पंजाब की सच्ची सेक्स कहानी: चाचा की लड़की रंजीत की चुदाई
हैलो दोस्तों, मेरा नाम राव है और मेरी उम्र 30 साल है। आज मैं आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपने चाचा की लड़की को चोदा। मैं उम्मीद करता हूँ कि ये कहानी आप सभी को पसंद आएगी, क्योंकि ये कोई बनावटी स्टोरी नहीं, बल्कि मेरे जीवन की एक रियल घटना है।
दोस्तों, मैं आजकल इंग्लैंड में रहता हूँ, लेकिन ये कहानी आज से करीब 8 साल पुरानी है, जब मैं 22 साल का था। उस वक्त मैं इंडिया के पंजाब में, जालंधर के पास एक गाँव में रहता था। हम लोग खेती करते थे और खेत में ही बने अपने घर में रहते थे। उस समय हमारे पड़ोस में मेरे चाचा का घर था। उनकी एक लड़की थी, जिसका नाम रंजीत था। वो तब 20 साल की थी और दिखने में बहुत खूबसूरत थी। उसकी फिगर, उसके चेहरे की मासूमियत और उसकी गोरी स्किन किसी को भी दीवाना बना सकती थी।
मैंने पहले अपनी मौसी की लड़की को कई बार चोदा था, जब भी मुझे मौका मिलता। वो उस वक्त हमारे यहाँ आई हुई थी। एक दिन रंजीत मेरी मौसी की लड़की से बात कर रही थी और बातों-बातों में उसने बताया कि उसे मैं, यानी राव, बहुत अच्छा लगता हूँ और वो मुझसे प्यार करती है। मेरी मौसी की लड़की ने ये बात मुझे बता दी। उस दिन शाम को वो मुझे ये बताकर अपने गाँव, अपनी नानी के घर चली गई। फिर मेरे दिमाग में रंजीत की बातें घूमने लगीं। मैं उसकी चुदाई के सपने देखने लगा, क्योंकि मेरा लंड भी अब किसी चूत का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। कई दिनों से मुझे सेक्स का मज़ा नहीं मिला था। बस तभी से मैं रंजीत को चोरी-छिपे देखने लगा और मन ही मन उसे चोदने की प्लानिंग करने लगा।
मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया। अगले ही दिन हमारे घर पर कोई नहीं था और उनके घर में भी कोई नहीं था। दरअसल, हमारे किसी रिश्तेदार की डेथ हो गई थी, तो सब लोग वहाँ चले गए थे। शाम 6 बजे से पहले कोई वापस नहीं आने वाला था। सुबह करीब 11 बजे रंजीत हमारे घर आई और बोली, “राव, अगर तुम्हें कुछ खाने का मन हो तो बता देना। मैं अपने घर से बना लाऊँगी या यहाँ बना दूँगी।”
मैंने कहा, “अभी मुझे भूख नहीं है।” बात करते-करते मैं उसके बूब्स को घूर रहा था। उसने टाइट कुर्ती पहनी थी, जिसमें से उसके बूब्स की शेप साफ दिख रही थी। जब उसने मुझे अपने बूब्स को भूखी नज़रों से देखते हुए पकड़ा, तो वो शरमा गई और मेरी तरफ स्माइल करने लगी।
मैंने मौका देखा और उससे पूछ लिया, “रंजीत, सच-सच बताओ, क्या मैं तुम्हें अच्छा लगता हूँ?” उसने बिना कुछ बोले, शरमाते हुए हाँ में सिर हिला दिया। उसकी ये शरम और जवाब देखकर मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया। उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने उसे अपनी तरफ खींचकर गोद में बिठा लिया और उसे किस करने लगा। वो बोली, “राव, मुझे छोड़ दो, कोई आ जाएगा और हमें इस हालत में देख लेगा तो मेरी बहुत इंसल्ट होगी, तुम्हारी भी।”
मैंने कहा, “दरवाज़ा बंद है, और घरवाले तो बाहर गए हैं। 6 बजे से पहले कोई नहीं आएगा। तुम टेंशन मत लो, मैं तुम्हारे साथ हूँ। कोई कुछ नहीं कहेगा।” ये कहते हुए मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और खुद उसके पास लेट गया। मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे किस करने लगा। कुछ देर बाद वो भी मुझे अपनी बाहों में लेकर किस करने लगी। अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने अपना एक हाथ उसकी गोरी चेस्ट पर रखा और उसके सॉफ्ट, बड़े बूब्स को दबाने लगा। वो जोश में आ गई और पागलों की तरह मुझे किस करने लगी।
