Teenage Girl Sex

एक कमसिन कच्ची कली की चूत फाड़ा और चूचियां रगड़ रगड़ के दबाया

Ek kamsin kacchi kali ki chut fada aur chucchiya ragad ragad ke dabaya, दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हु, ये कहानी बड़ी ही हॉट और मस्त है, जब भी मैं उस वाकया को याद करता हु तब तब मेरा लौड़ा खडा हो जाता है, और बिना मुठ मारे नहीं रह पता है, आज मैं आपको एक कच्ची कली यानी की बहूत ही हॉट और सेक्सी लड़की जो की १८ साल की है, और वर्जिन थी, चूचियां छोटी छोटी बिच में निप्पल अरहर के दाने के तरह गुलाबी रंग का मेरा तो रोम रोम खड़ा हो गया था जब मैं पहली बार देखा था, और आप खुद ही अंदाजा लगाइए मेरा क्या हाल हुआ होगा उस लड़की को चोद कर, आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी बता रहा हु,

मेरा नाम विशाल है, मैं दिल्ली में रहता हु, ये कहानी आज से सात महीने पहले की है, मेरी नयी नयी शादी हुई थी, और मैं अपने बीवी को अपने साथ ही रखता था, ऐसे मैं गोरखपुर का रहने बाला हु, मैं दिल्ली में किराये पर रहता था, मैं ऊपर बाले फ्लोर पर रहता था, मैं और मेरी पत्नी, और निचे एक मुस्लिम फॅमिली रहती थी, पति पत्नी और और उसकी दो बहने, उसके माता पिता गाँव में रहते थे, एक लड़की का नाम आमना और दूसरी का हर्शिदा, आमना १९ साल की थी और हर्शिदा १८ साल की थी, मेरे घर दोनों का आना जाना होता था क्यों की मेरी पत्नी भी हमउम्र थी, जब मैं ऑफिस जाता था वो तीनो आपस में बातचीत करते थे, क्यों की उन लड़कियों का भाई और भाभी दोनों काम पर चले जाते थे और रात को करीब दस बजे आते थे, दो दोनों लड़की घर पर होती थी.

कुछ दिन बाद मेरी पत्नी की प्रेगनेंसी होने के चलते वो गाँव चली गई थी, मैं अब अकेला ही था, सुबह सुबह ऑफिस जाता और शाम को आता, मुझे खुद चुदाई का चस्का लगा हुआ था तो बीवी घर में नहीं होने के चलते मैं मूठ मार कर काम चला लिया करता था, पर मुझे चूत चाहिए थी, करता क्या, कभी मैं सोचता था की जीबी रोड चला जाऊं और रंडियों को चोद कर आऊँ, पर एड्स होने का डर सताता था, अचानक एक दिन आमना जो बड़ी लड़की थी, वो गाँव चली गई क्यों की उसकी अम्मी का तबियत ख़राब हो गया था, घर में यहाँ सिर्फ हर्शिदा बची थी, एक दिन मैं काफी थका हुआ था तो ऑफिस से छुट्टी ले ली और अपने कमरे पर ही आराम कर रहा था, और म्यूजिक सिस्टम में गाने सुन रहा था। गरमी का दिन था दरवाजा थोड़ा सा खुला था, तभी मुझे लगा की दरवाजे पर कोई हैं। मैंने पूछा कौन? तो आवाज आई हर्शिदा, और वो दरवाजे को धक्का दे दी और झांक कर अन्दर देखने लगी। मैंने कहा आ जाओ अन्दर, और वो आ गई।

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वो मेरे बेड के बगल में ही रखी कुर्शी पर बैठ गई। मैंने कहा क्या हाल है? वो हसते हुए बोली, ठीक हु, और फिर कहने लगी, की मुझे निचे डर लग रहा था इसलिए मैं आपके कमरे में आ गई। मैंने कहा डर किस बात का? तो बोली मेरे अंकल अल्ला को प्यारे हो गए आज सुबह सुबह भैया और भाभी वही गई है, साथ में आमना बाजी भी गई है। आज मैं अकेले ही रहूंगी। मैंने कहा अकेली किस बात की मैं हु ना. वो बोली हां, अभी अभी फ़ोन आया था भैया का बोले की कल शाम तक आउंगा। डरने की कोई बात नहीं ऊपर बाले भैया है, मैं गेट रात को सही से बंद कर लिओ, और ऊपर ही जाकर बैठ जइयो। मैंने कहा तब तो ठीक है देखो तुम्हारे भैया भी तुम्हे इजाजत दे दिया है। और फिर उसको देखा वो बड़ी ही कातिल निगाह से मुझे देख रही थी और बिच बिच में मुस्कुराती थी। मैंने पूछा क्या बात है हर्शिदा ऐसे मुस्कुरा क्यों रही हो ? तो वो बोली आपको देख कर। मैंने कहा अच्छा जी? और मैंने उसके गाल पर हौले से टच कर दिया और फिर वो भी मेरे गाल पे वैसे ही कर दी, मैंने फिर उसके गाल पर कर दिया वो फिर से मेरे गाल पर, मैंने हाथ पर वो मेरे हाथ पर, मैंने उसके सर पर वो भी मेरे सर पर। मैंने उसके चूची पर टच किया वो खिलखिला कर हस पड़ी, और उसने भी मेरे सिने पर टच कर दिया। फिर क्या था अब मैं उसके चूची पर टच करने लगा और धीरे धीरे चुचियों को पकड़ लिया, वो भी उठकर मेरे बेड पर बैठ गई और फिर क्या था मानो उसने मुझे इजाजत दे दिया उसकी जवानी लुटने के लिए।

