पड़ोसी की चुदाई

गुजराती परिवार

देसी गुजराती सेक्स कहानी हैलो दोस्तों, मैं विजय हूँ, मेरी उम्र 23 साल की है। ये कहानी तब की है जब मेरी शादी नहीं हुई थी। आज मैं तुम सबको एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। मैं एक अपार्टमेंट में रहता था, उसके सामने वाले घर में एक परिवार रहता था। वहाँ नए होने के कारण मैंने देखा कि उनके घर में एक अंकल, उसकी पत्नी, दो बेटियाँ और एक बेटा है। अंकल रात में नौकरी करता था और रात 9 बजे तक बाहर रहता था। जब भी मैं छोटी बेटी को देखता तो वो मुझे अजीब नज़र से देखती थी।

एक दिन वह लड़की सीढ़ियों पर मुझसे मिल गई। उसने अपना नाम पूछा, मैंने भी उससे उसका नाम पूछा और फिर उसने मेरा मोबाइल नंबर ले लिया और चली गई। कुछ देर बाद मैं अपने घर पर चला आया और मन ही मन खुश हो गया कि मुझे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ी और जल्दी ही वो पट गयी। फिर एक दिन वो दोपहर को कोचिंग जा रही थी। तभी मैंने उसे देखा और बाहर निकला तो सभी के दरवाजे बंद थे। मैंने उसे अंदर बुला लिया, वो घबराते हुए अंदर आई और मैंने दरवाजा बंद कर दिया। उसने अपना मोबाइल लिया और उसके सर को कॉल किया और बोली कि आज उसकी तबियत खराब है और वो आज कोचिंग नहीं आ सकती।

फिर वो मेरे पास रुकी और हम दोनों ने थोड़ी यहाँ वहाँ की बातें की। मैंने मौका देखकर हलके से उसका हाथ पकड़ लिया और सहलाने लगा। फिर कुछ देर बाद वो मेरी गोद में आकर बैठ गई। फिर थोड़ी देर बाद में वो मुझे बहुत नशीली नज़र से देख रही थी। तभी मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया। हमारा नशा और बढ़ गया और वो पागल सी हो गई। फिर मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। मैंने उसके कपड़े ऊपर कर दिए और ब्रा भी ऊपर कर दी और बूब्स चूसने लगा। करीब दस मिनट तक बूब्स चूसने के बाद मैंने उसका नाड़ा खोल दिया और वो कुछ भी नहीं बोली। फिर मैंने उसकी जिन्स के अंदर हाथ डाल दिया। तभी वो उछल पड़ी, मैं उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगा और वो भी मेरे लंड को सहलाने लगी और वो गर्म होकर पेंट के ऊपर से ही लंड को चूमने लगी। उसके मुहं से आह इसस्स्सस्स की आवाज़ आने लगती थी। मैं समझ गया कि ये चुदने के मूड में आ गई है।

तभी मैंने उसकी जिन्स उतार दी और वो सिस्कियाँ लेने लगती थी और मनना करने लगती थी। लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने उसे पकड़ कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपनी पेंट उतारी। फिर मेरा लंड देखते ही उसके मुहं पर खुशी छा गई और मैंने लंड को उसकी चूत में डालने की कोशिश की लेकिन नहीं गया। फिर भी मैं रुका नहीं और उसकी जांघ पकड़ कर एक ही झटक में पूरा लंड चूत में डाल दिया। तब मुझे पता चला कि ये तो पूरी तरह से चुदी हुई है। फिर मैं भी जोर जोर से धक्के देकर उसे चोदने लगा और वो इस चुदाई से खुश होकर अपनी गांड उछाल उछालकर चुदवा रही थी। मैंने उसे दो घंटे तक बुरी तरह से चोदा और अब मेरा पानी निकलने वाला था। तभी मैंने अपनी स्पीड और बड़ा दी। फिर करीब चार पाँच धक्कों के बाद मैंने लंड बाहर निकाल दिया और उसके पेट पर पिचकारी मार दी और मुझे पता था वो अभी तक नहीं झड़ी थी तो मैंने अपने हाथ से उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया और उसे किस करने लगा। तभी थोड़ी देर में ही उसका पानी निकल गया और वो भी शांत हो गई। फिर उसने मुझे अपनी बाहों में लिया और चूमने लगती थी। फिर वो कपड़े पहन कर अपने घर चल गई और हमे जैसा मौका मिलता हम लोग बहुत चुदाई करते।

