बुआ की प्यारी लड़की की चूत मारी-2
फिर मैंने मेरी तरफ वाले बूब्स को साईड से ऊँगली से दबा दिया और जब उसने अपनी तरफ से कोई हलचल नहीं की तो मैंने अपनी दो उँगलियों से उसके बूब्स को छुआ. दोस्तों अब ना तो वो मुझे रोक रही थी और ना ही मेरा साथ दे रही थी. थोड़ी देर बाद मैंने उसके बूब्स को अपने पूरे हाथ से दबाना शुरू किया. तभी उसने अचानक से मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स से दूर हटा दिया और फिर उसने अपने हाथ को वापस नीचे कर लिया, लेकिन थोड़ी देर बाद मैंने दोबारा अपने हाथ को उसकी जांघ पर रख दिया और थोड़ी देर बाद उसने दोबारा मेरा हाथ हटा दिया और मुझसे कहा.
शालू : प्लीज थोड़ा सा सोचो यह सब कुछ हम दोनों के बीच में बिल्कुल भी ठीक नहीं होगा, क्योंकि में तुम्हारी बहन हूँ, किसी को पता चला तो हम दोनों की बहुत बदनामी होगी, में बाहर किसी को अपना मुहं दिखाने के लायक भी नहीं रहूंगी, दुनिया वाले मुझ पर तरह तरह के ताने मारेंगे.
में : तो क्या हुआ और क्या किया है मैंने अपना हाथ ही तो रखा है?
शालू : मुझे सब पता है कि क्या किया है? मैंने तुमसे कुछ नहीं कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे कुछ पता नहीं है, मुझे सब पता है कि पहले तुम्हारा हाथ मेरे साथ क्या क्या कर रहा था?
में : तो में क्या करूं, तुम हो ही इतनी सुंदर? उस वजह से मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल ही नहीं होता.
शालू : लेकिन भैया में आपकी बहन हूँ प्लीज आप कुछ तो समझा करो, मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता और आगे से कभी भी मेरे साथ आप ऐसा मत करना, नहीं तो में सब कुछ घर पर बता दूँगी.
में : हाँ ठीक है तुम मुझे माफ़ कर दो, आगे से ऐसा कभी नहीं होगा.
दोस्तों अब मेरा मूड बिल्कुल ही खराब हो चुका था और जिस चाह से में उसे लेने गया था कि इस बार मुझे कैसे भी करके उसकी चूत लेनी है, वो सब खत्म हो गया था और सब पर पानी फिर गया था और अब मुझे ऐसा लगने लगा था कि अब कुछ भी नहीं होने वाला था और फिर घर पर आने के बाद में उससे बहुत कम ही बातें करने लगा था, बस जब मुझे उससे जरूरत होती, तभी में उसे बुलाता और फिर एक दिन उसने मुझसे पूछा.
शालू : क्या बात है भैया में देख रही हूँ कि आजकल आप मुझसे अच्छे से बात ही नहीं करते हो?
में : नहीं ऐसा कुछ नहीं है, वो बस ऐसे ही.
शालू : नहीं आपके मन में जरुर कोई बात तो है, वरना पहले आप ऐसे बिल्कुल भी नहीं थे.
में : सच्ची मेरे मन में ऐसी कोई भी बात नहीं है जैसा तुम सोच रही हो.
शालू : क्यों आप मुझसे उस दिन बस वाली बात से नाराज़ हो ना?
दोस्तों मैंने उनकी किसी भी बात का कोई भी जवाब नहीं दिया, बिल्कुल चुप रहा.
शालू : प्लीज बताओ ना, क्यों आप मुझसे उस दिन बस वाली बात से नाराज़ हो ना?
तो मैंने अब भी कुछ भी नहीं कहा, बस हाँ में अपना सर हिला दिया था.
शालू : भैया आप समझते क्यों नहीं हो? में आपके साथ वो सब नहीं कर सकती.
में : हाँ तो मैंने तुमसे कब कहा है कि तुम कुछ करो, तुमने जब से मुझसे मना किया है तो अब में थोड़े ना तुम्हारे साथ कुछ कर रहा हूँ.
शालु : हाँ में बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ कि अब आप कुछ नहीं कर रहे हो, लेकिन अब आप तो मुझसे अच्छे से बात भी नहीं कर रहे हो.
