भाई-बहन की चुदाई

दीदी को खूब जमकर चोदा-3

Didi ko khoob jamkar choda-3

तो मैंने उसकी चूत पर अपना मुहं रख दिया और मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल दिया और वो जोश में आकर ऊऊहहहह संजय प्लीज मत करो, मुझे कुछ हो रहा है, लेकिन में अब कहाँ मानने वाला था इसलिए में उसकी चूत को चाटने लगा जिसकी वजह से वो एकदम पागल सी हो गई.

अब मैंने उससे कहा कि अब तो तुम भी मेरे लंड को चूस लो तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा और इतना कहकर मैंने अपने लंड को उसके मुहं में डाल दिया और उधर मैंने उसकी चूत को चूसना वैसे ही जारी रखा. यह सब करीब दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा और तभी मेरा लंड उसके मुहं में ही झड़ गया, लेकिन उसने मेरा वो सारा वीर्य अपने मुहं से बाहर निकाल दिया.

दोस्तों हम दोनों कुछ देर के बाद एक बार फिर से जोश में आकर तैयार हो गये और फिर से मैंने अपने लंड को उसके मुहं में डाल दिया जो अब तनकर खड़ा था, लेकिन अब मेरे मन में उसकी चुदाई को पूरा करने की इच्छा थी और इसलिए सबसे पहले मैंने उठकर बाहर का नजारा देखा, वहां बड़ी शांति थी क्योंकि कुछ लोग अभी तक सो रहे थे और जो कोई उठा था या तो वो अपने कामो में व्यस्त था या फिर बाजार अपने काम से जा चुके थे और वैसे भी हम दोनों ऊपर छत पर बने मेरे छोटे से कमरे में थे इसलिए वहां पर कोई भी आना ज्यादा पसंद नहीं करता.

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मैंने सही मौका देखकर अपने कमरे का दरवाजा भी अंदर से बंद कर लिया था और करीब पांच मिनट के बाद उसकी चूत के मुहं पर अपने लंड का टोपा रख दिया. उसके बाद एक जोरदार धक्का दे दिया जिसकी वजह से उसकी चूत फट गई और वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला पड़ी ऊईईईई आईईई आह्ह्हह्ह माँ में मर गई प्लीज तुम अब इसको बाहर निकाल लो संजय मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है ऊफफ्फ्फ्फ़ मुझे यह दर्द अब सहना बड़ा मुश्किल हो रहा है प्लीज थोड़ा सा मुझ पर तुम रहम करो, बाहर करो इसको, यह बहुत मोटा है.

तभी मैंने उसका दर्द देखे बिना ही एक जोरदार धक्का और लगा दिया जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और वो उस दर्द की वजह से वो रोने लगी, क्योंकि मेरा लंड तेज गति से अंदर जाते समय उसकी चूत को पूरा फाड़ता हुआ चूत को पूरा फैलाते हुये उसको बहुत दर्द देता हुआ अंदर गया था और उसको दर्द तो हो ही रहा था और अब उसकी चूत से खून भी बाहर निकलने लगा था. करीब पांच मिनट के बाद उसकी चूत का दर्द कम हुआ चूत ने पानी भी छोड़ दिया था जिसकी वजह से अब मेरा लंड बड़ी आसानी से अब अंदर बाहर होने लगा था, इसलिए में अपने लंड को लगातार धीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा और मैंने महसूस किया कि अब उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा सहयोग करने लगी थी.

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उसको धक्के देने में मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है. अब वो मुझसे कहने लगी थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ ज़रा ज़ोर से धक्के देकर तुम मुझे चोदो आह्ह्ह्हह हाँ धक्को को तेज करो ना ऊफ्फ्फ्फ़ प्लीज आज फाड़ दो मेरी इस चूत को मुझे आज तुम अच्छी तरह चोदो और पूरा चुदाई का मज़ा दो. दोस्तों अब हम दोनों पूरी तरह से जोश में आकर चुदाई का मज़ा ले रहे थे और अब मेरा लंड झड़ने वाला था. में ज़ोर ज़ोर से चूत में अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था.

मैंने किसी की भी परवाह ना करते हुए उसकी चुदाई को वैसे ही जारी रखा और मेरा लंड पूरा झड़ जाने के बाद ही उसकी चूत से मैंने बाहर निकाला. तो कुछ देर बाद प्रिया दीदी ने मुझसे कहा कि संजय प्लीज एक बार फिर से तुम मेरी चूत में अपने लंड को डालकर दोबारा चोदकर ऐसे मज़े दो ना प्लीज तुम मुझे दोबारा ऐसे ही तेज धक्के दो ना इतना कहकर वो मेरे लंड को अब अपने मुहं में डालकर उसको चूसने लगी जिसकी वजह से कुछ देर बाद मेरा लंड दोबारा से तनकर खड़ा हो गया.

दोस्तों उस दिन हम दोनों ने बहुत मस्त चुदाई के मज़े लिए और मैंने उसकी चूत में कुछ देर बाद दोबारा अपने लंड को डालकर धक्के देने शुरू किए और कुछ देर बाद में नीचे लेट गया और मैंने उसको अपने लंड पर बैठने का इशारा किया और वो मेरे लंड के ऊपर बैठकर अब मेरे लंड की सवारी करने लगी थी और उसने लगातार उछल उछलकर अपनी चूत की मेरे लंड से चुदाई करके उसको शांत किया.

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फिर कुछ देर बाद वो झड़ गई और तब तक में भी ठंडा हो चुका था. मेरा और उसका हम दोनों का पानी एक साथ उसकी चूत से बाहर आकर बह रहा था, उसके बाद वो मेरे लंड के ऊपर से उतरकर बेड पर एकदम सीधी लेट गई और बड़ी देर तक उठक बैठक लगाने की वजह से अब उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी, जिसकी वजह से उसकी छाती बार बार ऊपर नीचे हो रही थी और बूब्स का ऊपर नीचे होना देख मेरा मन बड़ा खुश था, क्योंकि वो बड़ा ही मनमोहक द्रश्य था और मुझे प्रिया के चेहरे से अब उसकी चुदाई की संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.