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आंटियों की प्यास बुझाई

हाय दोस्तों, मेरा नाम रवि है। मैं 27 साल का हूँ, मेरी हाइट 5.6 है, और मेरी आँखों में सेक्स का नशा भरा है। मुझे सेक्स की लत लग चुकी है, और जितना भी करूँ, कम ही लगता है। पहले मैं सोचता था कि मुझमें कोई कमी है, लेकिन जब मुझे एक औरत मिली, तब समझ आया कि मैं कितना लकी हूँ। आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई की घटना सुनाने जा रहा हूँ।

रोशनी आंटी की सेक्स की प्यास

मैं घर पर बच्चों को ट्यूशन देता हूँ। एक स्टूडेंट की माँ, रोशनी, मेरी फीस देने मेरे घर आई। उसने मन ही मन मेरे साथ सेक्स का प्लान बना लिया था, जो मुझे बाद में पता चला। वो हफ्ते में 4 बार फोन करके अपनी बेटी की रिपोर्ट पूछती, फिर इधर-उधर की बातें करने लगती। कई बार मुझे अपने घर बुलाया, पर मैं टालता रहा। आखिर तंग आकर, 23 की उम्र में, मैं उनके घर चला गया। तब तक मैंने किसी को नहीं चोदा था।

पहली बार की हॉट चुदाई

रोशनी आंटी ने मेरा स्वागत किया, चाय बनाई, और बातें शुरू कीं। फिर अपने पति की शिकायतें सुनाने लगीं। उदास होकर रोने का नाटक किया। मैंने चुप कराया तो वो मुझसे चिपक गईं और बोलीं, “मुझे प्यार चाहिए।” मैंने कहा, “अंकल से बात करता हूँ।” पर वो बोलीं, “मैं तुमसे प्यार करती हूँ।” ये सुनकर मैं चकित रह गया। दो मिनट में उन्होंने अपने बड़े बूब्स ब्लाउज से बाहर निकाले और कहा, “ये तुम्हारे हैं, जो चाहो करो।” मैंने कंट्रोल करने की कोशिश की, पर वो नहीं मानी। आखिर मुझे हाँ कहना पड़ा।

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निप्पल चूसने की शुरुआत

उन्होंने कहा, “हल्का करो इन्हें।” मैंने पूछा, “कैसे?” वो मेरे पास आईं और बोलीं, “निप्पल चूसो।” मैं उनके बूब्स पर टूट पड़ा, निप्पल चूसने लगा। उनकी सिसकियाँ निकलीं। फिर बोलीं, “मुझे चोद दो, 4 महीने से नहीं चुदी।” मैंने मना किया, पर वो नहीं मानी। आखिर मैंने उन्हें चोद डाला और घर लौट गया। उस रात नींद नहीं आई—पहली बार का अनुभव जो था।

चार प्यासी आंटियों का खेल

दूसरे दिन मैं फिर उनके घर गया। अंकल बाहर थे, बच्चे स्कूल में। सुबह 8 से 3 बजे तक फ्री था। सोचा, आज फिर चुदाई का मौका मिलेगा। चाय पीते ही डोरबेल बजी। तीन पड़ोसन आंटियाँ—शिल्पा, रूशी, शीला—आ गईं। सबने चाय पी और बातें की। कपड़ों की बातें करते हुए शिल्पा आंटी ने पूछा, “कपड़े की बातें पसंद नहीं?” मैंने कहा, “नहीं।” दूसरी आंटी बोली, “ठीक है, कुछ और करते हैं।” फिर मुझे टेप से उनके साइज़ नापने को कहा।

बूब्स दबाने की मस्ती

मैं हैरान था। रोशनी बोली, “बूब्स के ऊपर से नापो।” सब हँसीं। मेरा लंड टाइट होने लगा। शिल्पा ने मेरा हाथ अपने बूब्स पर रखकर कहा, “दबाओ।” मैंने हाथ हटाया, पर रोशनी बोली, “कोई बात नहीं, सब चलता है।” मैंने हल्के से दबाया। फिर वो बोली, “ब्लाउज के अंदर से।” मैंने मुलायम बूब्स दबाए। तभी सब नंगी होने लगीं। मुझे डर लगा, पर रोशनी के साथ होने से हिम्मत आई।

लंड चूसने का दौर

उन्होंने मुझे सोफे पर बिठाया। बारी-बारी मेरे लंड को चूसा—शिल्पा, रूशी, शीला, और आखिर में रेखा। रेखा के मुँह में मेरा पानी निकल गया, जो उसने पी लिया। बाकियों ने गालियाँ दीं, “कुतिया, हमारा मौका छीन लिया।” फिर रेखा ने दोबारा लंड खड़ा किया। आंटी ने लंड पर शहद लगाया। रेखा ने चाटा, और बाकियों ने अपने बूब्स पर शहद लगाकर मुझे चुसवाया। मैं तीनों के निप्पल चूस रहा था, और रेखा मेरा लंड चूस रही थी।

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चूत चाटने की मिठास

सबने अपनी चूत में शहद डाला। शीला मेरे मुँह पर बैठी, बोली, “चाट, राजा।” मैंने शुरू ही किया कि रोशनी और शिल्पा ने उसे हटाया। बारी-बारी सबकी चूत चाटी। मेरा मुँह मीठा हो गया, और चूत का नशा चढ़ गया। आधे घंटे तक ऐसा चला। शिल्पा बोली, “मेरी चूत हल्की करो।” वो मेरे मुँह पर बैठी, चूत का रस डाला। उसने मूत भी दिया, जो मैंने पी लिया। सबने अपनी चूत चटवाई और रस पिलाया।

डॉगी स्टाइल चुदाई

मैं निढाल था। रेखा ने लंड खड़ा किया। सब बोलीं, “पहले मुझे चोदो।” मैंने कहा, “एक ही लंड है।” वो डॉगी स्टाइल में आ गईं। मैंने 5-5 मिनट सबकी चूत चोदी। झड़ने को हुआ तो सबने मुँह खोला। मेरा वीर्य निकला, रेखा के मुँह में ज्यादा गया। फिर मैंने रेखा की चूत 10 मिनट चाटी। दो घंटे बाद हम साथ नहाए, मैं उनके बूब्स धोता और चूत चाटता रहा।

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