लखनऊ की सुहागरात: निशा और प्रताप की पहली चुदाई की हॉट कहानी
लखनऊ के मशहूर राज ठाकुर के छोटे बेटे प्रताप ठाकुर की शादी हो चुकी थी। घर में पहली बार छोटी बहू निशा कदम रख रही थी। निशा थी तो बेहद खूबसूरत, प्यारी और हॉट—एक ऐसी लड़की जिसे देखकर हर किसी का दिल धड़क उठे। पर सच ये था कि निशा इस शादी से खुश नहीं थी। उसकी मर्जी के खिलाफ उसके मम्मी-पापा ने ये रिश्ता तय कर दिया था। वो एक मॉडर्न लड़की थी, जो लव मैरिज में यकीन रखती थी, लेकिन अब उसकी जिंदगी एक अरेंज मैरिज की राह पर चल पड़ी थी।
शादी बड़े धूमधाम से हुई। ढोल-नगाड़ों के बीच घर में प्रवेश हुआ और अब बारी थी सुहागरात की—निशा की पहली सुहागरात की। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। घबराहट, डर और उदासी—सब एक साथ उसे घेरे हुए थे। ये उसका पहला अनुभव था और वो भी ऐसे शख्स के साथ, जिसे वो ठीक से जानती तक नहीं थी।
दूसरी तरफ, प्रताप ठाकुर—एक हट्टा-कट्टा, हैंडसम और लखनऊ के रईस खानदान का लड़का। उसकी आँखों में सुहागरात का रोमांच साफ झलक रहा था। वो बार-बार सोच रहा था, “क्या लक है मेरा! बारहवीं पास मैं और मेरी बीवी B.A. पास, एजुकेटेड और हॉट। अब तक तो मैं बस देसी सेक्स स्टोरीज पढ़ता था, लेकिन आज रियल में सब कुछ एक्सपीरियंस करने वाला हूँ।”
प्रताप अपने कमरे में दाखिल हुआ। कमरा फूलों से सजा था और बिस्तर पर निशा लाल जोड़े में उसका इंतजार कर रही थी। रीति-रिवाजों के मुताबिक, निशा ने उसे दूध का गिलास थमाया। प्रताप ने गिलास लिया, लेकिन उसे पीने की बजाय निशा को पकड़ा दिया।
निशा ने हैरानी से कहा, “ये आपके लिए है।”
प्रताप मुस्कुराया, “मैं दूध नहीं पीता। तुम पी लो, तुम्हें आज रात के लिए ढेर सारी एनर्जी चाहिए होगी।” फिर उसने अपनी जेब से 3-4 एनर्जी ड्रिंक्स निकाले और गटागट पी गए। उन ड्रिंक्स ने उसके अंदर की वासना को और भड़का दिया। उसकी नजरें अब निशा पर टिक गईं।
वो निशा के पास आया, उसका पल्लू हटाया और वासना से भरी नजरों से उसके बड़े-बड़े स्तनों को देखने लगा। उसने धीरे से ब्लाउज के बटन खोलने शुरू किए। निशा का चेहरा उदास था, उसे ये सब बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था। वो चुपचाप बैठी रही, लेकिन उसकी आँखों में नाराजगी साफ दिख रही थी।
प्रताप ने उसकी उदासी भाँप ली और थोड़ा गुस्से से बोला, “क्या हुआ? इतनी dull क्यूँ हो? मेरा mood खराब मत करो!”
निशा ने धीमी आवाज में कहा, “मैं ये शादी नहीं करना चाहती थी। मेरी अरेंज मैरिज करा दी गई।”
प्रताप ने भौंहें चढ़ाईं, “तो क्या हुआ? अरेंज मैरिज हुई तो क्या मैं handsome नहीं हूँ? मेरे पास पैसा नहीं है? या तुम्हें लगता है मैं तुम्हें प्यार नहीं दे सकता?”