करीब 15 मिनट तक हम दोनों एक-दूसरे को बेतहाशा किस करते रहे। फिर मैंने मौका देखकर अपना हाथ उसके बूब्स से नीचे सरकाया और उसकी पतली कमर को सहलाते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। मैंने उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से मसलना शुरू किया। वो और गर्म हो गई। मैंने कहा, “रंजीत, अब अपने सारे कपड़े उतार दो।” उसने मेरे कहते ही सारे कपड़े उतार दिए। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों एक-दूसरे के सामने पूरी तरह नंगे थे। फिर से हम एक-दूसरे को बाहों में भरकर किस करने लगे।
मैंने फील किया कि हम दोनों का बॉडी बहुत गर्म हो चुका था। हम जोश में डूबे हुए थे। 10 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी गोरी, सुराहीदार गर्दन पर किस करने लगा। धीरे-धीरे मैं उसके निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, साथ ही उन्हें दबा भी रहा था। वो मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ रही थी। मैं उसके सॉफ्ट पेट पर किस करता हुआ नीचे आया और उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा।
वो जोश में पागल हो चुकी थी। मैं उसकी गीली, गर्म चूत को चाटने लगा। वो मज़े में अपनी गांड ऊपर उठा रही थी और मेरे सिर को पकड़कर मेरे बालों में उंगलियाँ घुमा रही थी। करीब 10 मिनट तक चाटने के बाद वो झड़ गई। उसकी चूत का पानी मेरे मुँह में आ गया। फिर मैंने पूछा, “रंजीत, क्या तुमने पहले कभी किसी से चुदाई करवाई है?” उसने कहा, “नहीं, लेकिन मैं खेत से मूली या गाजर लाकर अपनी चूत में डालती थी। उससे मुझे मज़ा आता था। लेकिन ऐसा सब तुम्हारे साथ पहली बार कर रही हूँ।”
मैंने कहा, “अब मेरे लंड को अपने मुँह में लो और चूसो। आज मैं तुम्हें रियल मज़ा दूँगा, जो तुम ज़िंदगी भर याद रखोगी।” वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। 5 मिनट तक चूसने के बाद मेरा मन उसकी चूत चोदने को बेकरार हो गया। मैंने उसके दोनों पैर ऊपर उठाए, उन्हें पूरा खोला और उसकी चूत पर थूक लगाकर अपना 6 इंच लंबा, 2 इंच मोटा लंड उसके छेद पर रखा। उसके कूल्हों को पकड़कर मैंने हल्का सा धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में सटाक से घुस गया। मैंने उसे बाहों में लिया और किस करते हुए धीरे-धीरे लंड अंदर धकेलने लगा। आधा लंड अंदर जाने पर उसे हल्का दर्द हुआ। मैंने लंड बाहर निकाला, उसकी चूत और अपने लंड पर थूक लगाया और फिर धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर डाल दिया।
मैंने पूछा, “अब दर्द तो नहीं हो रहा?” उसने कहा, “नहीं।” फिर मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। उसे मज़ा आने लगा। उसने कहा, “हाँ, राव, बहुत मज़ा आ रहा है। बस ऐसे ही करते रहो। मूली-गाजर से ऐसा सुख कभी नहीं मिला।” मैंने उसे बाहों में भरकर ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। वो मेरे हर धक्के के साथ “आईईईई… ऊउफ्फ्फ… वाह, मज़ा आ गया… थोड़ा और अंदर डालो… आह्ह्ह…” की सेक्सी आवाज़ें निकाल रही थी। उसकी सिसकियाँ मुझे और जोश दिला रही थीं।
20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए। मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही निकाल दिया। वो संतुष्ट और खुश नज़र आ रही थी। फिर हम एक-दूसरे को चूमने-चाटने लगे। मैंने पूछा, “कैसा लगा मज़ा?” उसने कहा, “मैं इसे शब्दों में बता नहीं सकती कि मुझे कितना मज़ा आया। तुम वादा करो कि जब भी मौका मिले, तुम मेरी चूत को ऐसे ही चोदोगे। मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।”
मैंने कहा, “हाँ, ठीक है।” इसके बाद जब भी मौका मिलता, मैं घर में या खेत में उसकी चूत को जमकर चोदता रहा। अब मैं जॉब के लिए देश से बाहर हूँ, लेकिन हम फोन पर अपनी पुरानी यादें ताज़ा करते हैं और खुश होते हैं।