दीदी प्रिया की डिस्को में अनुपम के साथ हॉट चुदाई कहानी
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम विक्की है। आज मैं आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आया हूँ जो बिल्कुल सच है। आज मैं आपको एक चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये चुदाई किसी और की नहीं, मेरी दीदी की है। मेरी दीदी का नाम प्रिया सिंह है। मेरी दीदी देखने में बहुत सुंदर नहीं हैं, पर उन्हें देखकर लोग आकर्षित हो जाते हैं। मेरी दीदी का फिगर 32-30-32 है। दीदी हमेशा से ही एक मॉडर्न लड़की रही हैं, उनके कपड़े पहनने का ढंग भी हमेशा फैशनेबल रहा है। दीदी अपने स्कूल टाइम से ही बहुत सुंदर और जवान दिखने लगी थीं। मैं और मेरी दीदी एक ही स्कूल में पढ़ते थे। मैं हमेशा उनके क्लास के लड़कों या उनके सीनियर्स को दीदी को गंदी नज़र से देखते हुए देखता था। जब दीदी सीढ़ियों से ऊपर जाती थीं, तो लड़के हमेशा उनकी कच्छी देखते थे। मेरी दीदी जींस-टॉप और स्कर्ट पहनती हैं, या कभी कोई फंक्शन होता तो सलवार-सूट भी पहनती हैं।
जैसे-जैसे मेरी दीदी बड़ी होती गईं, और खूबसूरत और जवान होती गईं, वैसे-वैसे मर्दों की नज़र उन पर और गंदी होती गई। जब भी मैं अपनी दीदी के साथ बाहर जाता था, तो लड़कों को उनकी गांड और बूब्स देखते हुए पता था। जब भी हम लोकल बस में जाते थे, तो कितनी बार ऐसा होता था कि लड़के मेरी दीदी के पीछे खड़े हो जाते थे और उनका लंड मेरी दीदी की गांड में सटता रहता था। हाँ, तो अब मैं आपको अपनी मेन कहानी पर ले जाता हूँ, जहाँ से ये चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ। आज से 3 महीने पहले की बात है। काफी दिन हो गए थे हमें कहीं साथ में एंजॉय किए हुए, तो मैंने मम्मी और दीदी से कहा कि हम लोग अम्यूज़मेंट पार्क जाएँगे। प्लान बना कि अगले संडे हम लोग घूमने जाएँगे। संडे की सुबह हम तैयार हुए। अम्यूज़मेंट पार्क जाने के लिए मेरी दीदी ने ब्लू जींस और ब्लैक टॉप पहना और हम निकल पड़े।
हमें पता था कि वहाँ वॉटर पार्क भी है, इसलिए मैंने एक रात पहले ही स्विमिंग ड्रेस खरीद लिया था। दीदी और मम्मी ने कहा कि वो लोग घर के ही कपड़ों में काम चला लेंगी। हम वहाँ पहुँचे और मैंने 3 टिकट लिए और हम अंदर चले गए। मैंने मम्मी से कहा, “पहले वॉटर पार्क में चलते हैं,” और दीदी ने कहा, “नहीं, पहले राइड्स एंजॉय करेंगे,” और हममें झगड़ा होने लगा। मम्मी ने कहा, “एक काम करते हैं, हम स्विमिंग के कपड़े पहनते हैं और बारी-बारी से एंजॉय कर लेंगे।” हम दोनों राज़ी हो गए। हम चेंजिंग रूम में जाकर कपड़े चेंज किए और बाहर आ गए। मम्मी और दीदी ने लोअर और टॉप पहन रखा था।
और हम राइड्स के लिए चल पड़े। दीदी और मेरी मम्मी दोनों मेरे आगे चल रही थीं और मैं उनके ठीक पीछे। मेरी दीदी ने डार्क ब्लू लोअर और व्हाइट टॉप पहना था और दीदी का लोअर बहुत टाइट था। दीदी की गांड से उनकी पैंटी का शेप दिख रहा था। वहाँ लड़के बार-बार मेरी दीदी की गांड की तरफ देख रहे थे। 2 घंटे तक हमने राइड्स की और फिर मैंने कहा, “चलो ना, अब वॉटर पार्क चलते हैं।” उन्होंने कहा, “ठीक है।” और कुछ देर में हम स्विमिंग पूल पहुँच गए और अंदर जाकर पानी को एंजॉय करने लगे। मज़ा आ रहा था। मेरी नज़र कुछ लड़कों पर पड़ी और वो मेरी दीदी को देख रहे थे।
