बहन का रेलवे ग्रुप डी परीक्षा वाली चुदाई
Behan Ka Railway Group D Exam Wali Chudai
दोस्तों आपका चाहा अलोक एक नया सच कुछ दिन पहले हुआ है, साथ ही आपके पास है। मुझे फीमेल लोगों के चूत को एंजॉय करने की चिंता रहती है, तो तैयार हो जाओ। ये लिखावट बिलकुल सच है, इसका एक शब्द आप मानें या ना मानें, लेकिन मुझे अच्छा लगेगा अगर आप मुझ पर विश्वास करें… मेरी इस लिखावट में बिलकुल सच है, मेरी बहन सोनी के बारे में जो कि मेरी पहली कहानी में भी लिखा हुआ है, जैसा कि आपने WhatsApp पर भी किया होगा बहुत सी लड़कियों ने मैसेज भी किया… लड़के, आप लोग अपनी बहनों के साथ एंजॉय करो।
मेरी बहन सोनी ने रेलवे ग्रुप डी का फॉर्म भरा था और मैंने भी। मेरा परीक्षा नवंबर की शुरुआत में ही हो गया। लेकिन मेरी बहन सोनी का नहीं हुआ, तो दिसंबर में डेट दोबारा आई उस के लिए उसे छत्तीसगढ़ जाना था जो कि 2 दिन ट्रेन से ट्रैवल करना था तो पिताजी ने कहा अलोक तुम अपनी बहन के साथ जाकर परीक्षा दिलवाओ बहुत दूर है मैं नहीं जा पाऊंगा। दोस्तों मुझे इतनी खुशी हुई कि मैं बता नहीं सकता क्यों क्योंकि मैं और मेरी बहन और मेरी सेक्स फीलिंग्स हम तीनों जाएंगे ट्रेन से दो दिन के लिए जाना दो दिन रिटर्न एक दिन परीक्षा पूरे 5 दिन हम दोनों बिलकुल अकेले बिना रोके थे। दोस्तों 8 दिसंबर की 8 बजे हमें ट्रेन पकड़नी थी तो पूरे दिन हमने अपना सामान पैक किया एक बैग में फिर शाम को माँ ने कहा बेटा सोनी सर्दी बहुत है और ट्रेन में और भी ज्यादा लगेगी एक कंबल ले लो रास्ते में ओढ़ लेना। तो एक सिंगल बेड का हेवी कंबल लिया। फिर हम चल दिए।
आज सोनी ने एक सिंपल सूट-सलवार रेड कलर का पहना था और ऊपर से एक लेडीज जैकेट। बिलकुल सिंपल और खूबसूरत लग रही थी क्योंकि उसका रंग बिलकुल गोरा है तो रेड उस पर बहुत जमता है। मैंने भी ब्लैक जीन्स पहनी और एक ब्लू शर्ट और जैकेट ली हुई थी। हम एक घंटे में रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए। अभी ट्रेन आने में 20 मिनट बाकी थे तो हम इंतजार करने लगे। आस पास कुछ लड़के खड़े थे जो मेरी सेक्सी बहन को घूर रहे थे फिर मेरे देखने पर वो इधर-उधर देखने लगे। मैंने यह बात सोनी को बताई तो उसने मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर दिया और देखा तो वो लड़के उसे ही देख रहे थे तो मैंने कहा सच में सोनी आज तुम बहुत ही कमाल की सेक्सी लग रही हो। तो उसने कहा पता है मुझे कितना झूठ बोलते हो। कुछ देर बाद ट्रेन आने की घोषणा हुई और हम खड़े हो गए तब वो लड़के भी ग्रुप में हमारी तरफ आए और पास में खड़े हो गए।
तब ट्रेन आई और हम लोग अपने डिब्बे में चढ़ने लगे तो मैंने बैग लिया हुआ था बहन के पीछे था लेकिन तब लड़कों ने चढ़ना शुरू कर दिया तो धक्का लगने से मेरी बहन मुझसे आगे चल गई और लड़कों ने उसे बीच में ले क चढ़ने लगा। तब मैंने देखा कि जैसे ही मेरी बहन ने एक पैर ट्रेन पर रखा और चढ़ने के लिए झुकी एक लड़के ने उसकी गांड की दरार में हाथ लगा दिया और जोर से दबाकर ऊपर की ओर धकेल दिया और खुद भी ट्रेन पर चढ़ गया। बहन ने कुछ नहीं कहा भीड़ में चढ़ने के लिए। और दोस्तों क्या बताऊ इतनी भीड़ थी वो भी स्टूडेंट्स की। ट्रेन में सबसे पहले हमने अपनी सीट खोजी और बैठा। दोस्तों हमारी सिर्फ एक ही सीट मिली थी और दूसरी वेटिंग टिकट थी। हम जाकर नीचे वाली सीट पर बैठे वहाँ पहले से ही सब लोग सीट पर बैठे हुए थे हम भी उसी में बैठ गए। तब एक आदमी ने पूछा तुम्हारी सीट कौन सी है तो मैंने कहा ऊपर वाली तो उसने कहा ठीक है। दोस्तों वो लोग पीछे से आ रहे थे तो उन्होंने खाना खाने शुरू कर दिया फिर सोने की तैयारी करने लगे तो हमें भी अपनी सीट पर जाना पड़ा।
