हिंदी सेक्स स्टोरी

चटाई बिछा कर देसी सासु माँ की चुदाई

Desi sasu maa ki chudai

हर किसी को एक सुंदर बीवी की जरूरत है पर बिहार के मनोज को किसी और की इच्छा थी। उसे अपनी बीवी बिलकुल पसंद नहीं थी क्यों की वो तो बस अपनी सासु माँ के साथ संभोग करना चाहता था। अब सासु माँ कितनी कामुक थी ये तो कहानी में ही पता लगेगा। मनोज का कहना है की उसे बड़ी उम्र की औरतो में काफी यौन रुचि रहती है। अब मनोज ने अपनी देसी सासु माँ की चुदाई कैसे और कहा की ये आगे कहानी में पढ़ें।

हमारा तन मन और लंड तीनो सासु माँ के लिए थे। मैंने एक बदसूरत लड़की से शादी ही इसलिए की ताकि मैं अपनी सासु माँ के और करीब जा सकू। अब सासु माँ मुझे कहा मिली और कैसे ये यहाँ बताना सही नहीं होगा।

सासु माँ की उम्र करीब 56 साल होगी। उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था क्यों की वो सुंदरता और हॉटनेस का सही संतुलन बनाये रखती थी। वो काफी पैसे वाली थी ऊपर से उनका खुद का ब्यूटी सैलून भी थी।

जिस वजह से वो हर वो चीज अपने सेक्सी शरीर पर लगाती थी जिस वजह से वो सुंदर लग सके। उनकी कमर इतनी उम्र में भी पतली और सुंदर थी साथ ही उनके मोटे चूतड़ों का कोई जवाब ही नहीं था।

उम्र के साथ साथ उनके स्तन लटक गए थे पर फिर भी वो काफी मोटे और सुंदर थे। मुझे उनकी बेटी इसलिए पसंद नहीं थी क्यों की वो काफी झली और शर्मीली थी। मुझे एक बेशर्म और चुदाई की हदे पार करने वाली औरत की तलाश थी।

ये सारी खूबियां मेरी सासु माँ में थी। अब आप सोचोगे की ये मैं कैसे बोल सकता हूँ ? माफ़ करना अगर मैं यहाँ पुरानी बाते बतानी शुरू किया तो मेरी कहानी देसी सासु माँ की चुदाई काफी ज्यादा बड़ी हो जाएगी।

उस दिन मेरी बीवी अपने दोस्तों के साथ बाहर गई हुई थी। उन दिनों होली का त्यौहार आने ही वाला था। उस वक्त शाम हो रही थी और मैं काम से वापस घर लोट रहा था।

Hot Sex Story :  दीदी की सास की गांड फाड़ी-2

तभी घर के बाहर मैंने अपनी सासु माँ को खड़ा देखा।

सासु माँ – अरे मनोज बेटा कहा थे मैं कब से घर के बाहर हूँ !!

मनोज – अरे माता मैं तो काम पर गया था और मंजू अपनी सहेलियों के साथ बाहर है।

सासु माँ – ओह अच्छा लगता है तभी फ़ोन का पता नहीं लगा होगा उसे।

मनोज – चलिए अब अंदर चलते है !!

सासु माँ – हाँ हाँ जरूर।

उसके बाद मैं और सासु माँ अंदर गए और मैं उनके चाय बनाने लगा। चाय बनाते बनाते रसोई की छोटी खिड़की से मैं उन्हें देख अपना लंड हिलाने लगा।

सासु माँ ने सुंदर साड़ी पहनी थी और वो बैठे बैठे अपनी ब्रा और ब्लाउज ठीक करने लगी। अब इतने बड़े स्तन होंगे तो हर औरत को साड़ी ब्लाउज संभालने में दिकत होगी ही।

मुझे वो मौका सही लगा अपनी दिल की बात बोलने का। मैंने चाय प्लेट में राखी तो साथ ही कंडोम की 2 पुड़िया भी रख दी।

मैं चाय लेकर सासु माँ के पास गया और उनके सामने रख दी। अब कंडोम देख कर वो शर्मा कर हस पड़ी और बोली ये क्या है बेटा ?

