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चार दोस्तो का एक हसीन सेक्स गेम-1

Char dosto ka ek hasin sex game-1

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम ऋषि( बदला हुआ नाम)। मेरी उम्र है 21 वर्ष। मैं अभी कॉलेज के सैकंड ईयर मे पढ़ रहा हूं और हॉस्टल मे रहता हूं। मै आपको अपनी एक सेक्स कहानी बताना चाहता हूं। ये मेरी पहली कहानी है तो कोई गलती हो तो मुझे माफ़ कर देना। चलो कहानी शुरू करते है।

दोस्तो मैं दिखने मे ठीक ठाक हूं लेकिन मेरी बात करने का तरीका लड़कियों को अपना दोस्त बनाने के लिए और उनको पटाने के लिए काफी अच्छा मानता हूं। काफी लड़कियों से मेरी दोस्ती है। जब मैं अपने कॉलेज गया तो वहां मेरी एक लड़की से दोस्ती हुई और धीरे धीरे हम दोनों काफी करीब आ गए। एक दिन उस लड़की ने अपने प्यार का इजहार किया और हम दोनों एक हो गए। उसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा वो बहुत गरम थी बिस्तर मे वो मेरी हर जरूरत पूरी करती थी और मैं उसकी । वो मेरी हर कल्पना मे साथ देती। लेकिन अभी मेरा कुछ अलग कुछ नया करने का मन था। लड़की के बारे में मै आपको आगे बताऊंगा।

मेरा एक दोस्त है जिसका नाम है सम्राट। जो मेरा सबसे अच्छा और सबसे भरोसे वाला दोस्त है। किसी भी पंगे में और किसी भी हरकत में मेरा साथ नही छोड़ता वो। वो भी मेरे जैसा ही है दिखने मै ठीक ठाक पर बातो का माहिर खिलाड़ी। उसने भी एक लड़की पटा रखी है।
एक दिन ऐसे ही बातों बातों में मैंने उससे कहा कि तेरी बंदी बड़ी सेक्सी है। इसकी मुझे मिल जाए तो रात भर में खा जाऊं इससे। हमारे बीच अक्सर मजाक होते थे तो उसने भी कह दिया कि तेरी वाली भी कम नहीं है। फिर मैंने कहा चल तू मुझे तेरे वाली की दिला से फिर तू मेरे वाली को चोद लियो। उसको प्लान अच्छा लगा लेकिन बोला की दोनों मानेगी कैसे। फिर हम दोनों उन्हें मैंने की कोशिश करने में लग गए।

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अब में आपको लड़कियों के बारे में बताता हूं। मेरी वाली का नाम था रिचा । उसकी उम्र भी 21 साल थी । दुबली पतली लेकिन भरे हुए जिस्म की मालकिन। 32-26-34 की निपाई और दूध जैसा गोरा रंग। लंबे बाल और चलते हुए बालों का गांड से टकराना और भी घातक।
सम्राट की बंदी का नाम सुहानी। दूध जैसा गोरा रंग। 36-28-36 का गदराया बदन। गांड को मटका मटका की आदत।

एक बार में रिचा को चोद रहा था वो बहुत गरम हो चुकी थी और बस झड़ने की वाली थी तभी मैंने अपने आप को रोक लिया।
रिचा – रुक क्यों गए में आने वाली थी
मैं- अब में आगे तभी करूंगा जब तू मेरी एक बात मानेगी।
रिचा- अभी तो में कुछ भी मानने को तैयार हूं बस तू चोद ना बंद ना करो (उसने तड़पते हुए कहा)
ऋषि- पक्का ना
रिचा- हा कसम से
उसके बाद मैंने दमदार चुदाई की और उसने अपना पानी छोड़ दिया
ऋषि- देखो डार्लिंग मेरी हमेशा से कल्पना रही है कि में तुम्हे अपने दोस्त से चुदाई और उसके माल को तुम्हारे सामने चोदू।
वो थोड़ा गुस्सा हुई लेकिन अंत में मैंने उसे मना लिया। उधर से मुझे एक और खुसखबरी मिली कि सुहानी भी मान गई है। असल में दोनों लड़कियां काफी खुले विचारों की थी और वो भी ऐसा ही कुछ करना चाह रही थी।

फिर हम लोग एक दिन चारो एक काफी शोप में मिले । अब हम चारो का एक दूसरे को देखने का नजरिया बदल गया। लेकिन सभी थोड़ा शर्मा रहे थे। तभी मैंने बात शुरू की।

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ऋषि- देखो हम सबने बात कर ली है और सबको पता है कि क्या करना है। तो सब तैयार है क्या?

