चाची को चोदने की लालसा-1
Chachi ko chodne ki lalsa-1
हैल्लो दोस्तों, में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों को पढ़ता आ रहा हूँ. मैंने अब तक ना जाने कितनी सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लिए है और एक बार मैंने अपनी भी कहानी को लिखकर आप तक पहुँचाने के बारे में विचार बनाया और आज में आप सभी को अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ और इससे पहले में बता हूँ कि मेरा नाम आशीष गुप्ता है और मेरी उम्र 22 साल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ और अब मेरी कहानी को सुनो.
दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब में स्कूल में पढ़ता था और तब मेरी 18 साल थी तब तक मैंने किसी के साथ सेक्स के मज़े नहीं लिए थे, लेकिन तब मेरे मन में सेक्स करने की बहुत इच्छा होती थी और में उसके लिए कोई अच्छे समय के साथ साथ किसी मेरे साथ सेक्स करने वाली का जुगाड़ करने में लगा हुआ था.
दोस्तों मेरी एक चाची थी जो कि उस समय करीब 28 साल की थी आर उनके तब दो बच्चे भी थे, लेकिन वो अपने चेहरे और उस सेक्स बदन से बिल्कुल भी नहीं लगती थी कि वो दो बच्चो की माँ है, क्योंकि वो दिखने में बड़ी हॉट सेक्सी बहुत ही आकर्षक लगती और उनको देखकर हमेशा मेरी नियत खराब होने लगती थी, क्योंकि वो दिखने में कुछ ऐसी थी कि मेरा क्या उनको देखकर किसी भी बूढ़े का भी लंड तनकर खड़ा हो जाए. उनके बूब्स बड़े ही मस्त थे वो हमेशा उभरे हुए नजर आते थे और उनका आकार बड़ा ही मस्त और वो एकदम गोलमटोल थे और मेरी चाची ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत ही सेक्सी नजर आती थी.
दोस्तों वो हमेशा मुझसे बहुत खुश होकर हंस हंसकर बातें हंसी मजाक किया करती थी और में भी उनके मेरे प्रति उस हंसमुख व्यहवार से हमेशा बहुत खुश रहता था, उनके बूब्स बहुत ही सुंदर आकर्षक थे वो थोड़े से आकार में छोटे जरुर थे, लेकिन वो बड़े ही तने हुए थे और निप्पल खड़ी हुई थी वो चेहरे के साथ साथ अपने पूरे उस सेक्सी बदन से भी बड़ी आकर्षक लगती थी इसलिए मेरा झुकाव उनकी तरफ कुछ ज्यादा था.
उनके गोरे गोरे भरे हुए पैरों पर थोड़े से बाल थे, लेकिन वो बहुत ही सेक्सी लगते थे एकदम गोरे चिकने थे एक दिन में उसके घर पर गया हुआ था तब उन्होंने मुझे देखा और मुस्कुराने लगी वो मुझे देखकर बहुत खुश हुई और कुछ देर बाद उन्होंने मुझे भी आराम करने के लिए कहा और अब में मेरी चाची और उनके बच्चे हम सभी एक साथ ही बेड पर लेटकर आराम करने लगे.
हम सभी उस समय उनके बेडरूम में थे और मैंने देखा कि कुछ देर बाद वो अपने बच्चो के साथ गहरी नींद में सो चुकी थी और में भी सो चुका था, लेकिन तभी अचानक से कुछ देर बाद मेरी नींद किसी वजह से खुल गई. फिर मैंने देखा कि उस समय उनकी साड़ी दोनों पैर ऊपर होने की वजह से थोड़ी सी ऊपर उठ गयी है और मुझे उनके गोरे, गोरे चिकने चिकने पैर दिखाए देने लगे थे, इसलिए में बहुत देर तक उन्हे ऐसे ही घूरता हुए देख रहा था और जब मुझसे नहीं रहा गया, तब में थोड़ी सी हिम्मत करके उनके करीब चला गया और अब में भी उस बेड पर बैठ गया और में धीरे धीरे उनके चिकने पैरों पर हाथ फेरने लगा था.
