हिंदी सेक्स स्टोरी

दीदी से जन्मदिन का उपहार लिया-4

अब मुझे चोट सही दिख रही है.. मैंने 3.5″ मोटे और 9″ मोटे लंड का सुपाड़ा सोनू दीदी की चूत पर रखा तो दीदी ने अपनी दोनो आंखे बंद कर ली… मैंने थोड़ा सा धक्का दिया तो लंड फिसल गया और दीदी में मुंह से आउच की आवाज निकली.मैं बोला किया हुआ दीदी तो दीदी बोली कुछ दर्द नहीं हो रहा था…

अब मैंने सोचा थोड़ा लंड को गिला कर लिया जाए तो बात बन सकती है.. तो मैंने अपना थूक लिया और अपने लंड के सुपाड़े पर लगाया और फिर से से लंड को चूत पर सेट किया.. और एक ज़ोरदार धक्का दिया तो दीदी चिल्ला उठी। आउच्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मर गयी ईईईईईईई ईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईई भैयाआऊल्ल्ल्ल प्ल्ज़…)। निकलो..

मैंने देखा कि अभी सिर्फ मेरे लंड का सुपाड़ा ही अंदर घुस गया था.. और मुझे भी दर्द हो रहा था.. मैंने दीदी के माथे को सहलाते हुए… समझे: दीदी तुम उधर ध्यान मत दोदीदी: मुझे बहुत दर्द हो रहा है रह रहा है..मैं: (माथे को सहलते हुए) कोई बात नहीं अभी ठीक हो जाएगा…पहली बार थोड़ा दर्द होता है..दीदी थोड़ा शांत हो गई..और मैं दीदी के होंठों पर चुंबन करने लगा..

दीदी की एक टांग सोफ़े की बैक पर सेट थी और दूसरी टांग को मैंने अपने एक हाथ से थोड़ा दूर कर रखा था होठों को चूस रहा था.. जब मैंने देखा दीदी लिप किस में मेरा साथ दे रही है तो मैंने पुरे जोश में आकर एक जोरदार शॉट मारा अह्ह्ह्ह और लंड लगभाग 4” अंदर चला गया और दीदी झटपटाने लगी और अपने सर को इधर उधर पटाने लगी वो चीख नहीं सकती थी क्योंकि मैंने अपने होठों से उसका होठोको बंद किया हुआ था..।

मुझे लगा कि मेरा लंड पर कुछ गिला गिला है.. जब मैंने नीचे देखा तो देखा कि दीदी की चूत फट गई और हमसे थोड़ा रस निकल रहा है.. दीदी की आंखों में से आंसू आ रहे थे और सर को इधर उधर पटक रही थी…तब मैंने अपने होठों को हटा लियादीदी: (कहते हुए) बहुत दर्द हो रहा है.. प्लज़्ज़ निकल…..मैं मर जाऊंगी.. मैं: दीदी कुछ नहीं होगा बस हो गया है…बस थोड़ी देर में दर्द ख़त्म हो जाएगा और फिर मजा आएगा..(मैंने दीदी की टांगों को अभी भी चोदा करके पकड़े हुए था) अब दीदी को बातों में समझने लगा..और बार बार गालों पर, माथे पर किस कर रहा था…

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मैं महसूस कर रहा था जैसा मेरा लंड टाइट चूत में फंस गया है..मैंने हिम्मत करके थोड़ा लंड को हिलाने लगा धीरे धीरे ताकि..थोड़ा रास्ता बन जाए…मेरे थोड़ा सा हिलने पर भी दीदी आह ह्ह्ह की आवाज कर रही थी…वैसे भी मैंने 4” अंदर लंड के साथ ही धीरे-धीरे दीदी को चोदना शुरू किया…

अब दीदी इतना नहीं कहरा रही थी.. बस मुझे मना किया जा रही थी.. बस रहल म्म्म सीसीसीसी सीसी सी कह्ह्ह्ह्ह हनहिई बस्स करोओह्ह्ह्ह और मैंने देखा कि अब दीदी अपने कूल्हों को थोड़ा ऊपर नीचे रखें कर रही थी… मैंने दीदी के कान के पास गया और बोला दीदी मजा आ रहा है ना दीदी: हांम बट दर्द भी हो रहा है अहै..मैं: हल्के हल्के शॉट लगाते हुए… कोई बात नहीं दीदी मम्म पहली बार थोड़ा सहन करना पड़ता है..

