चुदाई की कहानियाँ

दोस्त की बहन भावना को चोदा

हेलो दोस्तों, मेरा नाम आकाश है और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच है और आज मैं आपको अपनी पहली कहानी सुनाने जा रहा हूँ। यह कहानी मेरे दोस्त की बहन भावना के साथ हुई एक रात की बात है। मैं 22 साल का हूँ और एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ।

यह कहानी तीन महीने पहले की है। उस समय मैं अपने एक दोस्त के साथ दो कमरों वाले फ्लैट में रहता था। उसकी बहन भावना थी, जो बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक थी। उसकी हाइट 5 फुट 6 इंच थी। वह मेरे रूम से कुछ दूर ही एक रूम लेकर अपने एक दोस्त के साथ रहती थी।

मैं अक्सर अपने दोस्त के साथ उसके पास जाता था। वो इतनी सुंदर और गोरी थी कि मैं उसे शब्दों में नहीं बयां कर सकता। मैंने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने का प्लान कई बार बनाया, लेकिन मौका ही नहीं मिला। एक दिन, वह मौका आ गया। मेरे दोस्त एक दिन के लिए अपने घर चला गया और जाते समय उसने मुझसे कहा कि रात को मैं भावना के पास जाऊंगा क्योंकि उस दिन भावना की दोस्त भी अपने एक रिश्तेदार के पास चल रही थी।

मैं रात के आठ बजे अपने रूम से भावना के रूम पर पहुँचा, जो बिल्डिंग के ऊपरी फ्लोर पर था। जब मैं वहाँ पहुँचा तो मैंने भावना को हाफ पैंट और टी-शर्ट में बेड पर बैठी पाया। मैं उसके गोरे पैरों को देखता रहता था, लेकिन उसने कभी ध्यान नहीं दिया। फिर मैं कुछ देर तक उसके साथ बात करता रहा।

अब मैं सोने के लिए तैयार हो गया। मैंने अपनी पैंट खोलकर टावल लगा लिया और बेड पर लेट गया। भावना भी सीधी लेट गई और रूम का दरवाजा बंद करके लाइट बुझाकर नाईट बलब को जलाकर मेरे बगल में आकर लेट गई। उसने अपनी पीठ को मेरी तरफ कर रखा था। मैं कुछ देर तक सोचता रहा फिर कुछ देर के बाद मैंने फ़ाइनली सोचा कि अब मुझे सोचना नहीं चाहिए।

अब मैंने अपनी कमर को उसकी कमर से सटा दिया। उसने अपनी कमर को थोड़ा सा खींचा, फिर मैंने थोड़ी देर के बाद अपनी कमर को उसकी कमर से सटाया। अब वो दीवार से सट चुकी थी तो मैंने अपनी कमर को उसकी कमर से सटाने के बाद जैसे ही अपने हाथ को उसकी कमर पर रखा तो उसने बोला ये क्या कर रहे हो? मैंने बोला वही जो एक जवान लड़का एक सुंदर जवान और हसीन लड़की को अकेले में पाकर करता है। वो बोली नहीं मैं ये नहीं करूँगी तो मैंने बोला कि क्यों आपका मन नहीं करता तो वो बोली नहीं ये गलत है। मैंने बोला कि गलत क्या है, ये तो बिल्कुल सत्य है। अब मैंने ये कहते हुए उसकी पैंट के एक बटन को खोल दिया और उसने मेरे हाथ को पकड़कर अपनी कमर से हटा दिया।

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फिर मैंने पीछे से उसकी पैंट को खींच दिया, वो पैंट को खींचकर वापस पहनने लगी तो मैंने उसके हाथ को हटा दिया और उससे बोला क्यों दिखावे कर रही है, आपका मन भी तो है और मैंने उसकी पैंट को दोनों हाथों से पकड़कर खोल दिया। अब वो कुछ नहीं बोली, अब मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़कर दूसरे हाथ को उसकी गांड पर फेरते हुए अपने लंड को उसकी गांड के होल के पास ले गया। अब मैंने एक हाथ से उसकी गांड को फैलाते हुए अपने लंड को उसकी गांड में जाने के लिए रास्ता दिखाया।

फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड के होल के दरवाजे पर रखते हुए उसकी कमर को पकड़कर अपनी कमर का ज़ोर का झटक़ा मारा और वो, आआआआ वउउऊकककआअ करके सिस्सक उठी। मैंने पूछा क्या हुआ है? तो वो बोली हाआआआआआआ। अब मैंने अपने हाथ से उसकी कमर को पकड़कर अपनी तरफ खींचकर अपने लंड को उसकी गांड में जल्दी से जल्दी ले जाने के लिए ज़ोर-ज़ोर के झटक़े मारने लगा, वो मेरे हर झटक़े के साथ, आआआआआहह ओह हाआआआआआआआअ की आवाज़ निकालती थी जो मेरे जोश को और बढ़ाती थी।

फिर कुछ देर बाद मैंने अपने पूरे लंड को उसकी गांड में घुसा दिया था और 10 मिनट तक लंड पेलने के बाद मेरा पूरा वीर्य उसकी गांड में गिर गया। फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाल दिया और कुछ देर तक वैसी ही लेटे रहने के बाद मैं उठकर बाथरूम में चला गया। मैंने पेशाब करने के बाद अपने लंड को पूरी तरह से साफ किया और टावल में रूम में आया तो अंदर रूम में आने के बाद मैंने भावना को वैसी ही बेड पर लेटा पाया। मैंने बोला जाओ बाथरूम नहीं जाना तो वो बिना कुछ बोले बाथरूम में चल गई। मैंने अब अगले राउंड की तैयारी करनी शुरू कर दी। फिर मैंने अपने लंड को तेल के डिब्बे में डाल दिया, जैसे ही भावना रूम में आई मैंने उसे पूरे कपड़े उतारने के लिए बोला। वो बोली कि अब चोदोगे भी? मैंने बोला हाँ ये तो अभी ट्रायल था, अभी तो फ़ाइनल बाकी है फिर उसने अपनी टी-शर्ट और ब्रा को खोलकर बेड के पास रख दिया।

