फेसबुक से मिली विधवा भाभी की चुत गांड चुदाई
पढ़ें एक रोमांचक सेक्स कहानी, जिसमें चंडीगढ़ के अमित को फेसबुक पर मिली एक विधवा भाभी। कैसे चैट से शुरू हुआ रिश्ता चुदाई तक पहुँचा। भाभी की चूत और गांड की मस्त चुदाई की पूरी डिटेल्स के साथ ये हॉट कहानी आपको मदहोश कर देगी।
हाय दोस्तों, सब मस्त माल जैसी हॉट फीमेल्स को मेरा प्यार भरा नमस्ते। मैं हूँ अमित, चंडीगढ़ का रहने वाला, उम्र 33 साल, एक शादीशुदा मर्द हूँ। और हाँ, सबसे खास बात ये कि मैं HotSexStory.xyz का दीवाना हूँ।
ये कहानी शुरू हुई थी करीब एक साल पहले, पर भाभी की चुदाई का असली मजा मुझे इस गर्मी की छुट्टियों में मिला। हुआ यूँ कि एक दिन मैं फेसबुक स्क्रॉल कर रहा था, तभी मेरी नजर एक भाभी की प्रोफाइल पर पड़ी। उनकी प्रोफाइल चेक की तो पता चला कि वो विधवा हैं। मेरे दिमाग में तुरंत ख्याल आया – “शायद ये भाभी पट सकती हैं।” मैंने फटाफट उनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। दो दिन बाद भाभी ने मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली।
मैंने उन्हें थैंक्स का मैसेज डाला, और उधर से उनका रिप्लाई भी झट से आ गया। बस फिर क्या, फेसबुक पर हमारी चैट शुरू हो गई। पहले तो बातें नॉर्मल ही थीं, लेकिन कुछ दिनों बाद मैंने उन्हें अपना फोन नंबर और व्हाट्सएप नंबर दे दिया। भाभी बोलीं, “जब मेरा मन होगा, तब व्हाट्सएप पर बात करूँगी।” मैंने कहा, “कोई बात नहीं भाभी जी, नंबर तो दे दिया, अब जब आपका दिल करे तब बात कर लेना।”
ऐसे ही हमारी नॉर्मल बातें चलती रहीं। लेकिन कुछ दिनों बाद मुझे भाभी से बात करने में वो मजा नहीं आ रहा था, क्योंकि वो सेक्सी टॉपिक पर आने को तैयार ही नहीं थीं। मैं अगर कुछ हॉट बात करता, तो वो रिप्लाई ही नहीं करती थीं। एक बार तो मैंने सोच लिया, “छोड़ो यार, ये भाभी पटने वाली नहीं है, शायद इनकी चुदाई का सपना अधूरा ही रहेगा।” फिर हमारी बातचीत हाय-हैलो तक सिमट गई। भाभी भी समझ गई थीं कि मैं उन्हें इग्नोर कर रहा हूँ।
फिर एक दिन मेरे व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से मैसेज आया। मैंने पूछा, “आप कौन?” तो जवाब आया – भाभी का नाम। बस फिर क्या, हमारी बातें व्हाट्सएप पर शुरू हो गईं। मैं आपको बता दूँ, भाभी कोई खास स्मार्ट नहीं थीं, बस ठीक-ठाक, स्लिम-ट्रिम फिगर वाली, देखने में ओके टाइप। अब हमारी चैट में रंग चढ़ने लगा। भाभी ने बताया कि वो विधवा हैं, इस तरह की चीजों से डरती हैं, पर उनकी चूत में भी चुदाई की आग धधक रही थी। फिर शुरू हुई हमारी सेक्सी चैट, फोन सेक्स और हॉट बातें।
