शादीशुदा बहन का गेट खोला-2
Shadishuda bahan ka gate khola-2
फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है उषा दीदी, तभी वो मुझसे बोली कि अब तो तुम मुझे दीदी ना कहो छोटू अब तो तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका है, तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है मेरी उषा रानी पहले वो काम तो हम खत्म कर लें, जिसके लिए हम यहाँ पर आए है और अब वो कहने लगी कि अरे छोटू वो तो पंडित जी खत्म कर चुके होंगे, चलो अब उनकी फीस भी दे दी जाए, मैंने कहा कि हाँ ठीक है और हम लोग एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले पति पत्नी की तरह घूमते रहे और पंडित जी को कुछ पैसे देकर हम वापस अपने होटल की तरफ आ गये. फिर वहाँ पहुंचकर सबसे पहले हमने खाने का ऑर्डर दिया और साथ में बियर भी ले ली.
फिर खाने के साथ बियर के दो गिलास उषा रानी को और मैंने चार गिलास बियर चड़ा ली और अब हम अपने अगले प्रोग्राम के लिए तैयार होने लगे, तभी उषा बोली कि सबसे पहले परिचय हो जाए और इतना कहकर मेरी पेंट की चेन को खोलते हुए वो मेरे लंड को अपने एक हाथ में लेकर बोली कि छोटू के पास जो कुछ है वो बस यही है और इसको लंड बोलते है, अरे छोटू यह तो बहुत बड़ा हो गया है, पिछली बार जब मैंने देखा था तब तो यह आकार में बड़ा छोटा था एकदम तेरे नाम की तरह. फिर मैंने हंसकर कहा कि हाँ मेरी उषा रानी यह अब सयाना हो गया है पिछले दो तीन साल में इसकी लंबाई और मोटाई तीन इंच और 1.5 इंच बड़ी है हाँ मम्मी भी कभी कभी मेरे लंड को देखकर मुझसे कहती थी कि छोटू का यह हथियार बिल्कुल अपने मामा पर गया है, तो वो चकित होकर बोली कि क्या कहा तूने, क्या मम्मी ने मामा का लंड भी देखा था? तो मैंने कहा कि हाँ उन्होंने ज़रूर उनका लंड देखा होगा तभी तो वो मुझसे यह बात बोल रही थी.
अब उषा कहने लगी अच्छा उनका रिश्ता बहुत पुराना है क्योंकि पहले तो भाई बहन को ऐसे सीधे नहीं चोदते थे, वो कभी अपनी आँखों से तो कभी चोरी छिपे देख लिया करते थे और वैसे उस समय भी बूब्स को दबाना तो आम बात थी, लेकिन आजकल का माहोल कुछ अलग है, तुम्हारी भी अगर इच्छा बूब्स को दबाने की है तो तुम भी मेरे बूब्स को दबा लो, अच्छा है.
फिर मैंने भी तुरंत हाँ कह दिया और कहा कि मेरी उषा जानू अब आप ठीक कह रही हो, अच्छा अब मेरी बारी कहते हुए मैंने तुरंत ही उसका ब्लाउज उतार दिया और अब पेश है दो नागपुर के बड़े आकार से रसभरे संतरे जिसको चूसने और खाने में भी बहुत मज़ा आता है और साथ में इनको दबाने में भी बहुत मज़ा आता है और यह बात कहते ही मैंने एक बूब्स को अपने मुहं में डाल लिया और में उसके निप्पल को मन लगाकर चूसने लगा और फिर उसके पेटिकोट को खोलकर में बोला कि हाँ तो जनाब अब पेश है इंडिया गेट, उषा इसमे कितने लोग समा जाए कोई पता नहीं, मेरे संतरे चूसने और दबाने से उषा अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी और फिर वो मुझसे बोली आह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा आराम से करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.
मैंने कहा कि हाँ ठीक है मेरी उषा डार्लिंग और उसने कहा कि हाँ ऐसे ही तुम बहुत अच्छे लड़के हो और हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को अपना परिचय देते रहे और उसके साथ हम मस्ती में भी डूबते तैरते रहे, क्योंकि अब हम दोनों पर वो बियर भी अपना रंग दिखा रही थी और अब उषा ने भी नीचे बैठकर उसी समय अब मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और में हल्के हल्के गरम होने लगा और में भी उसके बूब्स को अपने हाथों से मसल रहा था और निप्पल को दबा रहा था और उस वजह से में भी धीरे धीरे लेकिन बहुत आनंदित हो रहा था.