निशा ने उसकी आँखों में देखा, “नहीं, वो बात नहीं है।”
प्रताप ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “फिर टेंशन क्यूँ ले रही हो? मैं तुम्हारा perfect हस्बैंड बनूँगा। और अगर अभी भी nervous हो, तो ये लो—एक एनर्जी ड्रिंक तुम भी पी लो।”
निशा ने ड्रिंक पी ली। कुछ ही पलों में उस ड्रिंक ने उसके अंदर की हिचक को दूर कर दिया और उसकी वासना जाग उठी। दोनों की नजरें मिलीं। एक पल को सन्नाटा छाया, फिर अचानक दोनों एक-दूसरे से लिपट गए।
चुम्मा-चाटी शुरू हो गई। दोनों एक-दूसरे के होंठों को ऐसे चूस रहे थे जैसे कोई पिघलती आइसक्रीम हो। निशा प्रताप के होंठों को चूस रही थी, और प्रताप उसकी जीभ को। दोनों एक-दूसरे को वासना का रस पिला रहे थे। कमरे में साँसों की गर्मी बढ़ने लगी।
प्रताप ने धीरे-धीरे निशा के सारे कपड़े उतार दिए। उसके नंगे जिस्म को देखकर वो पागल हो उठा। उसने निशा के स्तनों को मुँह में लिया और चूसने लगा।
निशा की मादक सिसकारियाँ निकलीं, “आह… आह…!”
प्रताप नीचे की ओर बढ़ा। उसने निशा के पेट को चूमा, फिर उसकी योनि तक पहुँच गया। जैसे ही उसने उसे चाटना शुरू किया, निशा ने उसका चेहरा पकड़कर हटाने की कोशिश की। लेकिन प्रताप रुका नहीं। वो उसकी चूत को चाटता रहा।
निशा की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह… ऊह… आह…!”
अब निशा के अंदर की कामवासना पूरी तरह जाग चुकी थी। वो बस चुदाई की मांग कर रही थी। प्रताप ने उसकी हालत समझी और अपना बड़ा लंड बाहर निकाला। उस पर थूक लगाया और धीरे से निशा की टाइट चूत में घुसाने लगा।
“अरे यार, कितनी टाइट है ये!” प्रताप ने कहा।
निशा ने शर्माते हुए कहा, “ऐसी गंदी बातें मत करो… मेरा पहली बार है।”
प्रताप ने धीरे-धीरे अपना पूरा लंड अंदर घुसा दिया। निशा को तेज दर्द हुआ। वो चीख पड़ी, लेकिन प्रताप ने उसका मुँह दबा दिया।
“बहुत दर्द हो रहा है, प्रताप!” निशा ने कराहते हुए कहा।
“कोई बात नहीं, थोड़ी देर में मजा आने लगेगा,” प्रताप ने उसे चूमते हुए कहा। उसने धीरे-धीरे हिलना शुरू किया। निशा को अभी भी दर्द हो रहा था, लेकिन प्रताप रुका नहीं। वो अपनी पहली चुदाई के मजे में डूबा था। उसने रफ्तार बढ़ाई और जोर-जोर से धक्के मारने लगा।
निशा चीखी, “लंड बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है!”
पर प्रताप ने उसकी एक न सुनी। वो उसके स्तनों को दबाते हुए चुदाई करता रहा। धीरे-धीरे निशा का दर्द कम हुआ और उसे मजा आने लगा। उसकी सिसकारियाँ अब सुकून भरी हो गईं, “आह… आह… आह…!”
प्रताप समझ गया कि अब निशा भी enjoy कर रही है। उसने रफ्तार और तेज कर दी। दोनों वासना के समंदर में डूब गए। प्रताप निशा की चूचियों को पी रहा था, उसे चूम रहा था, और जोर-जोर से चोद रहा था। निशा ने अपने पैरों से उसे कस लिया।
कमरा उनकी सिसकारियों और बिस्तर की चरमराहट से गूँज उठा। कुछ ही पलों में दोनों चरम सुख के करीब पहुँच गए। प्रताप ने आखिरी जोरदार धक्के मारे और अपना सारा माल निशा की चूत में झाड़ दिया।
“आह… ओह्ह!” प्रताप की साँसें तेज थीं।
“आह… आह… ऊह…” निशा भी चरम सुख के नशे में थी।
दोनों एक-दूसरे की बाहों में लेट गए। निशा ने प्रताप को चूमा और कहा, “लगता है भगवान ने मेरी जोड़ी सही इंसान से बनाई है। तुम मुझे हर सुख दोगे।”
प्रताप ने उसे गले लगाते हुए कहा, “बिल्कुल! मैं तुम्हें दुनिया की हर खुशी दूँगा। मुझे तुमसे प्यार हो गया है।”
दोनों के बीच प्यार की एक लहर दौड़ गई। वो एक-दूसरे से लिपटे, नंगे ही सो गए—सुहागरात की इस रात को यादगार बनाते हुए।