सुधा आंटी और विक्की की दुकान से बाथरूम तक चुदाई
पढ़ें विक्की की सच्ची और उत्तेजक सेक्स स्टोरी, जहाँ स्टेशनरी शॉप की सुधा आंटी ने उसे अपनी चूत और गांड से चुदाई का मज़ा सिखाया। साड़ी वाली गोरी आंटी के साथ बाथरूम में नंगे मज़े से लेकर गांड मारने तक, पूरी कहानी में सेक्स और हॉट सीन का तड़का।
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और मैं आज आपके लिए अपनी एक सच्ची और हॉट कहानी लेकर आया हूँ। ये घटना तब की है जब मैं 19 साल का था और 12वीं क्लास में पढ़ता था। हमारी गली के मोड़ पर एक स्टेशनरी शॉप थी, जहाँ मैं रोज़ सुबह कुछ ना कुछ खरीदने जाता था – पेन्सिल, कलर, टॉफी या चॉकलेट। सुबह के टाइम दुकान सुधा आंटी संभालती थीं। वो मुझे अच्छे से जानती थीं, क्योंकि उनकी शॉप मेरे घर के पास ही थी। सुधा आंटी मज़ाकिया और हँसमुख थीं। उनकी उम्र करीब 45 साल थी और उनके तीन जवान बच्चे थे। पहाड़ी होने की वजह से उनका रंग एकदम गोरा था। उनके बूब्स ना बहुत बड़े थे, ना बहुत छोटे, और उम्र की वजह से उनका पेट थोड़ा बाहर निकला हुआ था। वो ज्यादातर साड़ी पहनती थीं, जिसमें उनकी उठी हुई गांड बहुत सेक्सी और ज़बरदस्त लगती थी।
जब भी मैं उनकी दुकान पर जाता, वो मेरे गाल खींचतीं और पूछतीं, “क्या चाहिए?” कभी मेरी गांड पर हल्का सा चांटा मारतीं, तो कभी मेरे गालों या होंठों पर किस ले लेतीं। मैं क्यूट था, शायद इसलिए वो मेरे साथ ऐसे मस्ती करती थीं।
एक दिन सुबह 7 बजे मैं उनकी दुकान पर पहुँचा। आंटी एक किताब लिए बैठी थीं। मैं उनके सामने खड़ा था, लेकिन उनका ध्यान मुझ पर नहीं था। मुझे शरारत सूझी। मैं चुपके से दुकान के अंदर घुस गया और उन्हें डराने की सोची। जैसे ही मैं उनके पीछे पहुँचा, मेरी नज़र उनकी किताब पर पड़ी। दोस्तों, मेरे होश उड़ गए – वो एक सेक्सी किताब थी, जिसमें नंगी चुदाई की बड़ी-बड़ी तस्वीरें थीं। मेरे शरीर में कपकपी छूट गई। मैं चुपचाप वहीं खड़ा रहा। अचानक मुझे मस्ती चढ़ने लगी। तभी आंटी ने मुझे देख लिया और हँसकर बोलीं, “ओहो, पीछे से दूरदर्शन हो रहा है?”
