Aunty Sex Story

दोस्त की माँ मेरे बैडरूम में नंगी हो कर मुझसे चुदी

हाय दोस्तों, मैं हूँ आपका भाई विक्की, और आज ढेर सारे दिनों बाद एक नई, रियल और मस्त सेक्स स्टोरी लेकर आया हूँ। ये स्टोरी मेरी और मेरे दोस्त राज की हॉट मम्मी ममता के बीच की है, जो पिछले साल घटी। तो चलो, बिना टाइम वेस्ट किए सीधे स्टोरी पे आते हैं।

मैं और राज दिल्ली में रूम पार्टनर्स हैं। वो एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में जॉब करता है, और कभी-कभी उसे 3-4 दिन के लिए शहर से बाहर जाना पड़ता है। एक साल पहले उसकी माँ ममता पहली बार दिल्ली आई थी। भाई, जब मैंने उसे देखा तो दिमाग हिल गया! उसकी उम्र 42 थी, लेकिन गाँव की शुद्ध हवा-पानी और देसी खाने की वजह से वो 35 से ज्यादा की नहीं लगती थी। गाँव की आंटियों का तो पता ही है, कितनी मस्त और फिट होती हैं। उसका फिगर? ऊफ्फ! 38 के भरे हुए दूध, 36 की कमर और 40 की गोल-मटोल गांड। मैं तो उसकी गांड देखते ही लट्टू हो गया था। मन में बस एक ही ख्याल था—ये सच में राज की माँ है या कोई सेक्सी भाभी?

खैर, जब वो आई, मैंने उसे “हाय आंटी” बोला। राज उसे छोड़कर जॉब पे चला गया, और मेरा वर्क फ्रॉम होम था तो मैं घर पर ही था। थोड़ी देर बाद वो नहाकर बाहर आई—गीले बाल, गीली ब्लाउज़ में उसके दूध साफ दिख रहे थे। क्या कयामत लग रही थी! मैं तो बस उसके दूध और उसकी कर्वी बॉडी को घूरता रहा। वो मेरे सामने ही साड़ी पहनने लगी, और हम बातें करने लगे। उसने पूछा, “ये घर का रेंट कितना है?” मैंने कहा, “आंटी, ये मेरा अपना घर है, राज मुझे थोड़ा रेंट देता है।” फिर उसने अपने बारे में बताया कि राज के पापा की डेथ के बाद वो अकेली हो गई थी। उसकी बातों से उसकी उदासी और अकेलापन साफ झलक रहा था।

खाना खाने के बाद राज आधे दिन की छुट्टी लेकर आ गया। उसने ममता से पूछा, “माँ, क्या बनाऊँ?” मैंने कहा, “आंटी घूमने आई हैं, इनके लिए किचन में क्यों खड़ा होना? चलो, इन्हें दिल्ली घुमाते हैं, बाहर खाना खा लेंगे।” राज ने धीरे से कहा, “भाई, थोड़ा समझ, पैसों की टाइट है, यहीं बनवा लेते हैं।” मैंने कहा, “चुप कर, मैं हूँ ना, बाहर चलते हैं, सोचना क्या?” फिर हम तीनों घूमने निकल गए। घूमते-घूमते ममता मेरे बहुत क्लोज़ हो गई। वो मुझसे खुलकर बात करने लगी, बार-बार मुझे टच कर रही थी। उसकी हरकतें मेरे दिमाग में शरारत जगा रही थीं।

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रात 12 बजे घर वापस आए। राज ने कहा, “माँ, मैं और आप हॉल में सो जाते हैं, क्योंकि भाई अपने रूम में किसी को नहीं आने देते, मुझे भी नहीं।” ममता ने सेक्सी अंदाज़ में मुझे देखकर कहा, “तो आज मैं तेरे रूम में सो जाऊँगी ना?” मैंने कहा, “देखो, ठंड बहुत है, बाहर सोफे पे सोना ठीक नहीं। किसी एक को मेरे साथ रूम में सोना पड़ेगा।” राज बोला, “माँ, आप अंदर सो जाओ, मुझे सोफे की आदत है।” मैंने कहा, “लेकिन अंदर एक ही बड़ा कम्बल है, और आंटी मेरे साथ…” ममता ने बीच में काटते हुए कहा, “कोई बात नहीं, हम दोस्त हैं ना? मुझे तेरे साथ एक कम्बल में सोने में कोई प्रॉब्लम नहीं।”

मैंने राज की तरफ देखा और कहा, “तेरे को ठीक है? तेरी माँ और मैं अकेले?” राज बोला, “भाई, तुझ पर मुझे खुद से ज़्यादा भरोसा है।” फिर मैं और ममता मेरे रूम में चले गए। उसने कपड़े चेंज किए और एक पतली सी नाइटी पहन ली, जिसमें उसकी बॉडी साफ दिख रही थी। हम दोनों एक कम्बल में लेट गए। भाई, वो औरत 6 साल से प्यासी थी, और ठंड के मौसम में उसके जिस्म की गर्मी मुझे पागल कर रही थी। उसकी साँसें, उसकी बॉडी का टच—मेरा लंड टाइट हो गया।

