ग्रुप सेक्स स्टोरी

भाई के दोस्तों ने नंगा किया

(Bhai ke dosto ne nanga kiya)

हैल्लो दोस्तों.. में आशा एक बार फिर से आप सभी लोगों को एक सच्ची कहानी सुनाने आई हूँ और में अपने छोटे भाई के साथ चुदाई करवा चुकी हूँ और अब में थोड़ा अपने बारे में बता देती हूँ.

दोस्तों में अपने भाई से बहुत बार चुद चुकी हूँ और मुझे चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है.. या आप यह भी कह सकते है कि चुदाई अब मेरी आदत बन चुकी है और अब में बिना चुदे रह नहीं सकती. जब से मैंने लंड लेना शुरू किया है और में भी निखरने लगी हूँ और मेरे जिस्म ने आकार बदलना शुरू कर दिया है.. मेरे छोटे छोटे आकार के बूब्स अब बड़े होने लगे है और मेरी गांड और भी ज्यादा सुंदर और चहरे पर चुदाई की चमक आने लगी है. दोस्तों वैसे अपने मुहं से अपनी बड़ाई अच्छी नहीं लगती.. इसलिए में अपनी ज्यादा बड़ाई नहीं करूंगी और अब सीधी अपनी आज की कहानी पर आती हूँ.

दोस्तों उस दिन भी फिर यही हुआ और भगवान ने हमे चुदाई का एक बहुत अच्छा मौका दे दिया.. मेरी मम्मी अपने किसी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में मायके गई हुई थी और में अपने छोटे भाई के साथ घर पर अकेली थी और मेरे पापा दुबई में नौकरी करते है और इसलिए वो दो तीन साल में एक बार ही कुछ दिनों के लिए घर पर आते है.

फिर जब मैंने अपने भाई को रात में मुठ मारते हुए पकड़ा तो में अपने आप को रोक ना सकी और अपने छोटे भाई के साथ ही चुदा बैठी.. लेकिन मेरे भाई को मेरी चूत का रस ऐसा लगा कि वो मुझे हर मौके पर चोदने लगा.. जब भी में कभी कहीं भी उसको मौके से मिल जाती तो वो मेरी चुदाई कर देता और रात में तो हर रोज़ ही चुदने लगी थी.. मुझे भी उसकी आदत सी हो गई थी और अब अच्छा भी लगता था.

फिर एक दिन मेरा भाई मुझसे बोला कि आशा क्या तुमको मेरे साथ चुदना अच्छा लगता है तो मैंने कहा कि हाँ लेकिन तुम यह सब क्यों पूछ रहे हो तो वो बोला कि वो बात यह है कि मेरे कुछ दोस्त भी तुमको चोदना चाहते है तो मैंने कहा कि क्या भैया तुम भी बहुत बड़े पागल हो और तुम अपनी बहन को अपने दोस्तों से चुदवाओगे तो वो कहने लगा कि क्यों? क्या तुम कभी भी अपनी सहेलियों को मुझसे नहीं चुदवाती हो तो क्या में वैसे ही तुमको अपने दोस्तों से नहीं चुदवा सकता?

