आंटी के गांड के छेद को अपने लंड से खोला
पढ़ें रोहन और शालिनी की सच्ची सेक्स कहानी, जहाँ एक 23 साल के लड़के ने 30 साल की प्यासी आंटी की हर ख्वाहिश को अपने 7 इंच के लंड से पूरा किया। वेबकैम से लेकर असली मुलाकात तक, चूत और गांड की चुदाई की इस हॉट कहानी में डूब जाएँ।
हाय दोस्तों, मेरा नाम है रोहन, और मैं सेक्स का ऐसा दीवाना हूँ कि हर पल मेरे दिमाग में बस वही नशा छाया रहता है। मेरी उम्र 23 साल है, रंग गोरा, कद 5 फुट 8 इंच, पतली मगर चुस्त बॉडी, और मेरा हथियार – मेरा लंड – 7 इंच लंबा और इतना मोटा कि किसी की भी साँसें थम जाएँ। आज मैं आपको अपनी जिंदगी की वो सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसने मेरे जिस्म में आग लगा दी और एक प्यासी औरत की हर ख्वाहिश को पूरा कर दिया।
मुझे इंटरनेट पर चैट करना पसंद है। वहाँ मेरी दोस्ती कई सेक्सी लड़कियों और हॉट लेडीज़ से हुई। वेबकैम पर उनकी नंगी अदाओं को देखना, अपना लंड दिखाकर उनकी आँखों में वो चमक पैदा करना, और उन्हें उंगलियों से खुद को छूते हुए देखना – ये मेरा रोज़ का शौक था। लेकिन एक दिन मेरी मुलाकात हुई 30 साल की एक लेडी से, जिसे मैं अब प्यार से “आंटी” बुलाता हूँ। उसका नाम था शालिनी।
शुरुआत में हमारी बातें साधारण थीं – हँसी-मज़ाक, थोड़ी-बहुत पर्सनल बातें। लेकिन जब मैंने उसे पहली बार वेबकैम पर देखा, मेरा लंड मेरी पैंट में तंबू बना गया। उसकी गोरी चमकती स्किन, साड़ी में लिपटी वो कातिलाना फिगर, और सबसे ज्यादा वो बूब्स – दूध से भरे हुए, भारी और रसीले, जो उसके ब्लाउज़ के नीचे से बाहर निकलने को बेताब लगते थे। उसका गहरा गला वाला ब्लाउज़ उनको मुश्किल से संभाल पाता था, और हर बार जब वो हिलती, वो उछलते हुए मेरे होश उड़ा देते। उसकी चाल में एक नशा था, उसकी आँखों में एक प्यास, जो मुझे बेकाबू कर रही थी।
मैंने उससे उसके पति के बारे में पूछा। उसने बताया कि वो दुबई में जॉब करते हैं और पिछले 3 साल से घर नहीं आए। मैं समझ गया कि उसका जिस्म कितना तरस रहा होगा। लेकिन मैं जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था। मैं पहले उसका भरोसा जीतना चाहता था। फिर एक दिन वेबकैम पर उसकी साड़ी अचानक फिसल गई। मेरी नज़रें उसके नंगे बूब्स पर टिक गईं – गोल, मलाई जैसे गोरे, और निप्पल्स जो सख्त होकर मुझे बुला रहे थे। मैंने अनजान बनने की कोशिश की, लेकिन मेरा लंड बेकाबू हो गया और पैंट में टपकने लगा।
आखिरकार, मैंने हिम्मत जुटाई और सेक्स चैट शुरू की। “आंटी, आप इतनी सेक्सी हैं, लेकिन आपके पति आपके साथ नहीं हैं। क्या आपको उनकी कमी नहीं खलती? सेक्स तो हर किसी की ज़रूरत है न?” मैंने धीरे से पूछा। पहले तो वो चुप रही, कैम बंद कर दिया। मैं डर गया कि कहीं वो नाराज़ न हो जाए। लेकिन थोड़ी देर बाद उसका मैसेज आया, “हाँ, मैं उन्हें मिस करती हूँ। मेरा जिस्म बहुत दिनों से प्यासा है। मैं उंगलियों और कभी-कभी वाइब्रेटर से खुद को शांत करती हूँ, लेकिन ये प्यास और बढ़ जाती है। बेटी और इज़्ज़त के डर से कभी किसी को करीब नहीं आने दिया।”
उसके ये शब्द सुनकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने पूछा, “क्या हम कैम पर मज़े कर सकते हैं?” वो हँस पड़ी और बोली, “तुम तो अभी छोटे हो, जब मैं 21 की थी तब…” मैंने तुरंत कहा, “मेरा लंड छोटा नहीं है, देख लो!” और मैंने कैम पर अपना 7 इंच का हथियार दिखा दिया। वो देखकर दंग रह गई। “इसे क्या खिलाते हो जो इतना बड़ा और मोटा है?” उसने शरमाते हुए पूछा। “आपके नाम की मालिश करता हूँ,” मैंने मज़ाक में कहा। वो लजा गई और बोली, “तुम बड़े शैतान हो।”
