हिंदी सेक्स स्टोरी

बाबा जी ने चूत पेल दी-1

(Baba ji ne chut pel di-1)

हैल्लो दोस्तों.. आज में गरमा गरम चूत पिघलने और लंड हिलाने वाली गरमा गरम कहानी लेकर हाज़िर हूँ. मेरी चुदक्कड़ शानू बहुत ही रंगीन मिज़ाज़ की है और उतनी ही चुदवाने में माहिर.. वो दिन में ना जाने कितनी चुदाई की सेक्सी फिल्में देखती रहती है. में घर पर से अपने ऑफीस निकला नहीं कि वहह अपनी गांड मटकाती और चूची हिलाती हुई लेपटॉप के सामने जाकर बैठ जाती है और ना जाने इंटरनेट पर क्या क्या साईट्स खोलकर देखती रहती है. अज़ी साईट क्या वो तो अपनी चूत खोलकर बैठ जाती है और मोटे-मोटे, काले-काले, गोरे-गोरे, लंड देखकर अपनी मस्त रसीली चूत को रगड़ने बैठ जाती है और ऐसी मदहोश हो जाती है कि बस पूछो मत.

मैंने उसे कितनी बार समझाया है कि दरवाजा लॉक कर लिया करो और खिड़की पर परदा डाला करो.. लेकिन मेरी कौन सुने और वो कहती है कि क्या हुआ अगर कोई मेरी चूत देखकर जी लेगा तो? फिर में भी अपने लंड पर हाथ फैर कर रह जाता हूँ ठीक मुझे क्या है? चूत गांड मोटी चूची एक औरत के सबसे जरूरी हिस्से हैं और मेरी चुदक्कड़ बीवी के पास तो बड़े बड़े और मस्त मस्त बूब्स और चूत है. दोस्तों यह पिछले दिनों की बात है. मुझे एक दिन के लिए किसी जरूरी काम से बाहर जाना पड़ गया और मेरी मोटे चूतड़ वाली जान की जान पर आफ़त आ गई. फिर वो बोली कि मुझसे तो तुम्हारे बिना रहा नहीं जाएगा और इस तुम्हारे मोटे काले लंड बिना.. (इतना कहते ही शानू ने मेरा लंड पेंट में पकड़ लिया और बस फिर क्या था लगी चूसने. ) आअहह वो पूरे मोहल्ले की एक नंबर की लंड चूसने वाली है.. जब भी गली से निकलती है अच्छे अच्छे बड़े लंड वाले सूरमा अपने लंड पर हाथ फैरने लगते है और वो अपने मोटे मोटे बूब्स बड़ी शान से फुलाकर चलती है.

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तो मैंने उसे समझाया कि जान एक दिन की ही तो बात है और में बस यूँ गया और यूँ आया. फिर शानू ने कहा कि प्लीज मेरी चूत पर तरस खाओ और मत जाओ.. लेकिन अब जाने वाले को कौन रोक सकता था.. लेकिन मेरी कुतिया ने अपने मोटे बूब्स मेरे मुहं में ठूसते हुए कहा कि हरामजादे यह कौन चूसेगा.. पहले इनको चूसकर जा.. वरना में तेरा लंड खींच दूँगी. तो मैंने भी झट से मेरी रंडी के मोटे बूब्स मुहं में अंदर दबाए और निचोड़ना शुरू कर दिए और अपना लंड बाहर निकाल लिया. फिर अपने ऑफीस ट्रिप पर जाने की बात जब पूरे मोहल्ले में जैसे ही यह बात पता चली तो सब अपने लंड उठाकर मेरे घर की तरफ निकल पड़े और कोई बाथरूम, कोई बाल्कनी, कोई खिड़की, कोई दरवाजे से मेरी चुदक्कड़ माल पर नज़र मारने लगा.

फिर मेरी चुदक्कड़ माल भी जैसे ही अपनी छत पर अपनी जालीदार ब्रा पेंटी सुखाने ऊपर पहुंची.. तो मेरा पड़ोसी हरामखोर शर्मा ने अपना लंड निकाल कर हिलाना शुरू किया और मेरी लुगाई भी एक नंबर की चुदेल है उसने मुस्कुराकर अपने होंठो पर अपनी लाल लाल जीभ घुमा दी और हंसकर नीचे चल दी. फिर गली के सभी लड़के सीटी बजते और चिल्ला रहे थे.. एक बार मुहं में तो लेले हमे भी चूसा दे अपने मोटे मोटे बूब्स. तो मेरी पत्नी नीचे आई और उसने अपनी सलवार कुर्ता उतारा और लेकर बैठ गई लेपटॉप और शुरू हो गई चुदाई की फिल्में देखने.. नंगी पड़ी और फिर कभी शर्मा, कभी वर्मा और तो और उन साले पुलिस वाले पांडे पाटिल का नाम लेकर चूत में उंगली कर रही थी और बूब्स खींचती हुई कभी मेरा तो कभी मेरे पिताजी का नाम ले रही थी और सब कुछ भूलकर नशे में पड़ी पड़ी खुद को बुरी तरह मसल रही थी.

