प्यारी रंजना भाभी की प्यारी सी चुदाई – हॉट सेक्स कहानी
हाय दोस्तों, मेरा नाम कुणाल है, उम्र 26 साल, और मैं आगरा का रहने वाला हूँ। आज मैं आपको अपनी एक sacchi sex kahani सुनाने जा रहा हूँ, जो 20 मार्च को हुई। इसमें मैंने अपनी पड़ोसन भाभी रंजना को अपनी बातों में फंसाकर उनकी chudai ka maza लिया। आगे सुनिए उस दिन मैंने क्या-क्या किया। रंजना भाभी के बूब्स 36 साइज के हैं, और मैं कई दिनों से उनके मुलायम बूब्स को पाने की सोच रहा था। लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। मैं हर दिन भगवान से दुआ माँगता कि कोई mast mauka मिले।
भाभी के घर का सुनहरा मौका
एक दिन मुझे पता चला कि भाभी के घरवाले बाहर जा रहे हैं। उनके पति, जिन्हें मैं भैया कहता हूँ, दुकान पर होंगे, और भाभी अकेली रहेंगी। ये बात मुझे उनके घर गए हुए पता चली। मैंने सोच लिया कि अब bhabhi ke boobs को निचोड़ने का प्लान बनाना है। अगले दिन सुबह 9 बजे मैं उनके घर पहुँचा। दरवाजा खुला था। मैं अंदर गया तो देखा वो नहा रही थीं। मैं बाहर बैठकर इंतज़ार करने लगा। कुछ देर बाद वो नहाकर निकलीं। गीले बाल, टाइट कुर्ता, और सलवार में उनकी sexy body देख मेरा दिल धक-धक करने लगा।
उन्होंने मुझे देखा, मुस्कुराईं, और पूछा, “कब से इंतज़ार कर रहे हो?” मैंने कहा, “अभी कुछ देर पहले आया।” वो चाय बनाने रसोई चली गईं। मैं उनके पीछे गया। वो चाय बना रही थीं, और उनका गीला कुर्ता उनके कर्व्स को उभार रहा था। मैंने हिम्मत की, पीछे से उनकी आँखों पर हाथ रखे। वो चौंकीं, “ये क्या कर रहे हो?” मैंने कहा, “कुछ नहीं।” फिर मैंने उनके कंधों से हाथ नीचे सरकाया और boobs ko dabaya। उनके मुलायम बूब्स का एहसास मेरे हाथों में था। वो पल मेरे लिए स्वर्ग जैसा था।
पहला टच और भाभी की चुप्पी
मैंने उनके बूब्स को हल्के से दबाया। मुझे लगा वो गुस्सा करेंगी, पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। ये देख मेरे मन में ख्याल आया कि शायद वो भी chudai ke liye तैयार हैं, पर कहने से डर रही हैं। फिर वो बोलीं, “छोड़ दो, कोई देख लेगा।” मैंने उनकी बात मानकर हाथ हटाया और बाहर बैठ गया। वो चाय लेकर आईं। चाय पीते हुए मैं उनकी छाती को घूर रहा था। मेरी नज़रें उनके बूब्स पर टिकी थीं। वो मुस्कुराईं और चुन्नी से छाती ढक ली, पर उनकी ब्रा की रूपरेखा साफ दिख रही थी।
हम हँसी-मज़ाक करने लगे। मैं उनकी hot boobs को बार-बार देखता। वो रसोई में खाना बनाने गईं। मैं फिर पीछे गया। बहाने से उनके बूब्स को दो-तीन बार छुआ। हर बार मेरा दिल जोर से धड़का। फिर हम भैया को खाना देने दुकान गए। 10 मिनट में लौट आए। घर आकर मैंने कहा, “भाभी, कुछ बात करनी है।” वो बोलीं, “कहो ना।” मैंने कहा, “सोफे पर बैठो।” वो बोलीं, “नहीं, काम है, बाद में बात करेंगे।” पर मैंने उनकी बात न मानी और ज़बरदस्ती सोफे पर बिठाया। उनका हाथ पकड़ते हुए मेरी उंगलियाँ उनके बूब्स को छू रही थीं।
बातों में फंसाने की कोशिश
वो बोलीं, “हाँ, बताओ?” मैंने हाथ नहीं हटाया। कोहनी पैर पर रखकर उनकी छाती को अंदर तक देखने लगा। हँसते-हँसते बातें कीं। कभी टीवी देखा, कभी इधर-उधर, पर नज़रें उनके बूब्स पर टिकी रहीं। मेरा पूरा ध्यान उनकी chuchi par था। वो सब देख रही थीं, पर चुप थीं। बीच-बीच में वो होंठों पर जीभ फेरतीं, जैसे कोई भूखी बिल्ली। मैं उनकी आँखों और होंठों को देखने लगा। वो बोलीं, “मैं काम करूँ, तुम टीवी देखो।” वो उठीं। मैं भी उठा और पीछे से पकड़ लिया। मेरे हाथ उनके बूब्स के नीचे थे।
