बहन का कामुक बदन मेरी बाहों में-1
Bahan Ka Kamuk Badan Meri Bahon Mein-1
मेरा नाम नितेश है। दोस्तों मेरे परिवार में हम पांच लोग है, मेरी तीन बहन और मेरी माँ रहती है और में मेरे घर में बड़ा और एक अकेला भाई हूँ इस वजह से मुझे पैसे कमाकर अपनी बहनों की शादी करके सभी को अपने अपने घर विदा कर दिया। दोस्तों मैंने किसी तरह अपनी सभी बहनों की शादी करके में फ्री हो गया और अब मुझे अपने बारे में सोचने के लिए समय ही नहीं मिला और इसलिए मुझे पता ही नहीं चला कि कब में 32 साल का हो गया? दोस्तों में उन दिनों अपने गाँव में आया हुआ था और मुझे बड़े दिनों के बाद देखकर मेरी माँ बड़ी खुश थी। फिर माँ बहुत खुश होकर मुझसे बोली कि चल अब हम सभी तरह की जिम्मेदारियों से फ्री हो गये है इसलिए अब हम तेरी शादी के बारे में सोचते है। फिर में अपनी माँ के मुहं से यह बात सुनकर बड़ा खुश था, लेकिन उसी दिन मेरे आने के तीन चार घंटे के बाद ही मेरी छोटी बहन भी आ गई, जिसको देखकर मेरी माँ और में बड़े खुश हुए। Bahan Ka Kamuk Badan Meri Bahon Mein.
फिर मैंने देखा कि वो अपने चेहरे से बड़ी ही उदास नजर आ रही थी और फिर उसने मेरे उस उदासी की वजह पूछने के बाद हम दोनों को उसने बताया कि वो आज ही अपने पति को तलाक देकर आ रही है। दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही हम दोनों के तो पैरों के नीचे से ज़मीन ही निकल गई और हम दोनों ने मिलकर उसको बहुत प्यार से समझाया और उससे कहा कि ऐसे नहीं हो सकता, अभी तो हमने तेरी शादी की थी और अभी हम लोगों पर तेरी उस शादी का बहुत कर्जा बाकी है, लेकिन उसने पता नहीं मेरी माँ से अकेले में ले जाकर ना जाने क्या कहा? जिसके बाद मेरी माँ भी मुझसे कहने लगी कि हाँ अब प्रिया हमारे साथ ही रहेगी। दोस्तों में तो अब उस समस्या अपनी बहन के साथ हुए उस काम की वजह से बड़ा उदास हो गया, क्योंकि अब जाकर तो में अपनी शादी की बात सोच रहा था, लेकिन अब मेरे साथ वो एक और मुसीबत आ चुकी थी। फिर मेरा उदास उतरा हुआ चेहरा देखकर मेरी माँ ने मुझसे कहा कि नितेश तू बिल्कुल भी चिंता मत कर, हम दोनों मिलकर इसका कोई उपाय कुछ रास्ता जरुर निकालते तू थोड़ा सा पहले शांत हो जा।
अब मेरी माँ ने मुझे बताया कि वो जो लड़का था वो अच्छा नहीं था और माँ ने कहा कि उस लड़के मुझे कुछ कमी भी थी इसलिए तेरी बहन प्रिया उसको छोड़कर वापस अपने घर आ गई है। फिर उसी समय माँ मुझसे कहने लगी कि नितेश तेरा भी अब तबादला दिल्ली में हो गया है और वो नई जगह होने की वजह से तुझे भी समस्या आती होगी, इसलिए तू एक काम कर अपनी बहन प्रिया को तू अपने साथ ले जा और वहाँ पर अपने साथ रख ले, क्योंकि इसके तेरे साथ रहने पर तुझे भी खाने पीने में इसकी मदद मिल जाएगी और तू देखना इसको वहीं कहीं कुछ नौकरी काम मिल जाए तो करवा देना, जिसकी वजह से यह भी अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी। अब मैंने अपनी माँ की वो बातें सुनकर