फिर मैंने भी बहुत देर तक उसकी बातों को सोचा हाँ बात तो भैया एकदम सही कह रहा है और में अपनी इच्छाओ पर इतनी स्वार्थी कैसे हो गई और मैंने भैया के बारे में कुछ भी नहीं सोचा और मैंने कुछ सोचते ही भैया से पूछा कि क्यों भैया कौन दोस्त है.. जिनसे तुम मुझको चुदवाना चाहते हो तो वो बोला दीदी में अपने कुछ दोस्तों के साथ एक पार्टी में गया था तो मैंने वहाँ पर अपने एक दोस्त की बहन को चोदा था और अब वो सब भी कह रहे है कि तू अपनी दीदी को भी हमसे चुदवा.. उस समय हम 4 लड़के थे और एक उसकी दीदी थी और उस दिन हम चारों ने उसे बहुत जमकर चोदा था और बहुत मज़ा लिया.. प्लीज दीदी एक बार हाँ कर दो दीदी और तुमको भी बहुत मज़ा आएगा और सोचो कि तुम्हारे पास एक साथ चार चार लंड होगे और तुम अपनी चूत में, मुहं में, गांड में.. सब जगह सिर्फ़ लंड ही लंड लोगी और उस समय तुम्हे कितना मज़ा आयेगा ना दीदी. फिर मैंने अपने भाई की बात पर थोड़ा ध्यान दिया और कहा कि हाँ वो कह तो बिल्कुल सही रहा है और मैंने सोचा कि चलो अब कुछ अलग करके भी देखते है और मैंने हाँ कर दी और हमारी पार्टी का दिन भी तय हो गया और जैसा कि आप लोग जानते ही हो कि में एक सुंदर सेक्सी और चुदक्कड़ लड़की हूँ और किसी को भी मेरी तरफ आकर्षित करने में देर नहीं लगती.

Hindi Sex Story :  Badi didi aur uski saheli ko ek sath chudai ki-1

फिर मेरा भाई और में तय हुवे दिन पार्टी के उसी जगह पर पहुँच गए और वो दिल्ली से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ एक फार्म हाउस था और वो उसके किसी दोस्त का था.. वो शनिवार की एक बहुत मस्त शाम थी और एकदम ठंडी हवाओं से भरी थी. में काली कलर की टॉप और हल्के हरी कलर की स्कर्ट पहने हुए भैया के साथ वहाँ पर पहुँची थी और उसके तीन दोस्त वहाँ पर पहले से ही मौजूद थे. फिर मैंने उनको गौर से देखा और वो तीनों मेरे भैया से एकदम स्मार्ट भी थे और गठीले बदन के लग रहे थे और में उनको देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी.. क्योंकि में सोच रही थी कि आज तो बहुत मज़ा आएगा चुदाई का.. हमें घर पर लेने उसके दोस्त की गाड़ी आई थी. हम गाड़ी से उतरकर अंदर की तरफ पहुँच गए और मैंने ऐसा आलीशान घर सिर्फ़ फिल्म में और कहानियों में ही सुना था. उन तीनो लड़कों की निगाहें मेरे ऊपर ही थी.. वो मुझे आखों ही आखों में चोद रहे थे.

फिर मैंने थोड़ा ध्यान मेरे पास बैठा एक लड़का जिसका नाम अतुल था उस पर दिया. उसकी आखें मेरे बूब्स के ऊपर से हट ही नहीं रही थी और फिर में थोड़ा उसके पास ही सरक गई.. वो लगभग 6 फीट का गबरू जवान था. अब में उसकी तरफ और सरककर बैठ गई तो उसको थोड़ी हिम्मत मिल गई. उसने कपड़ो के ऊपर से मेरे बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया.. मेरी आँख बंद सी होने लगी. उसने यह क्या कर दिया? और में भावुक हो गई.. उसने मेरे बड़े बड़े बूब्स को धीमे से छुआ और हल्के से दबाया उसका करंट का झटका सीधा मेरी चूत पर लगा और जैसे जैसे उसका स्पर्श मेरे बूब्स पर बड़ता जा रहा था मेरी चूत को पता नहीं क्या हो रहा था. फिर ठीक एकदम सामने बैठे दोनों और लड़के भी मेरे पास आ गए और मेरे पास बैठकर मेरी बाहों को, मेरे गालों को और मेरी जांघों को देखने और सूंघने लगे.

