सेक्सी मारवाड़ी आंटी की चुदाई – एक हॉट कहानी
हाय दोस्तों, मैं राजेश एक बार फिर से हाज़िर हूँ अपनी नई और सच्ची कहानी लेकर। आज की इस स्टोरी में मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपने सामने वाली मारवाड़ी आंटी की जमकर चुदाई की। मेरा नाम राजेश है, मेरा रंग सांवला है और मैं लुक्स में ठीक-ठाक हूँ। मेरा लंड 5.5 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है, जिसने अब तक कई चूतों को भोसड़ा बनाया है और हर चूत मेरे लंड की दीवानी हो चुकी है। अब बिना टाइम वेस्ट किए, मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ।
मैं एक किराए के मकान में रहता हूँ, जहाँ एक कमरा मेरा है। जिस बिल्डिंग में मैं रहता हूँ, उसकी ऊपरी मंजिल पर एक मारवाड़ी फैमिली रहती थी। उस फैमिली में पांच लोग थे – एक मस्त सेक्सी आंटी, उनका हसबैंड, उनके दो लड़के और एक लड़की। यह बात दो महीने पुरानी है। हमारे और उनके फैमिली के बीच अच्छी बॉन्डिंग थी। हमारा उनके घर आना-जाना लगा रहता था और वो भी कभी-कभी हमारे यहाँ आते थे।
दोस्तों, आंटी थोड़ी पतली लेकिन बहुत गोरी थीं। जैसा कि आप जानते हैं, मारवाड़ी औरतें कितनी मेहनती होती हैं। उनका फिगर पतला था, लेकिन बॉडी शेप परफेक्ट था। उनकी गांड मटकती हुई साफ दिखती थी, जो मुझे बहुत अट्रैक्ट करती थी। उनके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन गोल-मटोल और निप्पल्स तने हुए थे, जिन्हें हाथ में पकड़ने का मज़ा बाद में मुझे पता चला।
पहले मेरे मन में आंटी के लिए कोई गलत ख्याल नहीं था। मैं बस कभी-कभी उनके बूब्स को चोरी-छिपे देख लेता था, लेकिन मेरी नीयत साफ थी। फिर एक दिन सुबह मैं उनके घर किसी काम से गया। वहाँ पहुँचते ही मैंने देखा कि आंटी नहाकर बाथरूम से बाहर निकली थीं। उन्होंने ब्रा और पैंटी पहन रखी थी और मैक्सी डालने की कोशिश कर रही थीं। मैक्सी को सिर से नीचे खिसकाते ही मैं अचानक वहाँ पहुँच गया। उनकी ब्रा में कसे बूब्स और पैंटी में छुपी चूत का शेप साफ दिख रहा था। मैं वहीं ठिठक गया और उन्हें घूरता रहा। वो बाहर से जितनी खूबसूरत थीं, अंदर से उससे भी ज्यादा हॉट लग रही थीं।
मैक्सी पहनते ही उनका ध्यान मुझ पर गया। मुझे देखकर वो थोड़ा शरमा गईं और बोलीं, “क्या घूर-घूरकर देख रहे हो?” मैं चुप रहा, सिर झुकाकर थोड़ी देर खड़ा रहा और फिर अपने कमरे में लौट आया। लेकिन उस दिन के बाद आंटी का वो गदराया हुआ बदन मेरे दिमाग में बस गया। मैं पूरे दिन उनके बारे में सोचता रहा और वो मुझे बहुत सेक्सी लगने लगीं। इसके बाद मैं उनके करीब जाने की कोशिश करने लगा और बहाने से उन्हें टच करने की कोशिश करता था। मैं हर वक्त उनके सपनों में खोया रहने लगा।
एक दिन आंटी ने मुझे आवाज़ दी और अपने कमरे में बुलाया। मैं खुशी-खुशी उनके पास पहुँचा। वहाँ देखा कि वो अपने बेड को शिफ्ट कर रही थीं। मुझे देखते ही बोलीं, “खड़े-खड़े क्या देख रहे हो? मैंने मदद के लिए बुलाया है। घर पर कोई नहीं है, इसलिए तुम्हें बुलाना पड़ा।” वो मुझे बेड को धक्का देने के लिए कह रही थीं। मैं बेड के पास गया और धक्का देते हुए सही मौके का इंतज़ार करने लगा। फिर मैंने उनके बूब्स को छूकर दबा दिया। वो रुई जैसे मुलायम और मस्त थे। मैंने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने मुझे एक शरारती स्माइल दी। बेड शिफ्ट करने के बाद हम एक कोने में दब गए। वो बाहर निकलने लगीं और मैं उनके पीछे-पीछे चिपककर चलने लगा। मेरा लंड खड़ा हो चुका था और उनकी मुलायम गांड को टच कर रहा था। वो भी मज़े ले रही थीं, लेकिन उस दिन कुछ खास नहीं हुआ।