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मैंने उसके सलवार के निचे हाथ डाल दिया वो हँसने लगी। उसके बाद मैंने उसका सूट ऊपर कर दिया वो अपनी चुचियों को दिखने से बचाने लगी। मैंने थोड़ा जोर लगाया और उसका हाथ पकड़ा और फिर चुचियों के दर्शन कर लिया ohhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh क्या बताऊ दोस्तों। छोटी छोटी चूचियां छोटा सा निप्पल जैसे की लड़के का हो, मजा आ गया मुझे ऐसे ही चुचियों का स्वाद चाहिए था। गजब का मैं बिना देर किया अपने मुह में ले लिया और वो मेरे बाल को सहलाने लगी। और फिर उसको अपने गोद में ले लिया, अब मेरा मोटा लौड़ा उसके गांड के निचे दब रहा था और मैं उसके चुचिओ को पि रहा था और सहला रहा था।

थोड़े देर में ही वो गरम हो गई और आँखे उसकी लाल हो गई, मैंने तुरंत ही पलंग पर लेट जाने कहा वो लेट गई। मैंने कहा चोद दू? उसने कहा जोर से मत करना। और फिर क्या था मैंने तुरंत ही उसके कपडे निचे कर दिए और उसने फिर अपने पैर से बाहर कर दिया और फिर अपना समीज भी उतार दी अन्दर टेप पहनी थी उसको भी अलग कर दिया। मैं उसके चूत को चाटने लगा। बिना बाल का चूत। मैंने पूछा बाल नहीं आया चूत पर तो वो बोली नहीं अभी नहीं आया, ओह्ह्ह्हह आप खुद ही सोच कर देखिये अगर आपके सामने भी ऐसी ही लड़की हो जिसको अभी तक झांट नहीं आई हो उसको चोदने का आनंद कैसा लगेगा। उसके बाद मैंने उसके पैर को अलग अलग कर दिया और बिच में बैठ कर अपने लंड को उसके चूत पर टिकाया और धक्का दिया वो दर्द से करह उठी. शायद वो पहले से चूदी नहीं थी चूत काफी टाइट था।

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मैंने फिर से अपने लंड में थोड़ा थूक लगा कर गिला किया और उसके चूत पर भी तब तब उसका चूत गीली हो चुकी थी, मैंने पहले उसके चूत का पानी चाटा तब तो वो और भी मदहोश हो गई और आह आह आह आह ओह्ह ओह्ह ओह्ह्ह करने लगी, फिर से मैंने उसके चूत पर अपना लंड लगाया और जोर से पेल दिया वो जोर से चिलाने लगी की मर गई। मेरी छूट फट गई। हाय अल्ला। मैं धीरे धीरे अपने लौड़े को अन्दर बाहर करने लगा और करीब पांच मिनट में ही वो मजे लेने लगी और अपने मुह से हाय हाय की आवाज निकालने लगी, फिर क्या था निम्बू के साइज़ की चूचियां और बहूत ही टाइट चूत मजा आ गया दोस्तों और फिर चोदने लगा जोर जोर से उस कच्ची कली को।

दिन में करीब दो बार चोदा। रात को वो मेरे साथ ही सोई थी, एक बार उसके भाई का फ़ोन आया तो वो कह दी मैं निचे सो रही हु, पर वो मेरे साथ ही नंगी थी। फिर मैंने उसको चोदा और फिर उसको गांड भी मारा। दोस्तों आज तक मुझे कभी वैसा मजा नहीं आया जैसा की मुझे हर्शिदा को चोद का लगा, आप ये कहानी hotsexstory.xyz पर पढ़ रहे हैं, फिर क्या था अब दोपहर को मैं रोज रोज चोदने लगा, उसको मैंने ६ महीने में ही कली से फूल बना दिया, उसकी चुचियों को दबा दबा कर और पि पि कर बड़ा कर दिया। चूत तो चोद चोद कर और भी ज्यादा मस्त कर दिया और फिर गांड मारते मारते उसका गांड भी और कुल्हा भी गजब का गोल हो गया, आज जब भी वो दिन याद करता हु मूठ मारे बिना नहीं रह सकता, आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी रेट जरुर करें प्लीज।