बोला कि हाँ ठीक है और फिर दो चार दिन के बाद हम दोनों वापस दिल्ली आ गये। फिर मैंने हम दोनों के लिए कुछ दिनों बाद पहले वाला घर छोड़कर दूसरा एक बेडरूम वाला फ्लेट ले लिया और हमारा पूरा सामान साथ में ले जाकर उसको मैंने अपने नये घर में सेट किया। दोस्तों मेरी बहन प्रिया ने भी घर के सामान जमाने में मेरी मदद की फिर उसके बाद में हर दिन सुबह अपने चला जाता और फिर में शाम को करीब 8-9 बजे तक वापस आ जाता था। दोस्तों मेरा वहां पर एक दोस्त ही पक्का दोस्त था और वो भी हर कभी मेरे घर आता था उसका नाम मनीष था। “Bahan Ka Kamuk Badan”
फिर मैंने कुछ दिनों बाद घ्यान दिया कि मेरा वो दोस्त मेरे पीछे से भी मेरे घर आता था। एक दिन में थोड़ी जल्दी ही अपने ऑफिस से अपने घर आ गया और फिर मैंने देखा कि मेरा वो दोस्त मनीष उस समय मेरे घर ही था और प्रिया ने दरवाजा खोलने में भी उस दिन बड़ी देर लगा दी और उनके चेहरे से मुझे पता चला कि अंदर कुछ गलत चल रहा था। फिर कुछ देर बाद मनीष मुझसे बोला कि में इतनी देर से आपका ही इंतज़ार कर रहा था, लेकिन मैंने उसको कुछ भी नहीं कहा और थोड़ी ही देर में वो वापस अपने घर चला गया। अब मैंने देखा कि मेरी बहन प्रिया मुझसे आंख भी नहीं मिला पा रही थी और उसी समय मैंने उसको पूछा यह मनीष यहाँ पर क्यों आया था? वो अपने अटकते हुए शब्दों में कहने लगी कि भैया वो तो आपसे मिलने आया था। अब मैंने उसको कहा कि फिर वो मुझसे मिला क्यों नहीं मुझे देखते ही तुरंत ही क्यों भाग खड़ा हुआ और क्या उसको मेरे घर पर आने का समय पता नहीं है? यह सभी बातें सुनकर प्रिया एकदम चुप हो गयी। फिर मैंने उसको ज़्यादा कुछ भी नहीं कहा हाँ, लेकिन आज की उस घटना की वजह से मुझे दुख ज़रूर हुआ। “Bahan Ka Kamuk Badan”
फिर मैंने प्रिया से कहा क्या तुझे पता है कि मनीष एक शादीशुदा आदमी है और वो दो बच्चो का बाप भी है। अब उसने यह सब सुनकर बड़े ही आश्चर्य से कहा नहीं मुझे यह सब पहले पता नहीं था। फिर में बिल्कुल चुप होकर उसी समय बाथरूम में चला गया, उस दिन पूरे घर में अजब का सन्नाटा सा था और अब प्रिया मुझसे आँख नहीं मिला रही थी। में थोड़ी देर बाद फ्रेश होकर बाहर निकल गया। फिर में कुछ देर बाद अपने एक दोस्त जिसका नाम जॉन था उसके घर गया। वो भी अपनी बहन जिसका नाम मेरी था उसके साथ रहता था, मेरी एक हॉस्पिटल में नर्स का काम करती थी। फिर में उनके घर में बिना दरवाजे को बजाए जा घुसा, तभी मैंने देखा कि मेरी अपने भाई जॉन की गोद में बैठी हुई थी और वो दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे। दोस्तों में उस द्रश्य को देखकर एकदम से चकित हो गया और चकित होकर में मन ही मन सोचने लगा कि कोई भाई अपनी बहन के साथ ऐसे कैसे बैठ सकता है? फिर मुझे देखकर अचानक से मेरी एकदम से उठकर अंदर दूसरे कमरे में चली गयी। अब जॉन एकदम से शांत होकर मुझसे बोला कि आना नितेश क्या तू वहां खड़ा मूर्ति बन गया, चल यहाँ मेरे पास आकर बैठ।