सुबह का टाइम था, ग्राहक कम थे। जो एक-दो आते भी थे, वो मेरे जैसे छोटे बच्चे ही होते थे। मैं शरमा गया और बोला, “आंटी, गंदी बात मत करो। मुझे चॉकलेट दे दो, स्कूल जाना है।” वो बोलीं, “हाँ-हाँ, जितनी चाहे चॉकलेट ले ले, लेकिन मुझे भी चॉकलेट खिलानी पड़ेगी।” मैं उनके इशारे समझ रहा था। मेरा 5 इंच का लंड पैंट में तन गया। मैं उस टाइम अंडरवियर नहीं पहनता था, तो पैंट से मेरा उभार साफ दिख रहा था। मैंने कहा, “नहीं, मैं अपनी चॉकलेट नहीं दूँगा।” मुझे लगा वो मेरी चॉकलेट में हिस्सा माँग रही हैं। वो हँस पड़ीं और बोलीं, “पागल, मैं तुझे 10 चॉकलेट दूँगी, लेकिन तू मुझे अपनी ‘वाली’ चॉकलेट देगा।”
मैं कन्फ्यूज़ हो गया और बोला, “मेरे पास कौन सी चॉकलेट है, आंटी?” तभी उन्होंने मेरी पैंट पर हाथ रखा, मेरे तने हुए लंड को सहलाया और सिसकी भरते हुए बोलीं, “ये वाली।” मैं शरमा गया और बोला, “छी, ये तो गंदी चीज़ है, इससे तो मैं पेशाब करता हूँ।” वो बोलीं, “बेटा, ये बहुत काम का औज़ार है। इसके कई यूज़ हैं। एक काम कर, बैग यहाँ रख, तीन चॉकलेट बैग में डाल और पीछे बाथरूम में जा। मैं आती हूँ।” मैंने कहा, “नहीं, मुझे स्कूल जाना है।” वो बोलीं, “अरे, बस 10 मिनट लगेंगे। मैं हर मिनट की एक चॉकलेट दे रही हूँ, अब नखरे क्यों कर रहा है?” मैंने सोचा, ठीक है, 10 मिनट और सही।
मैं बाथरूम में चला गया। आंटी भी पीछे-पीछे आईं, हाथ में वही सेक्सी किताब लिए। आते ही उन्होंने मेरी शर्ट और पैंट उतार दी। मैं शर्म से पानी-पानी हो गया और अपने लंड को हाथ से छुपा लिया। फिर आंटी ने अपनी साड़ी और सारे कपड़े उतार दिए। वो जल्दी-जल्दी नंगी हो रही थीं, जैसे उन्हें बहुत गर्मी लग रही हो। मैं कोने में सहमा खड़ा था, कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या होगा।
आंटी ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया। मैं पीछे हटने लगा, तो वो बोलीं, “डर मत, बेटा। मैं तुझे खा थोड़ी जाऊँगी। बस तेरे लंड को टेस्ट करूँगी।” मैंने कहा, “आंटी, ये गंदा है।” उन्होंने किताब खोली, एक फोटो दिखाया और बोलीं, “देख, ये भी तो यही कर रही है। जल्दी कर, टाइम नहीं है।” मैं चुप हो गया। फिर उन्होंने मेरा पूरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं। मुझे मज़ा आने लगा, ऐसा एहसास पहले कभी नहीं हुआ था। वो भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड और आंड को चाट रही थीं। मैं किताब की तस्वीरें देख रहा था। एक फोटो में लड़का औरत की चूत चाट रहा था। मैंने कहा, “आंटी, ऐसे करें?” वो हँसकर बोलीं, “भोसड़ी के, चूत चाटेगा? अभी तो गंदा बोल रहा था।” मैं शरमा गया।
फिर उन्होंने मेरा लंड मुँह से निकाला और खड़ी हो गईं। पहली बार मैं किसी नंगी औरत को सामने देख रहा था। मैंने किताब में जो देखा, वही करने लगा। उनके बूब्स पकड़े, चूसने लगा, निप्पल्स को काटा। वो “सीईईई उफ्फ्फ आआह्ह” करने लगीं। मैंने पूछा, “आंटी, दर्द हो रहा है?” वो बोलीं, “नहीं, मेरे बच्चे, ये मज़े में कर रही हूँ। तू जारी रख।” मैं उनकी चूत तक पहुँचा। उनकी क्लीन शेव चूत को चाटा। नमकीन टेस्ट था। पहले अजीब लगा, फिर मज़ा आने लगा। उन्होंने मुझे फर्श पर लिटाया और अपनी बड़ी गांड मेरे मुँह पर रख दी। मेरा चेहरा उनकी गांड के नीचे दब गया। वो अपनी गांड का छेद मेरे मुँह पर रगड़ने लगीं और चिल्लाने लगीं, “चाट डाल, राजा! जीभ अंदर डाल, सारा रस चूस ले। मैं तुझे रोज़ चॉकलेट दूँगी।”
