पड़ोसन की चुदाई: एक सच्ची कहानी
हाय दोस्तों, आप सब कैसे हैं? आज मैं आपके लिए एक ऐसी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ, जो आपकी रातों की नींद उड़ा देगी। ये कहानी मेरे और मेरी पड़ोसन ममता की है, जिसे मैंने अपने 6 इंच के हथियार से ऐसा चोदा कि वो मेरे बिना रह ही नहीं पाती थी। तो तैयार हो जाइए—लड़कियाँ अपनी चूत में उंगलियाँ डालने के लिए और लड़के अपने लंड को हिलाने के लिए!
मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरा नाम पुष्पेंद्र है। मेरा शरीर ठीक-ठाक है—न ज्यादा मोटा, न ज्यादा पतला। और हाँ, मेरा लंड करीब 6 इंच का है, जो किसी भी औरत को खुश करने के लिए काफी है। ये कोई बनावटी कहानी नहीं है, दोस्तों—ये मेरे साथ हुआ सच है, और मैं इसे आपके साथ शेयर कर रहा हूँ।
पड़ोसन का परिचय
मेरे घर के बगल में एक परिवार रहता है—पति, पत्नी और उनके चार बच्चे। पति मजदूरी करता है और दिनभर बाहर रहता है। उनकी बीवी का नाम ममता है। मैं उसे चाची कहकर बुलाता हूँ, हालाँकि वो मुझसे सिर्फ कुछ साल बड़ी होगी। ममता का फिगर कमाल का है—36-28-30। उसका रंग साँवला है, लेकिन वो इतनी सेक्सी लगती है कि देखते ही लंड खड़ा हो जाए। उसके टाइट चूचे और हिलती हुई गांड देखकर ऐसा लगता है कि बस अभी उसे पकड़कर चोद दूँ। उनकी माली हालत ठीक नहीं है, इसलिए उनके घर में बाथरूम तक नहीं है। नहाने के लिए वो बाहर चारपाई पर नहाती है, और शौचालय भी सरकार का दिया हुआ है।
पहली नजर में आग
एक सर्दियों का दिन था। मैं अपनी छत पर धूप सेंक रहा था। तभी ममता नीचे चारपाई डालकर नहाने लगी। उसे नहीं पता था कि मैं ऊपर हूँ। उसने पहले अपनी साड़ी उतारी, फिर ब्लाउज़ और पेटीकोट। लाल ब्रा और सफेद पैंटी में वो किसी माल से कम नहीं लग रही थी। फिर उसने ब्रा और पैंटी भी उतार दी। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था—देखकर यकीन ही नहीं हुआ कि उसके चार बच्चे हैं। उसकी चूत इतनी टाइट और गुलाबी थी कि मेरा लंड पैंट में तड़पने लगा। वो जल्दी-जल्दी नहाकर एक ढीला-सा गाउन पहनकर चली गई। ये सब देखकर मेरे अंदर आग लग गई। मैंने तुरंत बाथरूम जाकर मुठ मारी और मन में ठान लिया कि इसे चोदकर ही रहूँगा।
नजदीकियाँ बढ़ीं
मैं ममता से पहले भी मजाक करता था। एक दिन वो अपने आँगन में सफाई कर रही थी। मैंने कहा, “चाची, पानी डाल दूँ?” उसने हँसते हुए कहा, “हाँ, अपनी बहन का डाल दे!” मैंने जवाब दिया, “क्यों, तुम्हारे छेद से कम पानी निकलता है क्या?” पहले तो वो गुस्सा हुई, लेकिन फिर मुस्कुराकर चली गई। मुझे लगा कि शायद उसे भी मजा आ रहा है।
फिर एक दिन उसके घर में गैस सिलेंडर आया। उसे रेगुलेटर लगाना नहीं आया, तो वो मुझे बुलाने आई। दोपहर का वक्त था, करीब 1 बजे। मैं गया और रेगुलेटर फिट कर दिया। मैंने मजाक में पूछा, “इसके बदले मुझे क्या मिलेगा?” वो बोली, “खाना खा लेना।” मैंने कहा, “खाना तो खा लिया, अब दूध पीना है।” वो हँसी और बोली, “दूध नहीं है।” मैंने उसके चूचों की तरफ इशारा करते हुए कहा, “तुम्हारे पास तो दो हैं।” वो शरमाई और बोली, “शर्म नहीं आती? मैं तुमसे बड़ी हूँ।” लेकिन उसकी आँखों में शरारत थी।