दीदी: तुम्हें तुम्हारा जन्मदिन का गिफ्ट मिल गया ना अह्ह्ह्ह मम्म धीरे करो राहुलल मैं: हम्म दीदी.. तुम सच में बहुत प्यारी हो…तुम मुझे ममता कुलकर्णी जैसी लगती हो..दीदी : अच्छा आह्ह्ह्ह धीरेईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईई… को बातो बातो में मगन कर रखा था.

मैं धीरे धीरे दीदी को ऐसे ही चोदता रहा चोदते मैंने लंड को पूरा बाहर निकला सिर्फ लंड का सुपाड़ा अंदर रखा ताकि कहीं लंड जागर से फिसल ना जाए… पूरी हिम्मत और ताकत के साथ एक जानदार शॉट मारा और मेरे मुँह से आह निकल गई . दीदी जो सोफ़े पर लेती हुई थी एक दम से दर्द से थोड़ी खड़ी हो गई।और उसकी चीख निकल गई एईईई माआआआ मर गई निकलो नहीं मम्माई नहीं ले सकती……. और आंखों में सांसो आंगे लगे..

मैं: दीदी बस हो गया..अब डरो मत..मुझे भी दर्द हो रहा है..नीचे देखो तुमने सारा का सारा अंदर ले लिया है…बस थोड़ा सबर रखो…सब ठीक हो जाएगा। और फिर दीदी सोफ़े पर लेट गईं। दीदी दर्द से अपने होठों को भींच रही थी और सोफ़े को नोच रही थी…मई 10 मिनट। ऐसे ही रुका रहा और दीदी को समझा रहा…और प्यार करने लगा…जब दीदी थोड़ी शांत हुई तो मैंने थोड़ी अपनी हरकत दिखाई..और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा..

अब दीदी इतना झटपटा नहीं रही थी…बस थोड़ा कह रही थी ..बस रहुल्ल्ल…. और नहींइइइइ.. मर गई मम्मी आह्ह्ह्ह धीरे करूओ रऊल्ल्ल्ल.. ओह्ह्ह म्म्म्म्म्म मैं भी धीरे धीरे चोदता रहा और बीच बीच में जोरदार झटका देता तो दीदी चिल्लाती… फिर मैंने धीरे धीरे स्पीड बढ़ा दी..

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अब दीदी कुछ नहीं बोल रही थी बस.. चुदाई का मजा ले रही थी.. और अपनी गांड को थोड़ा ऊपर नीचे कर रही थी…दीदी ने पायल डाली हुई थी.. क्योंकि मैंने स्पीड खराब कर दी थी इसीलिये..पायल की आवाज कमरे में गूंज रही थी जो मुझे और भी मस्त कर रही थी..

अब मेरा लंड दीदी की चूत में पूरा डर बाहर हो रहा था…मैं: दीदी क्यों आ रहा है ना मजादीदी: हां.. बस ऐसे ही चोदते रहो.. आह्ह्ह्ह धीरेममसीसीसीसीमैं: हां। दीदी आप बहुत सेक्सी हो. म्म्म्म मम्म ये लू अह्ह्हदीदी: अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह धीरेईई म्म्म्म मम्ममे: दीदी तुम्हारी चूत बहुत टाइट है दीदी: आह्ह साले तुम्हारा वो भी बहुत बड़ा है..

