दीदी की ससुराल में चुदाई: एक हॉट और न भूलने वाली रात
हाय दोस्तो, मेरा नाम अमन है। मैं भोपाल का रहने वाला हूँ, उम्र 20 साल, सांवला रंग, मध्यम कद-काठी का लड़का और कॉलेज में सेकंड ईयर का स्टूडेंट हूँ। मुझे सेक्सी और हॉट स्टोरीज पढ़ने का गजब का शौक है। ऐसी कहानियाँ पढ़ते वक्त मेरा 6 इंच का लंड तनकर खड़ा हो जाता है और मन में एक आग-सी लग जाती है। लेकिन चूत का जुगाड़ न होने की वजह से हर बार बस मुठ मारकर ही दिल को तसल्ली देनी पड़ती थी। ये कहानी मेरी जिंदगी की पहली सच्ची और हॉट घटना है, जो मेरी बड़ी दीदी की ससुराल में घटी। तो चलिए, शुरू करते हैं!
मेरी बड़ी दीदी का नाम सोनिया है। वो 25 साल की हैं, गोरी-चिट्टी, कर्वी फिगर वाली और उनकी स्माइल ऐसी कि किसी का भी दिल धड़का दे। उनका फिगर होगा कुछ 34-28-36, जो उन्हें किसी हिरोइन से कम नहीं बनाता। दो साल पहले उनकी शादी इंदौर के राहुल जीजाजी से हुई थी। जीजाजी एक बिजनेसमैन हैं, अच्छे खासे पैसे वाले, लेकिन ज्यादातर वक्त बाहर ही रहते हैं। दीदी की ससुराल में उनके सास-ससुर और एक छोटा देवर रहता है, जो अभी स्कूल में है। पिछले महीने मेरे एग्जाम खत्म हुए थे और कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थीं। मन में बोरियत थी, तो सोचा क्यों न दीदी से मिलने उनकी ससुराल जाया जाए।
मैंने दीदी को फोन किया और बोला, “दीदी, मैं इंदौर आ रहा हूँ तुमसे मिलने।” वो बड़ी खुश हुईं और बोलीं, “अरे अमन, कितने दिन हो गए, जल्दी आ, स्टेशन पर मैं तुझे लेने आऊँगी।” उनकी आवाज में वो प्यार और गर्मजोशी थी, जो मुझे हमेशा अच्छी लगती थी। अगले दिन सुबह मैंने भोपाल से इंदौर की ट्रेन पकड़ी। करीब चार घंटे का सफर था। ट्रेन में बैठे-बैठे मैं दीदी के बारे में सोच रहा था। बचपन में वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त थीं, लेकिन शादी के बाद हमारी मुलाकात कम हो गई थी। मन में उनके लिए प्यार के साथ-साथ अब कुछ और भी खयाल आने लगे थे, जो शायद गलत थे, पर रोमांचक जरूर थे।
दोपहर के 1 बजे मैं इंदौर स्टेशन पर उतरा। दीदी मुझे लेने आई थीं। उन्हें देखते ही मेरे होश उड़ गए। उन्होंने हरे रंग की टाइट साड़ी पहनी थी, जिसमें उनका फिगर एकदम कातिलाना लग रहा था। साड़ी का पल्लू हल्का-सा सरक रहा था, जिससे उनकी पतली कमर और बूब्स का उभार साफ दिख रहा था। उनके बाल खुले थे और हल्की हवा में लहरा रहे थे। वो पास आईं और बोलीं, “अमन, कितना बड़ा हो गया तू, आजा गले लग!” मैंने जैसे ही उन्हें गले लगाया, उनकी नरम बॉडी और हल्की परफ्यूम की खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया। उनका गर्म स्पर्श मेरे जिस्म में करंट-सा दौड़ा गया। मैंने सोचा, “अमन, कंट्रोल कर, ये तेरी दीदी है,” लेकिन मन था कि मानने को तैयार ही नहीं था।
हम ऑटो से उनके घर पहुँचे। उनका घर बड़ा और आलीशान था, दो मंजिला बंगला, जिसमें सामने एक छोटा-सा गार्डन भी था। सास-ससुर ने मेरा स्वागत बड़े प्यार से किया। सासू माँ बोलीं, “अरे अमन, सोनिया तो तेरी तारीफ करते नहीं थकती। अच्छा हुआ तू आ गया।” मैंने मुस्कुराकर थैंक्स कहा। जीजाजी बाहर गए थे और दो-तीन दिन बाद आने वाले थे। घर में बस दीदी, उनके सास-ससुर और देवर थे। शाम को खाना खाया, कुछ देर टीवी देखा और सब लोग अपने-अपने कमरे में चले गए। रात के 10 बज रहे थे। दीदी बोलीं, “अमन, मेरे रूम में सो जा, अकेले गेस्ट रूम में बोर हो जाएगा।” उनका ऑफर सुनकर मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मैंने फटाक से हाँ कर दी।
दीदी का रूम बड़ा और खूबसूरत था। एक डबल बेड, साइड में ड्रेसिंग टेबल और कोने में एक सोफा। दीदी बाथरूम गईं और कुछ देर बाद एक सेक्सी ब्लू नाइटी पहनकर बाहर आईं। वो नाइटी इतनी पतली और टाइट थी कि उनकी ब्रा और पेंटी की लाइन साफ दिख रही थी। उनके बूब्स बड़े, गोल और टाइट लग रहे थे, और नाइटी का गहरा गला उनकी क्लीवेज को और हॉट बना रहा था। मैं सिर्फ शॉर्ट्स और टी-शर्ट में था। लाइट ऑफ करके हम बेड पर लेट गए। दीदी मेरे बगल में थीं। उनकी साँसों की गर्मी मेरे चेहरे को छू रही थी और उनकी खुशबू मेरे दिमाग को सुन्न कर रही थी। मैं सोच रहा था, “अमन, ये क्या हो रहा है? कंट्रोल कर!”
