हिंदी सेक्स स्टोरी

दोस्त ने बीबी को जमकर चोदा-1

 Dost ne Biwi ko Jamkar Choda-1

दोस्तों आपने मेरी कहानी “भाई ने बीबी की चुत चोदकर गर्भवती किया” को बहुत सराहा तो मुझे अपनी बीबी की दूसरी चुदाई की कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया. पिछली कहानी की तरह भी ये कहानी भी काफी उत्तेजक है.
तो चलिए शुरू करते है मेरी नयी कहानी “दोस्त ने बीबी को जमकर चोदा”.

जैसे की आपने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा की किस तरह मनुज मेरी बीबी को अपनी बीबी जैसे दिन रात चोदता था और उसने उसके पेट में अपना बच्चा डाल दिया था. उन्ही दिनों मै अपनी नौकरी बदल कर कोलकाता में चला गया, और उधर मालिनी ने भी एक बच्ची को जन्म दिया जो रूप रंग में बिलकुल मनुज के जैसे ही थी , मालिनी के गर्भवती के समय भी मनुज उसे ७ महीने तक चोदता, और ८वे महीने तक उसकी गांड मारता था, चूँकि मनु ही मालिनी को हमेशा क्लिनिक ले जाता था और वो उसे अपनी बीबी ही बताता था तो डाक्टर ने उन दोनों को बच्चा होने के २ से २.५ महीने तक चुदाई (उसमे मालिनी का गांड मराना भी शामिल था) दूर रहने को कहा था.

मनुज तो कम से कम अपनी बीबी पूजा को कभी कभी चोदता ही था पर मालिनी अपनी खुजली किससे शांत करती, जैसे ही २ महीने हुए दूसरे दिन ही मनुज ने मालिनी को डाक्टर के पास ले गया, रूटीन चेकअप के बाद डाक्टर ने उन दोनों को बताया की वो दोनों अब पहले की तरह चुदाई कर सकते है, वो दोनों बहुत खुश हुए.

डाक्टर के पास से वापस आते समय मनुज ने मालिनी को उसके दोस्त के फार्म हाउस पर ले जाकर २ बार चोदा, परन्तु तस्सली से दोनों चुदाई नहीं कर पाए एक दिन चाचाजी के या कोई कार्यक्रम था जहा सबको जाना जरुरी था, मालिनी ने बच्चा छोटा होने का बहाना कर जाने से मना कर दिया और हर बार की तरह मेरी माताजी ने भी उसे भाई के सानिध्य में रख कर सभी चले गए सभी दूसरे दिन वापस आने वाले थे और एक और अच्छी बात ये थी की दो – तीन दिन से पूजा (मनुज की बीबी) भी मायके में थी तो इन दोनों का रास्ता पूरा क्लियर था.
मनुज ने उस दिन मालिनी को २५ बार झड़ाने का प्लान बनाया था. दोनों नंगे होकर चुदाई में मसगुल हो गए, शाम के करीब ५ बजे तक ही मनुज ने मालिनी को ८ बार चोद चूका था और मालिनी करीब करीब १४ से १५ बार झड़ चुकी थी.

दोनों ने ५ से ६ बजे तक का ब्रेक लिया और फिर लगभग ६.१५ बजे फिर से अपने कार्यक्रम की शुरुवात कर दी, उस समय मनुज मालिनी की गांड मार रहा था, उसका पूरा का पूरा लंड मालिनी की गांड में था और वो जोर जोर से झटके दे रहा था, मालिनी की चुत बेतहाशा पानी छोड़े जा रही थी उसका पानी एक तार की चाशनी के जैसे धीरे धीरे गिरते हुए बिस्तर पर जमा हो रहा था शायद वो एक बार झड़ चुकी थी, और अब मनुज के झड़ने की बारी थी और वो जोर जोर से झटके देते हुए मालिनी की गांड में झड़ने लगा परन्तु हाय रे दोनों की किस्मत पता नहीं वहा पीछे के दरवाजे से पूजा आ गई शायद उन्दोनो पर उसको पहले ही शक था.