मैं: अच्छा बड़ा कहां से है सारा का सारा तो ले लिया है.. ओह्ह्ह्ह मैं पूरी बाद में मैं आ चुक्का था …….तभी दीदी बोली राहुल यहां सोफ़े पर मैं थक गई हूं… आह कोई बात नहीं दीदी अभी एडजस्ट करती हूं.. मैंने लंड डाले डाला दीदी को अपनी गोदी में उठाया और उसने अपनी डोनो मेरी कमर पर बंद कर ली और डोनो हाथ मेरे गले में डाल दिये.. और मैं खड़ा हो गया और खड़े खड़े दीदी की चुदाई करने लगा.. ये

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सब लगभाग पिछले 1.30 – 2.00 घंटे से चल रहा था…तो मैं भी थक गया था मेरी दीदी को ऐसे चोदते चोदते .. बेड पर ले आया दी को बेड के कॉर्नर पर लिटा दिया (अब दीदी की गांड बेड के कॉर्नर से थोड़ी जगह थी और बाकी का शरीर बेड पर था और मैं बेड से नीचे लंड डाले खड़ा था .. अमीन दीदी डोनो टैंगो को डोनो हाथो सी खोल दीया और पुरी रफ़्तार से चुदाई करने लगे …

पुरे रूम में चुदाई कि आवाज़ गूंज रही थी…दीदी बिस्तर की चादर को खनखना रही थी…दीदी: अब बस करो अह्ह्ह्हह रहुल्ल्ल…मैं अभी 15 दिन तक यहीं रही हूं, थोड़ी जा रही हूं मैं: आह्ह। ठीक कह रही हो सोनू अभी 15 दिन और उठाओ हाय मजा करने के लिए.. दीदी: हां मेरे राजा… आह्ह्ह यस्स्स आह्ह्ह मैं: दीदी अगर तुम मेरी बहन न होती तो मैं तुमसे शादी कर लेता ओह्ह्ह्ह वाह ओह माय गॉड.. क्या छूट है। .आह दीदी : अच्छा… कोई बात नहीं अह्ह्ह्ह अभी 15 दिन और हैं… और हम 15 दिनों में पति पत्नी बैंकर ही रहेंगे.. अह्ह्ह्ह मैं : हां दीदी… सही कह रही हो…

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लेकिन दीदी तुम रोज मेरी मर्जी से और मेरे स्टाइल से हाय। चुदोगी (धक्को का डोर चालू था !!! स्पीड बड़ी जा रही थी…..क्योंकि मैं झड़ने वाला था)दीदी: अह्ह्ह्ह ठीककक हैइइइइइ इइइइइइइ ईईईईईईस ओह्ह्ह्हह मेरी भगवान मर गई माँ, मैं: (अपने लंड दीदी को अंदर बाहर करते हुए दिखाते हुए) देखो दीदी कैसे मजे में अपनी बहन से जन्मदिन का गिफ्ट ले रहा है..

दीदी: देखते हुए..हायईई अमर्रर आरआर आई रऊलल्लल्लल्लल आओ दीदी, येस्स्स मम्मम शॉट पे शॉट चल रहे थे… मैं पूरा बेड पर आ गया था, दीदी ने अपनी टैंगो से मेरी बैक पार लॉक कर लिया था और मैं ज़ोर ज़ोर से चुदाई का इंतजार कर रही थी, कम ऑन नन्न दीदी.. येस्स्स्स्स्स्स मैं आ रही हूं…

दीदी: येस्स . आह और अंदर जाने दोओओओओओओओओओ आह्ह्ह ओइइइइइइइइइइ इइइइइइइइइ इइइइइइइइइइ और एक करारे शॉट के बाद मैंने सारा पानी अंदर निकाल दिया…। और दीदी के ऊपर ही लेट गया…

थोड़ी देर बाद मैं खड़ा हुआ…मैंने अपना लंड और दीदी की चूत को साफ किया..उसे रात मैंने दीद को 3 बार और चोदा..वो अब अपनी अगली कहानी बताऊंगा… तो कैसी लगी मेरी कहानी… कोई भी दीदी अगर मुझसे सेक्स चैट करना चाहती हो तो मुझे मेल करे!!