ऐसे ही 2-3 महीने बीत गए। जब भी टाइम मिलता, हम सेक्सी बातों में डूब जाते। भाभी बताती थीं कि चैट करते वक्त वो अपनी चूत में उंगली करती थीं। लेकिन अब शायद उंगली से उनका मन नहीं भर रहा था। उनकी चूत लंड की प्यासी हो गई थी। वो मुझसे कहने लगीं, “अब कुछ करो यार, मेरे से रहा नहीं जाता, लंड के बिना चैन नहीं मिलेगा।” मैंने कहा, “रुक जाओ, गर्मी की छुट्टियाँ आने वाली हैं, मेरे घर में कोई नहीं होगा, फिर हम सेफली चुदाई का मजा ले लेंगे।” भाभी मान गईं, पर बोलीं, “अभी तो छुट्टियाँ होने में टाइम है।” मैंने कहा, “कोई बात नहीं, बस एक महीने की तो बात है।”
किसी तरह भाभी मान गईं, और वो एक महीना भी बातों-बातों में निकल गया। मैं आपको बता दूँ, भाभी होटल में चुदाई नहीं करना चाहती थीं, इसलिए मैंने सोचा कि घर पर ही उनकी चुदाई करूँगा। छुट्टियाँ हुईं, मेरी वाइफ अपने मायके चली गई। मैंने भाभी को बताया कि अब 20-25 दिन घर खाली है। भाभी बोलीं, “मैं दिन में ही आ सकती हूँ।” मैंने कहा, “ठीक है, फिर मुझे ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ेगी।” भाभी बोलीं, “छुट्टी मत लो, हम शनिवार को मिलते हैं।” मुझे भी ये आइडिया पसंद आया, और हमारा प्लान फिक्स हो गया।
शनिवार को भाभी सुबह 10 बजे से 3 बजे तक मेरे पास रुकने वाली थीं। मैं तो खुशी से फूला नहीं समा रहा था कि अब नई चूत का मजा मिलने वाला है। सुबह मैं फ्रेश हुआ, शेविंग की, तैयार हुआ। 9 बजे भाभी का कॉल आया, “कहाँ हो?” मैंने कहा, “घर पर हूँ, तुम्हारी राह देख रहा हूँ।” भाभी बोलीं, “मैं 10 मिनट में निकल रही हूँ, 10 बजे तक पहुँच जाऊँगी। मुझे कहाँ मिलोगे?” मैंने कहा, “43 नंबर बस स्टैंड से पिक कर लूँगा।”
मैं टाइम पर बस स्टैंड पहुँचा, भाभी को लेकर घर आ गया। दोस्तों, अब शुरू होने वाली थी एक मस्त चुदाई की कहानी। घर पहुँचते ही मैंने भाभी को सोफे पर बिठाया, फ्रिज से कोल्ड ड्रिंक लाया, साथ में नमकीन और बिस्किट रखे। हमने थोड़ी नॉर्मल बात की। टाइम देखा तो 10:35 हो गए थे। भाभी मुस्कुराईं और बोलीं, “अमित, टाइम हो रहा है, अब आ जाओ, मेरे से रुका नहीं जा रहा।” मैंने मज़ाक में कहा, “क्यों भाभी, नीचे कुछ हो रहा है क्या?” वो शरमाते हुए बोलीं, “हाँ यार, मेरी पैंटी तक गी)})ली हो गई है।”
मैंने उनकी चुम्मी ली और उन्हें गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया। भाभी को खड़ा किया, हग किया। वो तुरंत गरम हो गईं और बोलीं, “पहले मुझे तुम्हारा लंड देखना है। फोटो में तो मस्त लग रहा था, रियल में देखूँगी कैसा है।” दोस्तों, मैं बता दूँ, हम पहले एक बार मिले थे, पर तब चुदाई नहीं हो पाई थी। ना मैंने उन्हें नंगी देखा था, ना उन्होंने मुझे।
भाभी ने मेरी पैंट की जिप खोली, लंड बाहर निकाला और बोलीं, “लंड तो अच्छा है, पर मजा तब आएगा जब ये चुदाई में कमाल करे।” मैंने कहा, “अब तो चुदाई करनी ही है, देख लेना मेरा लंड कैसे कमाल करता है।” मेरा लंड कोई बहुत बड़ा नहीं, बस 7 इंच का नॉर्मल साइज। मैंने लंड हिलाया तो भाभी नीचे बैठ गईं, उसे सहलाया, मुँह में लेकर चूसा और बोलीं, “चलो, अब खेल शुरू करो।”
