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गुजरात में पंजाबन भाभी की चुत गांड को चोदा-3

Gujrat Me Punjaban Bhabhi Ki Chut Gand Ko Choda-3

Gujrati Chut, दोस्तो, लंड की पूरी लम्बाई से चुदाई करने का अलग ही मजा है. सुपाड़ा की नोक तक लंड बाहर निकालो और फिर पूरा लंड चुत में पेल दो. फिर देखो लड़की कैसे आहें भरती है.

अब तो हर झटके के साथ उसकी चुत से सफ़ेद पानी मेरे लंड से होते हुए चादर पे फैल रहा था.

मेरे दोनों हाथ उसके बारी बारी एक एक चूचे को मसल रहे थे और मेरे होंठ उसके निप्पल को चूस रहे थे. वो भी मेरे चूतड़ों को पकड़ कर अन्दर की ओर धक्का लगा रही थी और हर धक्के के साथ उसकी आहें निकल रही थीं.
मैंने अब झटकों की स्पीड बढ़ा दी. मैंने उसको पूछा- कहा निकालूँ?
वो बोली- एक मिनट रुको.

वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड के ऊपर बैठ कर चूतड़ों को ऊपर नीचे करने लगी. वो मोटी होने की वजह से ज़्यादा स्पीड से नहीं कर पा रही थी, तो मैंने उसको घोड़ी बनाया और चुत में पेलने लगा.
मैंने बोला- कहां निकालूँ?
वो बोली- अन्दर ही निकाल दो.. बड़ा मजा आ रहा है.

उसने कॉपर-टी लगा रखी थी जो उसने मुझे बाद में बताया. मैंने 10-15 धक्का लगाने के बाद उसकी चुत में पिचकारियां छोड़ दीं. उसने मेरी पीठ पे नाख़ून के निशान कर दिए थे.

मगर वैसे मेरी पीठ के नाखूनों के काफ़ी निशान थे तो उसकी मुझे परवाह नहीं थी, क्योंकि मेरी बीवी जब झड़ती है तब नाख़ून गड़ा देती है. कई बार मेरी बीवी मेरी गर्दन पे भी लव बाइट कर देती थी, जिसके कारण मेरे दोस्त काफ़ी मजाक़ उड़ाते थे.

हम दोनों की साँसें और धड़कनें तेज़ चल रही थीं और अभी भी एक दूसरे से चिपके हुए थे. चूँकि हम डॉगी स्टाइल में कर रहे थे, तो वो उलटी लेटी रही और मैं उसके ऊपर उलटा पड़ा रहा. मेरा लंड अभी भी उसकी चुत में था और झड़ने के वजह से धीरे धीरे ढीला होने लगा. मेरा वीर्य बह कर चुत के अन्दर से बाहर निकल रहा था.

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वाह क्या नज़ारा था.. आज एक 40 साल की औरत तो संतुष्ट किया था.

मैं उसकी बहती हुई चुत से मेरे वीर्य को लेके उसकी चुत पर मालिश करने लगा. पाठिकाएं अपनी चुत पे वीर्य से मालिश करवाएं. देखिए, ये कोई भी लुब्रिकेंट से ज़्यादा चिकना होता है और भरपूर मजा देता है.

अब मैंने आफ़्टर प्ले करना चालू कर दिया. मैं उसके मम्मों को चूस रहा था और वो मुझे एक बच्चे की तरह अपना दूध पिला रही थी. थोड़ी देर में हम एक दूसरे से अलग हुए. मैंने उसकी चुत पे मालिश करना चालू रखा.

वो मेरे छाती के बालों से खेलती रही और बोली- आज तुमने मुझे बहुत मजा दिया है. किसी ग़ैर मर्द के साथ ये मेरा पहला सेक्स है.

थोड़ी देर में वो वापस मस्ती में आ गई. मेरे लंड को सहलाकर मुठ मारने लगी. मेरी चमड़ी नीचे करके टोपे पे जीभ फिराने लगी. मेरा लंड अपने उफान पे वापस आ गया था. लंड की नीली नसें उभर के साफ़ दिखने लगी थीं.

मुझे लग रहा था कि दूसरी बार की चुदाई में उसकी चुत का भोसड़ा बनेगा या उसकी गांड की माँ चुदेगी.

मैंने उससे बोला कि मेरे लंड का स्वाद चखने से तुम्हारा एक होल बाक़ी रह गया है.
वो पहले मना करने लगी, फिर बोली कि तुमको गांड में डालना पसंद है तो तुम्हारा साथ दूँगी. मेरा भी बहुत मन था. मेरे पति ने एक बार ट्राई किया था मगर अन्दर जा नहीं सका था.