आग का खेल शुरू
मैंने मौका देखकर उसके चूतड़ पर हल्का-सा थप्पड़ मारा और उसे अपनी ओर खींच लिया। वो बोली, “ये गलत है,” लेकिन मैंने उसे चुप कराने के लिए उसके होंठों पर kiss कर दिया। 20 मिनट तक मैं उसे चूमता रहा। फिर उसका ब्लाउज़ उतारा—अंदर काली ब्रा थी। उसे भी निकाल दिया। उसके टाइट चूचे देखकर मैं पागल हो गया। अगले 30 मिनट तक मैं उसके चूचों को काटता और चूसता रहा। वो दर्द से तड़प रही थी, लेकिन मजा भी ले रही थी। उसके एक छोटे बच्चे की वजह से चूचों में दूध था। मैंने सारा दूध पी लिया—जब तक चूचे ढीले नहीं पड़ गए।
फिर मैंने जोश में उसके होंठ काट लिए, जिसमें से खून निकल आया। हम दोनों ने वो खून चूस लिया। अब वो भी साथ देने लगी थी। मैं उसके होंठों से गर्दन तक चूमता हुआ नीचे आया। उसकी छाती, चूचे, पेट—हर जगह चूमता रहा। उसकी साड़ी खींच दी, और सफेद पैंटी को फाड़ डाला। नंगी ममता को देखकर मेरा लंड आग की तरह जलने लगा। वो शर्म से मुझसे लिपट गई। मैंने उसे हटाया और उसकी चूत में जीभ डाल दी। 10 मिनट तक चाटने के बाद उसने पानी छोड़ दिया।
चुदाई की शुरुआत
जब वो नॉर्मल हुई, मैंने उसे खींचकर उसकी चूत पर लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। वो चिल्लाई, “आह्ह्ह… मर गई… ऊऊऊ… फाड़ दी!” उसने आँखें बंद कर लीं और सिसकारियाँ भरने लगी। मैंने उसे उठाया और कहा, “अब तू मेरे लंड से चुद।” उसने शर्म छोड़ दी और मेरे लंड पर अपनी चूत रखकर उछलने लगी। कमरे में बस “थप-थप-थप” और “फुच-फुच” की आवाजें गूँज रही थीं। करीब 30 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और 5 मिनट में सारा माल उसकी चूत में डाल दिया।
उसकी आग बुझी
चुदाई के बाद वो रोने लगी। बोली, “तुमने मेरी 6 साल की आग बुझा दी। मेरा पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता। बच्चे होने के बाद वो 2 मिनट में झड़ जाता है और सो जाता है। मैं उंगलियों से खुद को शांत करती थी।” उस दिन से मैं उसे हफ्ते में 2-3 बार चोदने लगा। कभी-कभी पीरियड्स में भी वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसती थी।
गांड भी फाड़ी
एक बार मैंने सेक्स की गोली खाई और उसे 1 घंटे तक चोदा। उसकी गांड भी ले ली—इतना चोदा कि वो दो दिन तक ठीक से चल नहीं पाई। अब मैं उसे अपने घर और छत पर बुलाकर चोदता हूँ। मार्च के महीने में एक रात वो छत पर आई। उसने गाउन पहना था और बोली, “अंदर कुछ नहीं पहना, सीधे चुदाई करो।” उसने मेरा लंड चूसा, और मैंने उसके मुँह में झड़ दिया। फिर वो मेरे लंड पर बैठ गई और 25-30 मिनट तक चुदती रही। हम दोनों का पानी एक साथ निकला। वो पसीने से भीगी हुई चली गई।
अंत
7 महीने तक हमारी चुदाई चलती रही। फिर उसकी आदत ऐसी हो गई कि वो किसी का भी लंड लेने लगी। खैर, दोस्तों, ये थी मेरी कहानी। कैसी लगी, बताना जरूर!