हिंदी सेक्स स्टोरी

दोस्त की विधवा बहन की चूत-2

Dost ki vidhwa behan ki choot-2

फिर बहुत देर बातें की और करीब 4:45 बज रहे थे और जब मैंने देखने की कोशिश की तो सही में सभी लोग बहुत गहरी नींद में लग रहे थे.

फिर थोड़ी देर बाद उसने मेरे पैर पर अपना पैर रख दिया, जिसकी वजह से मानो मेरा लंड जोश में आकर तनकर खड़ा हो गया. वो अहसास में आप लोगों को किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता और तभी उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने गोरे बड़े आकार के गरम बूब्स पर रख दिया और अब उसने मुझसे पूछा कि क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ है, तो उसने मुझसे कहा कि मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड समझ लो.

फिर उसके बाद मैंने उनके बूब्स को दबाया उफ्फ्फ्फ़ में क्या बताऊँ बूब्स को छूते ही मेरा लंड तो कड़क हो गया था, लेकिन उसका बूब्स बहुत मुलायम था और उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी. में भी बड़े आराम से बूब्स को दबा रहा था. तभी उसने मुझसे कहा कि हाँ और ज़ोर से दबा उफ्फ्फफ्फ्फ़ आईईईई हाँ में बहुत सालो की भूखी हूँ आज तू मिटा दे मेरी सेक्स की भूख को, में अब ज्यादा नहीं सह सकती, प्लीज मुझे अब जल्दी से शांत कर दे उफफ्फ्फ्फ़.

अब में भी गरम हो गया और मैंने अपना एक हाथ उसके कपड़ो में डाल दिया अफफफफ भगवान उसके बूब्स बहुत ही नरम और गरम थे और वो अब थोड़ी आवाज़ें निकालने लगी थी और फिर उसने मेरा सर पकड़ा और मुझे फ्रेंच किस दे दी, जिसकी वजह से में बहुत हॉट हो गया और वो मेरी जीभ को भी चूस रही थी और मुझे भी पूरा मज़ा आ रहा था.

मेरा लंड खड़ा तो पहले से ही था और अब वो झटके मारने लगा था. अब मैंने उसकी कमीज़ को पूरा ऊपर कर दिया और बूब्स को चूसने लगा. वो अपनी दोनों आँखें बंद करके लगातार गहरी साँसें ले रही थी और में करीब पांच मिनट तक बूब्स को चूसता रहा और उसके बाद मैंने चूसना छोड़ दिया.

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अब टाइम 5:15 हो गया था, लेकिन अभी भी बाहर थोड़ा सा अंधेरा क्योंकि रोशनी सर्दियो में 6:45 पर होता है. फिर तभी उसने मुझसे कहा कि राजा अब जल्दी से तुम अपना काम खत्म कर लो, वरना कोई जाग जाएगा, क्योंकि उनकी दवाई का असर अब शायद खत्म होने वाला होगा.

फिर मैंने उसकी सलवार को जल्दी से खींचकर उतार दिया और अब वो मेरे साथ कंबल में पूरी नंगी लेटी हुई थी. मैंने उसके पैरों को फैला दिया और उसकी चूत पर अपना हाथ रखकर घुमाने लगा, जिसकी वजह से उसके मुहं से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकल गई और मैंने छूकर महसूस किया कि वो पूरी गीली थी.

फिर तभी मैंने मन ही मन सोचा कि में उससे उसकी चूत को चूसने के लिए बोलूं, लेकिन फिर रुक गया और में सोचने लगा कि गावं में यह काम कोई भी नहीं करता, इसलिए मैंने तुरंत अपने हाथ पर बहुत सारा थूक लगाया और अपने लंड को गीला किया और अब मेरा लंड जो 6 इंच का है, पूरा खड़ा चमकने लगा था और मैंने अब लंड को उसकी चूत के मुहं पर रगड़ना शुरू किया, जिसकी वजह से उसने लंबी सी सिसकारी ली आह्ह्ह्हह्ह आईईई हाए माँ में मर गई आह्ह्ह्हह्ह.