हम दोनों किस करने लगे। मैं उनकी चूचियों को मसलने लगा। भाभी बोलीं, “रुक जाओ, ऐसे मजा नहीं आ रहा।” फिर उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मुझे भी नंगा करने को कहा। मैंने कहा, “आप ही उतार दो।” भाभी ने मेरे सारे कपड़े खोल दिए, और हम दोनों मादरजात नंगे हो गए। भाभी बोलीं, “आज मेरी चूत की मस्त चुदाई करवानी है। पहले मैं तुम्हारा लंड चूसकर पानी निकाल देती हूँ, फिर दोबारा तुम मेरी चूत को अच्छे से चोदना और गर्म करना।”
मैंने हाँ कहा। भाभी मेरे लंड को चूसने लगीं और 7-8 मिनट में मेरा पानी उनके मम्मों पर गिर गया। अब मेरी बारी थी। मैंने उनकी चूचियाँ चूसीं, पूरी बॉडी पर किस किया। उनकी चूत के आसपास जीभ फेरी, पर चूत को अभी नहीं चूमा। भाभी तड़पकर बोलीं, “उस पर भी किस करो ना!” मैंने मज़ाक में कहा, “कहाँ? सब जगह तो कर रहा हूँ।” वो गुस्से में बोलीं, “अमित, प्लीज़ अब तड़पाओ मत, मेरी नंगी फुद्दी को चूमो।” मैंने उनकी चूत को 15 मिनट तक चूसा, उनका पानी निकाल दिया।
फिर हम 69 में आ गए। मैं उनकी चूत चूसता रहा, वो मेरा लंड। भाभी से अब रहा नहीं गया, बोलीं, “अमित, अब डाल दो यार।” मैंने उनकी टाँगें उठाईं, लंड चूत पर सेट किया। भाभी बोलीं, “आराम से डालना, दो साल बाद लंड ले रही हूँ।” मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर डाला। उनकी चूत गीली थी, पर टाइट होने की वजह से थोड़ा दर्द हुआ। फिर भी भाभी ने पूरा लंड ले लिया। मैंने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की। दो मिनट में भाभी मस्त हो गईं। 3-4 मिनट बाद वो बोलीं, “मैं ऊपर आती हूँ।” वो मेरे ऊपर चढ़ गईं, कमर हिलाकर चुदाई करने लगीं और एक बार पानी छोड़कर ढेर हो गईं।
मैंने उन्हें नीचे लिया, ज़ोर-ज़ोर से चोदा। फिर कुतिया बनाकर उनकी चुदाई की। भाभी का 4 बार पानी निकला। मैं भी झड़ने वाला था, पूछा, “कहाँ निकालूँ?” वो बोलीं, “अंदर ही निकाल दो।” मैंने उनकी चूत में पानी छोड़ दिया और उनसे चिपक गया।
अब मेरा मन उनकी गांड मारने का था। भाभी की गांड भी चुदी हुई थी, वो अपने पति से खूब गांड मरवाती थीं। मैंने कहा, “गांड मारूँ?” वो बोलीं, “थोड़ा रुक जाओ, अभी थक गई हूँ।” फिर 15 मिनट बाद वो तैयार हुईं। बैग से जैली निकाली, गांड पर लगाई और बोलीं, “आ जाओ, पेल दो।” मैंने ज़ोर से धक्का मारा, लंड उनकी गांड में गया। 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उनकी गांड में पानी निकाल दिया।
इसके बाद हमने फिर चूत और गांड की चुदाई की। 3 बजे भाभी चली गईं। अगले दिन रविवार को भी हमने जमकर चुदाई की। अब जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई का मजा लेते हैं।
तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी सेक्सी कहानी? ज़रूर बताना!