थोड़ी देर बाद मुझे उसकी निप्पल्स पीठ पर फील हुईं। मैं उसकी तरफ मुड़ा। हमारे बीच बस एक सेंटीमीटर का फासला था। उसकी गर्म साँसों से मेरा जोश दोगुना हो गया। अचानक उसने अपना हाथ मेरी पीठ पर रखा। मैंने भी उसकी पीठ पर हाथ रख दिया। फिर वो मेरे और करीब आई, उसके दूध मेरे सीने से टच हो गए। मैंने धीरे से हाथ उसकी गांड पर ले जाकर मसलना शुरू कर दिया। उसकी गांड इतनी सॉफ्ट और बड़ी थी कि मेरा कंट्रोल छूटने लगा। वो मुझसे पूरी तरह लिपट गई।

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मैंने कहा, “आंटी…”
उसने सेक्सी आवाज़ में कहा, “आंटी नहीं, ममता बोल।”
मैंने कहा, “ये गलत है, राज मुझ पर भरोसा करता है।”
वो बोली, “उसको छोड़, क्या तुझे इस ठंड में किसी औरत की बॉडी की ज़रूरत नहीं? मुझे तो 6 साल से एक मर्द की तलब है। मेरी चूत बहुत तड़प रही है।”
मैंने फिर कहा, “फिर भी गलत है।”
वो बोली, “अगर मैं पसंद नहीं तो बोल, मैं छोड़ दूँगी।”
मैंने कहा, “पसंद का सवाल नहीं, जबसे देखा है, तबसे तुझे चोदने के लिए पागल हूँ।”
वो हँसी और बोली, “फिर देर किस बात की? मैं 6 साल से तड़प रही हूँ।”

बस फिर क्या था, मैंने उसके बाल पकड़े, ज़ोर से खींचे और उसके रसीले होंठों को चूमना शुरू कर दिया। उसके होंठों को काटते हुए मैं पागल हो गया। वो मेरे मुँह में सिसकारियाँ भरने लगी। मैंने उसकी नाइटी ऊपर की और उसकी नंगी गांड को मसलने लगा। उसने नीचे कुछ नहीं पहना था। मैं उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा, ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा। उसकी गांड लाल हो गई। फिर मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसके दूध चूसने शुरू कर दिए। उसके निप्पल्स को काटते हुए मैं उसके गले और छाती पर लव बाइट्स देने लगा।

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फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसके मुँह के पास रखा। पहले उसने मना किया, लेकिन एक थप्पड़ मारकर मैंने कहा, “ले मुँह में, रंडी!” वो थोड़ा मुँह बनाकर टॉप चूसने लगी। मैंने उसका सिर पकड़कर पूरा लंड उसके गले तक ठूंस दिया। उसे खाँसी आई, लेकिन मैं जोश में था। दूसरी बार उसने प्यार से चूसना शुरू किया। ऊफ्फ! वो “ग्लक-ग्लक” की आवाज़ के साथ लंड चूस रही थी। 15 मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा, फिर बोली, “अब चोदो मुझे, मेरी चूत की प्यास बुझाओ।”

मैंने उसे बेड पर लिटाया, उसकी गांड के नीचे तकिया रखा और उसकी टाँगें फैलाकर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो “आह्ह… ऊम्म…” की सिसकारियाँ ले रही थी। वो बोली, “विक्की, ऐसे मत तड़पाओ, अंदर डालो प्लीज़।” मैंने एक झटका मारा, आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। उसकी चीख निकली, “आआआह्ह!” मैंने उसका मुँह पकड़कर कहा, “चुप कर, बाहर तेरा बेटा सो रहा है।” वो बोली, “कई साल बाद चुद रही हूँ, दर्द तो होगा।” मैंने पूरा लंड अंदर घुसा दिया और धीरे-धीरे चोदने लगा। वो अपनी आवाज़ दबा रही थी, लेकिन मैंने स्पीड बढ़ाई तो वो बोली, “बस कर, मैं 3 बार झड़ चुकी हूँ। तेरा स्टैमिना गज़ब है, पर मेरी आवाज़ नहीं रुकेगी।”

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मैंने कहा, “मेरा लंड अभी प्यासा है।” उसने मुझे लिटाया और मेरा लंड फिर से चूसना शुरू कर दिया। 15 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था। उसने कहा, “सारा माल मेरे चेहरे पर झाड़ दो।” मैंने उसके मुँह और दूध पर सारा माल निकाल दिया। उसने थोड़ा चाटा और बाकी अपने चेहरे पर मल लिया। फिर हम नंगे ही वॉशरूम गए, एक-दूसरे को धोया और चिपककर सो गए।

असली चुदाई अगली सुबह राज के ऑफिस जाने के बाद हुई, जिसे मैं पार्ट 2 में बताऊँगा। तब तक के लिए बाय, मेरी स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल करें।