सेक्सी भाभी का हरामी देवर – हॉट चुदाई कहानी
हाय दोस्तों, मेरी devar bhabhi sex की ये पहली स्टोरी है। बात सर्दियों की है। मेरे घर के बाहर एक रेस्ट हाउस बना है, जो हमने किराए पर दिया था। सर्दी में लोग रज़ाई में जल्दी सो जाते हैं, लेकिन जब जवानी चढ़ी हो और लंड कुंवारा हो तो नींद कहाँ आती है? रज़ाई में मन गुझिया यानी chut khane को करता है और लंड अकड़कर तनकर सौ गालियाँ देता है कि भोसड़ी के एक चूत का इंतज़ाम भी नहीं कर पा रहे हो गांडू। हम लोग औरत की चूत को गुझिया कहते हैं। Bhabhi and devar xxx में सचमुच, दोनों टाँगों के बीच जब चड्डी को गोरी-गोरी मोटी मांसल जाँघों से नीचे सरकाओ तो हल्की घुंघराली झाँटों के नीचे पतली-सी सोई-सोई चूत वाकई मेवे-भरी गुझिया या मलाई-सी मीठी लगती है।
उन सर्दियों में मैं पढ़ते-पढ़ते थक गया था। 19 साल की उम्र में मन कर रहा था कि थोड़ा hastmaithun कर लूँ तो मन फिर से पढ़ाई में लगे। बैचेनी दबाने के लिए मैंने सिगरेट मुँह में लगाई और उसे सुलगाने के लिए बाहर निकलकर आउट हाउस के पास टहलने लगा। रात के सन्नाटे को चीरकर खिड़की से बिस्तर पर पायल की खनक और खटिया के चरमराने की आवाज़ सुनाई दी। इसने मेरा ध्यान खींचा। मैंने अपनी हरामी नज़र और सेक्सी सोच से समझ लिया कि अंदर भैया भाभी की चिकनी, मक्खन-सी लाज़वाब, गुलाब की पंखुड़ियों-सी नाज़ुक और रेशम-सी मुलायम garam chut को चोद रहे होंगे।
मैंने सिगरेट फेंकी और खिड़की के पास दबे पाँव गया। वो खिड़की घर के अंदर पड़ती थी। सर्दी की रात, करीब 11 बजे, कोई जागने वाला नहीं था। यही सोचकर मर्दों की मस्ती दोगुनी हो जाती है। Video bhabhi ki chudai में जब चूत का माखन सामने हो तो चूत खाने की जल्दी में आदमी अक्सर गांडूपन कर जाता है। खिड़की का दरवाज़ा तिरछा था, उस पर तौलिया लटका था ताकि रोशनी बाहर न जाए। बाहर अंधेरा होने से जाली के अंदर का खूबसूरत नज़ारा, या कहूँ कि live blue film का सीन, मेरे सामने था।
भैया भाभी को खूब kiss kar rahe थे। भाभी जवाब में उनके बाल सहलातीं, होंठों पर गुलाबी जीभ फेरतीं। भैया उनके ऊपर झुके, नाइट गाउन के ऊपर चूची सहला और दबा रहे थे। फिर धीरे-धीरे गाउन उतार फेंका। भाभी की नंगी चूचियाँ उनके हाथ में थीं। काला मोटा निप्पल चूसकर भाभी की जवानी की आग भड़का रहे थे। ये नज़ारा देख मेरा लंड तनने लगा, साँसें तेज हो गईं। मैं चुपचाप मूर्ति-सा खड़ा रहा। भैया indian bhabhi ki chodai में दोनों चूचियाँ दबा-दबाकर मसाज कर रहे थे। निप्पल से उन्हें खास लगाव था। जीभ लंबी करके निप्पल पर गोल-गोल फेरते। भाभी को मज़ा आ रहा था। वो “सी-सी, आह, वाह मेरे शेर” की आवाज़ें निकाल रही थीं।