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तभी दरवाजे को किसी ने खोला और अंदर आते ही आवाज़ लगाई कि क्या कोई घर में है? दरवाजे पर बाबा आए हैं और बड़ी दूर से आए हैं. शानू ने होश सम्भाला और झटपट ब्रा, पेंटी में ही उठकर ड्रॉयिंग रूम के दरवाजे की तरफ बढ़ी और उसने देखा कि 6 फीट का लंबा मोटा तगड़ा बाबा लम्बी दाड़ी और सर पर साफा बांधे खड़ा मुस्कुरा रहा है और उसने कहा कि हम प्यासे हैं.. कुछ पिला हम भूखे हैं.. कुछ खिला.. तू अब बाबा की सेवा कर जो माँगेगी तुझे मिलेगा. फिर बाबा ने शानू को ऊपर से नीचे देखा और शानू की गीली चूत के निशान वाली पेंटी और बाहर निकलने को बैचेन बूब्स देखकर जैसे उनकी आँखो में चमक आ गई थी. शानू ज़रा सा डर गई और उसने कहा कि ठीक है बाबा में आपके लिए कुछ लाती हूँ आप थोड़ा रुकिए और शानू अंदर रसोई की तरफ चल पड़ी और ना जाने शानू की मस्त मटकती गांड जिसके बीच पेंटी को फंसा हुआ देख बाबाजी खुद को रोक ना पाए और अंदर पीछे पीछे चल दिए.

फिर शानू ने देखा कि बाबा जी भी अंदर आ गये है.. तो उसने कहा कि बाबा जी आप बैठीए में कुछ लाती हूँ.. लेकिन ना तो बाबा जी बैठने वाले थे और ना उनकी लंगोट में छिपा उनका काला मोटा लंड जो घोड़े के लंड जैसा हो गया. फिर शानू ने पानी का लोठा बाबा की और बढ़ाया और कहा कि लीजिए बाबा जी पी लीजिए और प्यास बुझाईये बाबा ने हाथ बढ़ाया.. लेकिन पानी के लोठे को पकड़ने को नहीं शानू के मोटे मोटे बूब्स को दबोचने को. तो शानू चिल्लाई यह आप क्या कर रहे हैं?

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बाबाजी : हम अपनी प्यास बुझा रहे हैं और हम तेरी चूत में लगा अमृत देखकर समझ गये थे कि तुझे बैचेनी है और में अब उसका इलाज करूंगा. फिर बाबा ने झट से शानू की चूची को दबाया और ब्रा को फाड़ कर आज़ाद कर दिया और अब चूची बाबा के सामने लटकने लगी.. बाबा ने झट से शानू के मस्त मस्त गोरे बूब्स अपने मुहं में भरे और चूसने लग गया. शानू छटपटा उठी बाबा बूब्स मुहं से निकालने को तैयार नहीं था बल्कि वो छोटे बच्चे जैसे उसके बूब्स चूस रहे थे और दाँतों के बीच काट रहे थे.. लेकिन अब कब तक शानू खुद पर काबू रखा पाती.

वो भी अब मजे से सिसकियाँ भरने लगी और बाबा को वो सोफे पर अपने मोटे बूब्स चुसवाने लगी. बाबा भी कभी शानू के होंठ चूसता तो कभी निप्पल. फिर शानू का हाथ बाबा के लंगोठ में जा घुसा और उसका काला लंबा नाग जैसा लंड पकड़ कर खींचने लगी. बाबा ने लंगोठ खोला और लंड शानू के मुहं की तरफ कर दिया. तो शानू की तो जैसे किस्मत खुल गई.. एक पूजनीय लंड उसके सामने तैयार खड़ा था और शानू ने उस लंड को भींचा और बाबा की अहह निकल गई. शानू अब उस लंड को चूसने जा रही थी.. लेकिन तभी बाबा ने कहा कि ऐसे नहीं.. पहले इसकी पूजा करो, जल चड़ाओ इस लंड पर.