पहले मेरी बहन ऊपर चढ़ गई और फिर मैं भी ऊपर गया। हम दोनों बैठे थे तब मेरी बहन ने कहा भाई फोन कर दो माँ-बाप को। तो मैंने फोन करके कहा हमें ट्रेन मिल गई है और सब ठीक है। फिर माँ ने बहन से बात की। कुछ देर बाद सर्दी लगने लगी तो सब लोग ओढ़ने और सोने लगे। मैंने देखा कि 9 बज चुके थे। हमने कंबल निकाल कर ओढ़ लिया हम दोनों भाई बहन एक कंबल में थे मेरे अंदर सेक्स फीलिंग्स और फैंटेसी इतनी ज्यादा थी कि मेरा मन सेक्स के लिए पागल हो जाता है और मेरा 3.5 इंच का लंड खुद को 8 इंच बनाकर मुझे प्रेशर करता है। लड़कियों को विश्वास ही नहीं होता कि यह 24 घंटे खड़ा रहता है। जैसा कि ऊपर वाली सीट पर बैठने में कठिनाई होती है तो मेरी बहन ले गई और मैं बैठा रहा। उसने बैग को सर के नीचे रख दिया और पैरों को मोड़कर कंबल के अंदर ले गई और मैं बैठा रहा।
थोड़ी देर में मैंने उसके पैरों में गुदगुदी की तो वो हंसने लगी और पैर खींचने लगी। तब मैंने पैरों को पकड़कर अपनी गोद में रख लिया। और उसने भी पैर सीधे कर लिए। मैं उस पर उसकी उंगलियों के साथ खेलने लगा। तो वो भी मचलने लगी बोली भाई रहने दो। तो मैंने कहा ठीक है और पैरों को सहलाते हुए सलवार के ऊपर से ही घुटने फिर जांघ पर हाथ फेरा तो उसने आँखें बंद कर ली। तब मैंने अपना हाथ उसके चूत पर टच किया तो उसका चूत वाला हिस्सा काफी गर्म था तो मैंने कहा सोनी तुम भी हाथ सेकना चाहते हो क्या? तो उसने कहा हा तो मैं भी उसके सर की ओर और पैर करके ले गया ताकि मेरा लंड उसके सामने सेट हो जाए और उसकी चूत मेरे सामने। तब मैंने कंबल ओढ़ लिया। फिर उसका हाथ पकड़ा और अपनी जीन्स की जिप खोलकर अंदर डाल दिया और पूछा सोनी गरम हुई है क्या? तो उसने कहा अभी नहीं भाई अभी तो शुरू हुए हैं गरम होने। तो मैंने कहा तो अब अच्छे से कर लो फिर मत कहो कि भाई के साथ भी सर्दी भी लगती है।
दोस्तों उसने मेरी जीन्स का सिगल बटन खोल दिया और अंडरवियर को नीचे करके सीधे हाथ लंड पर रख दिया और बोली भाई ये तो पूरा आग में जल रहा है। मैंने भी उसकी सलवार का नाड़ा खुला और पैंटी के ऊपर से ही चूत की line में उंगली फेरा और बोला सोनी यहाँ तो आग इतनी ज्यादा है कि तुम पानी डालकर बुझा रही हो। तो वो हंसने लगी फिर मैंने उसकी पैंटी को नीचे सार्कया और चूत पर हाथ ले गया बाप रे कितनी गीली हो चुकी थी इतना चिपचिपा कि उसका चूत के सारे बाल भी उसमें चिपके हुए थे। मैंने कहा तुमने बचाई नहीं की तो उसने कहा समय नहीं लगा फिर मैंने जैसे ही चूत को दो उंगलियों से फेलाया और एक उंगली डाली तो वो चिकनाई के कारण satt से अंदर साराक गई और बहन ने जांघ को tight कर लिया।