ऐसा करने से मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था, लेकिन उनकी तरफ से किसी भी तरह की कोई भी हलचल नहीं हुई और इसलिए मेरी थोड़ी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ने लगी थी, क्योंकि वो शायद उस समय बहुत ही गहरी नींद में सो रही थी और इस बात का फायदा उठाकर मैंने धीर से उनकी साड़ी को उनकी कमर तक ऊपर कर दिया और तब मुझे अचानक से से बड़ा ज़ोर का झटका लगा, क्योंकि मैंने तब देखा कि उन्होंने अपनी साड़ी के नीचे पेंटी नहीं पहनी थी और इसलिए मुझे अब उनकी वो उभरी हुई चूत बिल्कुल साफ नज़र आ रही थी और उनकी उस चूत पर थोड़े हल्के से बाल भी थे और उनकी चूत दोनों पैर ऊपर होने की वजह से मुझे उनकी चूत की गुलाबी पंखुडियां और उसके एकदम बीच में वो दाना भी साफ नजर आ रहा था और इसलिए में बहुत देर तक अपनी चकित आखों से उनकी चूत को निहारता ही रहा, क्योंकि में उस दिन पहली बार किसी की चूत को अपनी आखों से इतना पास देख रहा था और फिर थोड़ी सी और हिम्मत करके मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर रख दिया और अब में धीरे धीरे उनकी प्यारी सी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा था और चूत को छूकर में उसकी गरमी का अहसास लेने लगा था
ऐसा करना मेरे जीवन का पहला अनुभव था. में ऐसा करने के बारे में हमेशा सोचा करता था इसलिए मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं था कि आज मेरे हाथ में कोई चूत है जिसको में छू रहा हूँ और उसके मज़े ले रहा हूँ, लेकिन तभी अचानक से करीब पांच मिनट के बाद मेरी चाची की नींद खुल गई और उन्होंने मुझे इस हालत में देख लिया और खुद को भी देखकर वो बड़ा चकित हुई. तो में जल्दी से पास में सो रहे उनके बच्चे को सुलाने का नाटक करने लगा था, लेकिन इतना सब कुछ देख लेने के बाद भी उन्होंने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और वो अब अपने कपड़े ठीक करके दूसरी तरफ करवट लेकर वापस सो गई और में कुछ देर बाद वहाँ से उठकर चला आया.
दोस्तों उस दिन मुझे पूरी रात नींद नहीं आई और में लेटा हुआ पूरी रात चाची की चूत के बारे में सोचता रहा और उनकी नंगी चूत मेरी आखों के सामने घूमती रही और अब में बस अपनी में यही बात सोचता रहा कि किसी भी तरह अब में उन्हे एक बार चोद लूँ और में उनकी चूत की चुदाई करके पूरे मज़े ले लूँ और इसी इंतज़ार में मेरे पूरे दो साल निकल गये और में अब 10th क्लास में पहुंच गया था और अब में पहले से थोड़ा सा बड़ा भी हो गया था और अब में सेक्स के बारे में पहले से ज्यादा बहुत कुछ समझने भी लगा था. मुझे अब चुदाई कैसे करते है और उसके पूरे पूरे मज़े कैसे लिए जाते है यह सभी बातें बहुत अच्छी तरह से समझ में आ चुकी थी और में चुदाई करने के लिए पहले से ज्यादा पागल हो चुका था.
मेरे पेपर खत्म हो जाने के बाद में अपनी छुट्टियों में अपने वो दिन बिताने अपनी दादी के यहाँ पर चला गया और दोस्तों मेरी वो चाची भी वहीं पर रहती थी और वो गर्मियों के दिन होने की वजह से हम सभी बच्चे शाम को घर के सामने के पार्क में ही बहुत देर तक खेलते रहते थे.