चुदाई की कहानियाँ

दोस्त की बहन ने चुदवाया

Dost ki bahan ne chudwaya

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मन्नू है और मेरी उम्र 30 साल है. में शादीशुदा हूँ और राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है. दोस्तों किरण के परिवार में मम्मी, पापा, 2 बड़े भाई और एक भाभी है. वैसे उसके घर मेरा बचपन से आना जाना था. में उसके भाइयों के साथ पढ़ाई भी करता था तो में बिना रोक टोक के आता जाता था. वैसे मैंने उसके छोटे भाई की एक बार गांड भी मारी थी और उसको लंड भी चुसवाया था.

फिर एक दिन में उसके घर गया और न्यूज पेपर पढ़ने लगा, तभी वहां किरण आई और मेरे पास बैठ गई और न्यूज़ पढ़ने लगी. मैंने अचानक से महसूस किया कि उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा है. फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुराई. मैंने कहा कि तुम ये क्या कर रही हो, कोई आ जायेगा? तो वो बोली कि डरने की कोई बात नहीं है में तुमसे प्यार करने लगी हूँ, मेरा अब सब कुछ तेरा है, मेरी जवानी भी तेरी है, अब मेरी चाहत पूरी कर दो.

मैंने कहा कि किरण ये तुम क्या कर रही हो? कोई आ गया तो हम दोनों की जिंदगी बर्बाद हो जायेगी. तुम कुँवारी हो फिर कौन तुमसे शादी करेगा? फिर वो बोली किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. भाभी दोपहर में हमेशा सोती है और माँ की तबीयत खराब है, पापा ड्यूटी पर है और भाई कॉलेज गये है. अब में डर रहा था तो मैंने उससे कहा कि ये ग़लत है वो कहने लगी कि में तुमसे प्यार करती हूँ और वो मेरे लंड को सहलाने लगी.

अब में समझ गया कि अब मेरी नहीं चलने वाली है, अगर अब में पकड़ा गया तो बहुत ग़लत हो जायेगा. फिर मैंने कहा कि चलो तुम्हारी माँ के रूम में चलते है तो वो मान गई. फिर हम उसकी माँ के रूम में चले गये. फिर में न्यूज पेपर पढ़ने लग गया और वो मेरे लंड को सहलाती रही. फिर 5-7 मिनट में मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और वो हंसने लगी. उसकी माँ ने पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कुछ नहीं माँ में चुटकुला पढ़ रही थी. उसकी माँ बीमार थी तो वो कंबल ओढ़कर वही सो रही थी.

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अब मैंने उसका हाथ छुड़ाना चाहा मगर वो गुस्सा हो गई और मेरे लंड को बाहर निकालकर मेरी मुठ मारने लगी. फिर 3-4 मिनट में ही मेरा वीर्य निकल गया और वो मेरे वीर्य को अपने हाथ पर लगाकर बाहर चली गई. फिर जब वो हाथ धोकर वापस आकर मेरे पास बैठी ही थी कि उसके बड़े भैया आ गये. वो मुझसे बातें करने लगी.

फिर किरण ने चाय बनाई और हमें पिलाई. फिर में चाय पीकर अपने घर आ गया. फिर में शाम को वापस पढ़ाई के टाईम उसके घर गया तो वो मुझे देखते ही चहक उठी. अब जब में उसके घर पहुँचा तो वहां चाय बनी हुई थी. फिर उसने एक कप चाय मुझे दी और फिर मैंने चाय पीते-पीते पूरे घर पर नज़र डाली तो मुझे उन दोनों माँ बेटी के अलावा वहां और कोई नज़र नहीं आया. फिर मैंने चाय पीकर कप को प्लेट में रखा ही था कि उसकी माँ ने हमें कमरे में बैठकर पढ़ने को बोल दिया.

अब में बुरी तरह फँस गया था, फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझे अंदर आने को बोला. अब में उसके साथ अंदर चल दिया. फिर हम बैठ गये. उसके सिर पर तो चुदाई का भूत सवार था. फिर मैंने उसे ये सब एग्जॉम के बाद करने का बोला, लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी और मेरा लंड मेरी पेंट में से बाहर निकालने लगी. मैंने कहा कि किरण तेरी माँ आ जायेगी, वो बोली कि आने दो, मेरे साथ वो भी चुद लेगी, अब वो अपना होश खो बैठी थी.

फिर मैंने समझदारी करते हुए अपना लंड खुद ही निकालकर उसके मुँह में डाल दिया. अब वो लोलीपॉप की तरह मेरा लंड चूसने लगी. अब उसकी माँ किचन में खाना बना रही थी और वो मेरा लंड चूसते- चूसते चोदने के लिए ज़िद करने लगी. मैंने उसे समझाया कि पढ़ाई के बाद में पूरी रात चोदूंगा. अब वो मेरे हाव भाव देखकर मान गई. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा वीर्य निकल गया. फिर मैंने उसे साफ करने को बोला तो वो मेरा लंड चाटने लगी, लेकिन उसे उल्टी आ गई थी.