वो शर्मा कर अपने बालो में हाथ फेरने लगी। सासु माँ की ये हरकत देख मैं उनके जिस्म के लिए और लालची हो गया। मैंने न उनकी हाँ पूछी और ना न और बस उन्हें गले लगा कर होठो पर चूमने लगा।

अब सासु माँ ने मुझे उन्हें इस तरह छूने दिया तो इसका मतलब है की वो भी मेरे लिए हवसी हो रखी थी। अब मुझे अपनी हवस की भूखी सासु माँ की चुदाई करने का मौका मिल गया। मैं उनकी गोद में बैठा और उनके स्तनों को सहलाता हुआ उनके होठो से अपने होठ लगा लिया।

सासु माँ ने भी अपने जिंदगी की साली चुदाई का अनुभव मुझे देखना शुरू कर दिया। सासु माँ का शरीर बड़ा और भरा फुला था। मैं कभी उनकी कमर पर हाथ रखता तो कभी गांड पर।

उनका शरीर इतना गर्म और रसीला था की मुझे समझ नहीं आ रहा था की उन्हें कहा छूना सही रहेगा। तभी सासु माँ ने अपने स्तन ब्लाउज से खीच कर बाहर निकाले और मैं उन्हें देख लंड खड़ा कर बैठा।

Hot Sex Story :  बॉयफ्रेंड ने मेरी बहन को भी नहीं छोड़ा

मैंने सासु माँ के स्तन पकड़े और अपनी पैंट की जीप से लंड बाहर निकाल कर उनके स्तनों के बीच रगड़ने लगा। अब सासु माँ शर्मा रही थी और करती भी तो वो क्या करती उनकी भी तो चुत की मजबूरी थी।

उसके बाद मैंने सासु माँ को खड़ा किया और उन्हें गले लग कर अपने लंड को उनके पेरो की बीच लगड़ने लगा साथ ही मेरे दोनों हाथ सासु माँ की गांड पर थे।

कुछ देर तक में उनके शरीर को हर तरह से छूता रहा और कामुक आनंद लेता रहा। सासु माँ भी मेरे शरीर को बार बार अपने दोनों हाथो से सेहला रही थी।

अब उनकी चुत भी गीली थी और मेरा लोडा भी खड़ा था। मैंने जमीं पर चटाई बिछाई और उन्हें नीचे घोड़ी बने को कहा।

सासु माँ – नहीं बेटा मेरे घुटनों में दर्द रहता है ऐसे नहीं।

सासु माँ ने अपना पूरा ब्लाउज और साड़ी उतारी और चटाई पर पीठ के बल लेट गई।

लेट कर उन्होंने अपने हाथो से अपनी योनी के द्वार मेरे लिए खोले और मैं ख़ुशी से पागल हो गया। उनकी चुत काली और बालो से भरी थी जिसे देख मेरा लंड और कड़क हो गया।

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

मैंने सासु माँ की योनी पर 3 से 5 बार थूका और उनकी चुत को और चिकना बना कर मजा से चुदाई करने लगा। चटाई बिछा कर देसी सासु माँ की चुदाई कर मैं अपने जीवन का लक्ष्य पूरा कर रहा था।

सासु माँ – मुझे पता नहीं था की तुम भी वैसा ही सोचते हो जैसा मैं सोचती हूँ।

मैंने सासु माँ के स्तन पकड़े और उनके काले निपल्स चूसने लगा।

सासु माँ – अहह दामाद जी बस इन्हे थोड़ा प्यार से सहलाये।

मैंने सासु माँ के पुरे शरीर को प्यार से सहलाना सुरु कर दिया और मजे से अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा।

सासु माँ ने मेरे कंधे पड़े और मुझे नीचे जुका कर मुझे कस कर गले लगा लिया। गले लगा कर वो मुझे चूमने चाटने लगी। देसी चुदाई करते करते हम एक दूसरे की जीभ को चूस रहे थे।

Hot Sex Story :  Jindgi Ke Hadse

सासु माँ की हरकतों से पता लग रहा था की वक्त के साथ साथ उनका जोश अभी भी बरकरार है।

अंत मैं मैंने सासु माँ को गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया और अपनी कमर की रफ्तार और बढ़ा दी। कुछ देर और चुत चोदने के बाद सासु माँ की काली चुत से हल्का सा पानी निकला और वो शांत हो गई।

उनका शरीर अब भी काफी गर्म था जिसे मैं चोदे जा रहा था। अब सासु माँ गर्भवती न हो जॉए इस लिए मैंने अपना माल उनकी नरम छाती पर फैला दिया।

हमे चुदाई का इतना जोश था की सामने रखा कंडोम लगाना ही भूल गए।

तो दोस्तों ये थी मेरी हिंदी सेक्स कहानी चटाई बिछा कर देसी सासु माँ की चुदाई। अंत मैं बस यही हुआ की उनकी बेटी घर आ गई और हम दोनों को चुदाई रोकनी पड़ी। उस दिन मैंने अपनी सासु माँ के शरीर का पूरा मजा लिया।

हमने कुछ दिन और चुदाई जारी रखती और उसके बाद सासु माँ ने खुद ये रिश्ता तोड़ दिया तभी उनकी बेटी का जीवन खराब न हो।