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बुआ बनी लंड की दीवानी

Bua bani lund ki deewani

दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र २० वर्ष है। आज जो मैं कहानी लिख रहा हूँ वह मेरी ज़िंदगी की एक सच्ची और बहुत यादगार घटना पर आधारित है। इस कहानी के माध्यम से मैं अपने और अपनी बुआ की वह खूबसूरत पल आपसे साझा करना चाहता हूँ।

कहानी कुछ इस प्रकार है कि मैं लुधियाना का रहने वाला हूँ और दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर रहा हूँ। मुझे सेक्स करने का बहुत शौक है, और मैं बड़ी, विवाहित महिलाओं के साथ सेक्स करना ज्यादा पसंद करता हूँ। जैसा कि आप सभी को पता है, दिल्ली में जी.बी. रोड पर सेक्स की बिल्कुल भी कमी नहीं है। मैं वहाँ अक्सर जाता रहता हूँ और जब भी जाता हूँ तो किसी न किसी महिला के साथ यौन संबंध बनाता हूँ।

मेरी और बुआ जी की यौन संबंध बनाने की घटना पिछले साल की है जब मैंने अपनी १२वीं कक्षा पूरी कर ली थी और मुझे दिल्ली विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन करने के लिए सीट मिली थी। तब मेरी उम्र १९ वर्ष थी और मेरे घरवालों ने कभी मुझे घर से ज्यादा दूर अकेला नहीं भेजा था, क्योंकि माँ-बाप कुछ कामों से व्यस्त थे तो वे जाने नहीं पा रहे थे। इसलिए सबने यह फैसला किया कि तुम्हारे साथ तुम्हारी बुआ को भेजेंगे क्योंकि वह फ्री थी और उनके पति सेना में थे। फिर मैं और बुआ जी दिल्ली आ गए। दोस्तों, मेरी बुआ ३८ वर्ष की जवान और खूबसूरत हैं। जो भी उन्हें देख ले उसका मन यही करेगा कि एक बार इसके साथ यौन संबंध बनाने का मौका मिले।

उनकी स्तन का आकार ३६ है और स्तन बहुत ज्यादा टाइट हैं। उनकी गाल काफी बड़ी हैं जब वे मटक-मटक कर चलती हैं तो लंड खड़ा हो जाता है। जब मैं १२वीं में था तो मैंने कई बार उनके नंगे शरीर के सपने देखकर बाथरूम में मुंह मार लिया करता था। कभी उनके होंठों को चूसने का सपना लेता था, कभी उनसे यौन संबंध बनाने का। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे ये सपने एक दिन हकीकत बन जाएंगे।

दोस्तों, यौन संबंध बनाने की घटना तब हुई जब मैं और बुआ जी दिल्ली से एडमिशन करवाकर वापस आ रहे थे। हम लोग बस स्टैंड पर थे और शाम का समय हो चुका था, थोड़ा-थोड़ा अंधेरा होने लगा था। हमने घर जाने के लिए स्लीपर बस में टिकट बुक कराए थे। नीचे कोई भी बर्थ खाली नहीं थी तो हमने ऊपर का सीट बुक करवाया था जो दो लोगों के लिए होता है। हम बस में चढ़कर अपने बर्थ में आ गए। बुआ जी भी अंदर आ चुकी थी।