वो समय भी आ गया जब उषा मुझसे बोली कि अब तो बेड पर चले ही चले तो अच्छा है मुझे अब ज्यादा देर रुके रहना नहीं हो सकता. फिर मैंने उसको उसी समय अपनी गोद में उठाकर अब बेड पर ले गया और उसको बेड पर लेटाकर में उसके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर उसके गोल्डन गेट को अपने एक हाथ से खोलकर मैंने अपने लंड उसके गोल्डन गेट के मुहं पर रख दिया और धीरे धीरे प्यार से धक्के लगाने लगा, जिसकी वजह से धीरे धीरे मेरा लंड इंच बाइ इंच उसके अंदर घुसता जा रहा था और वो अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह आईईईई कर रही थी और जब में कुछ देर बाद अपनी पूरी स्पीड से धक्के देने लगा.
तो वो अब दर्द से चिल्लाने लगी और मुझसे कहने लगी हाँ बहनचोद, चोद दे अपनी दीदी को आह्ह्ह्हह हाँ और भी ज़ोर से धक्के लगा अफ्फफ्फ्फ़ में मर गई हाँ लगा मेरे राजा लगा बहुत देर कर दी मेहरबान आते आते स्सीईईईइ हाँ लगाए जा, ऐसे ही फाड़ दे मेरी इस चूत को, यह मेरी चूत बहुत दिनों से बड़ी प्यासी है आह्ह्ह्ह तूने पहले पहल की होती तो तू ही इस चूत का मलिक होता, अब तो तुझे मेरी चुदी चुदाई मिल रही है मेरे भाई को यह फटी चूत मिलने का मुझे बड़ा दुःख है, लेकिन तू तो बस अब लगाए जा, वैसे भी तो हर 28 दिन में हर चूत दोबारा से नयी हो जाती है उफ्फ्फ्फ़ हाँ लगा मेरे भाई और ज़ोर से धक्के लगा, तेरा लंड तेरे जीजाजी से भी बहुत बड़ा है, लेकिन इसको मेरी चूत आराम से संभाल लेती है चोद मुझे, हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोद, मुझे तेरी इस मस्त चुदाई के इन धक्को के तरीको ने बिल्कुल पागल बना दिया है, में अब बहुत जोश में हो रहा था और वो मुझसे ऐसे ही चिपक रही थी जैसे मेरे अंदर ही घुस जाएगी, लेकिन में अब बड़े ही आराम से धक्के देकर उसको चोदे जा रहा था और फिर वो वक़्त भी आ ही गया जब में ठंडा होने वाला था और में अब झड़ने वाला था. मैंने उससे कहा कि में अपने वीर्य को कहाँ निकालूं?
और वो उस समय ज्यादा जोश में आ गयी और वो मुझसे बोली कि हाँ भर दे तू अब मेरी चूत को अपने इस गरम गरम वीर्य से, साले मुझे लगता है कि तू मन लगाकर चोदता तभी तो तेरे लंड से इतनी गरमी बाहर निकलती है उफफ्फ्फ् अरे बहनचोद बता ओह्ह्ह्हह यह क्या गरम गरम गिर रहा है मेरे अंदर ओह्ह्ह्ह. फिर हम दोनों एक एक करके झड़कर थककर सीधे पड़ गये और हम दोनों दूसरे दिन सुबह तक ऐसे ही पड़े रहे और दोपहर को चलने से पहले एक बार फिर हम दोनों ने चुदाई का मज़ा लिया और उसके बाद होटल का बिल देकर हम दोनों हंसी ख़ुशी अपने घर वापस आ गये.
दोस्तों उसके बाद से अब तक पिछले 14 दिनों से में उषा के घर पर ही हूँ और उसको हर कभी जब मेरी इच्छा होती है में उसको चोदता हूँ. मुझे तो उसकी चुदाई करके बहुत मज़ा आया और अब भी आ रहा है.