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फिर एक दिन उसकी बड़ी बहन उसके घर आई, वो शादीशुदा है। लेकिन मैंने उसका फिगर देखा तो मैं बस देखता ही रह गया। क्या कयामत ज़ालिम जिस्म था! बहुत सेक्ससी बड़े बड़े बूब्स और बड़ी सी गांड। उसे देखते ही लंड खड़ा हो जाता है और उसका पति काला सा बूढ़े जैसा था और वो तो कयामत थी। वो मुझे देखकर मुस्कराती थी और मैं भी मुस्कराता था और वो गर्मी सीज़न था तो मैं छत पर सोता था और वो सभी लोग भी छत के ऊपर ही सोते थे। फिर एक रात को वो दोनों बहने ऊपर छत पर आई और मुझसे यहाँ वहाँ की बातें करने लगती थीं। बाद में उसकी माँ आई और उसके बाद उसका भाई और सब आ गए। फिर उसके बाद मैं सो गया। फिर 15-20 मिनट के बाद मैंने देखा कि बड़ी वाली लड़की अपने बिस्तर में नहीं है। फिर मैं बिस्तर से उठकर नीचे आया और मैंने देखा कि उसका दरवाजा बंद था और वो अंदर थी। मैंने अंदर देखने की कोशिश की लेकिन मुझे कुछ नहीं दिखा लेकिन थोड़ी देर में अंदर से आवाज़ आने लगी। उसके साथ कोई आदमी की आवाज़ आ रही थी।

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फिर मैं समझ गया कि अंदर कोई गड़बड़ थी। तभी मैंने उसका दरवाजा खटखटाया और मेरे घर में चला गया। तभी वो आदमी उसके घर से बाहर निकल गया और बाहर इधर उधर देखकर वापस उसने दरवाजा बंद किया और मैं वहाँ पर गया और मैंने फिर से दरवाजे को ठोक दिया, उसने दरवाजा खोला तो वो समझ गई कि मैंने उसे देखा है। फिर मैंने उससे कहा कि क्या हुआ तुम अभी सोई नहीं? फिर वो बोली कि मैं पानी पीने आई थी। फिर मैंने कहा कि मुझे भी पानी पीना है और वो किचन में पानी लेने गयी, मैं भी उसके पीछे गया। तभी मैंने उससे पूछा कि वो कौन था? फिर वो अंजान बनते हुए बोली कि कौन? फिर मैंने कहा कि मुझे सब पता है। मैंने सब सुना है तुम लोग अंदर क्या कर रहे थे। पहले तो वो मानी नहीं लेकिन मेरे ज़ोर देने पर वो मान गई और बताया कि वो उसका पुराना दोस्त था। फिर वो कहने लगती है प्लिस मेरे मम्मि, पापा को मत बताना प्लिस। तभी मैंने कहा कि कोई बात नहीं और फिर मैंने पानी पी लिया और वो बाहर निकल गई। मैंने उसे वापस घर के अंदर बुलाया।

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फिर वो बोली कि क्या हुआ? मैंने उसे बोला कि पहले ये दरवाजा बंद करो। तभी उसने दरवाजा बंद किया और मैंने उसे बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगा। वो मुझसे अलग होने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसके बूब्स मसल दिए और वो भी गरम हो गई और कुछ नहीं बोली फिर मैंने उसे नीचे ही लेटा दिया और ऊपर चढ़ गया और मैं उसे किस कर रहा था उसने मेरा लंड पकड़ लिया और मसलने लगी। मेरा लंड बहुत टाईट हो गया था और उसने उसे पेंट में से बाहर निकाल लिया और अपनी सलवार निकाल दी और बोली जलदी से चोदो मुझे। तभी मैंने कहा कि अभी तो चुदी हो फिर वो बोली कि मैं चुदी जरूर हूँ लेकिन मेरा पानी नहीं निकला और मेरा दोस्त तो जल्दी झड़ जाता है देसी गुजराती सेक्स कहानी और मैं अधूरी रह जाती हूँ। फिर मैंने मेरा लंड पकड़ कर उसकी चूत में डाल दिया, वो चुदाई के नशे में बड़बड़ाने लगती थी चोदो और ज़ोर से चोदो। फिर मैं जोश में आकर उसे चोदने लगा मैंने उसे उसके दोनों पैर पकड़कर करीब 1 घंटे तक चोदा इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और उसकी चूत का सारा पानी निकल गया और मेरा बाद में निकला लेकिन बहुत मज़ा आया उसे चोदने में।