अब में बाहर आ गया और थोड़ी देर तक उसकी माँ से बात करने के बाद घर आ गया. फिर में पूरी रात किरण के बारे में सोचता रहा. मैंने कभी नहीं सोचा था कि आज ये सब हो जायेगा. अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? एक तरफ मेरी प्यारी पत्नी, तो दूसरी तरफ एक कुँवारी चूत जो मुझे बुला रही थी कि आजा और मुझे चोद डाल. अब में इसी उलझन में 5-6 दिनों तक सोचता रहा और उसके घर नहीं गया.

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फिर एक दिन में अपने गार्डन में घूम रहा था. में आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि उसके घर को टच करता हुआ ही हमारा गार्डन है, जिसमें एक मकान भी बना है. अब में गार्डन में पानी देकर अपने मकान में चारपाई पर आँखे बंद करके लेटा हुआ था कि अचानक से मेरी आँखे खुल गई. अब किरण मेरे बगल में बैठी थी और में समझ गया कि अब क्या होने वाला है? अब मैंने अपने डर को भगा दिया था, लेकिन किरण को इस बात का एहसास नहीं होने दिया.

अब में सुरक्षित था क्योंकि में उसके घर पर नहीं बल्कि वो हमारे गार्डन में थी और अब हम पकड़े भी गये तो मेरा क्या होगा? वैसे कोई मुझे ग़लत नहीं कह सकता था, क्योंकि मैंने शुरुवात नहीं की थी और दूसरी बात कोई मजबूर करे तो क्या किया जाए? फिर वो ये भी तो सोच सकती है कि में चुदाई नहीं कर सकता हूँ. अब में उसके अगले कदम का इंतजार कर रहा था.

फिर उसने वहीँ से शुरुवात की जहाँ से पहली बार की थी, अब उसने मेरी पेंट निकाल दी और मेरे लंड को अंडरवियर में से निकालकर चूसने लगी. अब मैंने 2-3 मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैंने भी बिना देरी किए उसको चारपाई पर पटका और उसे पूरा नंगा कर दिया. किरण की हाईट 5 फुट 2 इंच थी, वो साँवली सी लड़की थी. उसके बूब्स नींबू जैसे थे और उसका वजन 40-42 किलोग्राम से ज़्यादा नहीं था. अब उसके फिगर का आईडिया आप खुद ही लगा सकते है. वो पढ़ाई में तेज थी और उसने बी.एड किया हुआ था. ख़ैर आपको उससे क्या? मैंने पहली बार दूसरी नंगी चूत देखी थी. में पहली अपनी पत्नी की चूत देख चुका हूँ जो गहरी झांटो से ढकी हुई थी, मुझे ऐसा लगता था कि शायद 3-4 महीने से उसने बाल नहीं काटे थे.

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फिर मैंने अपने लंड पर अपना थूक लगाया और उसकी चूत के दरवाजे पर रखकर अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. फिर मैंने धीरे-धीरे अपना दबाव बढ़ाया, लेकिन उसकी चूत का दरवाजा खुल ही नहीं पा रहा था. अब वो बिल्कुल भी नहीं हिली. मैंने उसको बोला कि किरण अब में तेज धक्का लगाऊंगा तो तुम चीखना मत. उसने हाँ कर दी.

मैंने खूब सारा थूक उसकी चूत में डाला और अपने लंड का सुपाड़ा अन्दर रखकर ज़ोर से उसकी चूत में अन्दर घुसाया तो उसकी चीख निकलने से पहले ही मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया. अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था. फिर मैंने 2 मिनट तक रुककर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और अब किरण का चेहरा देखने लायक था. साली 8-10 दिन पहले से मेरा लंड लेने के लिए उछल रही थी और अब रो रही है.

अब मैंने लंड अन्दर बाहर करना चालू कर दिया था. सचमुच किरण की चूत कुँवारी ही थी. अब उसकी चूत खून से लाल हो गई थी. अब वो रोती रही, लेकिन मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब में उसे चोदता जा रहा था. फिर 5-10 मिनट की चुदाई के बाद उसकी उूउउन्न्ह आआहह आआआअहह चालू हो गई. फिर करीब 10-15 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत पर अपना सारा वीर्य झाड़ दिया. अब वो 2-3 मिनट तक उठ भी नहीं पाई थी. अब मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत पर ही फैला दिया. फिर मैंने उसे हाथ पकड़कर उठाया और कुछ देर तक वो खड़ी रही और मुझसे बिल्कुल भी नहीं बोली और चली गई. मैंने फिर कई बार किरण को चोदा और एक बार तो मैंने उसे अपने बेडरूम में भी चोदा था.