मैंने देखा तो दीदी का टॉप भीग गया था और दीदी की ब्लैक ब्रा दिख रही थी। उन लड़कों की उम्र 27-28 की होगी। वॉटर पार्क में कुछ-कुछ देर में वेव चलते हैं और पानी का लेवल ऊपर होता जाता है। सो अचानक पानी का वेव आया और मैंने मम्मी को पकड़ा और दीदी हमसे थोड़ा दूर हो गई। कुछ देर बाद वो लड़के भी वहाँ आ गए और वेव के आने के साथ मेरी दीदी को हेल्प करने लगे। उसी बीच उन्होंने दीदी को कहाँ-कहाँ नहीं हाथ लगाया। जब वेव खत्म हुआ तो मैं मम्मी को लेकर बाहर आया और दीदी भी बाहर आ गई।
पानी से निकलने के बाद मैंने देखा कि दीदी का लोअर उनकी गांड में घुसा हुआ था और वो सारे दीदी की गांड को देख रहे थे। कुछ देर बाद जब बॉडी सूख गई तो मैंने मम्मी से कहा, “एक बार फिर राइड्स पर चलते हैं।” दीदी ने कहा कि अब वो नहीं जाएँगी और वो कपड़े बदलने चली गईं और मैं और मम्मी राइड्स पर चले गए। और लगभग हम आधे घंटे तक राइड्स पर थे। फिर जब हम लौटकर चेंजिंग रूम के पास आए तो मैंने देखा कि दीदी ने कपड़े बदल लिए थे और उन लड़कों में से एक लड़का दीदी से बात कर रहा था।
वो लड़का वैसे देखने में नॉर्मल था, पर उसने बहुत अच्छी बॉडी बना रखी थी, उसके कट्स दिख रहे थे। कुछ देर बाद मैंने और मम्मी ने अपने कपड़े बदले और हम घर की तरफ चल पड़े। कुछ दिन बीत गए, सब नॉर्मल था, पर मैंने गौर किया कि दीदी उस दिन के बाद से मैसेजिंग बहुत करने लगी थीं, पता नहीं किससे। और हर दिन शाम में कहीं घूमने जाती थीं। मुझे उन पर कोई शक नहीं था क्योंकि मैंने आज तक दीदी में ऐसी कोई बात नहीं देखी थी जिससे ये लगे कि वो चुदक्कड़ हैं। एक दिन दीदी अपना सेल छोड़कर नहाने चली गईं और मैंने उनके सेल से मैसेज पढ़े।
वो सारे मैसेज एक ही नंबर से थे और बहुत अजीब मैसेज थे। मुझे कुछ शक हुआ। फिर दीदी नहाकर वापस आईं और मैं अपने रूम में चला गया। फिर साथ में हमने लंच किया और मैं अपने काम में लग गया। मुझे पता था कि दीदी 5 बजे हर दिन बाहर निकलती हैं। मैं इसी लिए घर से कुछ देर पहले निकलकर एक जगह छिप गया, ताकि मैं देख सकूँ कि आखिर बात क्या है। कुछ देर में दीदी नीचे आईं और वॉक करते हुए कुछ दूर आगे गईं। मैं भी उनके पीछे-पीछे चला गया। कुछ दूर आगे जाने के बाद मैंने देखा कि वो रुक गईं एक पेड़ के नीचे और एक कॉल किया। कुछ देर तक दीदी वहीँ खड़ी रहीं। मैं छुपकर देख रहा था कि कुछ देर बाद एक येलो करिज़्मा आई और दीदी उस पर बैठ गईं। जब मैंने उस लड़के का चेहरा देखा तो वो वही था जो उस दिन अम्यूज़मेंट पार्क में दीदी से बात कर रहा था। और दोनों चले गए। मैं देखता ही रह गया।
ऐसा बहुत दिनों तक चलता रहा। एक दिन दीदी ने कहा कि उनके फ्रेंड की बर्थडे पार्टी है और शाम के 6 बजे दीदी तैयार होकर बाहर चली गईं। उस दिन दीदी ने स्कर्ट और सेक्सी सा टॉप पहना था, बहुत हॉट लग रही थीं दीदी। मैं दीदी के पीछे लग गया। ठीक वहीँ से उस लड़के ने मेरी दीदी को पिक किया और दोनों बाइक से निकल गए। मैं अपनी बाइक से उनके पीछे जाने लगा। थोड़ी दूर जाने के बाद एक डिस्को आया और उस लड़के ने अपनी बाइक वहाँ रोक दी और दीदी और वो लड़का डिस्को के अंदर चले गए। मैंने भी अपनी बाइक पार्क की और अंदर चला गया।