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फिर उसके दूसरे दिन सब ऊपर सोने चलें आए लेकिन उसकी माँ नहीं आई और सब सो गए। फिर कुछ देर बाद मैं नीचे गया। उसके दरवाजे पर खड़ा था और मुझे अंदर से कुछ आवाज़ आई थोड़ी अंदर रोशन थी और नाईट लेम्प चालू था। तभी मैंने दरवाजे के नीचे से देखा तो दंग रह गया। अंदर आंटी पूरी नंगी होकर चुदवा रही थी वो थोड़ी मोटी थी लेकिन उसकी चूत तो बहुत बड़ी थी। कोई अंकल उसे चोद रहे थे और फिर उन दोनों की चुदाई खत्म होने तक मैंने देखा कि अंकल आंटी को पकड़ कर जोर जोर से धक्के दे रहे थे। करीब बीस मिनट चुदाई चलती रही और चूत में ही वीर्य डाल दिया और फिर जब वो दोनों शांत हुए तो वो अंकल चला गया और उसका दरवाजा खुला था आंटी अंदर कुछ कर रही थी।

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तभी मैं अंदर चला गया, वो मुझे देखकर एकदम घबरा गई फिर मैंने कहा कि घबराओ मत मैं किसी को नहीं बताऊंगा और फिर वो बोली कि तुम क्या मुझे चोदना चाहते हो? तभी मैंने जल्दी से हाँ कह दी और चुदाई के लिए तैयार हो गया। तभी मैंने जल्दी से अपनी पेंट खोल दी और वो नीचे बैठकर अपने दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़ कर मुहं में लेकर चूसने लगती थी। लंड उसके मुहं में लेने से और टाईट हो गया और चूसने के साथ साथ पूरी नंगी हो गई और बोली चलो चोद लो और फिर मैं उसे जमीन पर पटककर चोदने लगा। मैंने उसे जोर जोर के धक्के दिए लेकिन उसकी चूत पर कोई भी असर नहीं हो रहा था क्योंकि वो बहुत बड़ी रंड थी। फिर करीब दस मिनट बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया। फिर मैं उसे चोदकर फ्री हुआ और फिर हम ऊपर सोने चलें गए।

तभी सुबह उठकर उसने अपनी दोनों बेटियों को बता दिया कि इसने मुझे और तेरे अंकल को चोदते हुए देखा है। लेकिन उसने ये नहीं बताया कि उसे मैंने भी चोदा है। फिर मैंने एक एक करके तीनों को कई बार चोदा और चुदाई के बहुत मजे लिए। लेकिन बाद में पता चला कि तीनों माँ बेटियों की चुदाई बहुत समय चल रही थी और वो चुदाई के पैसे भी लेती थीं। वो तीनों बहुत बड़ी रंडीयें थीं। फिर मुझे जब ये बात मालूम पड़ी तो मैंने उसकी बड़ी बेटी को बहुत चोदा और एक बार उसने मुझसे शर्त लगाई कि मैं उसे रात भर चोदूं। तभी मैंने उसे उसी रात को बहुत बार चोदा और फिर मैं थक गया लेकिन उसे बहुत चोदा और मेरा तो अब रोज़ का काम हो गया। फिर मैं एक बार अपने गाँव गया और 5 दिन बाद आया तो मुझे पता चला कि उन लोगो ने घर खाली कर दिया है। फिर उसके देसी गुजराती सेक्स कहानी बाद मैंने उन्हें बहुत ढूंढा लेकिन वो नहीं मिले।