पड़ोसी की चुदाई

पड़ोस की हॉट लड़की की इज्जत बचाई तो खुद उसने मुझे अपनी इज्जत दी-2

मैं वर्षा को बाहों में कस लिया और तरह तरह उसको चूमने लगा. जी कर रहा था उसे कहीं दुसरे शहर में भगा ले जाऊ और जिन्दगी भर चोदता खाता रहू. दोस्तों, वो मुझे इतनी जादा सेक्सी और हॉट लग रही थी. मैंने वर्षा को अपनी बाहों की सलाखों में जकड़ लिया और जोर जोर से होठ पर चुम्बन लेने लगा. कुछ देर देर में मेरे हाथ उसकी हल्की पारदर्शी मिनी नाइटी पर उसके मम्मे पर पहुच गए. मैं जोर जोर से वर्षा के छोटे छोटे निम्बू की साईज के बूब्स दबाने लगा. फिर मैंने उसकी मिनी नाइटी भी निकाल दी. अंदर वो ब्रा पेंटी में थी. मैंने उसको गले से लगा लिया और हम दोनों दीवाने आशिकों की तरह एक दुसरे को चूमने चाटने लगे. फिर मैंने एक एक करके उसकी ब्रा और पेंटी निकाल दी. अब वर्षा भार्गव सिर्फ हाई हील्स में थी. वहीँ उसके कमरे में उसका बड़ा सॉफ्ट बेड पड़ा था. इसी बेड पर वो रोज सोती थी. पर आज वो इसपर चुदने वाली थी. मैंने वर्षा को उसके बेड पर ले गया.

मैंने उसकी हाई हील्स नही उतारी. उसे पहनाए पहनाये ही मैंने बेड पर लिटा दिया. फिर अपने सारे कपड़े निकाल दिए. फिर मैंने वर्षा के छोटे छोटे ३० साइज़ के बूब्स पीने लगा. जादा बड़ा दूध नही थे दोस्तों. पर बड़े हॉट और सेक्सी थे. छोटे थे पर बेहद कसे और ठोस थे. बिलकुल सॉलिड सॉलिड. मैं हाथ से वर्षा की इज्जत [उसके बूब्स] को जोर जोर से दबाने लगा. वो कसमसाने लगी. मुझे उसे तड़पता हुआ देखकर बहुत अच्छा लगा. मैं मुँह में भरके उसके ठोस ठोस दूध को पीने लगा. वर्षा मुझे मजे से दूध पिलाने लगी. उसकी निपल्स और लड़कियों की तरह काली नही बल्कि लाल लाल थी जो बहुत जादा सेक्सी लग रही थी. मैंने जोर जोर से वर्षा के मम्मे पीने लगा. कुछ देर में उसकी चूत गीली हो गयी. पर मैं अभी फुल मजा लेने के मूड में था. क्यूंकि वर्षा के फॅमिली वाले रात में २ बजे आने वाले थे. इसलिए हम दोनों के पास ४ ५ घंटे तो बड़े आराम से थे.

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मैं बड़ी देर तक वर्षा जैसी पलती कमर वाली लड़की के मम्मे पीता रहा. फिर उसकी गोल मांसल चिकनी सेक्सी जांघो को मैं किस करने लगा. मैं चैलेन्ज से कह सकता हूँ की वर्षा के जिस्म का एक एक भाग, एक एक अंग बहुत ही सेक्सी था. वो काम की साक्षात् देवी थी. कम से कम मुझे तो ऐसी ही दिख रही थी. मेरा लंड उसकी चूत और हाई हील्स को देखकर फुफकारें भरने लगा. मैंने वर्षा भार्गव की चूत पर आ गया और मजे से उसकी गुलाबी गुलाबी पंखुड़ियों वाली चूत पीने लगा. उसकी चूत कामवासना से बह रही थी और लंड को मांग रही थी. मैंने मजे से वर्षा की चूत का एक एक हिस्सा पी रहा था. कुछ देर बाद उसकी चूत में कमाल की हलचल हुई और चूत फूलकर कुप्पा हो गयी. मैं कोई जल्दबाजी नही करना चाहता था. इसलिए मैं बड़ी देर तक वर्षा जैसी मस्त लड़की की चूत पीता रहा. फिर मैंने उसको चोदना शुरू कर दिया. अभी भी उसने अपनी हाई हील्स नही उतारी. असल में मैं उसे हील्स में ही चोदना चाहता था.

जैसे अमेरिका में लड़कियां हील्स पहनकर चुदवाती है. ठीक उसी तरह मैं वर्षा जैसी गजब की माल को खाना चाहता था. हांलाकि वो कुवारी माल नही था. सायद २ ३ बार किसी लड़के से चुद चुकी थी. पर मुझे इससे क्या फर्क था. मैं तो उस कमाल की लड़की की चूत मार रहा था. दोस्तों, मेरे लंड का सुपाडा बहुत मोटा था. जल्दी वर्षा की नादान सी चूत में जाने को तैयार नही था, पर किसी तरह धक्के मार मारकर मैंने अपने लौड़े को अंदर किया और फिर उसे चोदने लगा. कुछ देर बाद उसकी चूत ढीली होकर रवां हो गयी. मैं अब उसे आराम से ले पा रहा था. वर्षा अपनी आँखों और पलकों को झुकाएं थी. उसकी झुकी हुई पलके तो मेरे कलेजे का कत्ल कर रही थी. मैं खट खट करके वर्षा को चोद रहा था. वो अपनी दोनों टाँगे उपर उठाये थी और टांगो में काली काली हील्स चमक रही थी.