रात के 12 बज गए थे। दीदी गहरी नींद में सो गई थीं। उनकी साँसें नियमित थीं और वो मेरी तरफ करवट लेकर लेटी थीं। सोते वक्त उनकी नाइटी ऊपर सरक गई थी। उनकी गोरी, चिकनी जांघें और पेंटी का किनारा साफ दिख रहा था। मैंने बेड की हल्की लाइट ऑन की ताकि उन्हें देख सकूँ। उनका वो हॉट अवतार देखकर मेरा लंड शॉर्ट्स में तन गया और पैंट में उछलने लगा। मेरे दिमाग में हवस की आग भड़क रही थी। मैंने हिम्मत जुटाई और धीरे से अपना हाथ उनकी कमर पर रखा। वो नींद में थीं, कोई हलचल नहीं हुई। मेरा हौसला बढ़ा। मैंने उनकी नाइटी को और ऊपर सरकाया और उनकी स्मूथ, गोल गांड पर हाथ फेरने लगा। उनका स्किन इतना नरम और गर्म था कि मेरा लंड फटने को तैयार हो गया।
फिर मैंने हिम्मत करके हाथ आगे बढ़ाया और उनके बूब्स को नाइटी के ऊपर से हल्के-हल्के दबाया। वो थोड़ा हिलीं, पर नींद में ही कुछ बड़बड़ाकर फिर शांत हो गईं। मेरी साँसें तेज हो रही थीं। मैंने उनकी नाइटी का स्ट्रैप नीचे सरकाया और उनका एक बूब बाहर निकाला। उनका निप्पल गुलाबी, छोटा और सख्त था। मैंने उसे मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगा। उसका स्वाद और गर्मी मुझे पागल कर रही थी। तभी दीदी की नींद खुल गई। वो चौंकीं और बोलीं, “अमन, ये क्या कर रहा है तू?” उनकी आवाज में हैरानी थी। मैं डर गया और सच बोल दिया, “दीदी, आप बहुत सेक्सी हो, मैं खुद को रोक नहीं पाया। प्लीज नाराज मत होना।”
वो मुझे एकटक देखती रहीं, फिर अचानक हँस पड़ीं। बोलीं, “पागल लड़का, तू तो बड़ा शैतान हो गया है। ठीक है, आजा!” ये सुनकर मेरे होश उड़ गए। दीदी ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे और एक गहरा, गीला किस किया। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी और उनका स्वाद मुझे जन्नत की सैर करा रहा था। मैंने उनकी नाइटी फटाक से उतार दी। वो सिर्फ काली ब्रा और पेंटी में थीं। उनका गोरा बदन चाँदनी में चमक रहा था। मैंने उनकी ब्रा खोल दी। उनके बड़े, गोल बूब्स आजाद हो गए। मैं उन पर टूट पड़ा और जोर-जोर से चूसने लगा। दीदी सिसकारियाँ भर रही थीं, “आह अमन, और जोर से, मजा आ रहा है!”
मैंने उनकी पेंटी उतारी। उनकी चूत गुलाबी, गीली और हल्के बालों से सजी थी। मैंने उनकी टांगें चौड़ी कीं और उनकी चूत पर जीभ फेरने लगा। उसकी खुशबू और स्वाद ने मुझे और उत्तेजित कर दिया। दीदी पागल हो गईं, “अमन, चाट ले इसे, पूरा चूस ले!” मैंने उनकी चूत को 10 मिनट तक चाटा, उनकी क्लिट को जीभ से सहलाया। वो मेरे मुँह में ही झड़ गईं और उनकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। फिर वो मेरे ऊपर चढ़ीं और मेरा शॉर्ट्स उतारकर मेरा लंड मुँह में ले लिया। उनका चूसना इतना जबरदस्त था कि मैं सातवें आसमान पर था। वो मेरे लंड को पूरा अंदर तक ले रही थीं और उनकी जीभ मेरे टिप पर नाच रही थी।
मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनकी टांगें अपने कंधों पर रखीं। मेरा लंड उनकी चूत पर रगड़ा और एक जोरदार धक्के से अंदर डाल दिया। दीदी चिल्लाईं, “आह अमन, फाड़ दे मेरी चूत, और तेज कर!” मैंने स्पीड बढ़ाई और उनके बूब्स को मसलते हुए जोर-जोर से धक्के मारे। उनका पूरा बदन हिल रहा था और बेड की चरमराहट कमरे में गूँज रही थी। 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और वो भी मेरे साथ स्खलित हो गईं। हम दोनों हाँफ रहे थे, पसीने से तर-बतर।
रात भर हमने दो बार और सेक्स किया। एक बार मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदा, उनकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए, और दूसरी बार वो मेरे ऊपर चढ़कर उछलती रहीं। हर बार उनकी सिसकारियाँ और गर्मी मुझे और जोश दिला रही थी। सुबह हुई तो दीदी बोलीं, “अमन, जीजाजी के आने तक रोज मस्ती करेंगे। ये हमारा सीक्रेट रहेगा।” अगले तीन दिन तक हर रात मैंने दीदी की चूत और गांड मारी। कभी बाथरूम में, कभी सोफे पर, हर जगह हमने मस्ती की।
भोपाल लौटा तो मन उदास था, लेकिन अब दीदी से फोन पर हॉट बातें होती हैं। वो कभी-कभी अपनी न्यूड फोटोज भी भेजती हैं, जिसे देखकर मैं फिर से मुठ मार लेता हूँ। तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी “दीदी की ससुराल” की ये हॉट कहानी? जरूर बताना!