फिर उसने पहली बार मुझे अपनी पूरी बॉडी दिखाई। उसकी चूत – गुलाबी, रसीली, और थोड़ी गीली। उसकी गांड – गोल, टाइट, और इतनी सेक्सी कि मैं उसे चूमना चाहूँ। और वो बूब्स – जैसे कोई मलाई का कटोरा हो। मैंने कहा, “अपने बूब्स दबाओ, मैं अपना लंड हिलाता हूँ।” वो मज़े से अपने बूब्स दबाने लगी, निप्पल्स को मसलने लगी, और मैं अपने लंड को तेज़-तेज़ रगड़ने लगा। हम दोनों एक-दूसरे को देखकर पागल हो रहे थे।
एक दिन उसका कॉल आया। “कल मैं घर पर अकेली हूँ। सास पूना गई हैं और बेटी को साथ ले गई हैं।” वो मुंबई में रहती थी, और मैं दूसरी सिटी में। मैंने रात की ट्रेन पकड़ी और सीधा उसके घर पहुँच गया। ट्रेन में बैठे-बैठे मैं अपने लंड को सहलाता रहा, उसे तैयार करता रहा। वो भी अपने घर में मेरे और मेरे लंड का इंतज़ार कर रही थी।
उसके घर पहुँचते ही मैं फ्रेश हुआ, खाना खाया, और फिर वो कमरे में आई। उसने एक पतली नाइटी पहनी थी, जिसमें से उसके बूब्स साफ झलक रहे थे। उसकी चूत को उसने सुबह ही शेव किया था, लेकिन शायद हस्तमैथुन की वजह से उस पर हल्के निशान पड़ गए थे। मैंने उसे बाहों में भरा और उसके रसीले होंठों पर एक गहरा, नशीला किस किया। उसकी साँसें तेज़ हो गईं। मेरा हाथ उसकी चूत पर चला गया, और मैंने उसे मसलना शुरू किया। वो सिसकियाँ लेने लगी, “आह्ह… रोहन… धीरे…”
मैंने उसके होंठों से लेकर उसकी चूत तक हर इंच को चूमा। उसकी नरम स्किन पर अपने दाँत गड़ाए, और वो चिल्लाई, “धीरे करो, सालों बाद कोई मेरी प्यास बुझा रहा है।” वो मेरे लंड को पकड़कर मसलने लगी, उसकी गर्म हथेलियाँ मेरे हथियार को और सख्त कर रही थीं। मेरा पानी निकलने को था, तो मैंने उसकी चूत में उंगली हटाकर अपना लंड डालने की कोशिश की। लेकिन उसकी चूत इतने दिनों से बंद थी कि पहले तो लंड फिसलता रहा। मैंने ज़ोर लगाया, और आखिरकार 2-3 झटकों में मेरा लंड पूरा अंदर चला गया। वो चीख पड़ी, “आह्ह… और ज़ोर से… मेरी हर प्यास बुझा दो!”
मैंने स्पीड बढ़ाई। मेरा लंड उसकी चूत की गहराइयों में धक्के मार रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा हो। वो सिसक रही थी, “हाँ… ऐसे ही… और तेज़!” मेरा पानी निकलने को था, तो मैंने लंड बाहर खींच लिया। उसने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी। मेरे लंड से पानी ऐसा निकला जैसे कोई ज्वालामुखी फटा हो, लेकिन मैंने उसे पिलाया नहीं – मुझे वो पसंद नहीं था। वो थोड़ी नाराज़ हुई, लेकिन फिर मुस्कुराई।
अब बारी थी उसकी गांड की। वो डर रही थी, “नहीं, अगर गांड बड़ी हो गई तो सास को शक हो जाएगा।” लेकिन मैं आज रुकने वाला नहीं था। मैंने उसे कुतिया की पोज़ में किया, उसकी गोल, टाइट गांड को सहलाया, और अपना लंड पीछे से सेट किया। उसने रोकने की कोशिश की, लेकिन मैंने एक झटके में लंड अंदर डाल दिया। वो चिल्लाई, “आह्ह… मज़ा आ रहा है… और ज़ोर से!” मैंने पूरी ताकत से धक्के मारे। उसकी गांड का छेद इतना टाइट था कि पहले तो खून निकला, लेकिन फिर मेरा पानी अंदर ही छूट गया। वो मेरे नीचे पिघलती जा रही थी।
रातभर हमने मज़े किए। सुबह 4 बजे मैं चुपके से निकल गया, ताकि किसी को शक न हो। उसने मुझे चूमते हुए कहा, “मेरा पति भी मुझे कभी इतना संतुष्ट नहीं कर पाया।” उसके बाद जब भी मौका मिलता, मैं उसे खुश करता। अब उसके पति वापस आ गए हैं, लेकिन वो आज भी मेरे लंड को याद करती है। दोस्तों, ये मेरी ज़िंदगी का वो सेक्सी अनुभव था, जो मैं कभी नहीं भूल सकता।