उसके पति का लंड मोटा मगर ज़्यादा सख़्त ना होने की वजह से अन्दर डाल नहीं सका था.

मैं बिस्तर के नीचे खड़ा रह गया. प्रीति को को बेड के कोने पे पीठ के बल लिटाया, पैर को चौड़ा किया और उसके पैरों को चौड़ा करके मेरे कंधों पर डाल लिया. उसकी गांड बिल्कुल मेरे लंड के सामने थी. उसकी गांड को देखा. छेद की सिलवटें साफ़ दिख रही थीं तो मुझे लगा कि ज़्यादा मुश्किल नहीं आएगी. उसकी गांड के छेद पे उंगली फिराई. उसकी गांड का छेद एकदम कड़क और किरकिरा सा था. उसकी चुत के पानी से उंगली गीली करके उसकी गांड में धीरे धीरे डालने लगा और दूसरी उंगली से उसकी चुत के दाने को सहलाने लगा.

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मुझे पता था कि कुँवारी गांड फाड़ना कुँवारी चुत फाड़ने से ज़्यादा मुश्किल है. थोड़ी देर में उंगली उसकी गांड में आसानी से अन्दर बाहर होने लगी. मैंने लंड उसकी चुत में डालकर गीला किया. उसकी गांड पे थोड़ा थूक लगाया और धीरे धीरे उसकी गांड में घुसेड़ने लगा.

वो दर्द से कराहने लगी. मगर गांड के दूसरे छल्ले ने जैसे ही मेरा सुपारा निगला, उसने आराम की साँस ली. थोड़ी देर में मैंने अपना पूरा लंड अन्दर घुसा दिया और ऐसे ही खड़ा रहा.

एक हाथ उसकी चुत को और एक हाथ उसके चूचे को मसल रहा था.

दोस्तों ये एक भ्रामक ख़याल है कि गांड मारने के सबसे आसान तरीक़ा डॉगी स्टाइल है. मैंने बताया तरीक़ा सबसे आसान है. गांड के दो छल्ले होते हैं, एक जो बाहर हमको दिखता है और दूसरा उससे क़रीबन आधे इंच अन्दर होता है, जिसको आपका सुपाड़ा पार कर जाए, बस आपका काम हो गया.

थोड़ी देर में वो अपनी गांड हिलाने लगी तो मैंने भी धक्के मारना चालू किए. थोड़ी देर में गांड मेरे लंड को आसानी से निगलने लगी. बाद में मैंने उसको कुतिया बनाया और मैं बेड पर घुटनों के बल आ गया. अब लंड एक ही झटके में अन्दर चला गया.

बीच बीच में उसके सफ़ेद गद्देदार कूल्हों को अपने हाथ से मसलता, कभी कभी एक चपत के लगा देता.

चूंकि ये दूसरी बार की चुदाई थी, सो 15 मिनट तक चुदाई करने के बाद वो गिड़गिड़ाने लगी- अब तो झड़ जाओ.. गांड में जलन हो रही है.

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कुछ और झटके के बाद में गांड में ही झड़ गया. थोड़ी देर में लंड ढीला हो गया और पट्ट आवाज़ के साथ बाहर निकला, लंड निकलते ही उसकी पाद निकल गई. मेरी हँसी छूट गई और वो शर्मा गई.

हम ऐसे ही लेटे रहे. मुझे थकान की वजह से झपकी लग गई थी. जब मैं सो रहा था तो उसने तब तक नहा के फ़्रेश होके शरबत भी बना लिया था.

थोड़ी देर बाद वो उठी और मुझे उठाया. मैं फ़्रेश हुआ वो बेड पे ही शरबत लेके आई. फिर एक घंटे कुछ पर्सनल बातें भी शेयर की. थोड़ी देर एक दूसरे के बदन से खेलते रहे. मगर अब मेरी बिल्कुल ताक़त नहीं थी. मेरा क्लास ख़त्म होने का समय हो गया था. मैंने कपड़े पहने, उसको लिप किस की और उसने बाहर देखा कि कोई पड़ोसी देख तो नहीं रहा. उसने मुझे इशारा किया और मैं फटाफट लिफ़्ट में चला गया.

उसके बाद हमने कई बार मज़े किए. यूँ बोलो कि हर संडे को चुदाई होती थी. जब तक प्रीति के पति का ट्रांसफ़र अहमदाबाद नहीं हो गया.. तब तक ये सिलसिला चलता रहा. वो मेरी बीवी की तरह बन के रही.

हालाँकि अब हमारा कोई सम्पर्क नहीं है. लेकिन वो पंजाबी चुत आज भी याद है.