दोस्तों मैंने अभी तक लंड को अंदर नहीं डाला था. अब मैंने लंड को चूत के छेद पर रखा और धक्का देते हुए अंदर डालने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत थोड़ी सी टाइट थी, तभी उसने मुझसे बोला कि बहुत सालों से मेरी चूत के साथ कुछ नहीं हुआ.

बस उंगली करने के अलावा और कहने लगी कि मुझे हर रोज विधवा होने की सज़ा मिलती है. दोस्तों मेरा लंड थोड़ा सा मोटा है इसलिए मुझे थोड़ा सा ज्यादा ज़ोर लगाना पड़ रहा था और अभी तक मेरा टोपा ही अंदर गया था और फिर मैंने कुछ सेकिंड रुककर गहरी साँस ली और उसके बाद अपना पूरा दम लगाकर मैंने लंड को अंदर कर दिया.

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उसकी चीखने की आवाज़ आई वो आह्ह्हह्ह अम्मी मर गयी आह्ह्ह्ह अम्मी आईईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है उफ्फ्फ्फफ्फ् थोड़ा धीरे करो. फिर में उस समय वहीं पर रुका गया और उसकी चूत बहुत चिकनी हो रही थी, जिसकी वजह से मेरा लंड अब सही से उसकी चूत में फिसल रहा था और उसने अपनी चूत से मेरे लंड को जकड़ा हुआ था और अपने गोरे, गरम, नंगे बदन पर कंबल डाला हुआ था.

अब हम दोनों को सर्दी का बिल्कुल भी एहसास नहीं हो रहा था, क्योंकि हम दोनों के गरम बदन एक दूसरे से लिपटे हुए थे और अब मैंने अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया, वो अब अपनी सिसकियों की आवाज़े अपने मुहं में कंबल को फंसाकर दबा रही थी और में हल्की स्पीड से लंड को लगातार आगे पीछे कर रहा था.

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फिर तभी थोड़ी देर बाद चूत से पछ पछ की आवाज़ें आने लगी और तभी मैंने अपने धक्कों की स्पीड को कम कर दिया. फिर भी हल्की सी आवाज आ रही थी और वो अब हंस रही थी और मुझसे कह रही थी यह आवाज मेरी टाइट चूत की वजह से हो रही है. फिर मैंने अपने लंड को बहुत देर तक आगे पीछे किया और उसकी चूत शोर कर रही थी. मैंने फिर से अपने धक्को की स्पीड को बड़ा दिया और मेरे लंड में अब गुदगुदी सी होने लगी थी.

फिर मैंने गौर किया कि चूत बहुत गीली हो चुकी थी और में समझ गया कि वो अब झड़ गई है, क्योंकि उसने मेरे हाथों को ज़ोर से पकड़ा हुआ था. फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड और भी तेज़ कर दिया और अब मुझे ज्यादा गुदगुदी होने लगी थी और अब मेरा भी वीर्य बाहर आने वाला था, इसलिए में अब बहुत तेज़ तेज़ झटके मार रहा था और वो पूरी हिल रही थी. अंदर रोशनी कम थी फिर भी उसके बुरी तरह से हिलते हुए बूब्स मुझे नज़र आ रहे थे.

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फिर मेरा पानी निकल गया और मैंने चूत के अंदर ही निकाल दिया. अब मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी और में उसके ऊपर लेट गया. फिर थोड़ी देर बाद मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और एक साइड में लेट गया. अब टाइम देखा तो 6 बज रहे थे.

5 मिनट बाद उसने अपनी चूत को साफ किया और वो अपनी सलवार को पहनकर उठी और मेरे रूम से अपने रूम में चली गई. अब मुझे भी पेशाब लगा इसलिए में उठकर टॉयलेट गया और वहाँ पर मैंने पेशाब किया और फिर मैंने बिस्तर को ठीक किया और लेट गया. उसके बाद मुझे थकने की वजह से ना जाने कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चला.