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फिर थोड़ी देर बाद बस वहाँ से निकल पड़ी। और फिर हमने भी अपने कैबिन का दरवाजा बंद कर लिया और लाइट्स ऑन कर लीं। मैं और बुआ जी बस बातें कर रहे थे। धीरे-धीरे समय बीतता जा रहा था, आधे से ज्यादा लोग बस में सो चुके थे। हम भी बस सोने ही जा रहे थे। बैठ-बैठ के थक चुके थे तो मैंने बुआ को कहा कि चलो अब लेट जाते हैं। मैं लेट कर थोड़ा चादर सेट कर रहा था कि इतने में मेरी कोहनी (Elbow) गलती से बुआ जी के स्तनों को छू गई। मैं मुंह से अचानक से निकल गया, “माफ़ करना बुआ”। लेकिन दोस्तों, मैं यह देखकर हैरान था कि बुआ ने आगे से हल्का सा मुस्कुरा दिया। उनकी मुस्कान देख कर मैं दंग रह गया। बुआ जी आगे से बोली, “कोई बात नहीं, इतना तो चलता है।” आखिर तुम मेरे फेवरेट भतीजे हो। दोस्तों, मेरी बुआ उस रात बहुत ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी। उन्होंने टाइट सलवार-कमीज पहनी थी। जबसे मेरी कोहनी उनके स्तनों को छुई थी तब से मेरा लंड खड़ा हो चुका था। और मैं अंदर ही अंदर सोच रहा था कि मैं कब से इनको देखकर मुंह मारता आया हूँ। आज कभी इनके साथ यौन संबंध बनाने का मौका मिले तो मजा आएगा। मेरा मन उनसे सेक्स करने को कर रहा था। बुआ भी बार-बार मेरी तरफ देख रही थी और अब मुस्कुरा रही थी। मुझे अंदर ही अंदर हिचकिचाहट हो रही थी क्योंकि मैंने इससे पहले बुआ को कभी नहीं छुआ था।

मैंने यूँ ही बातों-बातों में बुआ से पूछ लिया कि फूफा ६-६ महीने घर नहीं आते हैं। आपका मन कैसे लगता है घर पर अकेले? आप जीवन कैसे बिता रहे हैं उनके बिना?

उस समय बुआ बोली, “मन तो नहीं करता है अकेले रहने का लेकिन क्या करूं अब, उनकी नौकरी ही ऐसी है।” दोस्तों मैं उस दिन का वो मौका बिलकुल भी नहीं खोना चाहता था। इसलिए मैंने बड़ी हिम्मत करके अपने हाथ बुआ के हाथ पर रख दिया। कुछ देर मैंने वैसे ही रहने दिया। दोस्तों, बुआ ने कुछ भी नहीं बोला, उल्टा मेरी हथेलियों में अपनी उंगलियां डालकर अच्छी तरह से मसलना शुरू कर दिया। दोस्तों फिर मैंने अपने हाथों से उनकी जांघ पर रख दिया और जोर-जोर से रगड़ने लगा। कुछ देर मैं ऐसा ही करता रहा…. दोस्तों, बुआ ने कुछ भी नहीं बोला, उल्टा वो धीरे-धीरे सिसकीया भरने लगी थीं। उनका मन उस दिन सेक्स करने को कर रहा था। वे बार-बार अपने होंठों को दांतों से काट रही थीं।

दोस्तों फिर इंतजार किस बात का था? मैंने लेते-लेते ही बुआ को टाइट हग कर लिया और उनसे लिपटा गया। अब मैं उनके ऊपर आ चुका था और वो मेरे नीचे थीं। मैंने उन्हें गले पर जोर से किस करना शुरू किया, कभी माथे पर… दोस्तों उस दिन बुआ ने रेड लिपस्टिक लगा रखी थी, उनके रसीले होंठ देखकर मुझे रोक नहीं पाया और मैंने उनको चूसना शुरू कर दिया। अब बुआ पूरी सहमति दे रही थी। अपने दांतों से मेरे जेब को बार-बार काट रही थीं। दोस्तों बहुत मजा आ रहा था, ऐसा लग रहा था मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ। फिर मैंने थोड़ी देर बाद बुआ के ऊपर से नीचे उतर गया। मैंने अपना पजामा नीचे किया और अपना लंड निकाला और बुआ के एक हाथ में पकड़ा दिया। बुआ बोली, “तेरे फूफा का इतना बड़ा नहीं है, तुमने कैसे इतना बड़ा बना लिया?” दोस्तों बुआ अपने हाथों से जोर-जोर से मेरे लंड को मसल रही थी। मेरी बॉडी में एक अजीब सी करंट चल रही थी। फिर मैंने एक हाथ से उनकी कमर को ऊपर किया और दोनों स्तन बाहर निकाल दिए। दोस्तों उनके स्तन बहुत बड़े, टाइट हैं और साथ में बड़े-बड़े रसीले निप्पल थे। दोस्तों मैं उनके स्तनों को जोर-जोर से दबाने लगा। बहुत मजा आ रहा था, मैं कुछ देर तक ऐसा ही करता रहा फिर बाद में चूसना शुरू कर दिया। बुआ पूरी सेक्सी मूड में आ चुकी थी, अपने दांतों से उनके निप्पल को काटने का बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने बुआ को लंड मुँह में डालने के लिए कहा लेकिन बुआ ने बोला “मैंने कभी ऐसा नहीं किया है”। मैंने कहा “कृपया एक बार करके देखो, कुछ नहीं होगा तुम्हें अच्छा लगेगा।”