मेरी दो उंगली उसकी चूत में अंदर बाहर रहीं थी इसी तरह खेलते खेलते 3 घंटे हो चुके थे दोस्तों इस foreplay के लिए भगवान भी तरसेंगे सेक्स के लिए ऐसा foreplay मुझे बहुत पसंद है मेरी बहन दो बार अपना पानी निकाल चुकी थी और एक बार मेरा भी निकल गया। फिर मैंने उस पर आ गया और लंड को मुह में पूरी डाल दी और उसके पैरों को पूरा फैला दिया और जीभ चूत पर लगाकर चूसने लगा। दोस्तों आपको पता ही नहीं होगा कि इतना मजा आया क्योंकि ट्रेन से ही जो फीलिंग दे रही थी। क्युकी ट्रेन की रफ्तार पूरी थी, वो बहुत जोर-जोर से हिल रही थी और ऊपर की सीट पर बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने सीधे होकर उसे किस करना शुरू कर दिया और Boobs को दबाने लगा। मैंने एक Boob को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो उसने कहा, “भाईया आज बहुत मज़ा आ रहा है, शायद ही ऐसा मज़ा मिले अगर आप मेरे भाई न होते।
ऐसा सेक्स तो सपने में भी नहीं सोच सकती हम आप इस दुनिया के सबसे अच्छे सेक्स पार्टनर हैं, मुझे तुम ऐसे ही चोदना पूरी ज़िंदगी। मैंने पहली ही बात में बताया था कि मेरी बहन के Boobs छोटे आकार के हैं और मुझे बहुत पसंद भी हैं। I love unmature small medium size boobs. फिर मैंने उसे बहुत छूआ और अपनी उंगली बहन की गांड में डालकर घुमाता रहा वो पागल की तरह आसमान में उड़ रही थी और किस कर रही थी। उसके हाथों में मेरा लंड था कभी मेरी जंघन को ही कभी मेरे टट्टे को छू रही थी। ट्रेन के हिलने से उंगली गांड में अंदर तक घुस रही थी तो मेरी बहन आगे हो जा रही थी जिसके कारण मेरा लंड चुत के ऊपर रखा जंघन के बीच घुस जाता था इस बार उसने लंड को चुत के मुंह पर लगाया और लंड पकड़कर दबाया उसने तो चुत के अंदर इतना चिपचिपा चिकना था कि लंड का ऊपरी हिस्सा अंदर सरक गया तब मैंने अपनी उंगली को गांड के अंदर पूरा घुसा दिया तो वो आगे की तरफ हुई और लंड थोड़ा सा और अंदर साराक गया। “Behann Ka Railway Group”
फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी टांगो को कंबल के अंदर ही फैला दिया और मिशनरी पोजीशन में आ गया। फिर लंड को जोर से झटका मारा और अंदर घुसाया उसे थोड़ी सी तकलीफ़ महसूस हुई लेकिन फिर मैंने लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और ट्रेन में भी मेक को दोगुना कर दिया मैं उसको उसके Boobs को मुंह में भरकर दांतों से काट रहा था वो पूरी मजे में थी। तब ट्रेन रुक गई और स्टेशन था तो कुछ लोग चढ़े मैं चुपचाप बिना हिले लंड को चुत के अंदर डालकर ही लेता रहा। 5 मिनट के बाद ट्रेन चल पड़ी और अपने आप ट्रेन के हिलने से चुत में धीमे झटके लगने लगे तब मेरी बहन ने कहा कुछ मत करो ऐसे ही लेते रहो। तो मैं भी ट्रेन की मदद लेता रहा और मजा किया उसको किस कर रहा था। “Behann Ka Railway Group”
20 मिनट के बाद उसने मुझे कस लिया और फिर से पानी छोड़ दिया जैसे ही उसका स्पर्म मुझे महसूस हुआ चुत में अलग ही फीलिंग आ रही थी मैंने उस चिकनाई में जोर-जोर से छुड़ाने लगा वो पागल हो रही थी मैं भी आज ज़िंदगी के सबसे ज्यादा मजे वाली चुदाई कर रहा था। फिर 10 मिनट के बाद मैंने अपना सारा लंड का पानी उसके चुत में ही छोड़ दिया और ऐसे ही उसके ऊपर ले गया और किस करता रहा। टाइम देखा तो 3:50 हो रहे थे सब लोग सो रहे थे ट्रेन फुल स्पीड में थी। सर्दी भी बहुत थी मैंने उसकी चुत को और अपना लंड उसके अंडरवियर से साफ किया और लपेटकर बैग में डाल दिया। उसने ऐसे ही बिना पैंटी के सलवार डाल ली मैं भी ये देखकर बिना अंडरवियर के जींस पहन ली। दोस्तों सुबह हम दोनों 11 बजे उठे सर्दी बहुत थी हम लोग शाम को छत्तीसगढ़ पहुँचे उसके बाद क्या हुआ मैं जल्दी ही लिखूंगा। लेकिन प्लीज रिप्लाई करो, महिलाएं आपका मैसेज का इंतज़ार रहेगा। “Behann Ka Railway Group”