उनकी नज़र मेरे तने हुए लंड पर पड़ी। वो बोलीं, “इतनी कम उम्र में तेरा लंड इतना बड़ा? मुझे लगा 2-3 इंच का होगा।” वो फिर मेरे लंड को चूसने लगीं। हम 69 पोज़िशन में थे। वो मेरी गांड भी चाटने लगीं और बोलीं, “आज सब चाटकर साफ कर दूँगी।” मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैं झड़ गया। मेरा गाढ़ा पानी निकला, जो वो पूरा पी गईं। मैंने पूछा, “ये क्या निकला?” वो बोलीं, “बेटा, ये रस है। अब तू जवान हो गया।”
तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया। आंटी ने पूछा, “कौन है?” बाहर से उनके पति की आवाज़ आई, “बहनचोद, किसकी माँ चोद रही है? दरवाज़ा खोल।” मैं डर से रोने लगा। आंटी बोलीं, “अंकल से क्यों डर रहा है? ये तो मुझे अपने दोस्तों से चुदवाता है।” उन्होंने दरवाज़ा थोड़ा खोला। अंकल ने मुझे देखा और बोला, “क्यों, इस बेचारे का दम निकाल रही है?” आंटी बोलीं, “तुम जाओ, दुकान संभालो। मैं 10 मिनट में आती हूँ।” अंकल चले गए। आंटी ने मुझे कहा, “डर मत, मज़े कर।” वो मेरे लंड को अपने बूब्स से रगड़ने लगीं। मेरा लंड फिर तन गया।
वो हँसकर बोलीं, “ये तो जल्दी तैयार हो गया। चल, तुझे जन्नत की सैर कराती हूँ।” वो मेरे लंड पर अपनी गांड रखकर बैठ गईं। मेरा लंड उनकी गीली चूत में समा गया। उन्होंने मेरे हाथ अपनी चूचियों पर रखवाए और बोलीं, “जितनी जान हो, खींच।” मैंने ऐसा ही किया। वो ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगीं और चिल्लाईं, “आआह्ह, चोद डाल, राजा! मेरी चूत की गर्मी निकाल दे।” उनका वज़न ज़्यादा था, मैं नीचे दब रहा था। मैंने कहा, “आंटी, साँस नहीं आ रही।” वो हँसकर उठीं और घोड़ी बन गईं। बोलीं, “गांड में डाल।” लंड अंदर नहीं गया। उन्होंने शैम्पू लिया, मेरे लंड और अपनी गांड पर लगाया। फिर मेरा लंड उनकी गांड में फिट हो गया। गांड चूत से ज़्यादा टाइट थी, मज़ा दोगुना हो गया।
वो अपनी गांड पीछे धकेलकर मुझसे मरवाने लगीं। फिर पलटीं, टाँगें फैलाईं और बोलीं, “झाड़ दे, राजा।” मैंने स्पीड बढ़ाई। वो तड़प रही थीं। पच-पच की आवाज़ बाथरूम में गूँज रही थी। एक चीख के साथ वो झड़ गईं। फिर उन्होंने मुझे साफ किया, कपड़े पहनाए और तैयार किया। बाहर अंकल मुझे देखकर हँस रहे थे। मैं शरम से मरा जा रहा था। अंकल बोले, “चोद आया मेरी बीवी को?” आंटी बोलीं, “क्यों परेशान कर रहे हो? डर गया तो फिर नहीं आएगा।” उन्होंने मुझे चॉकलेट का पैकेट और फ्रूटी दी और कहा, “किसी को मत बताना। कल जल्दी आना, ऊपर वाले फ्लोर पर मज़े दूँगी।”
मैं स्कूल पहुँचा तो क्लास शुरू हो चुकी थी। मुझे सजा मिली, लेकिन मुझे कोई गम नहीं था। इतनी बड़ी औरत की गांड मारने का मज़ा जो मिल गया था। मन ही मन मैं बहुत खुश था।