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उस समय मनुज आखिरी धक्का लगा रहा था, दोनों को इस हालत में देख कर पूजा आगबबूला हो गई, वो जोर जोर से चिल्लाने लगी, मनुज ने हड़बड़ाकर पूजा को देखा फिर भी अपना आखिरी धक्का मालिनी की गांड में मारा और वीर्य की पिचकारी उसकी गांड में छोड़ दी और झटके से मालिनी की गांड से लंड निकाला अपने कपड़े लेकर बाथरूम की तरफ भागा, मालिनी जो अब तक एक आंख बंद कर के गांड मराने का मजा ले रही थी वो कुछ समझ नहीं पायी की एकदम से क्या हो गया जैसे ही मनुज ने उसकी गांड से तेजी से अपना लंड खींचा तो उसके गांड से वीर्य की पिचकारी सी निकल गई, मनुज तो किसी तरह भाग गया पर मालिनी को पूजा ने पकड़ लिया.

पूजा – साली छिनाल, तेरे को मेरा ही खसम मिला गांड मराने को साली कुतिया तेरी चुत में इतनी ही अंगार लगी है तो नंगी होकर सड़क पर घूम ना कम से कम सड़क छाप आवारा लौंडो के लंडो को तेरी चुत तो नसीब होगी और तेरी आग भी बुझ जाएगी, उसने उसकी नंगी गांड पर एक जोर से लात मारी, मालिनी की गांड से अभी भी मनुज का वीर्य धीरे धीरे निकल रहा था.
मालिनी रोते हुए – दीदी मुझे माफ़ कर दो मै मै बहक गई थी, वो बार बार गिड़गिड़ा रही थी पर पूजा बहुत गुस्से में थी वो उसे लात घुसो से मारे जा रही थी, उतने में मनुज कपड़े पहन कर आ गया उसने पूजा को पकड़ लिया.
पूजा – छोड़ मुझे भड़वे, मादरचोद मै इस रंडी की जान ले लुंगी.

मनुज – माफ़ कर दे इसकी गलती नहीं है, मै ही बहक गया था, प्लीज़ तुझे बच्चो की कसम. बच्चो का नाम सुनकर पूजा थोड़ी शांत हुयी उसने जलती हुयी आँखों से मालिनी को देखि और बोली – मादरचोद तूने बच्चो की कसम देकर आज इस रांड की जान बचा लिया पर मै तुझे भी कसम देती हूँ, की आज से अगर तूने इस रांड को चोदा तो मै अपने बच्चो को और खुद जहर खाकर मर जाउंगी, उसने मालिनी से कहा – रांड आज के बाद तू मेरे पति के आस पास भी घूमी या मुझे पता चला की तू इससे चुद रही है, तो मै तेरी गांड फाड़ दूंगी. तब मनुज ने भी माफ़ी मांगी और पूजा को बोला आज से ये गलती नहीं होगी तू किसी को भी मत बताना, पूजा मान गई परन्तु उसने मुझसे ये सारी बातें बता दी और मुझसे भी प्रॉमिस लिया की मै किसी को ये बातें न बताऊ (मैं मन ही मन मुस्कुरा दिया की ये सब तो मै पहले से ही जानता था.)
इधर मनुज से मालिनी की चुदाई बंद हो गई, मैं मालिनी को अपने साथ कोलकाता लेकर आ गया, मै वहा एक किराये के मकान में रहने लगा, उसी कंपनी में मेरे साथ काम करने वाले एक कलीग से मेरी दोस्ती हो गई वो भी उसका घर भी मेरे घर के पास ही था, उसका नाम उस्मान अली था जो की पटना का रहने वाला था, उस्मान की बीबी गांव में रहती थी, वो मेरा हमउम्र ही था और चूँकि हम साथ साथ काम करते थे तो हमदोनो में जल्द ही गहरी दोस्ती हो गई.