रिचा- तुम दोनों ने हमें मना तो लिया लेकिन यार अजीब सा लग रहा है ऐसे एक दम हम लोग कुछ नहीं कर सकते।

सुहानी- हा यार कुछ अलग करो ताकि मज़ा भी आए और जो डर या संकोच है वो प्यार से दूर हो जाए

सम्राट- लेकिन कल तो तुम दोनों में गई थी

सुहानी- मना हमने आज भी नहीं किया लेकिन कुछ अजीब सा है। क्यों रिचा।

रिचा- हा यार!

ऋषि- चलो एक नया खेल खेलते है जैसा पोर्न में होता है

सम्राट- कैसा खेल और कहा खेलेंगे?

ऋषि- रुक जा तू कुछ ज्यादा ही उतावला नहीं हो रहा रिचा की लेने के लिए

रिचा- शट उप (shut up) ऋषि !

ऋषि- खेल ये होगा कि इस शनिवार शाम को हम होटल में एक बड़ा कमरा लेंगे 4 लोगो का और वहां जाकर अपना खेल शुरू करके।
1. खेल के लिए हम सभी को 13- 13 सेक्सी काम लिख कर लाने है अपने अपने फोन में और वो किसी को बताने नहीं है।
2. हर खिलाड़ी को तास की गड्डी का एक एक रंग दे दिया जाएगा जैसे
ऋषि को इंट
रिचा को पान
सम्राट को चिडी
सुहानी को हुक्म
3. अपनी बारी के हिसाब से हर किसी को तास से एक पत्ता निकालना है और जो भी काम उसमे लिखा होगा करना होगा
4. जो भी चीजो का इस्तेमाल होगा वो खिलाड़ी पहले से ले आएगा।

सम्राट- वाह भाई क्या दिमाग लगाया है मज़ा आ जाएगा।

रिचा और सुहानी ने एक दूसरे की और देखा और कुछ देर सोच कर हां कह दी।

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फिर हम वहां से चले गए और शनिवार का इंतज़ार करने लगे।

जिसका हम लोगो को बेसब्री से इंतज़ार था वो शाम आ चुकी थी। हम लोगो ने तय किया था कि हम सीधे होटल के कमरे में मिलेंगे को की मेरे ही एक जानकार का कमरा था। मै और सम्राट वहां पहले ही पहुंच गए और शाम को 5 बजे के आस पास दोनों लड़कियां आयी।
मैंने गेट खोला और रिचा की और देखा उसने काले रंग की कमीज़ पहन रखी थी जो सम्राट को बहुत पसंद थी (शायद दोनों लड़कियों ने एक हमारी पसंद एक दूसरे से पूछ ली थी)। उसमे उसके मम्मे बड़े ही कामुक लग रहे थे । नीचे उसने हल्के रंग की बिल्कुल तंग पेंट पहन रखी थी। इन कपड़ो में उसका जिस्म और हसीन लग रहा था।
सुहानी ने लाल रंग का सलवार सूट पहन रखा था जो मेरा पसंदीदा था। उसमे उसके मम्मे बाहर आने को थे। मै उसके शरीर की गोलाई में गोत्ते खा रहा था तभी रिचा म मुझे गले लगाया। मैंने उससे पीछे हटाया और कहा आज सब कुछ खेल के टाइम ही करना है पहले कुछ भी नहीं। उन दोनों के पास एक एक बैग था शायद जिसमें वो खेल के लिए समान लाई थी शायद।
फिर हमने थोड़ी देर बैठ के बाते की लेकिन मेरा सारा ध्यान सुहानी पर था उस तरफ सम्राट का भी यही हाल था। फिर हमने खाना मंगवाया और हल्का फुल्का नस्ता कर लिया।