में : तो में क्या करूं? में जब भी तुमसे बात करता हूँ तो मेरा मन तुम्हारे साथ कुछ करने का होता है, लेकिन वो सब मुमकिन नहीं है तो क्या फायदा.
शालू : चलो ठीक है और आप मुझे मेरी गर्दन पर किस कर सकते हो.
दोस्तों अब में मन ही मन बहुत खुश हुआ कि चलो अब मुझे इसकी तरफ से आगे बढ़ने की अनुमति तो मिली और तभी मैंने उसको बहुत टाईट वाला हग कर लिया और उसकी गर्दन पर किस किया. फिर मैंने उससे होंठो पर किस करने के लिए पूछा, लेकिन उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन मेरे थोड़ी देर जिद करने पर उसने अपनी तरफ से हाँ कर दिया और उसने मुझसे कहा कि बस एक बार ही करनी है. फिर हमने होंठो पर किस किया और उसने भी मेरा पूरा साथ दिया.
कुछ देर बाद हम दोनों एक दूसरे की जीभ को छू रहे थे और धीरे धीरे हम दोनों गरम हो रहे थे, उस बात का मैंने पूरा पूरा फायदा उठाते हुए मेरा हाथ अब उसके बूब्स पर था और उन्हें दबा रहा था, लेकिन उस समय ज़्यादा कुछ नहीं हो सकता था, इसलिए कुछ देर बाद हम अलग हुए.
दोस्तों अब हमें जब भी मौका मिलता हम लोग किस करते और में उसके बूब्स को दबाता और अब तो में कभी कभी उसकी सलवार के अंदर अपना हाथ डालकर उसकी चूत में उंगली करता, लेकिन उसने मुझसे दोबारा कभी मना नहीं किया, शायद उसको भी अब मेरा यह सब करना अच्छा लगने लगा था और अब हम दोनों वो मौका ढूंड रहे थे कि जब हम लोग चुदाई करें.
एक दिन हमारी अच्छी किस्मत से वो दिन आ गया, जिस दिन मम्मी को दो तीन दिन के लिए कहीं बाहर जाना था और उनके जाने के बाद हम दोनों ही घर पर अकेले थे. फिर मम्मी के बाहर जाते ही हमने घर के सभी खिड़की दरवाजे बंद किए और फिर में उसे लेकर ऊपर वाले रूम में चला गया, वहां पर जाते ही हमने हग किया और पागलों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे थे, में उसके गर्दन पर किस कर रहा था और छाती पर भी किस कर रहा था, उसकी वजह से वो अब धीरे धीरे बिल्कुल पागल हो रही थी और वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी. फिर मैंने सूट के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाना शुरू किया, वो आहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ हाँ राहुल और ज़ोर से दबाओ, इन्हें आईईईईई तुमने मुझे बिल्कुल पागल कर दिया है, हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ, वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, हाँ आज पूरा निचोड़ दो इन दोनों को उईईईइ.
फिर मैंने उसके सूट को उतार दिया और सलवार को भी अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी, उसने भी अब जोश में आकर मेरी शर्ट और पेंट को उतार दिया, में भी बस अब उसके सामने अपनी अंडरवियर में ही रह गया था. अब वो मुझे पागलों की तरह किस कर रही थी, वो कभी मेरी छाती पर तो कभी गर्दन पर और कभी होंठो पर लगातार किस करती रही. तभी उसने मेरी अंडरवियर को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब में उसके सामने बिल्कुल नंगा था और मेरे तनकर खड़े लंड को देखते ही उसके चेहरे पर ख़ुशी की चमक आ गई. फिर वो अपने घुटनो पर बैठ गई और मेरे लंड को चाटने चूसने लगी. कुछ देर बाद उसने मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और अब वो किसी छोटे बच्चे की तरह मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी थी और मुझे बहुत ज़्यादा मजा आ रहा था, वो इतने मज़े से चूस रही थी कि मेरा वीर्य अब कभी भी बाहर निकलने वाला था तो मैंने उसे हटा दिया.