जब मैं अंदर गया तो दीदी ग्रुप में बैठी हुई थीं। टोटल 4 लड़के थे और बस दीदी अकेली लड़की। और वो लड़के कोई और नहीं, जो अम्यूज़मेंट पार्क में मिले थे, वही थे। कुछ देर तक सारे हंसी-मज़ाक कर रहे थे। फिर उस लड़के ने दीदी से डांस के लिए बोला और दोनों डिस्क फ्लोर पर चले गए और डांस करने लगे। दीदी के डांस करने के साथ उनके बूब्स हिल रहे थे और जब दीदी राउंड-राउंड घूम रही थीं तो उनकी कच्छी दिख रही थी। दीदी ने पिंक कलर की कच्छी पहन रखी थी। वो सारे लड़के मेरी दीदी की कच्छी देख रहे थे। उनमें से एक बोलता है, “क्या गरम माल है, मन तो करता है इसकी कच्छी अभी निकाल दूँ और यहीं चोद दूँ इसे।” कुछ देर तक ऐसे ही सारे मेरी दीदी को घूर-घूर के देखते रहे। फिर दोनों भीड़ से थोड़ा हटकर जाने लगे। मैं भी उनके पीछे जाने लगा। अंदर की तरफ से एक सीढ़ी अंदर जाती थी जो कि डिस्को के बेसमेंट की तरफ थी। मैं नीचे गया। वहाँ कुछ रूम बने हुए थे, पर मुझे कोई दिख नहीं रहा था। सारे रूम बंद थे। मैं हर रूम के गेट के पास जाकर आवाज़ सुनने लगा। मैं एक गेट के पास पहुँचा जहाँ मेरी दीदी की हँसने की आवाज़ आ रही थी।
मैं गेट की होल से देखने लगा। दीदी और वो लड़का दोनों खड़े थे और एक-दूसरे को किस कर रहे थे। उस लड़के का हाथ मेरी दीदी की कमर पर था और वो मेरी दीदी के होंठों पर किस कर रहा था। और दीदी ने अपना हाथ उसके नेक के पीछे करके उसका साथ दे रही थीं। थोड़ी देर बाद उसने दीदी से अपनी जीभ निकालने को कहा और फिर दीदी की जीभ को चूसने लगा। चूसते-चूसते उसने अपना हाथ मेरी दीदी के चूतड़ पर रख दिया और मसलने लगा। दीदी अपने चूतड़ को इधर-उधर हिला रही थीं। अब उसने दीदी की स्कर्ट पीछे से उठा दी। दीदी की कच्छी उनकी गांड के छेद में घुसी हुई थी। उसने अपने हाथ मेरी दीदी के चूतड़ पर रख दिए और दबाने लगा और दीदी के गले पर किस करने लगा।
दीदी उसे कहने लगीं, “आआ…आआ…ह्ह्ह…ह्ह्ह…ह्ह्ह…स्स्स…स्स्स… बस अनुपम, अब रहने दो, मुझे लेट हो रहा है।” उसने दीदी की एक न सुनी और दीदी को किस करता रहा। मैंने पहली बार अपनी दीदी को इस हालत में देखा था। अब उसने मेरी दीदी का टॉप निकाल दिया और साइड में सोफे पर रख दिया। दीदी ने पिंक ब्रा पहन रखी थी, उसमें से दीदी के बूब्स गज़ब के लग रहे थे। उसने दीदी के ब्रा का हुक खोल दिया और दीदी के बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। दीदी “आआ…आआ…आआ” करने लगीं। उसने मेरी दीदी के राइट बूब को अपने मुँह में ले रखा था और लेफ्ट बूब को दबा रहा था। अब वो ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ गया और दीदी के पेट पर किस करने लगा और सहलाने लगा।
दीदी धीरे-धीरे पूरी गरम होती जा रही थीं। अब वो खड़ा हुआ और उसने दीदी की स्कर्ट कमर तक कर दी और दीदी की पैंटी में हाथ डाल दिया और धीरे-धीरे उनकी बुर रगड़ने लगा। दीदी अपने होंठों को दबाए हुए सिसकारियाँ ले रही थीं। उसने अपनी पूरी हथेली मेरी दीदी की पैंटी के अंदर डाल रखी थी और दीदी की बुर को रगड़ रहा था। कुछ देर में दीदी की कच्छी गीली हो गई। अब उसने दीदी की कच्छी निकाल ली और दीदी की गीली कच्छी को अपने हाथ में लेकर सूँघने लगा और उसे चाटने लगा।