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उसके जैसी नाजनीन को खाना एक बड़ी बात थी. ये मेरा अब तक का बड़ा अचीवमेंट था. वो बड़े देर तक टाँगे उठवाकर चुदवाती रही और मैंने उसे चोदता रहा. कुछ देर बाद वर्षा भार्गव अपनी गांड उठाने लगी और मजे से हपर हपर करके चुदवाने लगी. मैं जोर जोर से उसे धक्के मारने लगा जिससे उसके निम्बू हिलने लगे. मैंने वर्षा के छोटे बूब्स को हाथ में भर लिया और जोर जोर से निचोड़ने लगा. उसे बहुत दर्द होने लगा. उसका दर्द मैं उसके चेहरे पर साफ़ देख सकता था. पर सायद चुदवाते चुदवाते उसे मजा भी काफी मिल रहा था. इसलिए उसने मुझे नही रोका. मैं मनमर्जी तरह से वर्षा के छोटे छोटे निम्बू दबाता रहा और निचे से गचा गच उसको पेलता रहा. कुछ देर बाद वर्षा चुदाई में पूरी तरह से खुल गयी और जोर जोर से सिसकारी ले लेकर चुदवाने लगी. आआअ आहा आह आह ऊई उई ओह !! ओह ! करके चुदवाने लगी. फिर मैं उसकी चूत में ही शहीद हो गयी. पर मैंने अभी अपना लौड़ा उसके लाल भोसड़े में ही पड़े रहने दिया. कुछ देर बाद मेरा लौड़ा खुद बाहर आ गया. जैसे ही मेरा लंड बाहर निकला मेरा माल उसकी चूत से बाहर निकल आया. वर्षा से उसे २ उँगलियों से उठा लिया और सारा माल पी गयी.

दोस्तों, ये देखकर मैं बड़ा सेक्सी महसूस कर रहा था. क्यूंकि चुदवा तो हर लड़की लेती है पर माल बहुत कम लड़कियां ही पी पाती है. जादातर को माल पीना अच्छा नही लगता है. कुछ देर बाद हम आशिकों का चुदाई का फिरसे मन बन गया था. मेरा वर्षा जैसी मस्त सामान की गांड लेने का बड़ा मन था. पर इससे पहले हम ६९ वाली पोजीशन में आ गए. मैंने उसकी चूत पीने लगा. वो मेरा लंड चूसने लगी. आपको बताना भूल गया की वर्षा हमेशा बॉय कट बाल रखती थी जिसमें वो और जादा सेक्सी लगती थी. जब वो अपने मधुर होठो से मेरा लौड़ा चूसने लगी तो मैं बता नही सकता हूँ मुझको कितना मजा आया. लगा जैसे दुनिया की खुसिया आज मुझे मिल गयी हो. जैसे आज कायनात मेरे कदमो में झुक गयी हो. मैंने कभी सोचा नही था की वर्षा भार्गव जैसी टॉप माल कभी मेरा लंड चूसेगी. हम दोनों बड़ी देर तक ६९ की पोजीशन में रहे और एक दुसरे के गुप्त अंगो को चूमते, चाटते और पीते रहे.

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फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में कर दिया.

‘अक्षदीप!! जान क्या अब मेरी गांड मारोगे??” वर्षा ने पूछा

‘हाँ!! छिनाल !! तेरी चूत तो मैं मार मारके भुरता कर ही चूका हूँ. अब मेरी गांड मैं मारूंगा!!’ मैंने चिल्लाकर कहा. मैंने किसी कुत्ते की तरह वर्षा की नर्म नर्म गुद्दीदार गांड पीने लगा. कुछ ही देर में वर्षा की गांड चुदने को तैयार थी. मैं गांड के छेद पर लौड़ा लगा दिया और अंदर की ओर करने लगा. पर बार बार लंड इधर उधर सरक जाता था. मैं कोशिश करता रहा. आखिर कुछ देर बाद मैं कामयाब हो गया था. मेरा लंड वर्षा की नर्म गांड की दीवाल तोड़कर अदंर घुस चूका था. उसको काफी दर्द हो रहा था, पर किसी तरह वो बर्दास्त कर रही थी. फिर मैं उसकी गांड चोदने लगा. बड़ी देर तक मैंने उसकी गांड लेता रहा, फिर उसी में झड गया. आपको ये कहानी कैसी लगी, अपनी कमेंट्स HotSexStory.xyz पर लिखना ना भूलें.