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वो मान गई। उसने लंड पकड़कर थोड़ा सा मुँह में डाल दिया। लंड के ऊपर की टोपी बार-बार जेब से छेड़ रही थी फिर वो जोर-जोर से अच्छी तरह से चूसने लगी। मुझे और सब्र नहीं हो रहा था। मैंने बुआ को वापस लेटने को कहा और बुआ के सलवार का नादा धीला कर के सलवार को नीचे की ओर खिसका दिया। दोस्तों मेरे पर्स में एक कंडोम था, मैंने उसे निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया। फिर बुआ के ऊपर लेटकर अपने लंड को उनकी चुत के सामने रखा और धीरे से दबाकर अंदर डालने की कोशिश की। लेकिन उनकी चुदाई बहुत कम हुई थी इसलिए उनकी चुत बहुत tight थी, धीरे से डालने से अंदर नहीं जा रहा था। फिर मैंने जोर से धक्का मारकर अपने लंड को उनकी चुत के पूरी तरह अंदर घुसा दिया। बुआ के मुँह से आवाज आई “उहिई मर गई”। मैंने कहा “बुआ चिंता मत करो, सहयोग करो।” फिर मैंने उन्हें ऊपर लेटकर अच्छी तरह से चुदाई शुरू कर दी और साथ ही उनके होंठों को चूस रहा था जिससे उन्हें और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था। उनकी चुत से आवाजें आ रही थीं “फैच्छ फॅच फॅच”।

फिर कुछ देर बाद मैंने उनकी दोनों टांगों को अपनी कंधे पर रखा और दोबारा तेजी से उनको चोदने लगा। उन्हें बहुत मज़ा आ रहा था। फिर कुछ देर बाद मैंने उनकी चुत के अंदर ही जड़ दिया हालाँकि कंडोम पहना हुआ था इसलिए वीर्य कंडोम के अंदर ही था। मैंने साइड पर होकर कंडोम उतार दिया। बुआ भी अंदर ही जड़ चुकी थी। बुआ अब पूरी तरह से रिलैक्स हो चुकी थी… वो कह रही थी “आज तुमने मेरी प्यास बुझा दी है। यौन संबंध बनाने का इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था”। हम कुछ देर ऐसे ही बातें करते रहे फिर थोड़ी देर बाद लंड दोबारा खड़ा हो गया मैंने कहा बुआ, लंड दोबारा खड़ा हो गया है, मुझे दोबारा करना है लेकिन इस बार पहले जैसा नहीं करेंगे।

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हम इस बार ६९ की पोजीशन में आ गए। मैं उनकी रसीली चुत को जीभ से छेड़ रहा था और वो मेरे लंड को अपनी जीभ से मसल रही थीं। दोस्तों बहुत मज़ा आ रहा था… उनकी चुत से पानी टपक रहा था जो मैंने जेब से चाट लिया था। कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर कुछ देर बाद मेरा वीर्य उनके मुँह में ही छोड़ दिया। मैंने सारा वीर्य उनके मुँह के अंदर ही निकाल दिया। फिर मैंने नीचे उतरकर अपना ट्राउजर ऊपर किया, उन्होंने भी सलवार ऊपर करके बांध ली। रात ज्यादा हो चुकी थी तो हमने थोड़ी देर बात की और फिर पीठ पलट कर सो गए। इसके बाद भी हमें ऐसे ही सेक्स करने के कई मौके मिले।

दोस्तों ये थी मेरी जिंदगी की एक सच्ची घटना जो मैंने आपसे बताई है। कहानी कैसी लगी?