अब मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और मैंने उसके बूब्स को अपने मुहं में ले लिया. मैंने जोश में आकर उसके निप्पल पर काटा तो वो एकदम से चिल्ला उठी, ऊईईईईइ प्लीज थोड़ा आराम से चूसो ऊफफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला, जो कि अब पूरी तरह से गीली हो गई थी और मैंने छूकर महसूस किया कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. अब मैंने तुरंत उसकी पेंटी को भी उतार दिया और अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे. मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को खोल दिया और अब मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए.
मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया. दोस्तों तब मैंने चखकर महसूस किया कि उसकी चूत का पानी बड़ा ही नमकीन और स्वादिष्ट था, वो मुझसे बोल रही थी कि राहुल आज तुम मेरी चूत को खा जाओ और ज़ोर से चूसो उफफ्फ्फ्फ़ हाँ अच्छे से आआअहहहह आईईईइ हाँ राहुल अंदर तक अपनी जीभ को डालो, उह्ह्हह्ह मुझे बहुत मजा आ रहा है मेरी जान और ज़ोर से चूसो हहस्शही मुुआ हमे बहुत दिनों के बाद हमे आज यह मौका मिला है, आज तुम मेरी प्यास को बुझा दो.
फिर में लेट गया और उसे इशारा किया कि वो अपनी चूत को मेरे मुहं के पास लेकर आए. फिर उसने अपनी चूत को मेरे मुहं पर रख दिया और खुद के मुहं को मेरे लंड पर और फिर हमने चुसाई के मज़े लिए. फिर उसने मुझसे बोला कि राहुल अब तुम चोद दो मुझे प्लीज मेरा बहुत मन हो रहा है, अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं हो रहा है.
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में चला गया, लेकिन जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर गया, वो दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी और वो मुझसे बोलने लगी कि उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज अब तुम अपना लंड बाहर निकालो, प्लीज आह्ह्हह्ह में मर गई. फिर में कुछ देर ऐसे ही रहा. फिर मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए.
अब उसे भी मेरे साथ मजा आने लगा था, वो भी मुझसे बोलने लगी कि राहुल और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह्हह्ह हाँ मुझसे बहुत मजा आ रहा है, ज़ोर से हहहााअ ओउूउ उउउहह और ज़ोर से तुम आज मेरी चूत को फाड़ दो हाँ तू तो आज से पूरा पक्का बहन चोद हो गया है उफ्फ्फ्फ़ हाँ फाड़ दे आज मेरी चूत को आह्ह्ह् मेरी जान आअहहहह राहुल हाँ और ज़ोर से धक्के मार मुझे बड़ा स्वाद आ रहा है.
फिर में कुछ देर धक्के देने के बाद नीचे आ गया और वो मेरे ऊपर अब तो वो ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड पर उछल रही थी और अब उसके बूब्स भी ऊपर नीचे हो रहे थे. थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने का इशारा किया, वो तुरंत ही मेरे सामने घोड़ी बन गई. फिर मैंने उसको घोड़ी बनाकर चोदा. करीब दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों का पानी निकल गया और थोड़ी देर आराम करने के बाद हमने दोबारा से चुदाई करना शुरू किया और इस बार मैंने उसकी गांड भी मारी.
उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिला तो हमने सेक्स किया. दोस्तों अब भी वो जब कभी मेरे घर पर आती है तो हम दोनों कोई अच्छा मौका देखकर बहुत जमकर सेक्स करते है, हमने ऐसा बहुत बार किया है और वो हमेशा मुझसे मेरी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट हुई है और मैंने उसको बहुत बार जमकर चोदा. दोस्तों यह था मेरा सेक्स अनुभव अपनी बुआ की लड़की के साथ जिसमें मैंने उसको गरम करके बहुत जमकर चोदा.
दोस्तों जैसा कि मैंने अभी बताया था कि मैंने अपने एक हाथ को घुमा लिया था. कुछ देर बाद में अपने हाथ की उँगलियों से उसके हाथ को छूने लगा और सोने का नाटक करने लगा था और थोड़ी देर के बाद उसने अपने उस हाथ को थोड़ा सा उठा लिया और अपने सामने वाली सीट को पकड़ लिया था, जिसकी वजह से अब मेरी उँगलियाँ उसकी ब्रा को छू रही थी और धीरे धीरे में अपनी फिंगर से उसकी ब्रा की डोरी को ढूंढने लगा था.