अब वो जाकर सोफे पर बैठ गया और दीदी घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गईं और दीदी ने उसके पैंट का चेन खोलकर उसके लंड को बाहर निकाला और अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं। वो लड़का “आआ…आआ…स्स्स” की सिसकारियाँ ले रहा था और दीदी को देख रहा था। अब उसने फिर से दीदी के बूब्स पकड़ लिए और मसलने लगा। अब दीदी ने उसकी पैंट खोलकर और खींचकर उसका अंडरवियर भी निकाल दिया और फिर से उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं। कुछ देर में उसका लंड तन के खड़ा हो गया। उसका लंड करीबन 9 इंच का था। दीदी उसके पूरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं। उसका लंड दीदी के थूक से गीला हो गया था।
अब उसने दीदी को सोफे पर बिठा दिया और खुद घुटने के बल ज़मीन पर बैठ गया और दीदी की दोनों टाँगों को फैला दिया। दीदी की स्कर्ट उनकी कमर तक उठ गई और दीदी की बुर दिखने लगी। उनकी बुर पर एक भी बाल नहीं था। उसने अपनी उँगली से दीदी की बुर को फैला दिया और उसके मुँह से “आआह्ह” निकल पड़ी। दीदी की फुद्दी बिल्कुल लाल थी। कुछ देर तक वो दीदी की फुद्दी देखता रहा और अपने लंड को सहलाने लगा। फिर उसने आगे होकर अपनी जीभ दीदी की बुर में लगाई और उसे चाटने लगा। दीदी ने सोफे को पकड़ रखा था और बार-बार थोड़ा ऊपर होकर “आआ…आआ…स्स्स…ऊह्ह” कर रही थीं। और वो लगातार दीदी की बुर को फैलाए उनकी बुर चाट रहा था। उसने अब अपनी एक उँगली दीदी के बुर में घुसा दी और धीरे-धीरे उसे अंदर-बाहर करने लगा और फिर अपनी जीभ दीदी के बुर के ऊपर वाले हिस्से में रखकर चाटते हुए उँगली अंदर-बाहर करने लगा। कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा। फिर दीदी के बुर से पानी निकलने लगा। दीदी से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा, “प्लीज़, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, जल्दी करो प्लीज़।”
वो सोफे पर बैठ गया और मेरी दीदी उसके सामने खड़ी थीं। उसने दीदी की स्कर्ट का बटन खोल दिया। एक ही बार में उनकी स्कर्ट नीचे गिर गई। उसने दीदी से लंड पर बैठने को कहा और दीदी बैठ गईं। उसने अपने दोनों हाथ मेरी दीदी के चूतड़ पर लगाए और दीदी की बुर में अपना लंड घुसा दिया और धीरे-धीरे मेरी दीदी को अपने लंड के ऊपर-नीचे करने लगा। दीदी “आआ…आआ…स्स्स…स्स्स…ऊह्ह…माँ…माँ…आआ…आह्ह्ह…ऊह्ह” करने लगीं।
दीदी ने अपना हाथ उसके शोल्डर पर रख रखा था। उसका पूरा 9 इंच का लंड मेरी दीदी की फुद्दी के अंदर-बाहर हो रहा था और पूरे रूम में “थप्प…थप्प…थप्प…पुच्ह…पुच्ह” की आवाज़ गूँज रही थी। कुछ देर तक उसने ऐसे ही दीदी की बुर को चोदा। फिर उसने दीदी की जाँघें पकड़ी और दीदी को अपनी गोद में उठा लिया और दीदी को ऊपर-नीचे उछालने लगा। दीदी को दर्द हो रहा था। उन्होंने कहा, “प्लीज़ नीचे उतारो।” उसने दीदी की एक न सुनी और दीदी को अपने लंड पर उछालता रहा। दीदी ने अपने हाथ उसके गले के पीछे कर रखे थे और उनके बूब्स ऊपर-नीचे हो रहे थे।
कुछ देर तक उसने ऐसे ही मेरी दीदी की चुदाई की। फिर उसने अपना माल मेरी दीदी के बुर में गिरा दिया। फिर जाकर दोनों सोफे पर बैठ गए और बातें करने लगे। करीबन 15 मिनट बाद दीदी ने अपने कपड़े पहन लिए और उससे कहा कि घर छोड़ दे। फिर उस लड़के ने अपने कपड़े पहन लिए और मैं भी वहाँ से अपने घर आ गया। मेरे घर पहुँचने के 1 घंटे बाद दीदी भी घर आ गईं। उस दिन के बाद से मैंने बहुत बार दीदी को उस लड़के के साथ जाते देखा। तो बताइए आप लोगों को मेरी स्टोरी कैसी लगी। मुझे मेल कीजिए।