बहू बनी पूरे घर की रंडी: एक हॉट चुदाई कहानी
हाय दोस्तों, मेरा नाम रीना है। मैं रायपुर में रहती हूँ। मैं दिखने में मॉडल जैसी हूँ, मेरी बॉडी का शेप 36-38-40 है। मेरी उभरी, गोल-मटोल गांड हर किसी को ललचाती है। आज मैं अपनी real sex story बताने जा रही हूँ। जब मैं 19 साल की हुई, मेरे लिए एक रिश्ता आया। मेरे परिवार में मम्मी, पापा और मैं हूँ। मैं उनकी इकलौती बेटी हूँ। दो साल बाद मेरी शादी फिक्स हुई और फिर हो गई। स्कूल छोड़ने के बाद ससुराल में मेरी जिंदगी बदल गई।
शादी की पहली रात और पति का प्यार
मेरे पति रवि 24 साल के हैं। ससुराल में मेरे ससुर राजेश और दो देवर, तरुण और राज, हैं। सास इस दुनिया में नहीं हैं। शादी की पहली रात रवि मुझे गोद में उठाकर कमरे में ले गए। सब सोने की तैयारी में थे। उन्होंने मुझे बेड पर लेटाया और दरवाजा बंद किया। मैं उत्तेजित थी, आज पहली बार chudai का मजा लेने वाली थी। रवि मेरे पास बैठे। मैं शरमाने का नाटक कर रही थी। वो बोले, “ऐसे क्यों शरमा रही हो?” मैंने कहा, “पहली बार इतनी खुशी हो रही है।” वो बोले, “मुझे भी।”
वो करीब आए, मैं हँस पड़ी। उन्होंने घूँघट उठाया, मैं उनसे चिपक गई। वो मुझे kiss करने लगे। मैंने भी साथ दिया। वो मेरे ऊपर लेटकर बूब्स मसलने लगे। मेरी साँसें तेज हुईं, मैं जोश में हाँफ रही थी। उन्होंने मेरे कपड़े उतारकर मुझे ब्रा-पैंटी में कर दिया। मैंने भी उनका कुर्ता-पजामा खोल दिया। वो मेरी बॉडी चाटने-काटने लगे। मैं उनकी बॉडी पर हाथ फेर रही थी। वो मेरी गांड जोर से दबा रहे थे।
पैंटी उतारकर वो मेरी कुंवारी चूत चाटने लगे। मेरे शरीर में करंट दौड़ा, मैं सिसकियाँ लेने लगी। मैंने उनके 7 इंच लंबे, 3 इंच मोटे लंड को चड्डी के ऊपर से चाटा, फिर जोर-जोर से चूसा। वो बोले, “मजा आया?” मैंने कहा, “हाँ।” उन्होंने चूत में उंगली डाली, मैं चीख पड़ी। वो रुके, बोले, “तेरी चूत टाइट है, मेरा लंड ताकतवर है।” मैं रोने लगी। वो मुझे चुप कराने लगे। फिर लंड चूत पर फेरा और घोड़ी बनाकर गांड चाटने लगे। मैंने साथ दिया।
तेल लगाकर उन्होंने गांड में तीन उंगलियाँ डालीं। मैं मजा ले रही थी। फिर 8 इंच का लंड गांड में डाला। एक झटके में पूरा अंदर गया। मैं चीखी, पर वो नहीं रुके। वो जोर-जोर से chudai करने लगे। मैं साथ देने लगी। वो गांड में झड़ गए। मैं उनके ऊपर झड़ी। थकान से हम सो गए। सुबह नंगे लिपटे थे। मैंने उन्हें kiss करके उठाया। वो बूब्स चूसने लगे, मैं लंड हिलाने लगी।
चूत की प्यास और घर की आजादी
15 दिन बीत गए। मेरी चूत लंड के लिए तड़प रही थी। एक दिन मैं अकेली थी। तरुण कॉलेज से आया। वो मेरी उम्र का था। अपने रूम में गया और दरवाजा बंद किया। मैं पानी लेकर गई। दरवाजा लॉक नहीं था। वो मुठ मार रहा था। मुझे देखकर बाथरूम भागा। मैंने बुलाया। वो खामोश खड़ा था। मैं समझ गई, उसे पटाऊँगी। मैंने पूछा, “क्या कर रहे थे?” वो बोला, “पैंट टाइट कर रहा था।” मैंने कहा, “इस उम्र में सब ऐसा करते हैं।”
तभी रवि आए। मैं डर गई। वो बोले, “तुम दोनों का हाल बुरा है।” मैं रोने लगी। वो हँसे, बोले, “तू इस घर की औरत है, मेरे भाइयों का ख्याल रख।” मैंने पूछा, “मतलब?” वो बोले, “बहुत अच्छे से। मेरी रंडी।” मैं खुश हुई। तरुण ने बूब्स पर हाथ फेरा। हॉल में गए। रवि बोले, “तू चुदक्कड़ है, घर में किसी से भी sex कर।” मैंने कहा, “सबका ख्याल रखूँगी।”
तीन लंडों का मजा
डोर बेल बजी। राज आया। वो नॉटी था। बोला, “पानी लाओ।” मैं पानी लाई। तरुण ने आँख मारी, मैंने राज पर पानी गिरा दिया। रवि बोले, “रंडी, देखकर काम कर।” मैंने पानी हटाने के बहाने राज के लंड पर हाथ फेरा। वो खुश हुआ, बोला, “कपड़े बदल दे।” उसने मेरी गांड पर हाथ फेरा, बोला, “भैया ने गांड सूजा दी।” मैंने उसे kiss किया। तरुण ने मेरे कपड़े उतारे। मैंने तीनों को नंगा किया।
मैं तीनों के लंड चूस रही थी। राज का 8 इंच, तरुण का 9 इंच मोटा, रवि का 8 इंच। तरुण का लंड देखकर डर लगी। वो मेरे जिस्म से खेल रहे थे। मैं झड़ गई। रवि बोले, “राज, इसका बैंड बजा दे।” राज ने तीन झटकों में मेरी सील तोड़ी। 30 मिनट बाद चूत में झड़ा। तरुण ने 9 इंच लंड एक शॉट में डाला। मैं पानी छोड़ रही थी। वो चूत में झड़ा। रवि ने आसानी से चोदा।
रवि ने मुझे गोद में बैठाया, चूत में लंड डाला। राज ने मुँह में, तरुण ने चूत में दूसरा लंड डाला। राज ने गांड में डाला। तीन लंडों से मेरी ऐसी chudai हुई, जो कभी सोची नहीं थी।