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उस्मान काफी तगड़ा किस्म का व्यक्ति था एक बार हम जब साथ ही पेशाब कर रहे थे तो मैंने उसका लंड देखा था उसका लंड करीब ७ इंच बिना तने था और हो सकता है तनने के बाद वो १०-११ इंच हो सकता था, साथ ही उसकी मोटाई भी काफी ज्यादा थी.
मालिनी ने गृहस्थी अच्छे से जमा ली, दो तीन दिन बाद जब मैं मालिनी को रात में चोदने को हुआ तो उसने बच्चा छोटा होने का बहाना बना कर मुझे मना कर दिया, जबकि सच्चाई तो मुझे ही पता थी की उसने अपने मम्मी पापा की कसम खाई थी की वो अब मुझसे नहीं चुदेगी, वैसे भी वो मेरे मूंगफल्ली जैसे लंड को अपनी चुत में लेकर और अपनी आग नहीं भड़काना चाहती थी.

वो मेरे सोने के बाद अपनी चुत में ऊँगली कर अपना पानी निकालती थी पर लंड लंड ही होता है, लंड का काम ऊँगली नहीं कर सकती वैसे भी मालिनी को मोटे, लम्बे लंड से चुदने की आदत थी और नया शहर होने में वो किसी पर भी भरोसा नहीं कर सकती थी, मुझे उसकी परेशानी देखि नहीं गयी, फिर मुझे मालिनी के लिए एक लंड दिखा वो और कोई नहीं उस्मान का लंड था, मैंने धीरे धीरे उस्मान से गहरी दोस्ती कर ली. वो गाहे बगाहे हमारे घर आ जाता था वो मालिनी को मालिनी ही कहता था, क्योकि वो अकेला ही था तो अब मैंने उसे अपने यहाँ ही दोनों टाइम खाने के लिए कह दिया था. अब वो और मालिनी काफी घुल मिल गए थे और वो उससे काफी हसी मजाक भी करता था मैंने नोटिस किया था की उस्मान मालिनी की छातियों और गांड को घूरता था और अपने लंड को पेन्ट के ऊपर से मसलता था. एक दिन मै उसके रूम में गया तो वो नहा रहा था, और बाथरूम में जोर जोर से आवाजे करते हुए मुठ मार था, मैंने कान लगाकर आवाजे सूनी.

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उस्मान- आह मेरी जान मालिनी,उफ्फ्फ क्या चुत है तेरी हाय तेरी गांड मार लू, आई लव यू मेरी जान, बस तू एक बार मेरे लंड पर बैठ जा, सारी दुनिया भूल जाएगी आह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फ़.
पर ये सुनकर मै उलटे पाँव वापस आ गया, मुझे पता लग गया था की उस्मान मालिनी को चोदना चाहता है.

ऐसे ही दिन बित रहे थे, मुझे कंपनी के काम से दिल्ली जाना था, काम करीब ६-७ दिन का था, मेरे शैतानी दिमाग में एक आईडिया आया की क्यों न उस्मान और मालिनी को ये ६-७ दिन दिया ये हो सकता है, वो कुछ न कुछ कर ही ले के लिए निकल गया, मालिनी और बच्चो को मैंने उस्मान के साथ रख दिया और उस्मान को समझाया की जब तक मै नहीं आता वो अपनी भाभी का ख्याल अच्छे से रखे और रात में यही सो जाये, उस्मान खुश हो गया. मैंने उस्मान को बोला- उस्मान तुम्हे तो मालूम है, की मुझे ७ दिनों के लिए दिल्ली जाना है, पर तुम्हारी भाभी और बच्चे भी यहाँ अकेले है और वैसे भी तुम खाना तो यही खाते हो तो कल से तुम अपने कपड़े लेकर यही आ जाओ और अपनी भाभी के साथ कुछ दिन रहो सिर्फ ७-८ दिन की ही बात है.

कहानी जारी है, तो दोस्तों आपको मेरी बीबी और मेरे दोस्त के बिच चुदाई की ये सच्ची कहानी कैसे लगी ये कहानी पढ़कर मेरी माताए, बहने, भाभी, चाची आदि महिलाये और साथ ही मेरे भाई, बांधव, दोस्त आदि कितने बार झड़े मुझे लिखकर जरूर बताया मेरा मेल आईडी है – [email protected]
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