हिंदी सेक्स स्टोरी

होटल में करी किरन की चुदाई 3

Hotel me kari kiran ki chudai-3

मैं – अरे, मेरी जान बस 1.5 इंच रह गया।

किरन ने अपना हाथ लगा कर ये जानने की कोशिश की कि कितना रह गया और जब उसने टटोला तो उसे पता चला कि अभी तो आधा रह गया हैं।

वो जब तक कुछ कहती मैंने पूरी ताकत लगा के अपना आधा लण्ड भी अन्दर कर दिया।

किरन – आह… मम्मी…। मरी मैं तो… मर गई… मेरी चूत फट गई।

और वाकई उसकी चूत फट चुकी थी और उसमें से खून की धारा बह निकली। ये देख कर मेरी हवा खराब हुई और मैंने उसको पुचकारा।

मैं – बस, मेरी जान हो गया, तुमने कर दिखाया। अब चाहो तो हाथ लगा के भी देख लो।

किरन – अब क्या देखूँ मैं तो मर गई, मुझे बहुत दर्द हो रहा हैं राहुल, प्लीज इसे बाहर निकाल लो।

मुझे पता था कि अगर मैंने अपना लण्ड बाहर खींच लिया तो किरन फिर नहीं डालने देगी। इसलिए मैं कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा और जब वो थोड़ी हल्की हुई तो फिर मैंने धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।

किरन को भी अब दर्द कम हो रहा था।

मैं – जान, अब कैसा लग रहा है?

किरन – मुझसे बात मत करो, बस अपना काम पूरा करो।

मैं – अरे, मेरी जान सेक्स के दौरान बातें करने से और ज्यादा मजा आता हैं।

यह कह कर मैंने अपना लण्ड को सुपाड़े तक बाहर खींचा और एक झटके के साथ पूरा जड तक गाड दिया।

किरन – आ… उ… उ… उ… ओ… नो… प्लीज… नो… आ…

उसकी आवाज़ पूरे कमरे में फैल रही थी।

इसके बाद मैं धक्के पे धक्के लगाता रहा और किरन सिसकती रही। फिर एक वक्त ऐसा आया कि किरन का पूरा शरीर कांपने लगा, मैंने जैसे ही अपना लण्ड बाहर खींचा उसकी चूत में से फूव्वारा छूट पडा और वो झड़ गयी।

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उसने मुझे अपने ऊपर खींचा लिया और कस के अपनी बाहों में जकड लिया।

इसके बाद मैं उसके होठों को चूसता रहा। थोड़ी देर बाद वो फिर गर्म होने लगी।

मैं – किरन, हो जाये एक और बार?

किरन ने अपनी दबी हुयी मुस्कुराहट के साथ हामी भर दी।

पहले मैंने उसकी चूत को चादर से पोंछा फिर उसको घोडी बना के पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत में फिट कर दिया।

मेरा लण्ड फटाक से चूत में अन्दर तक घुस गया।

किरन को थोड़ा दर्द हुआ पर वो सहन कर रही थी और अब हल्के-हल्के कराह कर चुदाई का पूरा मजा ले और दे रही थी।

मैं – क्यों, मेरी जान मजा आ रहा है ना? मैंने जोर से धक्का मार कर किरन से पूछा।

किरन सिसकते-कराहते हुये बोली – हाँ, मेरे राजा… बहुत मजा आ रहा है… और जोर से मारो… चोदो मेरी चूत… और अन्दर तक धकेल के मारो… हाँ ऐसे ही… ओ यस… आ… ओ… ओ… आ… हम्मममम… आ… यस… यस… फक मी… फक मी हार्ड… यस… ओ… यस… आ… आउ… हहहह… हम्मम…

उसकी सिसकारियों से और उसके कराहने से मैं और जोर से अन्दर-बाहर करने लगा।

उसको घोडी बना के चोदने से उसके बूब्स जोर-जोर से झूल रहे थे। मैंने उसके बूब्स को दोनों हाथो से पकड़ कर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो कराहती रही – चोद आ… आउ… यस… फक मी… यस… कमोन राहुल… फक मी हार्ड… आ… हम्ममम… फक मी…

अब मैं रूका और लेट गया फिर उसको अपने ऊपर आने का इशारा किया।

वो फ़ौरन मेरे ऊपर आ गयी और खुद ही मेरा लण्ड पकड़ के अपनी चूत में फिट कर लिया और कूदने लगी।

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ये देख कर मैं बहुत खुश था। उसके बूब्स फिर जोर-जोर से हिलने लगे।

उसने खुद ही अपने हिलते हुए बूब्स को पकड़ लिया और आवाज़ कर करके कूदती रही…

ओ… यस राहुल… यस… फक मी हार्ड… ओ राहुहुहुलललल… ओ… यस… आउ… चोद ना हरामी… चोद डाल… बना दे इस चूत का भोसड़ा… बना ले मुझे अपनी रडी… तेरी चिनाल रोज़ तेरा लंड लेगी अपने भोसड़े में… देगा ना… बोल ना कुत्ते…

उफ़, क्या मज़ा आ रहा था उसकी ऐसी बातें सुनने में।

अब मैंने अपने लण्ड को बाहर निकाले बगैर उसको नीचे लिटा दिया और पूरी ताकत के साथ चोदता रहा और वो वैसे ही चिल्लाती रही।

ओ… मम्मी… आउ… ओ… आ… उफ़… यस… फक मी… यस फक… चोद डाल… चोद और चोद…

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दोस्तो, जिस तरह से वो बोल रही थी सच में ऐसा लग रहा था कि मैं किसी कोठे की रंडी को चोद रहा हूँ, बस फायदा यह था कि पैसे खर्च नहीं करे थे।

मुझे लगा कि मैं अब झडने वाला हूँ, मैंने उसको नहीं बताया बस अपनी स्पीड और तेज कर दी फिर थोड़ी देर में मैं और वो साथ ही झड गए।

मैंने अपना सारा माल उसकी चूत के अन्दर ही निकाल दिया और बिना लण्ड निकाले ऐसे ही पडा रहा।

फिर कुछ ही देर में मेरा लण्ड अपने आप ही सिकुड के बाहर निकल आया।

हम दोनों जोर-जोर से हाँफ रहे थे और दोनों के शरीर पूरी तरह से पसीने से भीगे हुए थे।

फिर मैं उसको बहुत देर किस करता रहा, कभी उसकी जीभ को चूस रहा था कभी उसके होंठ और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

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इसके बाद मैंने उसको एक और बार चोदा और फिर मैंने और उसने कपडे पहने और वहाँ से चलने की तैयारी करने लगे।

मैंने देखा किरन थोड़ा सा लंगड़ा रही थी।

मैंने मजाक में कहा…

मैं – किरन, लंगड़ा क्यों रही हो?

किरन – यहाँ मरते-मरते बची हूँ और तम्हे मजाक सूझ रहा है। चलो अब बहुत देर हो चुकी है।

बाहर आकर जब देखा तो रात हो चुकी थी। मैंने उसको उसके घर से कुछ पहले उतारा और उससे कहाँ कि अपने घर पर कह देना कि बाइक से टक्कर हो गई थी पर अब ठीक है क्यूंकी वो अब भी लंगड़ा रही थी।

फिर उसने मुझे सड़क पर ही जल्दी से एक जोरदार किस दी और चली गई।

तो दोस्तो अब बताएँ कैसी लगी मेरी कहानी…

अब मुझे आपकी राय का इंतेज़ार रहेगा।