पति को देवरानी के साथ शेयर करने की मजबूरी
मेनका, एक 28 साल की इंदौरी महिला, अपने पति को अपनी खूबसूरत देवरानी राशि के साथ शेयर करने की भावुक और उत्तेजक कहानी सुनाती है। ट्रेन हादसे में अपाहिज हुए देवर के बाद राशि की जवानी की आग को बुझाने के लिए मेनका ने लिया ये चौंकाने वाला फैसला। पूरी कहानी में वासना, मजबूरी और जिस्मानी सुख की गर्माहट का बयान।
मैं मेनका हूँ, इंदौर की रहने वाली, उम्र 28 साल, और मेरे पति 30 के हैं। मेरा पति मुझे बेपनाह मोहब्बत करता है, मेरी हर ख्वाहिश को पूरा करता है, पर पिछले कुछ दिनों से मेरे सामने एक अजीब-सी मुश्किल खड़ी हो गई थी। न चाहते हुए भी मुझे अपने पति को किसी और की बाहों में सौंपना पड़ा। लेकिन मैं क्या करूँ? मैं भी तो एक औरत हूँ, इंसान हूँ। अगर मैं खुद को अपनी देवरानी राशि की जगह रखकर सोचती, तो शायद मैं भी वही करती जो वो कर रही थी। उसकी मजबूरी, उसकी तड़प को मैं समझ सकती थी। चलिए, आपको पूरी कहानी विस्तार से सुनाती हूँ, जिसमें हर पल की नजाकत और हर एहसास की गर्माहट को मैं बयाँ करूँगी।
मेरे देवर की शादी को अभी दो साल ही हुए थे। राशि, मेरी देवरानी, एक बेहद खूबसूरत और पढ़ी-लिखी लड़की है। इंदौर के एक अच्छे घराने से ताल्लुक रखती है। उसकी खूबसूरती के क्या कहने—मखमली गोरा बदन, कमर तक लहराते काले बाल, गुलाबी होंठ, बड़ी-बड़ी सुडौल चूचियाँ जो किसी को भी मदहोश कर दें, और उसका उभरा हुआ चूतड़—मानो भगवान ने उसे तराश कर बनाया हो। उसकी कमर सुराही की तरह पतली, आँखें कजरारी, और चाल ऐसी कि मर्द क्या, मैं औरत होकर भी उसके रूप पर फिदा थी। मेरे देवर का उसके सामने कोई मुकाबला नहीं था, और अब तो एक हादसे ने उससे सब कुछ छीन लिया।
शादी के आठ महीने बाद ही मेरे देवर का एक ट्रेन हादसे में दोनों पैर कट गए। वो अपाहिज हो गया। उस हादसे में उसके दिमाग की एक नस भी फट गई थी, जिसके बाद उसका दिमाग ठीक से काम नहीं करता। वो अजीब-अजीब हरकतें करने लगा, कभी बिना मतलब हँसता, कभी कुछ भी बड़बड़ाने लगता। राशि, जो पहले हँसती-खिलखिलाती थी, अब गुमसुम रहने लगी। उसकी आँखों में उदासी छा गई। उसने अपने चेहरे, अपने बदन की देखभाल तक छोड़ दी थी। उसकी जवानी, उसकी खूबसूरती सब धीरे-धीरे मुरझाने लगी थी। मुझे और मेरे पति को उसकी ये हालत देखी नहीं जा रही थी। हम दोनों उसकी चिंता में डूबे रहते।
बात दिवाली के दूसरे दिन की है। मैं और मेरे पति अपने कमरे में आपस में बातें कर रहे थे। रात गहरी हो चुकी थी। तभी राशि के कमरे से सिसकियों की आवाज़ आई। हम दोनों चौंक गए और फौरन बाहर निकले। दरवाजे की झिर्री से झाँककर देखा तो मेरा दिल धक्क रह गया। राशि पूरी तरह नंगी थी, अपने पति यानी मेरे देवर के ऊपर बैठी थी। लेकिन देवर का लंड ढीला पड़ा था, बिल्कुल बेजान। वो कुछ भी करने की हालत में नहीं था। राशि की कोशिशें बेकार जा रही थीं। मैं समझ गई कि उसकी जवानी की आग उसे तड़पा रही थी, और वो इस आग को बुझाने की कोशिश में थी। उस पल मैं कुछ कर नहीं सकती थी। चुपचाप वापस अपने कमरे में आ गई। उस रात मुझे नींद नहीं आई। मैं सोचती रही कि राशि की किस्मत में ये क्या लिख दिया भगवान ने।
अगली रात करीब बारह बजे फिर से उसके कमरे से शोर सुनाई दिया। इस बार वो गुस्से में चीख रही थी। कमरे का सामान इधर-उधर फेंक रही थी। “तुमने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी! मैं क्या करूँ? तुम मुझे कोई सुख नहीं दे सकते। मैं किससे कहूँ, क्या कहूँ?” उसकी चीखें मेरे दिल को चीर रही थीं। देवर बस इतना कह पाया, “मुझे माफ कर दो राशि, मेरी गलती नहीं है। मैं कुछ नहीं कर सकता।” मुझसे रहा नहीं गया। मैंने दरवाजा खटखटाया। पाँच मिनट बाद राशि ने दरवाजा खोला। उसकी आँखें लाल थीं, चेहरा सूजा हुआ था। उसने मुझसे पूछा, “दीदी, आप इतनी रात को?” मैंने बहाना बनाया, “हाँ राशि, मेरा सिर बहुत दर्द कर रहा है। ज़रा बाम लगा दो।” वो बाहर आई और मेरे सिर पर बाम लगाने लगी।
