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आज मैं दीदी की मेरे बॉस के साथ चुदाई की कहानी-2

दीदी अभी भी दर्द से कर रही थी। वो फिर रुक गए और दीदी के होठों को  चूसने लगे। अचानक उन्होंने एक जोरदार धक्का दिया। उनका लंड सनसनटा हुआ दीदी के चूत में और ज्यादा अंदर तक घुस गया। दीदी चिल्लाने लगी. वो बोले, “रानी, ​​मेरी जान अभी तक ये 6″ ही अंदर घुसा है और तुम इतना चिल्ला रही हो।” दीदी ने उनसे रुक जीने को कहा लेकिन वो नहीं रुके और दीदी को तेजी से चोदने लगे। बिजली की तरह उनका लंड दीदी की चूत में अंदर बाहर होने लगा।

जैसे ही दीदी की गाल कुछ कम होती वो एक धक्का जोर से लगा देते और दीदी फिर गाल पड़ती थी। कुछ देर तक वो इसी तरह चोदते रहे। धीरे धीरे उनका पूरा लंड दीदी की चूत की गहराई में गया तक जगह बना चुका था और तेज़ी के साथ अंदर बाहर हो रहा था। दीदी दर्द से तड़प रही 8-10 मिनट के बाद दीदी को भी मज़ा आने लगा।

दीदी ने अपने हाथों से उनकी कमर पर कैंची की तरह कस दिए और अपनी गांड उठा कर उनका साथ देने लगी। वो बोले, “शाबाश मेरी रानी, ​​अब तो तुझे चुदवाना आ गया।” वो दीदी को लगभाग 15-20 मिनट तक चोदते रहे। इस दौरान दीदी 3-4 बार झड़ चुकी थी और वो उस रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।

वो दीदी के ऊपर से हट गई और दीदी को घोड़ी की तरह बन जाने को कहा। दीदी उठ कर ज़मीन पर आ गई और घोड़ी की तरह हो गई। उन्होंने दीदी की कमर पकड़ कर अपना लंड पीछे से दीदी के चूत में डाल दिया। मुझे फिर दर्द से कहने लगी पर उन्होंने दीदी को समझाया कि बाद में मजा आएगा। ये चोदने की सब से अच्छी स्टाइल है।

कुछ ही देर में दीदी का दर्द जैसे कम हो गया और दीदी को मज़ा आने लगा। दीदी अब अपनी गांड को पीछे से धक्का देकर ताल से ताल मिलाने लगी। 10-15 मिनट के बाद वो दीदी की चूत में ही झड़ गयी। उसने अपना लंड दीदी की चूत से बाहर निकाल कर मेरे मुँह में दे दिया। दीदी ने उनका लंड चाट चाट कर साफ किया और वो दोनो साथ ही साथ ज़मीन पर ही लेट गए।

वो दीदी को प्यार से छूने लगे। कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा, “रानी, ​​और मजा दोगी।” दीदी ने अपने सर हां में हिला दिया। तब उसने अपना लंड, जो कि फिर खड़ा हो गया था दीदी के हाथ में दे दिया और बोले, “रानी, ​​लो इसे प्यार करो और चुसो।” दीदी उनका लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

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थोड़ी देर बाद उनका लंड एक दम गरम लोहे की तरह हो गया। उन्होंने अपने मुँह में दीदी का बायाँ बूब ले लिया और दाए को मुट्ठी से कस कर दबाने लगे। “क्या सच में चुचियाँ हैं तेरी, रानी ” उन्होंने दीदी के दोनों चुचियों को कस लिया और बीच में अपनी जीभ फिरने लगे। दीदी ने भी अपनी बाहों से उनके सिर को पकड़ लिया और अपनी चुचियों को ऊपर की तरफ कर दिया। वो बोले, “रानी, ​​क्या मस्त चीज़ है तू”, और उन्होंने दीदी के स्तनों को जीभ से चाटना शुरू कर दिया।

एक हाथ से वो दीदी के एक निप्पल को मसल रहे थे और दूसरे निप्पल को अपने दांत से काटने लगे। फिर धीरे-धीरे वो किस करते हुए दीदी के कमर तक आ गए। फिर उन्होंने अपनी बीच की उंगली दीदी की चूत में घुसा दी। “उफ़्फ़….” दीदी तड़प उठी। उनकी उंगली दीदी के चूत में अंदर बाहर होने लगी। दीदी को भी मज़ा आने लगा और दीदी अंदर आने लगी। अचानक वो उठे और दीदी के जोड़ों के बीच में आ गए। सर ने दीदी के जोड़े उठाए और अपने कंधों पर रख लिया। उनका ताना हुआ लंड दीदी के चूत से बस केवल एक इंच की ही दूरी पर था।

सर ने दीदी की आँखों में देखा और बोले, “छोड़ो, मेरी रानी।” दीदी ने अपने सर हाँ में हिला दिया और अपनी चूत को उनके लंड से सटा दिया और बोली, “धीरे-धीरे चोदोगे प्लीज, बहुत दर्द होता है।” उन्होंने दीदी के गांड के नीचे एक तकिया रख दिया। सर दीदी के चूचियों को पकड़ा और निप्पलों को मसलते हुए अपने लंड को दीदी के चूत में घुसाने लगे।