भैया ने पेटीकोट खोला, नीचे सरकाया। उनकी चड्डी में बड़ा होता लंड साफ दिखा। पेटीकोट हटते ही मज़ा दोगुना हुआ। भाभी की गोरी-गोरी, मोटी मांसल जाँघें प्यारी लग रही थीं। भैया उन्हें दबाकर पुचकारते। फिर टाँगें फैलाईं तो उनकी गुलाबी चूत नज़र आई। भैया ऊपर चढ़े, लंड अंदर-बाहर किया, पर जल्दी झड़ गए। सफेद पिचकारी निकली। भाभी अभी chudwana chahti थीं। भैया हटे तो भाभी उंगली से चूत की खुजली शांत करने लगीं। मैं कमरे लौटा। समझ गया कि भाभी प्यासी हैं। भैया काम से थककर जल्दी सो जाते हैं। मेरे 19 साल के लंड को चूत की उम्मीद जगी।
बस भाभी को पटाने की देर थी कि उनके मन में मेरे लिए आकर्षण पैदा हो, तो गुझिया खाने को मिले। मैं अक्सर उनके काम करता था। जान-पहचान थी। अब chut ki chudai के लिए हिम्मत चाहिए थी। मैं जानता था वो प्यासी हैं। एक दिन भाभी बोलीं, “भैया 7 दिन बाहर जा रहे हैं।” मैंने सोच लिया, आज रात भाभी की ब्रा खोलकर chuchi peeni है और उनकी मक्खन-सी चूत में लंड डालना है। सुबह लुंगी पहनी, अंडरवियर नहीं पहना। देर तक सोने का बहाना किया। टाँगें फैलाईं ताकि भाभी मेरा लंड देखें। उनके आने की आहट हुई।
Bhabhi ki chidai का ख्याल आते ही लंड कड़क हो गया। भाभी आईं, मैंने आँखें बंद कीं। वो मुझे जगाकर बोलीं, “तुम जवान हो गए हो।” मैंने पूछा, “किसने बताया?” वो लंड दबाकर बोलीं, “इसने सुबह बताया।” आँख मारी। मैं समझ गया, मामला जम गया। मैंने उन्हें बाँहों में जकड़ा, होंठ चूसने लगा। वो नहाकर आई थीं। उनकी जिस्म की खुशबू मुझे दीवाना बना रही थी। मैंने ब्लाउज मसला, बटन खोले। वो साथ दे रही थीं। ब्रा खोलकर गोल-मस्त चूचियाँ हाथों में भरीं। Vabi k choda करते हुए निप्पल पीया, चूमा-चाटा। हम दोनों को मज़ा आ रहा था।
मैंने नाभि में शक्कर डालकर चाटी। फ्रिज से कोल्ड ड्रिंक लाया, नाभि में डालकर पिया। उनकी छाती को चैन आया। जवानी की आग ऐसे थोड़ी शांत होती? पेटीकोट फेंककर टाँगें फैलाईं। Bhabhi ki garam chut को उंगलियों से फैलाकर 8 मिनट लप-लप चाटा। ऊपर से नीचे, नीचे से ऊपर। उनकी आँखों में नशा चढ़ रहा था। मेरा लंड गर्म रॉड-सा चूत चोदने को बेताब था। जीभ और उंगलियाँ अंदर-बाहर कीं। वो “सी-सी” करने लगीं। मेरे ऊपर लेटीं, लंड की तरफ झुकीं। हाथ से लंड पकड़कर जीभ से चाटा। मैं मस्त हो चला।
मैं जल्दी लंड अंदर करना चाहता था। वो टाँगें फैलाकर लेट गईं। मैंने लंड उनकी चूत पर लगाया, धक्का मारा। फिसलता हुआ गर्म चूत में दाखिल हुआ। 5 मिनट जमकर zor se choda, फिर झड़ गया। सिलसिला रुका नहीं। थोड़ी देर बाद फिर लिपटे। उनकी कसी चूत की गहराई नापी। उस दिन 3 बार चोदा। तब से मैं उनकी सेक्सी भाभी का हरामी देवर हूँ। मेरी चुदाई से वो खुश हैं। 19 साल का कड़क लंड जो है। भाभी कहती हैं, “ये प्यास बड़ी है, चूत माँगे मोर।”