अब धीरे धीरे मेरे शरीर के रोम रोम में मस्ती और उमंग भर रही थी और कब अतुल का हाथ मेरे टॉप के अंदर पहुँच गया और उन दोनों के हाथ कब मेरी स्कर्ट के अंदर आ गए मुझे होश भी नहीं रहा. फिर वो मेरे जिस्म पर अपनी उगलियों का कमाल दिखाने लगे जिसकी वजह से मेरी चूत धीरे धीरे और भी रसीली होती जा रही थी और थोड़ी देर एंजाय करने के बाद हम लोग उठकर बेडरूम में आ गए.

अब मेरी बारी थी.. मैंने अपना टॉप उतार कर बाहर किया और स्कर्ट भी उतार दी अब में अपने अंडरगारमेंट में खड़ी थी मेरे शरीर पर काली कलर की पेंटी और काली कलर की ब्रा थी और इसके अलावा कुछ भी नहीं था. अब तो मेरा भाई भी अपने कपड़े उतारकर अपने दोस्तों के साथ मेरी चूत की और आकर्षित हो गया और मेरे जिस्म से खेलने लगा.

Hindi Sex Story :  दो भाभियों की साथ में चुदाई

फिर उन लोगों ने मेरी ब्रा और पेंटी को उतारकर एक और डाल दिया और मेरे बूब्स को आज़ाद कर दिया और मुझे बेड पर लेटाकर मेरी चूचियों से, चूत से और जाँघो से खेलना शुरू कर दिया. में भी मस्त होती जा रही थी और अब मुझे महसूस हो रहा था कि मेरी चूत पानी पानी हो रही है. अब अतुल मेरे ऊपर अपने लंड को लेकर आ गया और मैंने उसके लंड को बहुत ध्यान से निहारा.. क्या भीमकाय लंड था? मैंने अपनी जीभ से उसके लंड के टोपे को छुआ.. उसके मुहं से अजीब सी करहाने की आवाज निकल पड़ी और मैंने अपने मुहं को खोलकर पूरे लंड को अंदर लेने की नाकाम कोशिश की.. लेकिन लंड मेरे मुहं के अंदर नहीं गया और इतनी मेहनत के बाद सिर्फ़ आधा लंड ही मेरे मुहं के अंदर जा सका.

में उसी को धीरे धीरे चूसने लगी.. लेकिन शायद अतुल चाह रहा था कि उसका लंड मेरे मुहं में पूरा चला जाए और यह असंभव था क्योंकि उसका लंड बहुत बड़ा था और वो मेरी गर्दन तक तो घुस गया था और में तो बोल भी नहीं पा रही थी. तभी मुझे कुछ और भी महसूस हो रहा था और दोनों लड़के मेरे बूब्स के साथ खेल रहे थे और उनको चूस चूसकर लाल कर चुके थे और फिर अमित ने मुझे चोदने का निर्णय लिया और वो मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गया.. लेकिन वो दोनों लड़के मेरे बूब्स को ही सहला रहे थे जिसकी वजह से मेरी उत्तेजना बडती ही जा रही थी.

फिर मैंने अपने दोनों पैरों को अमित के लिए खोल दिया. मेरी चूत उसके सामने खुलकर मुस्कुराने लगी थी.. अमित खुश हो गया था और उसने अपने लंड को हाथ से दो बार हिलाया और मेरी चूत के होंठो पर रख दिया. मैंने हल्की सी साँस खींची और अमित ने एक ज़ोर का धक्का दे दिया और उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंधेरे में समाता चला गया. मुझे हल्का सा दर्द हुआ शायद अमित का लंड मेरे भाई के लंड से मोटा था.. क्योंकि मेरे भाई का लंड तो में अपनी चूत में रोज़ ही डलवाती हूँ तो दर्द नहीं बल्कि मज़ा आता है.

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

अब मेरे पूरे शरीर में अमित के लंड के जाने से नया एहसास हो रहा था. उसका लंड मेरी चूत में बिल्कुल कसा कसा जा रहा था. वो मेरी छाती के ऊपर आकर मेरे बूब्स को दबाते हुए मुझे चोदने लगा.. मेरे मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी और दोनों लड़के अब पीछे हट गए थे और अपने लंड को हाथ से पकड़कर मसल रहे थे. मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था और अमित ने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया था.