अभी तक उन्होंने एक भी धक्का नहीं मारा था लेकिन उनका आधा लंड दीदी के चूत में घुस चुका था। दीदी की चुचियों को दबाते हुए और दोनों निप्पलों को खींचते हुए सर बोले, “एक बार में पूरे अंदर लोग।” दीदी तो एक दम जोश में थी और दीदी ने दर्द की भरपाई ना करते हुए कहा, “हाँ।” उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया।

इसने पहले दीदी को कुछ समझाया और उसने एक ही धक्के में अपना पूरा लंड वापस दीदी की चूत की गहराई तक घुसा दिया। दीदी ने अपनी गाल बड़ी मुश्किल से रोक पाई। दीदी ने अपनी आंखें बंद कर ली। वो अपना पूरा लंड दीदी के चूत में डाले हुए थोड़ी देर रुके रहे। दीदी ने जब अपनी आंखें खोली तो वो बोले, “अभी १” बाकी रह गया है मेरी जान।”

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उन्होंने एक और झटका दिया तो उनकी दोनों बॉल्स दीदी की चूत पर टकरा गई। मैं समझ गया कि अब उनका पूरा लंड दीदी की चूत में घुस चुका है। उन्होंने दीदी को तेजी से चोदना शुरू कर दिया। दीदी के जोड़े की पायल उनके हर धक्के के साथ बजने लगी। पायल की आवाज़ से उन्हें और जोश आने लगा और वो दीदी को तेज़ी के साथ चोदने लगे।

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उनके हाथ अभी भी दीदी की चुचियों के निप्पल को मसल रहे थे और दीदी को दर्द हो रहा था। धीरे-धीरे वो दर्द भूलभुलैया में बदल गया और दीदी भी अपनी गांड उठा कर उनका साथ देने लगी। जब उनका लंड दीदी के चूत में पूरा घुसा था तो वो दीदी के निप्पल को जोर से दबा देते थे और दीदी दर्द से तड़प जाती थी।

थोड़ी देर बाद उन्होंने दीदी के जोड़े को उठाया और दीदी के कंधों की तरफ झुका दिया अब दीदी का एक डैम दोहरी हो गई और दीदी की चूत और ऊपर उठ आई। उन्होंने दीदी के जोड़ों को पकड़ कर बहुत ही तेजी के साथ दीदी की चुदाई करनी शुरू कर दी। वो दीदी के चूत में लंड को अंदर डालते वक्त दीदी के जोड़ों को दबा देते थे तो दीदी की चूत और ऊपर उठ जाती थी और उनका लंड दीदी की चूत की गहराई तक घुस जाता था। दीदी उनके लंड को अपने बच्चेदानी के मुँह पर महसूस कर रही थी। दीदी भी जोश में आ गई और अपनी आंखें बंद कर ली।

दीदी के मुँह से केवल यही आवाज़ें निकल रही थी, “सर…. ऐसे…….. ही और कैसे……. कैसे……. कररर………. जोर…….. से चोदिए…….. और….. जोर….. से…….. चोदिए……….. फाड़… ….. दीजिए….. मेरी……… चूत…….. को।” मैं जोश से एक दम पागल हुई जा रही थी। उनका मोटा और लंबा लंड दीदी के कैसी हुई चूत की चुदाई कर के उसका मुँह चौड़ा किये जा रहा था। दीदी की चूत अभी तक ढीली नहीं हुई थी। वो दीदी के ऊपर और ज्यादा झुक गए और पूरी तेज़ी के साथ दीदी की चुदाई करने लगे।

दीदी की दोनो जोड़ियों को उन्होंने अब साइड में करके अपने कमर से लपेट लिया। उनका चेहरे का पसीना दीदी के चेहरे पर टप टप गिर रहा था। वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। दीदी अब तक 2-3 बार झड़ चुकी थी। उन्होंने दीदी को और दबा दिया तो देख कर मेरी तो जैसे जान ही निकल गई। उनके लंड से भी पानी निकलने लगा और दीदी के चूत भरने लगी। क्योंकि वो अब धीरे पड़ गए। वो थोड़ी देर दीदी के ऊपर पड़े रहे और मैं उन्हें किस करती रही।

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वो अब मेरे ऊपर से हट गए और दीदी के बगल में लेट गए। थोड़ी देर बाद दीदी ने उनके मुर्झाये हुए लंड को अपने हाथों में ले लिया। उनके मुँह से आह निकल गई, “रानी, ​​उह…. प्लीज….” उन्होंने दीदी की आँखों में देखा जैसे एक बार फिर चोदने की इजाजत मांग रहे हो। दीदी ने अपने होठों को दांत से काट ते हुए कहा, “अगर आप बुरा न मानो तो मैं आपके लंड को फिर से चूसना चाहती हूँ, प्लीज।” वो बोले, “इसमें इजाजत की क्या बात है, ये लंड तो अब सिर्फ तुम्हारा ही है।” दीदी उनके जोड़ों के बीच में आकर बैठ गईं। दीदी ने दोनों हाथों से उनके लंड को पकड़ा और लंड की नोक पर धीरे से किस किया। सर दीदी को बड़े प्यार से देख रहे थे। कहानी का और एक भाग शेष है, आगे की कहानी अगले भाग में।