मैं उसे अपनी बहन की तरह मानती थी। उसकी उंगलियाँ मेरे सिर पर चल रही थीं, और मैंने मौका देखकर कहा, “राशि, मैं तुमसे एक बात करना चाहती हूँ। मैं तुम्हारा दर्द देख नहीं सकती। तुम पति के सुख से वंचित हो। इंसान को खाने-पहनने के अलावा जिस्मानी सुख की भी ज़रूरत होती है। मैं समझती हूँ कि तुम्हारी जवानी तुमसे कुछ माँग रही है।” वो चुपचाप सुन रही थी। मैंने आगे कहा, “देख, यहाँ तुम्हें किसी चीज़ की कमी नहीं है। बस एक कमी है तो वो है जिस्म का सुख। अगर तुम चाहो, तो मेरे पति तुम्हारी ये भूख मिटा सकते हैं। मैं उन्हें मना लूँगी। मैं अपने पति को तुम्हारे साथ शेयर करने को तैयार हूँ। बस तुम हाँ कह दो।”
मेरी बात सुनकर राशि फूट-फूटकर रोने लगी। बोली, “दीदी, क्या बताऊँ? वो कुछ भी नहीं कर पाते। उनका लंड खड़ा ही नहीं होता। मैंने कितनी कोशिश की, अपने चूत में डालने की कोशिश की, पर कुछ नहीं हुआ। मेरी जवानी बेकार जा रही है। सेक्स के बिना मैं मर जाऊँगी। अगर आप अपने पति को मेरे लिए शेयर करने को तैयार हैं, तो मेरे लिए इससे बड़ी बात क्या होगी?” उसकी बातों में दर्द था, बेबसी थी, और एक जलती हुई वासना भी।
अगले दिन मैंने अपने पति को सारी बात बताई। पहले तो वो नाटक करने लगा, गुस्सा दिखाने लगा, पर मैं समझ गई कि वो अंदर से खुश था। कौन मर्द होगा जो ऐसी खूबसूरत औरत को अपनी बाहों में लेने से मना करेगा, वो भी पत्नी की इजाज़त से? उसकी आँखों में चमक थी। मैंने कहा, “आज रात राशि को हमारे कमरे में बुलाती हूँ।” रात को खाना खाने के बाद मैंने राशि को बुलाया। अपने पति से कहा, “जी, आज से राशि और मुझमें कोई फर्क मत समझना। उसका भी आप पर उतना ही हक है जितना मेरा। वो आपको जेठ भी मानेगी और पति भी। मुझे कोई ऐतराज़ नहीं।” दोनों चुपचाप मुझे देख रहे थे। मैंने कहा, “आप लोग बात करो, मैं हलवाई की दुकान से मिठाई लेके आती हूँ।” और मैं निकल गई।
जब वापस लौटी, तो जो नज़ारा देखा, वो मेरे होश उड़ा देने वाला था। राशि बिस्तर पर नंगी पड़ी थी। मेरे पति ने उसके दोनों पैर अपने कंधों पर उठा रखे थे और अपना मोटा, तना हुआ लंड उसकी चूत में डाले जा रहा था। वो ऐसे धक्के मार रहा था जैसे उसे सालों से चूत न मिली हो। राशि की चूचियाँ जोर-जोर से हिल रही थीं। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “हाय… हाय… भैया, गज़ब के हो आप। आज आपने मुझे जन्नत दिखा दी। अब मुझे कुछ नहीं चाहिए। आप ही मेरे सब कुछ हो।” उसकी आवाज़ में मस्ती थी, संतुष्टि थी।
मुझसे रहा नहीं गया। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और उनके साथ शामिल हो गई। मैंने अपनी गीली चूत राशि के मुँह पर रगड़नी शुरू की। उसकी जीभ मेरे चूत के दाने को छू रही थी। मैंने उसकी चूचियाँ दबाईं, और वो मेरे चूत का रस चाटने लगी। बोली, “दीदी, आपकी चूत तो नमकीन लग रही है।” मैंने कहा, “ले राशि, जी ले अपनी ज़िंदगी। आज से हम दोनों साथ-साथ चुदवाएँगी।” राशि अपना चूतड़ उठा-उठाकर चुदवा रही थी। मेरा पति उसे पूरी ताकत से चोद रहा था। मैं कभी अपनी चूत का पानी उंगलियों से निकालकर राशि के मुँह में डालती, तो कभी अपने पति के मुँह में।
करीब एक घंटे की चुदाई के बाद राशि निढाल हो गई। मेरे पति ने “आह्ह्ह…” की जोरदार सिसकारी के साथ अपना सारा वीर्य राशि की चूत में उड़ेल दिया। वो बोला, “थैंक यू मेनका, तुम्हारी जैसी पत्नी सबको मिले।” राशि ने कहा, “थैंक्स दीदी, आपके जैसी जेठानी और भैया जैसे जेठ सबको मिलें, ताकि हम जैसी औरतें अपनी वासना की आग घर में ही बुझा सकें।”
तो दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? मैं रोज़ hotsexstory.xyz पर आती हूँ। अगर मुझे भी कोई मोटा लंड वाला मर्द मिला, तो मैं ज़रूर चुदवाऊँगी। सीरियस रिलेशनशिप वाले ही कमेंट करें।