फिर उसका लंड अब मेरी चूत में अंदर बाहर आने जाने लगा था. उससे मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ हो रही थी और में बस अमित की ही हो जाना चाहती थी. फिर मैंने अपनी आँखो को खोलकर देखा तो अमित एकदम बिंदास होकर मेरी चूत को मज़े से चोदने में लगा हुआ था.. मैंने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया था और उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से लपेट लिया था और अब वो मुझे बड़े मज़े से चोद रहा था मेरी चूत पानी छोड़ने लगी और उसका लंड मेरी चूत में बड़ी आसानी से सटा सट अंदर जा रहा था और में उम्मीद में बहती ही जा रही थी. पूरा कमरा मेरी सिसकियों से गूंजने लगा था और मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा था.. आहह उह्ह्ह आहह अमित प्लीज़ चोदो मुझे.. प्लीज़ और ज़ोर से हाँ ऐसे धक्के दो और ज़ोर से अहह और प्लीज़ अहह हमम्म मेरी आवाज़ों से अमित को जोश आने लगा और उसके धक्के मेरी चूत में तेज़ी से लगने लगे.

Hindi Sex Story :  अब्बू और उनके तीन दोस्त

फिर में जैसे एक बाज़ारू कुतिया की तरह उसके नीचे पड़ी हुई उसके लंड को झेल रही थी.. मज़े ले रही थी और वो मुझे अपने नीचे से हिलने नहीं देना चाहता था और मेरी इच्छा भी यही थी कि वो मेरी जमकर चुदाई करे और अब उसके धक्के तेज़ होते ही चले गए आहह उह्ह्ह्ह में अब झड़ गई थी.. वो भी मेरे साथ ही झड़ गया और मेरी चूत में ही उसका वीर्य गिर गया. में उसको अपनी चूत में जाता हुआ महसूस कर रही थी और वो मेरी छाती पर अपना सर रखकर लेट गया और में भी उसके बालों में अपनी उंगलियों को फेरती हुई लेटी रही. उसको बहुत प्यार करने का मेरा दिल हो रहा था. उसने मेरी कैसी चुदाई की थी और वो दोनों लड़के मुझे और अमित को थककर लेटा हुआ देखकर परेशान थे कि कहीं मेरा मूड ना बदल जाए.. मैंने उनको मुस्कुराकर देखा तो मेरा भैया बोला कि आशा दीदी क्या हुआ थक गई क्या? अब मेरे बाकी दोस्तों के साथ कैसे करोगी..

तो मैंने उससे कहा कि में तेरी दीदी हूँ कोई रंडी नहीं हूँ जो कि इतनी जल्दी थक जाऊँ.. में अभी तो पूरी रात चुद सकती हूँ. में देखती हूँ कि तुझमें और तेरे दोस्तों के लंड में कितना पानी है. यह बात सुनकर अमित बोला कि चल छिनाल अपने भाई से चुदने वाली हम लोगों को चॅलेंज करती है. तो मैंने कहा कि हाँ करती हूँ.. शर्त लगा लें क्या? शर्त यही कि अगर में सारी रात तुम लोगो से चुदने के बाद थक गई तो में एक महीने तक किसी से भी नहीं चुदवाऊँगी और नहीं तो तुम लोग एक महीने तक सिर्फ़ मुझे ही चोदोगे.. अगर मंज़ूर हो तो बात करो.

फिर वो लोग थोड़ा सोचकर मान गए और में जानती थी कि में इन सबसे रात भर आराम से चुद सकती हूँ.. फिर रात भर उन लोगों ने मेरे हर छेद में लंड डालकर चोदा और मैंने भी बड़ी मस्ती से सबके लोड़ो का पानी निकला.