट की जिप खोली, और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। बोली, “संजू, अच्छा लग रहा है ना?” मैंने कहा, “अन्तिमा, मैं पागल हो जाऊँगा, प्लीज!”
वो बोली, “क्या करूँ? चलो, मेरी चूत भी चोद लो। लेकिन इतना मोटा लंड मेरी टाइट बुर में… कल मेरी फ्रेंड के घर चोदना, वरना मैं चिल्लाऊँगी तो कोई आ जाएगा।” फिर वो मुझे बेड पर ले गई, ब्रा का हुक खोला। उसकी गोल-गोल चूचियाँ लाल-लाल निप्पल्स के साथ बाहर आ गईं। उसने दोनों को आपस में सटाया और बोली, “आज इनके बीच में चोद लो, बुर कल!” मैं पागल हो गया। उसकी चूचियों को थूक लगाकर चूसने लगा। वो “आह्ह… ऊह्ह… स्स्स…” की सेक्सी आवाजें निकाल रही थी।
फिर मैंने एक उंगली उसकी बुर में डाली। वो गीली और लसलसी थी, लेकिन पक्का कुँवारी। यहाँ चोदना रिस्की था। मैंने उसके गुलाबी होंठों को जीभ से चाटा। वो मस्ती में “आह्ह… प्लीज्ज…” कर रही थी। तभी उसकी चूचियों के बीच मेरा लंड फट पड़ा—वीर्य की छींटें उसके बालों तक गईं। मैं झड़ गया, लेकिन बुर चुदाई का मजा कई गुना था। वो बोली, “संजू, एडवांस दे दिया। कल बुर चुदवाऊँगी। आज मजा आया। कल चलना, मेरी फ्रेंड की चूत दिलवाऊँगी। वो अभी उंगली डालती है। या फिर मेरी कुँवारी बुर चाहिए तो वो भी!”
इतना कहकर वो बाथरूम चली गई। मैंने भी लंड धोया और नीचे आ गया। अगले दिन मैंने दोनों की बुर ली—वो अलग स्टोरी है!