उन्होंने छुड़ाने की कोशिश की, पर मैंने मजबूती से पकड़ रखा। उनकी आँखों में देखा। वो चुप थीं। मैंने उन्हें करीब खींचा। वो बोलीं, “छोड़ दो, कोई आ जाएगा।” पर मुस्कुरा रही थीं। मैंने मौका देख उनके होंठों पर kiss kar diya। वो छूटने की कोशिश करने लगीं, पर हारीं। मैं उनके होंठ चूसते हुए उनकी पीठ और बूब्स पर हाथ फेरने लगा। वो गरम होने लगीं। मेरी बाहों में मदहोश हो रही थीं। मैं भी जोश में था।
बेडरूम में गरम माहौल
कुछ देर बाद मैंने उन्हें छोड़ा। दरवाजा बंद किया और उन्हें गोद में उठाकर बेडरूम ले गया। वो मना करने लगीं, “ये गलत है, नीचे उतारो।” मैंने सुना नहीं। ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा किया और होंठ चूसने लगा। वो अब मेरा saath dene lagi। हम दोनों में आग लगी थी। मैंने उनका कुर्ता ऊपर उठाकर उतारा। उनकी ब्रा में भरे बूब्स दिखे। ब्रा का हुक खोला, निप्पल दबाए, और मुँह में लेकर चूसने लगा। वो सिसकियाँ लेने लगीं, “आह्ह, छोड़ दो, ज़ोर से मत दबाओ, उफ्फ्फ, कुणाल, बस करो।”
उन्होंने मेरा हाथ हटाकर निप्पल मेरे मुँह पर लगाया। मेरे सिर को छाती पर दबाया। मैं ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो बेकाबू हो गईं। जोश में होश खो बैठीं। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोला, नीचे खींचा। पहली बार किसी औरत को नंगा देखा। उनकी chut ki khubsurati देखी। उंगली फेरी, फिर जीभ डालकर चाटने लगा। वो दूर हटाने की कोशिश करती रहीं, पर मैं नहीं रुका। उनके पति ने ऐसा कभी नहीं किया था। वो मज़े ले रही थीं।
चूत चाटने का जादू
मैंने देसी घी लगाकर उनकी चूत चाटी। वो पागल हो गईं, सिसकियाँ लेने लगीं। मैंने उनका मुँह पकड़ा, अपना लंड डाल दिया। उन्हें lund choosna सिखाया। वो मज़े से चूसने लगीं। मुझे स्वर्ग सा आनंद मिला। फिर मैंने कहा, “मैं नीचे लेटता हूँ, तकिया रखकर मेरी छाती पर बैठो।” वो बैठीं। उनकी चूत मेरे होंठों को छू रही थी। मैंने उन्हें करीब खींचा। चूत मेरे मुँह में थी। उसका स्वाद गज़ब का था। 10 मिनट तक चाटा। वो चिल्लाईं, “आह्ह, खा जाओ, उफ्फ्फ, इसका रस चूस लो, भैया को कुछ नहीं आता, तुम्हें बहुत आता है।”
पहली चुदाई का रोमांच
मैंने उन्हें ऊपर से हटाया, नीचे लिटाया। उनकी गीली चूत खोली, पैरों के बीच बैठा। लंड चूत पर रखा, धीरे-धीरे धक्के दिए। फिसलता हुआ अंदर गया। पूरा लंड डालकर 10-15 मिनट तक zor se choda। वो गांड उठाकर साथ दे रही थीं। मैं झड़ने वाला था। धक्के तेज किए, बूब्स सहलाए। हम दोनों झड़ गए। मेरा वीर्य उनकी चूत में गया। वो संतुष्ट दिखीं। मैंने फिर बूब्स चूसे, निप्पल मसले। वो खुश थीं। कुछ देर बाद मैं घर चला गया।
नया रिश्ता
अब जब भी जाता, मौका देख उनकी chuchi choosta। वो भैया के पास कम सोतीं। भैया उनकी चुदाई ठीक से नहीं करते थे। वो हमेशा प्यासी रहती थीं। ये बात उन्होंने मुझे बताई। दोस्तों, ये थी मेरी bhabhi ki chudai की कहानी। उम्मीद है आपको पसंद आई।