फिर मैंने देखा कि उसकी चूत पर तो एक भी बाल नहीं था। मैं इसी तरह की चूत को चोदना पसंद करता हूँ। मैंने उसके हाथ को पकड़कर अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ाते हुए उसे मुँह में लेने के लिए बोला, क्योंकि मैं अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ था। फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और अब झुककर मेरे लंड को अपने मुँह में लेने के बाद चूसने लगी। मैं कुछ देर में बहुत गर्म हो गया था।

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फिर मैंने उसे लंड छोड़कर बेड पर लेटने के लिए बोला, उसने अपने मुँह से लंड को बाहर निकाल दिया और बेड पर सीधी लेट गई। मैंने डिब्बे से तेल निकाल कर उसकी चूत पर लगा दिया। उसकी चूत की साइज़ 5 इंच होगी, मैं अब उसकी जाँघ पर बैठकर उसे चूत को फैलाने के लिए बोला। भावना की चूत इतनी सुंदर थी कि मैं अपने लंड को जो कि लगभग 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है, एक झटक़े में ही पूरा अंदर डाल देना चाहता था।

फिर मैंने अपने लंड को जैसे ही उसकी चूत के ऊपर रखा तो उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैला दिया। मैंने अपने लंड के आगे के पार्ट को एक हलके से झटक़े के साथ जैसे ही चूत के अंदर किया तो वो, आआआआहह की आवाज़ के साथ पूरी तरह से सिहर उठी। उसने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह से टाइट कर दिया था। मैंने अब उसकी दोनों तनी हुई चूचीयों को अपनी दोनों हथेलियों में लेते हुए हल्का हल्का दबाना शुरू किया।

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फिर मैंने कुछ देर के बाद जब देखा कि उसके पैर अब धीरे धीरे ढील पड़ने लगे तो मैंने अपनी कमर को फिर से हिलाना शुरू कर दिया। अब उसके मुँह से फिर से, आआहह आआअहह ऊऊऊओस्स्सस्स्स्स्स् आआआअ की आवाज़ निकलने लगी। फिर मैंने उसकी चूचीयों को ज़ोर-ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया, कुछ देर के बाद मैंने एक ज़ोर का झटक़ा मारा तो वो आआईईईईईईई करके चिल्ला उठी, मैंने पूछा क्या हुआ? तो वो कुछ नहीं बोली सिर्फ मेरे हर झटक़े पर सिस्की लेती रही।

मैंने अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया था। अब मैं उसके पैरों को फैलाने के लिए उठकर बैठ गया और उसके पैरो को पकड़कर फैला दिया। अब मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर ले जाने का पूरा फ़ैसला कर लिया। मैंने उसकी कमर को पकड़कर एक ज़ोर का झटक़ा मारा। इस बार तो वो आाहह नहींईईईईई आअहबब्ब्ब्बबाआआआअपरीईईईई आआअ करके जैसे बुरी तरह से छटपटा उठी।

फिर जब मैंने उसकी चूत को देखा तो मेरा पूरा लंड उसकी गोरी चूत के अंदर जा चुका था। मैंने जब देखा कि वो ऐसे शांत नहीं होगी तो मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होठों को अपने होठों में लेकर दबा लिया और अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचीयों को मसलने लगा और मैंने ज़ोर ज़ोर से झटक़ा लगाना भी शुरू कर दिया था। फिर मैंने कुछ देर के बाद अपनी कमर के नीचे देखा तो पाया कि वो भी अब अपनी कमर को हिलाने लगी थी शायद उसे भी अब मज़ा आ रहा था। मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है तो उसने मुस्कुरिते हुए हाँ में सिर्फ़ सिर को हिलाया।

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फिर कुछ देर तक इसी तरह से चुदाई करने के बाद मैंने अपने वीर्य को जैसे ही उसकी चूत में निकाला तो मैंने उसके होठों को कुछ देर अपने होठों में दबा लिया और एक तरफ उसकी दोनों चूचीयों को मसलता रहा तो दूसरी तरफ उसके होठों को चूसता रहा और उसने भी मेरा पूरा साथ दिया। अब हम दोनों बुरी तरह से थक चुके थे। मैं कुछ देर तक उसके ऊपर लेटा रहा।

फिर उठकर अपने लंड को निकाल कर भावना की बगल में लेट गया और कुछ देर में हम दोनों वैसी ही सो गये। फिर सुबह जब नींद खुली तो सुबह के 8 बज़ रहे थे और मुझे अपने काम पर जाना था तो मैं उठकर तैयार हो गया और भावना भी उठ गई थी, वो भी खुश थी। मैंने मुस्कुराते हुए पूछा कैसी लगी रात की घटना तो वो मुस्कुरिते हुए बोली कि बहुत अच्छा लगा। फिर मैंने उसके कपड़े पहनने के बाद दरवाज़ा खोलकर अपने रूम के लिए निकल गया, इसके बाद आज़ तक हम कभी अकेले में नहीं मिल सके।