अगले दिन मैं फिर उनके घर गया। उस वक्त उनका हसबैंड ऑफिस गया था, बड़े बच्चे स्कूल में थे और छोटा बेटा सो रहा था। आंटी बेड पर लेटी थीं। मैं चुपचाप उनके पास जाकर उनके पेट से चिपककर बैठ गया। हम दोनों हँसते हुए इधर-उधर की बातें करने लगे। फिर मैंने उनके ऊपर लेटने का नाटक किया। वो कुछ नहीं बोलीं। मैं उनके पेट पर लेट गया और बातें करने लगा। धीरे-धीरे मैंने हाथ उनके बूब्स पर रखकर सहलाना शुरू किया। वो चुप रही। फिर मैंने मौका देखकर उनके बूब्स को ज़ोर से दबा दिया। वो सिसकियाँ लेते हुए बोलीं, “ये क्या कर रहे हो?” मैंने मज़ाक में कहा, “आपका दूध निकाल रहा हूँ।” वो हँसते हुए बोलीं, “ऐसे तो दूध क्या, पानी भी नहीं निकलेगा।” मैंने पूछा, “फिर कैसे निकलेगा?” वो तुरंत बोलीं, “अपना मुँह मेरे निप्पल पर लगाओ और छोटे बच्चे की तरह चूसो, तब निकलेगा।”
यह सुनते ही मैंने उनके बूब्स बाहर निकाले और चूसना-दबाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद वो मोन करने लगीं। उनके बूब्स से दूध निकलने लगा, क्योंकि उनकी बेटी अभी उनका दूध पीती थी। फिर मैंने उनकी मैक्सी को ऊपर सरकाया और पैंटी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा। वो पागल हो रही थीं। मैंने उन्हें किस करना शुरू किया। 15 मिनट तक किस करते हुए उनकी मैक्सी उतार दी। अब वो सिर्फ पैंटी में थीं। उनके छोटे बूब्स की वजह से वो ब्रा कम ही पहनती थीं।
फिर आंटी ने मेरी पैंट खोलकर लंड बाहर निकाला और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। मेरी हालत खराब हो गई और मैं उनके मुँह में झड़ गया। लेकिन उन्होंने फिर से चूसकर मेरा लंड खड़ा कर दिया। अब मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उनकी पैंटी को साइड किया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा। वो जोश में सिसकियाँ ले रही थीं। फिर उन्होंने मेरे लंड को चूत पर सेट किया और गांड उठाकर धक्का दिया। मेरा लंड का टोपा अंदर चला गया। वो चिल्लाईं, “आह्ह ऊईई माँ मर गई!” मैंने भी जोश में ज़ोर का धक्का मारा और पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया। वो पागल हो गईं और मैं ज़ोर-ज़ोर से उन्हें चोदने लगा। वो भी गांड उठाकर मेरा साथ दे रही थीं। कमरे में उनकी आवाज़ें – “आह्ह उह्ह्ह ऊईईई थोड़ा और ज़ोर से, और अंदर डालो” – गूँज रही थीं।
कुछ देर बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने उन्हें बताया तो वो बोलीं कि वो भी झड़ने वाली हैं। उन्होंने पैरों से मेरी कमर को जकड़ लिया और कुछ सेकंड बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। हमारी साँसें तेज़ थीं। मैंने उन्हें लिप किस करना शुरू किया। दोस्तों, आंटी को सेक्स का पूरा एक्सपीरियंस था। उन्होंने मुझे कई नई चीज़ें सिखाईं और मैं उनकी हर बात मानकर चुदाई के मज़े लेता रहा।